In this Article
नवरात्रि हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि दो शब्दों से मिलकर बना है, नव यानी नया और रात्रि यानी रात। हिन्दू धर्म के सभी त्योहारों में जीवन जीने के आदर्शों का सार मिलता है। नवरात्रि का त्योहार भी ऐसे ही एक आदर्श का अर्थ बताता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। नवरात्रि का पर्व 9 दिनों का होता है और इन सभी 9 दिनों में माँ दुर्गा के अलग-अलग 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरीकों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। यदि आपके बच्चे को स्कूल में नवरात्रि पर निबंध लिखने को कहा गया है तो यह आर्टिकल पढ़कर आप उसकी मदद कर सकते हैं। यहाँ हमने नवरात्रि पर निबंध लिखने के 3 तरीके बताए हैं। कम शब्दों में या 10 लाइन का निबंध, संक्षिप्त यानी लगभग 300 शब्दों का निबंध और विस्तृत यानी 500 शब्दों के आसपास नवरात्रि का वर्णन।
हिंदू धर्म अनेक त्योहारों, पर्वों, शास्त्रों और मान्यताओं वाला धर्म है। इसके हर एक पर्व और शास्त्र से कोई न कोई कथा या घटना जुड़ी हुई है। नवरात्रि के त्योहार का संबंध माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर दानव का वध करने की कथा से है। जब ब्रह्मा जी ने महिषासुर नामक राक्षस को वरदान दिया कि उसे कोई भी देव या दानव नहीं मार सकता तब वह न केवल पृथ्वी के लोगों पर अत्याचार करने लगा बल्कि उसने स्वर्ग में इंद्र का सिंहासन भी छीन लिया। उसके उत्पात से त्रस्त लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए त्रिदेव यानी ब्रह्मा जी, भगवान विष्णु और महादेव ने अपनी शक्तियों से माँ दुर्गा की रचना की। देवी दुर्गा के दस हाथ थे जिसमें उन्होंने अलग-अलग शस्त्र धारण किए थे। देवी ने सिंह पर सवार होकर अपनी शक्तियों के साथ महिषासुर से 9 दिनों तक प्रचंड युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। शास्त्रों के अनुसार अश्विन यानी शारदीय नवरात्रि का संबंध इसी कथा से है। वैसे तो नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार आता है, लेकिन आम जनमानस हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र और अश्विन महीने में आने वाली नवरात्रि मनाते हैं। नवरात्रि में प्रत्येक दिन देवी के अलग रूप क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री पूजा होती है। नवरात्रि में लोग उपवास रखते हैं या शाकाहारी और सादा भोजन करते हैं, कन्या पूजन करते हैं, देवी का जागरण करवाते हैं। इसके साथ ही लोग गरबा व डांडिया खेलते हैं, 9 दिनों 9 अलग रंगों के कपड़े पहनते हैं और आखिरी दिन आयुध पूजा भी करते हैं। नवरात्रि को भारत के पूर्वी राज्यों, विशेषतः पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के नाम से मनाया जाता है।
भारत एक त्योहारों और उत्सव का देश है। हर त्योहार मनाने के पीछे कोई न कोई कारण होता है और उसी के पीछे होती है एक कहानी, मान्यता, तथ्य और परंपरा। नवरात्रि का पर्व भी ऐसा ही एक पर्व है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर नाम का एक दानव था जिसका मुँह (सिर) भैंस का था। इस दानव को ब्रह्मा जी का वरदान प्राप्त था कि उसे कोई देव मार नहीं सकते। जिसके कारण उसने संसार में उत्पात मचा रखा था। उसके अत्याचारों से परेशान लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए फिर भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से देवी दुर्गा की रचना की। देवी दुर्गा ने महिषासुर के बीच यह युद्ध 9 रातों तक चला था। इसलिए नवरात्रि का पर्व भी 9 दिनों तक मनाया जाता है।
