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महात्मा बुद्ध सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक गुरु में से एक हैं, जिन्होंने बौद्ध धर्म की शुरुआत की थी। बौद्ध धर्म जो शांति, स्थिरता, ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। महात्मा बुद्ध जिन्हें गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है उनका जन्म छठी शताब्दी 563 ईसा पूर्व में भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित लुम्बिनी वन में हुआ था। बुद्ध राज घराने से थे, उनके पिता कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन और रानी माँ का नाम माया था। गौतम बुद्ध बनने से पहले उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। महात्मा बुद्ध के जन्म के कुछ दिन बाद ही उनकी माता की मृत्यु हो गई और उसके बाद उनका पालन-पोषण के राजकुमार की तरह किया गया। बचपन से गौतम बुद्ध बेहद शांत और गंभीर स्वभाव के थे। लेकिन समय के साथ उनके अंदर बदलाव आया और उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया। विश्व में शांति और सुख बनाएं रखने के लिए बहुत सारे प्रयास किए। उनका हमेशा से मानना था कि किसी चीज का ज्ञान नहीं होना ही दुख और कष्ट का प्रमुख कारण होता है। वह इतने दयालु थे कि उनसे किसी का भी दुख नहीं देखा जाता था। उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य अहिंसा का रास्ता चुनना था। महात्मा बुध के बौद्ध धर्म ने इंसानों को एक नई दिशा दी है। उनका जीवन हम सब के लिए एक मिसाल है और उनका संदेश आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है। आज भी हम गौतम बुद्ध के महान योगदानों को याद रखते हैं।
महात्मा बुद्ध जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। ऐसे महान व्यक्ति पर आप हिंदी में 10 आसान वाक्यों का निबंध पढ़ सकते हैं।
गौतम बुद्ध पर हिंदी में अनुच्छेद करने के लिए दिए गए शॉर्ट एस्से को पढ़ें। यह निबंध सैंपल बच्चे को इस विषय में बेहतर निबंध तैयार करने में उनकी मदद कर सकता है।
महात्मा बुद्ध सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक गुरु में से एक हैं, जिन्होंने बौद्ध धर्म की शुरुआत की। विश्व भर में महात्मा बुद्ध का अपना एक अलग स्थान है। उनके महान कार्यों को लोग आज भी याद करते हैं और उनकी विचारधारा का अनुसरण करते हैं। महात्मा बुद्ध उन महापुरुषों में से एक हैं, जिन्होंने लोगों को जीवन जीने का एक नया उद्देश्य दिया। उन्हें लोग भगवान बुद्ध के रूप में भी जानते हैं। गौतम बुद्ध का जन्म सन 563 ईसा पूर्व लुम्बिनी वन में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा शुद्धोधन था और माता का नाम रानी मायादेवी था। जन्म के कुछ दनों में उनकी माँ की मृत्यु हो गई और उसके बाद उन्हें उनकी मौसी ने पाला था। इस दौरान राजा शुद्धोधन ने हमेशा उन्हें दुख, दर्द, जीवन की सचाई से बहुत दूर रखा था। गौतम बुद्ध की शादी सिर्फ 16 साल की उम्र में यशोधरा से हो गई थी और उनसे उन्हें एक राहुल नाम का पुत्र भी था। जब एक बार वह अपने मित्रों के साथ नगर का भ्रमण करने निकले, तभी पहली बार वे दुख, बुढ़ापा, बीमारियां, मृत्यु जैसे जीवन के सत्य से अवगत हुए, जिसके बाद उनके मन में उदासी उत्पन्न हुई और वो अपना महल छोड़कर चल दिए। इसके बाद उनका जीवन साहस से भरा और आदर्शों का पालन करते हुए बीता। उन्होंने लंबे समय तक तपस्या की और अंत में बिहार के वट पेड़ के नीचे ज्ञान हासिल किया और पहला उपदेश सारनाथ में दिया, जिसके बाद उन्हें बुद्ध कहा जाने लगा। उन्होंने अपने जीवन में जिंदगी में आने वाले सभी दुखों का निवारण ढूंढने का प्रयास किया और लोगों को सही मार्ग दिखाया है। गौतम बुद्ध ने लोगों को हमेशा अहिंसा, सत्य, और ध्यान की आपकी जीवन में क्या अहमियत उसके बारे में बताया और उनके उपदेशों से कई लोगों का जीवन सुखी भी हुआ। लेकिन ईसा पूर्व 483 में कुशीनगर में उनकी मृत्यु हो गई।
