लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध (Essay On Lal Bahadur Shastri In Hindi)

Essay On Lal Bahadur Shastri In Hindi

लाल बहादुर शास्त्री एक प्रसिद्ध भारतीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जो भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भी बने थे। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था। इन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। 1965 में भारत -पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान, शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ जैसा प्रसिद्ध नारा दिया था, जो आज भी भारतवासियों के दिलों में जिंदा है। लाल बहादुर शास्त्री का असली नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था लेकिन काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलने के बाद उन्होंने अपने नाम के आगे से श्रीवास्तव हटाकर शास्त्री लगा लिया था। लाल बहादुर शास्त्री कम उम्र से भारतीय स्वतंत्रता के कार्यों में रुचि दिखाते थे और अपने जीवनकाल में उन्होंने भारत के लिए कई जरूरी फैसले लिए थे। शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में हुई थी।

लाल बहादुर शास्त्री पर 10 लाइन (10 Lines On Lal Bahadur Shastri In Hindi)

लाल बहादुर शास्त्री सादगी पसंद और जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। इन्होने अपना पूरा जीवन अनुशासन और देश की भलाई के लिए जिया था। यदि हिंदी में आपको शास्त्री जी के बारे में कुछ लिखना है या जानना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई 10 लाइनों से उनके बारे में जान सकते हैं।

  1. लाल बहादुर शास्त्री एक सच्चे देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी थे।
  2. शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था।
  3. इनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माँ का रामदुलारी देवी था।
  4. शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से स्नातक की पढ़ाई की थी।
  5. 9 जून 1964 को वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे।
  6. इनके शासनकाल में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ जो भारत ने जीता था।
  7. इन्होंने पिछड़े और कमजोर वर्ग के लिए बहुत काम किया है।
  8. इन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वाधीनता संघर्ष में हिस्सा लिया।
  9. शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ जैसा लोकप्रिय नारा दिया था।
  10. शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को हुई थी।

लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi 200-300 Words)

अगर आप भी लाल बहादुर शास्त्री के बारें में छोटा निबंध लिखना चाहते हैं या फिर बच्चों को उनके बारे में कम शब्दों में जानकारी देना तो उसके लिए आगे पढ़ें।

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के गांव मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी के पिता का नाम शारदा प्रासाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था। शास्त्री जी जब एक साल के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था और उनकी माँ ने उन्हें और उनके भाई-बहनों को पाला था। बचपन में सब शास्त्री जी को ‘नन्हे’ के नाम से पुकारते थे। इन्हे बचपन से ही भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में रूचि थी और बहुत कम उम्र में ये आजादी की लड़ाई का हिस्सा बन गए थे। शास्त्री जी हमेशा से ही सत्य और अहिंसा के मार्ग का पालन करते थे। इसलिए इन्होंने साल 1921 का असहयोग आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। शास्त्री जी ने अपनी पढ़ाई हरिश्चंद्र हाईस्कूल और काशी विद्यापीठ से की थी और काशी विद्यापीठ से उन्हें शास्त्री की उपाधि दी गई थी। 16 मई 1928 को इन्होंने ललिता देवी से शादी की। जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री चुने गए थे। 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इनके द्वारा दिया गया ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा काफी प्रसिद्ध हुआ था। शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को हुई थी और उसके बाद उसी साल उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

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लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi 400-500 Words)

लाल बहादुर शास्त्री देशवासियों के बेहद चहेते व्यक्ति थे। शास्त्री जी को भी गांधी जी के नक्शे कदम पर चलना पसंद था और अहिंसा से लड़ाई जीतने पर विश्वास रखते थे। शास्त्री जी से जुड़ी दिलचस्प बातें जानने के लिए नीचे दिए लॉन्ग एस्से को पूरा पढ़ें।

प्रस्तावना

लाल बहादुर शास्त्री एक बेहतरीन स्वतंत्रता सेनानी थे और भारत की आजादी में इनका अहम योगदान रहा है। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 में मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। इन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया था। शास्त्री जी एक सच्चे गांधीवादी थे और उन्होंने सम्पूर्ण जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। इन्होंने देश ही हिट में भारत छोड़ो, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च आदि जैसे कई आन्दोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान दिया गया नारा ‘करो या मरो’ को शास्त्री जी ने 9 अगस्त 1942 को बदल कर ‘मरो नही मारो’ में बदल दिया था। इस आंदोलन के चलते शास्त्री जी 19 अगस्त 1942 में जेल भी गए थे। शास्त्री जी एक सच्चे अहिंसावादी और प्रेरणाश्रोध व्यक्ति थे, उनके बताए गए रास्ते पर हर कोई चलना चाहता है।

शास्त्री जी का शुरुआती जीवन और बचपन  (Early Life and Childhood of Lal Bahadur Shastri)

लाल बहादुर शास्त्री जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 में हुआ था। इनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था, जो कि पहले प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक थे और बाद में राजस्व विभाग में क्लर्क थे। इनकी माँ का नाम ‘रामदुलारी’ था। शास्त्री जी घर में सबसे छोटे थे इसलिए परिवार वाले प्यार से इन्हें ‘नन्हे’ कहकर ही बुलाया करते थे। शास्त्री जी एक साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी और उनकी माँ सभी बच्चों को लेकर अपने पिता हजारीलाल के घर मिर्जापुर चली गई थीं। कुछ वक्त बाद उनके नाना का भी देहांत हो गया था। उनका जीवन संघर्षों से भरा था लेकिन ऐसी मुसीबत की स्थिति में इनके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने उनकी माँ का बहुत सहयोग किया था।

लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा (Education Of Lal Bahadur Shastri)