वैसे तो साल में 4 बार नवरात्रि का उत्सव आता है लेकिन आम तौर पर लोगों को 2 ही नवरात्रि के बारे में ज्यादा जानकारी होती है। हिंदू कैलेंडर के महीनों के अनुसार आने वाले नवरात्रि के नाम इस प्रकार हैं:
ज्यादातर आम लोग चैत्र और अश्विन माह में पड़ने वाली शरद (शारदीय) नवरात्रि में ही उपासना करते हैं। वहीं गुप्त नवरात्रि देवी की साधना और तंत्र ज्ञान की वृद्धि के लिए होती हैं। पौष नवरात्रि को शाकंभरी नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
यूँ तो भारत के सभी राज्यों में नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन हर राज्य की अलग संस्कृति की तरह इसे मनाने के तरीके, रीती-रिवाज और परम्पराएं भी अलग-अलग हैं। हालांकि इनमें एक प्रमुख बात जो सभी जगह दिखती है वह है पहले दिन सुख, समृद्धि और मंगल के प्रतीक के रूप में कलश की स्थापना और इसलिए इस दिन को घटस्थापना कहा जाता है। अनेक घरों में 9 दिनों तक सिर्फ सात्विक खाना (बिना लहसुन-प्याज) खाया जाता है। वहीं कई लोग पूरे 9 दिन तक उपवास रखते हैं और अन्न ग्रहण न करके केवल फल खाकर व पानी पीकर देवी की आराधना करते हैं। इसी तरह कन्या पूजन यानी छोटी लड़कियों को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा करना और उन्हें खाना खिलाना भी एक प्रमुख परंपरा मानी जाती है। साथ ही, नवरात्रि में गरबा व डांडिया का खेल भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग बन चुका है। इसके आलावा पिछले कुछ वर्षों में नवरात्रि के 9 दिनों में 9 अलग रंगों के कपड़े पहनने का भी प्रचलन बहुत आम हो गया है।
नवरात्रि का निबंध बच्चों को पौराणिक कथाओं के बारे में जानने और त्योहारों को मनाने के पीछे का कारण बताता है। इसे पढ़कर वह सीख सकता है कि भारतीय पर्वों और मान्यताओं का महत्व क्या है और हमारी ऐतिहासिक, पौराणिक व सांस्कृतिक कहानियां कितनी आशावादी हैं। इतना ही नहीं वह इस निबंध की मदद से अपनी क्षमता के अनुसार एक अच्छा निबंध भी लिख सकेगा।
इस आर्टिकल में हमने नवरात्रि से संबंधित सभी जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। फिर भी यदि आपको कुछ और बातों और तथ्यों की तलाश है तो हमारी साईट पर नवरात्रि से जुड़े कई अन्य आर्टिकल भी उपलब्ध हैं। जैसे बच्चों के लिए नवरात्रि और दशहरा से जुड़ी जानकारियां, कहानियां, दिलचस्प सवाल-जवाब, देवियों का विस्तृत स्वरूप, नवरात्रि के 9 रंग आदि। आप इन पर क्लिक करके और अधिक बातें जान सकते हैं और अपने निबंध को और भी बेहतर तरीके से लिख सकते हैं।
देवी दुर्गा का वाहन शेर है और इसलिए उन्हें शेरावाली भी कहा जाता है।
महिषासुर का वध करने के बाद माँ दुर्गा के अस्त्र-शस्त्रों को पूजा के लिए रखा गया था इसलिए दशमी के दिन आयुध पूजा करने का महत्व है।
नवरात्रि के बाद दसवें दिन पड़ने वाली दशमी तिथि को ही भगवान राम ने लंकाधीश रावण का वध किया था। इसलिए इसे दशहरा का पर्व कहा जाता है और प्रभु राम की याद में भारत में जगह-जगह लोग रामलीला का आयोजन करते हैं।
यह भी पढ़ें:
नवरात्रि के व्रत के लिए 11 बेहतरीन भोजन और रेसिपीज
नवरात्रि 2023 की शुभकामनाएं, कोट्स, विशेज, मैसेज, शायरी और स्टेटस
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…