In this Article
- भगत सिंह पर 10 लाइन (10 Lines On Bhagat Singh In Hindi)
- भगत सिंह पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Bhagat Singh in Hindi 200-300 Words)
- भगत सिंह पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Bhagat Singh in Hindi 400-600 Words)
- भगत सिंह के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Bhagat Singh in Hindi)
- भगत सिंह के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From Bhagat Singh Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
भगत सिंह हमारे देश के लोकप्रिय क्रांतिकारी और नौजवान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे।इन्होंने भारत की आजादी में अपना अहम योगदान दिया था। इनकी बहादुरी के किस्से देश का बच्चा बच्चा जानता है और इनसे प्रेरणा लेता है। भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को एक किसान परिवार में हुआ था। भगत सिंह जब लाहौर के नेशनल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान अमृतसर में जलियावाला बाग हत्याकांड ने उनके ऊपर बहुत गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ कर ‘नौजवान भारत सभा’ का निर्माण किया और अग्रेजों से कड़ी टक्कर ली। आज बच्चों को जब देश का इतिहास बताया जाता है तो उसमे सरदार भगत सिंह का उल्लेख जरूर होता है। इस लेख में आपको बताया गया है भगत सिंह पर निबंध कैसे लिखना है। यह न केवल आपको भगत सिंह से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा, बल्कि आप एक अच्छा निबंध कैसे लिख सकते हैं उसमें भी आपको मदद मिलेगी।
भगत सिंह पर 10 लाइन (10 Lines On Bhagat Singh In Hindi)
अगर बच्चों को अपने स्कूल के असाइनमेंट में भगत सिंह पर और स्वंत्रता के लिए उनके योगदान के बारें में निबंध लिखना है, वो भी 100 शब्दों की सीमा में, तो नीचे 10 वाक्यों में दी गई जानकारी से आप अच्छा लेख लिख सकते हैं।
- भगत सिंह एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे।
- इनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब में हुआ था।
- इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माँ का विद्यावती कौर था।
- भगत सिंह सिख परिवार से थे।
- इनके पिता जी और चाचा जी भी स्वतंत्रता सेनानी थे।
- 13 साल की उम्र में इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया।
- भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की।
- ‘इनकलाब जिन्दाबाद’ का नारा भगत सिंह ने ही दिया है।
- भगत सिंह पर ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोप लगा।
- 25 वर्ष के भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई।
भगत सिंह पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Bhagat Singh in Hindi 200-300 Words)
आपके बच्चे को निबंध प्रतियोगिता में भगत सिंह पर एक छोटा निबंध लिखने के लिए मिला है, या समर हॉलिडे में बच्चे को निबंध लिखने का होमवर्क मिला है, तो आप भगत सिंह पर दिए इस शार्ट पैराग्राफ या शार्ट एस्से की सहायता लेकर एक अच्छा लेखन कर सकते हैं।
भगत सिंह एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब में हुआ था। इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माँ का नाम विद्यावती कौर था। भगत सिंह सिख परिवार से थे, जो खेती कर के अपना पालन पोषण करता था। जब भगत सिंह का जन्म हुआ तो उनके दादा जी सरदार अर्जुन सिंह ने इन्हें देश को समर्पित करने के लिए चुना और भगत सिंह उनकी इस इच्छा पर खरे भी उतरे। भगत सिंह के पिता और चाचा भी स्वतंत्रता सेनानी थे। 13 साल की उम्र में इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया। जलियावाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह पर गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ कर देश को आजाद कराने का फैसला लिया। वे ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ से जुड़े और ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की। भगत सिंह कई आंदोलन और क्रांतिकारी कार्यों में भी शामिल हुए। भगत सिंह को ‘शहीद-ए-आजम’ भी कहा जाता है। भगत सिंह पर ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोप लगा और वे खुले आम अग्रेजों का विरोध करते थे। अंग्रेज यह बात जान चुके थे कि भगत सिंह से जीतना इतना आसान नहीं है, इसलिए उनके ऊपर देशद्रोही होने का इलजाम लगाया गया। 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके हिस्सेदारी के कारण उन्हें फांसी दे दी गई।
भगत सिंह पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Bhagat Singh in Hindi 400-600 Words)
भगत सिंह पर लॉन्ग एस्से किस प्रकार से लिखा जाना चाहिए यहां आपको उदाहरण सहित भगत सिंह पर हिंदी में एस्से लिखना बताया गया है। आप इस अनुछेद की मदद से खुद भी एक बेहतर निबंध लिख सकते हैं या अगर आपका बच्चा सही तरह से निबंध नहीं लिखना जानता है तो यह निबंध उसे एक अच्छा लेखन करने में मदद कर सकता है।
