स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay On Independence Day In Hindi)

Essay On Independence Day In Hindi

भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह वह खास दिन है जब भारतीयों ने अंग्रेजों से एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अपनी आजादी पाई थी। अंग्रेजी सरकार की 200 सालों की तानाशाही और गुलामी से परेशान भारतीयों को आखिरकार 15 अगस्त 1947 को गुलामी से पूरी तरह आजादी मिली। इसलिए भारतीय इतिहास में स्वतंत्रता दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जिसे पूरे देश में उत्सव की तरह मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज और दफ्तर में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस साल हम भारत के स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस निबंध में हमने भारत की स्वतंत्रता, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली गतिविधियों और इस दिन के महत्व को किस तरह लिखना है यह हमने आपको नीचे दिए हिंदी एस्से सैंपल में बताया है। आइए इन्हें पढ़ते है।

स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Independence Day In Hindi)

यहाँ स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन का निबंध बेहद आसान भाषा में दिया गया है।

  1. भारत में स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है।
  2. इस दिन भारत ने सन 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाई थी।
  3. 15 अगस्त को पूरे भारत में राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
  4. इस साल 2024 में भारत के स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
  5. स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्रगान गाया जाता है।
  6. इस दिन प्रधानमंत्री लाल किले से देश के लोगों को संबोधित करते हैं।
  7. स्वतंत्रता दिवस के दिन परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं।
  8. बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां सुनाई जाती हैं।
  9. स्वतंत्रता दिवस हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता और अपने देश पर गर्व महसूस कराता है।
  10. स्वतंत्रता दिवस हमें देशभक्ति और एकता की भावना सिखाता है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Independence Day in Hindi 200-300 Words)

स्वतंत्रता दिवस पर 200 से 300 शब्दों की सीमा में आप कैसे एक अच्छा निबंध लेख तैयार करें यह आपको नीचे बताया गया है।

भारत में स्वतंत्रता दिवस, जिसे हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, देश के इतिहास यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। 1947 में इस दिन, भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, भारत की आजादी एक सपना बन चुकी थी, यह दिन लगभग दो शताब्दियों से भारतीयों पर विदेशी शासन का अंत और स्वशासन के एक नए युग की शुरुआत का दिन है।

15 अगस्त, 1947 का महत्व सिर्फ भारत की आजादी तक सीमित नहीं बल्कि यह राजनीतिक पहलू भारत में बड़ा परिवर्तन लेकर आया। स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय गौरव और एकता का भी प्रतिनिधित्व करता है। भगत सिंह, राजगुरु, रानी लक्ष्मी बाई, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक लंबी लड़ाई लड़ी गई और हमारे जाने कितने वीर जवानों ने आजाद भारत के सपने को साकार करने के लिए हंसतेहंसते अपनी जान की कुरबानी दे दी। यह जीत देश के वीरों की दृढ़ता और मजबूत इरादों का देन है, जिन्होंने हमें आजादी दिलाई।

स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत दिल्ली में लाल किले से प्रधानमंत्री के संबोधन से होती है। स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है, साथ ही राष्ट्रगान जनगणमनगाया जाता है। इसके साथ परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति के गीत समारोह भी होता है, जो भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत की समृद्ध झलक को दर्शाते हैं। यह दिन भारत देश में एकता, लोकतंत्र और कानून के शासन के महत्व को बताता है।

इस साल हम भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। यह दिन हमें अपने देश पर गर्व करना सिखाता है। हमें मिलकर अपने देश को और बेहतर बनाना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमें एकता और देशभक्ति की भावना सिखाता है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Independence Day in 400-500 Words)

Independence Day par nibandh

यहां आपको 400 से 500 शब्दों के बीच हिंदी मेंं स्वतंत्रता दिवस पर निबंध दिया गया है, इस निबंध की सहायता से आप खुद भी एक अच्छा निबंध लेख तैयार कर सकते हैं।

प्रस्तावना

भारत में, स्वतंत्रता दिवस हर धर्म, संस्कृति और परंपरा के लोग बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को हर साल मनाया जाता है क्योंकि 1947 में इसी दिन हमारे देश ने लगभग 200 साल की गुलामी के बाद अंग्रेजों के शासन से आजादी पाई थी। इस दिन उन सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान दे दी।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास क्या है? (What Is The History of Independence Day?)

अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 सालों तक राज किया। हमारे देश के नागरिकों को सालों तक ब्रिटिश अधिकारियों के अत्याचारों का सामना करना पड़ा। न जाने कितने वीरबहादुरों ने अपनी जान की कुरबानी देकर देश की आन, बान, शान को कायम रखा। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे बहादुर देशभक्त नेताओं के नेतृत्व में उन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए निस्वार्थ भाव से संघर्ष किया। कुछ नेता अहिंसा के मार्ग पर चले, जबकि अन्य ने ब्रिटिशों से लड़ने के लिए हिंसा का तरीका अपनाया। हालांकि, सभी का एक ही उद्देश्य था, अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना। कई स्वतंत्रता आंदोलनों, विरोध प्रदर्शनों और बलिदानों के बाद, हमारे देश को आखिरकार 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली, जिसे हमारे देश का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया। आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने जिन्होंने 17 अगस्त 1947 को दिल्ली में लाहौर गेट के पास लाल किले पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराया।

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी (India’s Great Freedom Fighters)

हमारे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों ने बड़ी बहादुरी और अपनी जान का बलिदान देते हुए ब्रिटिश शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और हमारे देश को आजाद कराया। जहां एक तरफ महात्मा गांधी जैसे लोग अहिंसा का रास्ता दिखाते थे, वहीं दूसरी तरफ भगत सिंह ने अपनी बहादुरी से सबको प्रेरित किया। उनके बलिदानों ने हमारे देश की आजादी की नींव रखी। वे हमें सिखाते हैं कि एकता और दृढ़ता से हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं। हमें उनके संघर्षों और बलिदानों के लिए हमेशा आभारी रहना चाहिए। कुछ महान स्वतंत्रता सेनानियों के नाम इस प्रकार हैं, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाला लाजपत राय, दादाभाई नौरोजी, बाल गंगाधर तिलक, लाल बहादुर शास्त्री, बिपिन चंद्र पाल, चित्तरंजन दास, चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे, नाना साहब, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव, रानी लक्ष्मी बाई, इत्यादि।

भारत की आजादी में महिलाओं की क्या भूमिका थी? (What Was the Role of Women in India’s Independence?

भारत की आजादी की लड़ाई में महिलाओं ने भी बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने पुरुषों के साथ मिलकर आजादी के लिए संघर्ष किया। इससे समाज में महिलाओं की स्थिति में बदलाव आया और उन्होंने नयी पहचान बनाई। सावित्रीबाई फुले, महादेवी वर्मा, कैप्टन लक्ष्मी सहगल, रानी लक्ष्मीबाई, बसंती देवी, सरोजिनी नायडू और कमलादेवी चट्टोपाध्याय जैसी महिलाएं बहुत हिम्मत वाली थीं। उन्होंने देशभक्ति और मेहनत से सबको प्रेरित किया। उनकी बहादुरी ने भारत की आजादी और समाज सुधार में बड़ा योगदान दिया। इन महिलाओं की वजह से हमें पता चला कि महिलाएं भी देश की सेवा कर सकती हैं।

स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है? (How Do We Celebrate Independence Day?)

