In this Article
- मदर टेरेसा पर 10 लाइन (10 Lines on Mother Teresa)
- मदर टेरेसा पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Mother Teresa in Hindi 200-300 Words)
- मदर टेरेसा पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Mother Teresa in Hindi 400-500 Words)
- मदर टेरेसा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Mother Teresa in Hindi)
- मदर टेरेसा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- इस निबंध से बच्चों को क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from Mother Teresa Essay?)
मदर टेरेसा एक महान समाज सेविका और परोपकारी महिला थीं। वे उदार हृदय की महिला थीं जो दया और करुणा की भावना से ओत प्रोत थीं। उन्हें भगवान का दूत कहना बिलकुल गलत नहीं होगा क्योंकि उन्होंने समाज के ऐसे विशेष वर्ग के लिए सेवा का काम किया था जो केवल भगवान के अनुयायी ही कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मदर टेरेसा पर निबंध लिखने का क्या तरीका हो सकता है या निबंध किस तरह से लिखा जाए कि टीचर आपके बच्चे की प्रशंसा करें तो इसके लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
मदर टेरेसा पर 10 लाइन (10 Lines on Mother Teresa)
मदर टेरेसा इतिहास में चर्चित एक सम्मानित नाम है। जिनके बारे में पूरी दुनिया की किताबों में लिखा गया है। इसलिए यदि आपके बच्चे को स्कूल में इस पर निबंध लिखने को कहा गया है और वो भी 10 लाइन में तो इसके लिए आप हमारे आर्टिकल से मदद ले सकते हैं।
- मदर टेरेसा भारत की महान समाज सेविका थीं।
- उनका जन्म यूरोप के सोप्जे, मेसेडोनिया (ऑटोमन साम्राज्य) में 26 अगस्त 1910 को हुआ था।
- बचपन से ही वो धार्मिक और दयावान महिला थीं और उन्होंने नन बनकर लोगों की सेवा करने का प्रण लिया था।
- वह भारत में 1929 में आईं और यहां के गरीब दुखियों को देखकर यहीं पर रह गईं।
- यहां की नागरिकता लेकर वो भारत के बीमार और गरीबों की सेवा करने लगी।
- नन बनने के बाद उनका नाम मेरी टेरेसा था जो उनके सेवा भाव के कारण मदर टेरेसा में परिवर्तित हो गया।
- उनके इन्हीं कार्यों से भारत सरकार ने उन्हें 1962 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
- 1980 में उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया जो भारत का सर्वोच्च सम्मान है।
- 1979 में उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- दुनिया भर में करुणा और सेवा का साक्षात उदाहरण बन चुकी मदर टेरेसा 5 सितंबर 1997 को कालवश हो गईं।
मदर टेरेसा पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Mother Teresa in Hindi 200-300 Words)
यदि आप मदर टेरेसा के बारे में 200 से 300 शब्दों में एक छोटा निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके नीचे बताए गए निबंध को पढ़कर आप एक बेहतरीन निबंध लिख सकते हैं।
मदर टेरेसा एक भारत की एक महान शख्सियत थीं जिन्होंने अपना सारा जीवन निर्धन और जरूरतमंदों की मदद में लगा दिया। मदर टेरेसा एक करुणापूर्ण और संवेदनशील महिला थी जिन्होंने गैर भारतीय होने के बावजूद भारत के लोगों की सेवा में अपना जीवन अर्पित कर दिया।
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया में हुआ था। उनके पिता एक साधारण व्यापारी थे। उनका वास्तविक नाम एग्नेस गोंकशे बोजशियु था। वो अपने परिवार की सबसे छोटी संतान थी। उनके माता पिता का परोपकारी स्वभाव ही उनके जीवन का आधार बना और वह बचपन से ही लोगों की मदद करने लगीं और नन के पेशे को अपना लिया। 1929 में वह भारत पहुंचीं और दार्जिलिंग के एक स्कूल में काम करने लगीं। 24 मई 1931 को अपनी पहली धार्मिक शपथ ली और मिशनरियों के संरक्षक संत थेरेसे डी लिसीक्स के नाम पर अपना नाम टेरेसा रखना चुना।
आगे जाकर कलकत्ता के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाने लगीं और 1944 में उन्हें इसकी प्रधानाध्यापिका नियुक्त किया गया। हालाँकि मदर टेरेसा को स्कूल में पढ़ाना अच्छा लगता था, लेकिन कलकत्ता में अपने आस-पास की गरीबी से वह बहुत परेशान हो गई थीं। 1946 में, मदर टेरेसा को महसूस हुआ कि उन्होंने यीशु के लिए भारत के गरीबों की सेवा करने के लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी है और पढ़ाने का पेशा छोड़कर उन्होंने 1950 में उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। अपने नि:स्वार्थ सेवा भाव से वह मानवता के एक विशिष्ट उदाहरण के रूप में प्रख्यात हो गईं। भारत सरकार द्वारा उन्हें 1962 में पद्मश्री, 1980 भारत रत्न और नोबेल फॉउंडेशन ने 1979 में शांति पुरस्कार से सम्मानित किया।
मदर टेरेसा पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Mother Teresa in Hindi 400-500 Words)