भगत सिंह एक क्रांतिकारी वीर स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब में हुआ था। इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माँ का नाम विद्यावती कौर था। भगत सिंह सिख परिवार से संबध रखते थे जो कृषि कर के अपना जीवन यापन करते थे। भगत सिंह के पिता और चाचा भी स्वतंत्रता सेनानी थे। भगत सिंह का जब जन्म हुआ तो उनके दादा सरदार अर्जुन सिंह यह चाहते थे कि उनका यह पोता खुद को देश सेवा में समर्पित करे उनकी इस इच्छा भगत सिंह ने पूरा किया और देश सेवा में अपनी जान की परवाह नहीं की। सिर्फ 13 साल की उम्र में भगत सिंह अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया। अग्रेजों के जुल्म से वो बुरी तरह आहत हुए और अपनी पढ़ाई छोड़ कर देश को आजाद कराने का फैसला लिया। वे। ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ से जुड़े और ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की। जिसके बाद भगत सिंह कई आंदोलन और क्रांतिकारी कार्यों में भी शामिल हुए। शहीद-ए-आजम भगत सिंह पर ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या का आरोप लगा और वो खुले आम अग्रेजों का विरोध करते थे। 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके हिस्सेदारी के कारण उन्हें फांसी दे दी गई थी।
भगत सिंह की शिक्षा (Education of Bhagat Singh)
भगत सिंह का जन्म 27 जनवरी 1907 में पंजाब में हुआ था। भगत सिंह ने पांचवी तक की पढ़ाई गांव से ही की। इसके बाद लाहौर के दयानंद एंग्लो वैदिक (डीएवी) हाई स्कूल से पढ़ाई कर नेशनल कॉलेज से ग्रेजुएशन। लेकिन आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए इन्होनें बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ दी और ‘नौजवान भारत सभा’ का गठन किया।
भगत सिंह द्वारा किए गए आंदोलन (Movements Done By Bhagat Singh)
1919 में हुए जलियावाला बाग हत्याकांड से भगत सिंह पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ा जिसने उन्हें परेशान कर दिया, भगत सिंह उस समय सिर्फ 12 साल के थे। लोगों को खून में लतपत देखकर भगत सिंह पर बहुत गहरा असर हुआ। जिसके बाद वो अपनी शिक्षा छोड़ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। भगत सिंह महात्मा गाँधी के साथ असहयोग आंदोलन से जुड़े लेकिन उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि अहिंसा से अंग्रेजों की हिंसा का जवाब नहीं दिया जा सकता इसलिए उन्होंने हिंसात्मक क्रांति का मार्ग चुना। भगत सिंह भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा बने। यह चंद्रशेखर आजाद के ‘गदर दल’ का भी हिस्सा बने और फिर चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन ‘के साथ जुड़े जिसे बाद में ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ का नाम दिया गया।
भगत सिंह की मृत्यु (Death Of Bhagat Singh)
भगत सिंह जिन्हें अपना आदर्श मानते थे, लाला लाजपत राय को पुलिस वालों ने लाठीचार्ज में लाठी से पीट-पीट कर मार डाला था। जिसके बाद उन्होंने इसका बदला लेने के लिए जनरल सॉन्डर्स की हत्या कर दी। जिसके के बाद भगत सिंह को उनके दो साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। 23 मार्च, 1931 को तीनों को फांसी दे दी गई, उस समय भगत सिंह सिर्फ 25 वर्ष के थे।
भगत सिंह के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Bhagat Singh in Hindi)
- भगत सिंह शादी नहीं करना चाहते थे, इसलिए घर से भाग गए थे।
- भगत सिंह हमेशा अपने साथ किताब और डिक्शनरी रखते थे।
- जेल में भी भगत सिंह अपने क्रांतिकारी अंदाज में ही थे।
- भगत सिंह को फांसी की सजा 7 अक्टूबर 1930 में सुनाई गई थी।
- जेल में उन्होंने विदेशी कैदियों के साथ होने वाले भेदभाव के लिए 116 दिन भूख हड़ताल की थी।
- फांसी के समय भगत सिंह के चेहरे पर मुस्कान थी।
- भगत सिंह के मृत्यु के बाद कई लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया।
भगत सिंह के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From Bhagat Singh Essay?)
शहीद भगत सिंह ने भारत की आजादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे महान पुरुष के बारें में हमारे बच्चों को जानकारी होना जरूरी है ताकि वह भारत के इतिहास को समझ सकें और जानें कि आखिर हमारे देश के लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी ने कितना संघर्ष किया है। भगत सिंह के इस निबंध से बच्चों को अपने इतिहास के हीरो भगत सिंह के बारें में जानने को मिलेगा साथ ही वो इस लेख को पढ़ने के बाद भगत सिंह पर एक अच्छा निबंध भी लिख सकेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
आप अपने बच्चों को शहीद भगत सिंह की कहानियां सुनाते होंगे, लेकिन क्या आपको भगत सिंह से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के जवाब पता हैं? आइए जानते हैं वो सवाल कौन से हैं।
1. भगत सिंह का स्वतंत्रता आंदोलन में कितना योगदान था?
भगत सिंह ने कम उम्र में बहुत संघर्ष किए थे, इन्होंने लोगों को एक साथ मिलाया और भारतीय जेलों में कैदियों के साथ होने वाले भेदभाव के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने देश में सांप्रदायिक दंगों के खिलाफ भूख हड़ताल भी शुरू की थी। भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों को त्याग दिया।
2. भगत सिंह के पिता किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह किस पार्टी के सदस्य थे?
भगत सिंह के पिता किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह गदर पार्टी के सदस्य थे।
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