स्वतंत्रता दिवस का ये दिन पूरे देश में बड़े जोश और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालय और सोसायटी में अलगअलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां कुछ गतिविधियां बताई गई हैं जिससे हमें स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है, उसके बारे में बताया गया है:

  • झंडा फहराना: इस दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर भारतीय तिरंगा झंडा फहराते हैं। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है। पूरे देश में भी झंडा फहराने का आयोजन किया जाता है।
  • विभिन्न प्रतियोगिताएं: स्कूलों, कॉलेजों और अन्य स्थानों पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भाषण दी जाती हैं। साथ ही, वादविवाद प्रतियोगिता और सवालजवाब की प्रतियोगिताएं भी होती हैं। कई जगहों पर निबंध लेखन की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है।
  • फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता: स्कूलों और सोसायटीयों में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताएं होती हैं। छोटे बच्चे स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में तैयार होते हैं।
  • पतंगबाजी प्रतियोगिता: इस दिन पतंगबाजी की प्रतियोगिताएं भी होती हैं। आसमान में कई तिरंगे की पतंगें उड़ती नजर आती हैं। इसे आजादी का प्रतीक भी माना जाता है।
  • मिठाई बांटना: झंडा फहराने के बाद लोगों में मिठाइयां व फल बांटी जाती हैं।

स्वतंत्रता दिवस के बारे मेंं रोचक तथ्य (Interesting Facts About Independence Day in Hindi)

  1. लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस इसलिए चुना क्योंकि इसी दिन जापान ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हार मान ली थी।
  2. भारत के अलावा, पांच और अन्य देशों में जैसे साउथ कोरिया, नॉर्थ कोरिया, कांगो गणराज्य, बहरीन और लिकटेंस्टाइन में भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। लेकिन उनके आजाद होने के साल अलग हैं।
  3. भारत में सिर्फ एक जगह है जहां भारतीय झंडा बनाया जाता है, वह है कर्नाटका खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (केकेजीएसएस), जो धारवाड़, कर्नाटक में स्थित है।
  4. साल 1950 में वन्दे मातरम्को भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया था। जिसे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था, जो एक भारतीय कवि और लेखक थे।
  5. रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में जन गण मनगान लिखा था, जिसे 24 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान सभा द्वारा भारत का राष्ट्रीय गान घोषित किया गया।
  6. भारत के आजादी की घोषणा रात 12 बजे की गई थी, जिस दिन भारत को आधिकारिक रूप से 15 अगस्त को आजादी मिली।
  7. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता के दिन ट्रिस्ट विद डेस्टिनीनाम का प्रसिद्ध भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने देश बनाने का सपना देखा।

स्वतंत्रता दिवस के इस निबंध से हमेंं क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from an Independence Day Essay?)

स्वतंत्रता दिवस के इस निबंध से आपके बच्चे को कई जरूरी बातें सीखने को मिलेंगी। इस निबंध में दी गई जानकारी से वह देशभक्ति और अपने देश के प्रति गर्व महसूस करना सीखेगा। उसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम और महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के बारे में जानकारी मिलेगी। यह निबंध बच्चों को आजादी का महत्व और इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी समझाएगा। साथ ही निबंध लेखन से उसकी लिखने की क्षमता और विचार को व्यक्त करने की कला में भी सुधार होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

यहां स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ सवाल के जवाब दिए गए, जो आपके बच्चे की जानकारी को और बेहतर करेगा।

  1. पहली बार भारत में स्वतंत्रता दिवस कब मनाया गया था?

भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी, 1930 को मनाया गया था। दरअसल दिसंबर 1929 में हुए लाहौर अधिवेशन के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज्य की मांग करते हुए यह घोषणा की थी कि यदि 26 जनवरी, 1930 तक भारत को पूर्ण स्वराज्य नहीं दिया जाएगा तो भारत स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर देगा। हालांकि, बाद में भारत को जब आधिकारिक रूप से 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली, तब से भारत में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाने लगा।

  1. 15 अगस्त को तिरंगा फहराने का क्या समय है?

15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज आमतौर पर सुबह 7:30 बजे दिल्ली के लाल किले पर फहराया जाता है, जिसके बाद प्रधानमंत्री का संबोधन होता है।

  1. भारत में स्वतंत्रता की घोषणा किसने की थी?

भारत के आखिरी ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लुईस माउंटबेटन ने आधिकारिक तौर पर सभी पॉवर सौंप दी, जिसके कारण जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री बने।

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