शास्त्री जी जब 4 साल के थे तब उन्होंने अपने ननिहाल में रहते हुए अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की थी। उन्होंने छठवीं कक्षा तक की पढ़ाई मुगलसराय के ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंटर कालेज से की थी। कुछ समय बाद उनका पूरा परिवार वाराणसी आ गया था, जहाँ उन्होंने अपनी सातवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए हरिश्चंद्र इंटर कालेज में दाखिला लिया था। शास्त्री जी गांधी जी के विचारों पर चलते थे और जब वह दसवीं कक्षा में थे तो वह गांधी जी के व्याख्यान से प्रेरित होकर अपनी पढ़ाई छोड़कर असहयोग आंदोलन में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हो गए थे। जिसकी वजह से उन्हें थोड़े समय के लिए साल 1921 में जेल जाना पड़ा था। लेकिन बाद में स्वतंतत्रता सेनानियों का यह मानना था अगर भारत को आजाद कराना है तो शिक्षित होना जरूरी है। इसलिए उसके बाद शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। काशी विद्यापीठ से ही उन्हें शास्त्री की उपाधि मिली थी, जिसके बाद उन्होंने अपना उपनाम श्रीवास्तव हटाकर शास्त्री लगा लिया था।

शास्त्री जी का राजनीतिक जीवन (Political Life of Lal Bahadur Shastri)

लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस पार्टी के एक सम्मानित नेता थे और उन्होंने राजनीतिज्ञ कार्यकाल के दौरान कई अहम भूमिका निभाईं और कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा भी बने। 15 अगस्त 1947 में जब देश आजाद हुआ था तब शास्त्री जी को उत्तर प्रदेश के पुलिस और परिवहन मंत्री का कार्यभार सौंपा गया था। अपने राजनितिक कार्यकाल में उन्होंने हमेशा सच्चे दिल से देश की सेवा की है और मुश्किल परिस्थितियों में अपनी बुद्धि का बेहतर उपयोग करते हुए उनका सामना किया गया है। साल 1951 में वह आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी बने और उसके बाद 13 मई 1952 को उन्हें देश के रेल मंत्री का कार्यभार संभालने को मिला। 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की आकस्मिक मृत्यु के बाद शास्त्री जी देश का प्रधानमंत्री चुना गया और उन्होने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। देश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था सुधारने के लिए शास्त्री जी ने बहुत मेहनत की है। उनके कार्यकाल के दौरान भारत-पाक के बीच युद्ध छिड़ गया था और उस गंभीर स्थिति को भी इन्होने बहुत अच्छे से संभाला था जिसकी लोग आज भी तारीफ करते हैं।

शास्त्री जी की मृत्यु (Death Of Lal Bahadur Shastri)

प्रधानमंत्री बनने के सिर्फ दो साल में ही शास्त्री जी की मृत्यु हो गई थी। 11 जनवरी 1966 में देश के चहेते और सच्चे क्रांतिकारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। ऐसा माना जाता है कि 1966 में ताशकंद समझौते पर दस्तखत करने के बाद शास्त्री जी इस सदमे को झेल ना सके और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गयी। हांलाकि कई लोगों का मानना था कि उनकी यह प्राकृतिक मृत्यु नहीं है बल्कि सोच-समझकर पूरी साजिश के साथ उनकी हत्या की गई है। लेकिन इसका अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं है क्योंकि उस दौरान उनका पोस्टपार्टम नहीं हुआ था।

लाल बहादुर शास्त्री के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Lal Bahadur Shastri in Hindi)

  1. शास्त्री जी स्वतंत्रता संग्राम के समय कई अभियानों का नेतृत्व किया और लगभग 7 साल जेलों में बिताए।
  2. उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड बनाकर श्वेत क्रांति – दूध के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया था।
  3. जब वह पहली बार जेल गए थे तब उनकी उम्र मात्र 17 साल थी।
  4. पुलिस मंत्री के रूप में उन्होंने लाठीचार्ज के बजाय भीड़ को हटाने के लिए जेट से पानी छिड़काने का नियम लागू किया था।
  5. शास्त्री जी दांडी मार्च का हिस्सा भी बने थे, जिसके लिए उन्हें 2 साल जेल हुई थी।

लाल बहादुर शास्त्री को लोग आज भी उनकी शालीनता, सादगी और सच्ची देशक्ति के लिए जानते हैं। वह एक महान नेता थे जिन्होंने जीते जी सिर्फ भारत की भलाई के बारे में सोचा। वह देश के प्रधानमंत्री तो थे ही बल्कि एक सच्चे देशभक्त भी थे, उन्होंने एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भारत की सेवा की और प्रधानमंत्री के रूप में कई अहम फैसले भी लिए। हर भारतीय के दिल में आज भी उनके लिए सम्मान है। उनके द्वारा दिया गया नारा ‘जय जवान, जय किसान’  देश के किसान और सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है और यही कारण है कि यह नारा आज भी बेहद लोकप्रिय है।

लाल बहादुर शास्त्री के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From Lal Bahadur Shastri Essay?)

लाल बहादुर शास्त्री एक ईमानदार देशभक्त थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी के साथ जिया और गरीबों की मदद करने में बिता दिया था। शास्त्री हमेशा से ही भारत के विकास के बारे में सोचते थे। उनका मकसद था भारत आर्थिक और सामाजिक तौर पर खूब तरक्की करे। ऐसे में शास्त्री जी के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारे में हर किसी को पता होना जरूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा किस गाँव में दिया था?

लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिले के उरवा गाँव में दिया था।

2. लाल बहादुर शास्त्री के नाम का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा किस शहर में है ?

वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री के नाम का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बना हुआ है।

3. प्रधान मंत्री बनने से पहले शास्त्री जी किस विभाग में मंत्री थे?

प्रधान मंत्री बनने से पहले शास्त्री जी देश के गृह मंत्री थे।

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