यदि आप 3 या 4 क्लास के बच्चों के लिए मदर टेरेसा पर निबंध लिखने चाहते हैं तो इसके लिए आप हमारे द्वारा बताए गए निबंध से मदद ले सकते हैं और इसे अपने शब्दों में लिख सकते हैं।
भूमिका (Introduction)
जब भी कोई सेवा की बात करता है तो हमारे जहन में सबसे पहला नाम मदर टेरेसा का आता है जो मानवता की एक जीती जागती मिसाल हैं। मदर टेरेसा ऐसी हस्ती थीं जो बिना अपने बारे में सोचे लोगों के सेवा करती थीं। हमारे भारत की मूल नागरिक न होते हुए भी उन्होंने यहां के लोगों के लिए जो कुछ भी किया वह एक मिसाल है।
जीवन परिचय(Life Introduction)
मदर टेरेसा का जन्म साधारण परिवार में 26 अगस्त 1910 को यूरोप के मेसेडोनिया में हुआ था। परिवार वालों ने उनका नाम एग्नेस गोंकशे बोजशियु रखा था। उनके पिता का नाम निकोला बोयाशू था जो एक व्यापारी थे और उनकी मां का नाम द्राना बोयाशु था जो एक गृहिणी थी। साधारण परिवार होने के बावजूद भी जरूरतमंद लोगों की मदद करते थे। मदर टेरेसा अपने परिवार की सबसे छोटी सदस्य थी जो हमेशा से धर्म संबंधी बातों में रुचि लेती थीं और उन्होंने शुरू से ही अपना जीवन मानव सेवा में लगाने का निर्णय कर लिया था।
भारत आगमन
मदर टेरेसा का भारत आगमन 1929 में हुआ। कुछ दिनों तक उन्होंने दार्जिलिंग में और उसके बाद कोलकाता के स्कूलों में काम किया। उन्होंने अनाथ बच्चों को पढ़ाने के लिए 1948 में एक स्कूल शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अनाथ, गरीब और बीमार लोगों की सेवा करने के उद्देश्य से 1950 में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की।
सम्मान और पुरस्कार (Honour and Award)
मदर टेरेसा को अपने नेक कार्यों के लिए कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। भारत के लोगों की सेवा करने के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1962 में पद्मश्री से और 1980 में भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया। 1962 में उन्हें रेमन मैग्सेसे और 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। वह पूरे विश्व में मानवता, करुणा और दया का जीता-जागता प्रतीक बन गईं।
मृत्यु (Death)
अपने अंतिम वर्षों में मदर टेरेसा दिल की बीमारी से ग्रस्त थीं और उन्हें पहला हार्ट अटैक 73 वर्ष की आयु में आया था। उसके बाद 1989 में फिर से उन्हें दिल का दौरा पड़ा। धीरे धीरे उनकी तबियत खराब रहने लगी और 5 सितंबर 1997 को वह इस दुनिया को छोड़कर चली गईं। उनकी सेवा की भावना उनके बाद भी उनके अनुयायियों में कायम रही है। उनके द्वारा शुरू की गई संस्थाओं में आज भी अनाथों और दीन दुखियों की मदद की जाती है। आज पूरे विश्व में मदर टेरेसा की सेवा भावना की मिसाल दी जाती है।
मदर टेरेसा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Mother Teresa in Hindi)
मदर टेरेसा के बारे में कुछ ऐसी बाते हैं जिसके बारे में जानकर आप आश्चर्य करेंगें। तो चलिए आपको इनमें से कुछ खास बातों के बारे में बताएंगे।
- मदर टेरेसा को अल्बानिया, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की मानद नागरिकता प्राप्त थी।
- भारत में मदर टेरेसा का आगमन 1929 में मेरी टेरेसा के रूप में हुआ था।
- 1948 से वो नीली पट्टी वाली सफेद साड़ी पहनने लगी थीं।
- मदर टेरेसा भारत शिक्षण कार्यों के लिए आई थीं लेकिन अनाथ और कुष्ठ रोगियों को देखकर उनका हृदय परिवर्तन हो गया।
- मदर टेरेसा 5 भाषाएं जानती थीं – अल्बानी, हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और सर्बो क्रोट।
मदर टेरेसा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
बच्चों से अक्सर स्कूल में ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जो उनके सामान्य ज्ञान से संबंधित होते हैं। नीचे हमने मदर टेरेसा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताया है, इसे जरूर पढ़ें।
1. मदर टेरेसा का जन्म कब और कहां हुआ था?
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया में हुआ था।
2. मदर टेरेसा का असली नाम क्या था?
एग्नेस गोंकशे बोजशियु। नन बनने के बाद उन्हें मेरी टेरेसा पुकारा जाने लगा।
3. मदर टेरेसा को संत की उपाधि कब प्रदान की गई?
कैथोलिक चर्च ने 4 सितंबर 2016 को उन्हें संत टेरेसा ऑफ कैलकटा की उपाधि प्रदान की।
4. उन्हें भारत रत्न कब दिया गया?
1980
इस निबंध से बच्चों को क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from Mother Teresa Essay?)
यह निबंध एक महान समाज सेविका मदर टेरेसा के बारे में था जिन्होंने अपने सेवा कार्यों से लोगों को उपकृत कर दिया। इनकी जीवनी से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। बच्चे मदर टेरेसा के निबंध से सीख सकते हैं कि हमें हमेशा अपने से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
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