प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध

आज के समय में दुनिया भर में प्रदूषण एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या बन गया है। यह समस्या आज से नहीं बल्कि सालों से चलती आ रही है लेकिन अब यह समस्या काफी गंभीर होती जा रही है। ये समस्या न सिर्फ हमारे पर्यावरण को दूषित कर रही है, बल्कि इंसानों को भी इससे काफी नुकसान पहुंच रहा है। खासकर वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से। बच्चों को पर्यावरण प्रदूषण के बारें में जानकारी होना जरूरी है ताकि वे आगे आने वाली समस्या को समझ सके और सावधानी बरत सकें। क्या आप बच्चों के लिए पॉल्यूशन पर निबंध या पैराग्राफ लिखने के आइडियाज खोज रही हैं? तो यहां आपकी खोज पूरी हुई!

प्रदूषण पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines on Pollution in Hindi)

स्कूलों में छोटे बच्चों को 100 शब्दों में प्रदूषण पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, नीचे बताए गए तरीके से आप प्रदूषण पर सबसे आसान 10 लाइन का लेख लिख सकते हैं।

  1. प्रदूषण हम मनुष्यों द्वारा पैदा की गई समस्या है।
  2. प्रदूषण से न केवल मनुष्य बल्कि अन्य जीव-जंतु भी प्रभावित होते हैं।
  3. वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण कुछ प्रदूषण के प्रकार है।
  4. पूरे विश्व भर में प्रदूषण का प्रकोप तेजी से दिखने लगा है।
  5. प्रदूषण के कारण कई नई बीमारियां जन्म ले रही हैं।
  6. प्रदूषण के वजह से ग्लोबल वार्मिंग का भी खतरा बढ़ गया है।
  7. प्लास्टिक व अन्य प्रदूषकों का उपयोग बंद कर, प्रदूषण को कम किया जा सकता हैं।
  8. हमें अपने कचड़े के पुनः उपयोग के बारे में सोचना चाहिए।
  9. 2 दिसंबर को हम सभी प्रदूषण नियंत्रण दिवस में रूप में मनाते हैं।
  10. हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर प्रकृति को प्रदूषण से बचाना चहिए।

प्रदूषण पर निबंध 200-300 शब्दों मे (Short Essay on Pollution in Hindi 200-300 Words)

अगर आपके बच्चे को 200 से 300 शब्दों के बीच प्रदूषण पर अनुच्छेद लिखना है तो उन्हें नीचे दिए गए शॉर्ट एस्से से काफी मदद मिल सकती है:

प्रदूषण एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। दुनिया भर में बढ़ते परिवहन, इंडस्ट्री, प्रवासन और कई अन्य कारण हैं जो अधिक प्रदूषण का कारण बनते हैं। इस धरती ने हमें जीने के लिए एक सुंदर वातावरण दिया लेकिन जाने-अनजाने में इंसान अपनी लापरवाही से अपने वातावरण और पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। हमारे पर्यावरण में अनचाही चीजों की वृद्धि होती जा रही है, जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। इन्ही कणों को प्रदूषक भी कहा जाता है। प्रदूषक ऑटोमोबाइल, इंडस्ट्री के कचरे, जले हुए कचरे से निकलने वाले धुएं, अनुपचारित सीवेज, आदि से निकलने वाली गैसें भी हो सकती हैं। इसका हमारे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। देश और दुनिया में कई प्रकार के प्रदूषण बढ़ते जा रहे हैं, जिनमे से सबसे खतरनाक भूमि, जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण है। इतना ही नहीं यह बढ़ती ग्लोबल वार्मिग का भी एक मुख्य कारण है। आज के बच्चों को बचपन से ही प्रदूषण बढ़ाने वाले सभी प्रदूषकों के बारें में जानकरी होनी चाहिए क्योंकि उनका आने वाला भविष्य खतरे में है और अगर हम अभी से सावधानी बरतेंगे तो भविष्य सुधर सकता है।

प्रदूषण से बचने के लिए पेड़ लगाएं

प्रदूषण पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Pollution in 400-500 Words)

जैसा कि हमने ऊपर भी बात की है, कि प्रदूषण काफी गंभीर समस्या होती जा रही है और इससे दिन-ब-दिन नई बीमारियां भी जन्म ले रही है, तो प्रदूषण को रोकने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए। इस लेख में आपको प्रदूषण की समस्या पर निबंध 400 से 500 शब्दों में मिलेगी। हिंदी में आसान शब्दों में पॉल्यूशन पर एस्से लिखना या बोलना आप यहाँ सीख सकते हैं।

प्रदूषण क्या है? (What is Pollution?)