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महात्मा बुद्ध, एक महान धर्म गुरु थे और हैं। उनके उपदेशों कला आज भी पालन करते हैं। उनका मनुष्यों के जीवन में इतना महत्व है कि लोग उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं। उनका जीवन और उनके उपदेश आज भी लोगों के लिए एक अच्छे मार्गदर्शन के रूप में काम करता है। इस निबंध में, हम गौतम बुद्ध के जीवन और उनके उपदेशों को विस्तार से जानेंगे और उनके महत्व को समझेंगे।
महात्मा बुद्ध, जिन्हें गौतम बुद्ध कहा जाता है उनका जन्म नेपाल के तराई में स्थित लुम्बिनी वन में 563 ईसा पूर्व हुआ था। उनके पिता कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन थे और उनकी माता का नाम माया था। उनके जन्म के 7 दिन बाद उनकी माता का देहांत हो गया और उसके बाद उन्हें उनके पिता और मौसी ने पाला था। राजा ने बुद्ध को बचपन से ही राजमहल में रखा और वह बाहर के दुख, पीड़ा, बीमारियां और मृत्यु से वंछित रहें। उन्हें बचपन में सिद्धार्थ नाम से बुलाया जाता था। उनेक जन्म के बाद उनके पिता ने उनकी जन्मकुंडली ज्योतिषों को दिखाई, तो उन्होंने बताया कि उनका पुत्र या तो बहुत बड़ा राजा बनेगा या फिर बहुत बड़ा साधु बनेगा। उनके जीवन में कई अहम घटनाएं घटित हुई जिसने उन्हें बौद्ध धर्म को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे एक राजकुमार थे और उनका जीवन बहुत ही सुखमय था। जब वे 16 वर्ष के थे तो उनकी शादी यशोधरा से हुई थी और उनके पुत्र का नाम राहुल था।
गौतम बुद्ध के जीवन में अचानक से एक ऐसा बदलाव आया जिसने उनके जिंदगी जीने का नजरिया बदल दिया। एक दिन, वे अपने राजमहल से बाहर निकले और दुख और मृत्यु के दृश्यों से उनका सामना हुआ। उन्होंने एक बुद्ध जीवन के चार महत्वपूर्ण पहलू देखे – एक बुद्ध, एक बूढ़ा आदमी, एक गर्भवती महिला और एक लाश। ये चार दृश्यों ने उनके मन में गहरी सोच और चिंता की भावना उत्पन्न कर दी। इसके बाद, एक रात को गौतम बुद्ध ने अपना घर और परिवार छोड़ दिया और एक साधु के रूप में जीवन की यात्रा पर निकल गए। उन्होंने अपने आत्मा की तलाश में बहुत सारे तपस्या और मनन करने में दिन बिताए। अंत में उन्होंने उस ज्ञान हो हासिल किया, जिसे लोग मोक्ष और निर्वाण कहते हैं।
महात्मा बुद्ध ने अपना महल छोड़ने के बाद ध्यान लगाना नहीं छोड़ा और वह लगातार सत्य और ज्ञान की अपनी खोज करते रहें। एक दिन वह ध्यान करने के लिए बोधि वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने वहां ध्यान लगाना शुरू किया और उसी वक्त उन्हें आत्मज्ञान हुआ। उन्होंने जीवन और मृत्यु के बीच के फर्क को समझा। इसके बाद उन्होंने इस ज्ञान भरी बात को दुनियाभर में बांटने का निर्णय लिया। उनके सारनाथ के पहले उपदेश के बाद से उन्हें दुनिया भर में बुद्ध के रूप में जाना जाने लगा।
महात्मा बुद्ध द्वारा दुनिया को दिए गए उपदेशों की अहमियत आज भी लोगों के जीवन में है। उनके उपदेशों के महत्व को समझने के बाद कोई भी व्यक्ति अपनी जिंदगी सुख और शांति से जी सकता है। बुद्ध जी ने अपने ध्यान और बुद्धिमत्ता के जरिए मनुष्य के जीवन को सफल बनाने का सही मार्ग दिखाया। गौतम बुद्ध के उपदेश आज भी समाज में समानता, न्याय, और सहानुभूति की अहम भूमिका निभाते है।
गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व में हुआ था।
29 साल की उम्र में महात्मा बुद्ध ने अपना घर छोड़ दिया था।
बौद्ध ग्रंथों में महात्मा बुद्ध के पहले उपदेश को ‘धर्म चक्र प्रवर्तन’ कहा गया है।
गौतम बुद्ध एक महान धर्मगुरु और आदर्शवादी थे, इन्होंने इंसानों को जीवन जीने का नया मार्ग दिखाया है। उनके उपदेशों का महत्व आज भी हमारे जीवन में है और यही बात आपका बच्चा भी इस निबंध के माध्यम से सीखेगा और उनके उपदेशों का पालन करने की कोशिश भी करेगा।
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