प्रदूषण पर्यावरण में मौजूद वह दूषित पदार्थ है जो हमारे पर्यावरण में बुरे प्रभावों का कारण बनता है। प्रदूषण प्राकृतिक भी हो सकता है जैसे कि ज्वालामुखी का फटना, जंगल में आग लगना आदि। वहीं इंसानों द्वारा भी हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है जैसे सड़कों पर चलने वाले वाहन, इंडस्ट्री से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ, फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं आदि। प्रकृति में मौजूद वो दूषित पदार्थ जो हमारे पर्यावरण और वातावरण को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते है उन्हें प्रदूषण कहते हैं। जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता है इससे जुड़ी कई तरह की गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जो की जीवित लोगों के साथ-साथ निर्जीव चीजों को भी नुकसान पहुंचाता है।

प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollution)

मुख्य रूप से प्रदूषण 5 प्रकार के होते है लेकिन आज के समय में यह बढ़कर 8 प्रकार के हो गए हैं, आइए विस्तार में जानते हैं:

1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)

वायु प्रदूषण को दुनिया का सबसे खतरानक और हानिकारक प्रदूषण माना जाता है, इसका मुख्य कारण वाहनों और कारखानों से निकलने वाला धुआं है। इन दूषित धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होती है और कई तरह की सांस की बिमारियों का भी कारण बनता है।

2. जल प्रदूषण (Water Pollution)

घरों और उद्योगों के निकलने वाला कचरा ज्यादातर नदी में जाता है, जिसके कारण नदी का पानी दूषित हो जाता है और यही दूषित पानी लोगों के घरों में इस्तेमाल होता है। इस पानी के इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं और पानी में रह रहे जीव-जंतुओं को भी हानि पहुँचता है।

3. भूमि प्रदूषण (Land Pollution)

भूमि प्रदूषण कई कारण हो सकते है जैसे – कचरे को सही तरीके से न फेंकना, कृषि उद्योग में हानिकारक रसायनों का उपयोग आदि। इन्ही हानिकारक रसायनों के कारण मच्छर, मख्खियां और छोटे कीड़े उत्पन्न होते हैं जो कि इंसानों और अन्य जीवों के लिए कई बीमारी पैदा करते हैं।

4. ध्वनि प्रदूषण (Sound/Noise Pollution)

ध्वनि प्रदूषण, इंसानों की कई गतिविधियों जैसे लाउडस्पीकर में गाना बजाना, घोषणाएं करना, गाड़ियों के हॉर्न, एक व्यस्त बाजार, आदि कारणों से होता है।

5. प्रकाश प्रदूषण (Light Pollution)

किसी क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक लाइटों और बल्बों का इस्तेमाल करने से प्रकाश प्रदूषण होता है, जो प्राकृतिक वातावरण में हस्तक्षेप करने के लिए काफी बड़ा कारण है। जरूरत से ज्यादा प्रकाश का इस्तेमाल इस तरह के प्रदूषण को बढ़ावा देता है, जिससे समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

6. रेडियोएक्टिव प्रदूषण (Radioactive Pollution)

रेडियोएक्टिव प्रदूषण तब होता है जब हमारे वातावरण में रेडियोएक्टिव पदार्थों की मौजूदगी ज्यादा हो जाती है। यह किसी न्यूक्लियर हथियार का परिक्षण करते वक्त हो सकता है या इसका अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से भी यह हानिकारक साबित होता है। माइनिंग से भी इसका खतरा बढ़ता है।

7. थर्मल/ऊष्मीय प्रदूषण (Thermal Pollution)

कई सारे कारखाने हैं जो पानी को कूलैंट के रूप में इस्तेमाल करती हैं जो कि थर्मल प्रदूषण का मुख्य कारण है। जिसकी वजह से पानी में रहने वाले जीवों को बहुत नुकसान पहुंचता है, क्योंकि पानी में अचानक से तापमान का बदलाव होता है और ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है।

8. दृश्य प्रदूषण (Visual Pollution)

दृश्य प्रदूषण का तात्पर्य उन चीजों से है जो मनुष्यों द्वारा बनाया गया है, जिसके कारण हम प्रकृति का खूबसूरत दृश्य नहीं देख पाते हैं। आसपास बड़े-बड़े डस्टबिन, एंटीना, बिजली के तार, बड़ी -बड़ी बिल्डिंग, होर्डिंग आदि कई सारी चीजें है जो हमारी दृष्टि को खूबसूरत नजारा देखने से रोकती हैं और उन्हें प्रभावित करती हैं, उसे दृस्य प्रदूषण कहते हैं।

प्रदूषण के कारण (Reason For Pollution)

वैसे तो प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले बहुत से कारण हैं, उनमें कुछ ऐसे कारण है जो कि समय के साथ भारत में बढ़ते प्रदूषण का कारण बनते जा रहे हैं।

  • अधिक पेड़ कटने से वायु प्रदूषित होती जा रही है।
  • कारखानों में इस्तेमाल किया जाने वाला केमिकल पानी में घुल रहा है।
  • सड़कों और जगह-जगह पर लगे लाउड स्पीकर से ध्वनि प्रदूषण का कारण है।
  • प्लास्टिक का अधिक इस्तेमाल वायु प्रदूषण का कारण है।

प्रदूषण के सोर्स (Sources of Pollution)

किसी दूषित पदार्थ या पदार्थों का हमारे पर्यावरण में मौजूदगी के कारण होता है, उसे प्रदूषण कहते हैं। यहाँ नीचे हम प्रदूषण के स्रोत यानि प्रदूषक के बारे चर्चा करेंगे जो हमारे पर्यावरण में सॉलिड, लिक्विड या गैस के रूप में हो सकते हैं। आइए जानते हैं:

  • सीवेज से निकलने वाली गंदगी।
  • घरों में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक वेस्ट।
  • एग्रीकल्चर इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन।
  • फैक्ट्री से निकलने वाला धुंआ।
  • सड़क वाहनों से की तेज हॉर्न या लाउडस्पीकर की आवाज।
  • फॉसिल फ्यूल का जलना।
  • कारखानों से निकलने वाले हाइड्रोकार्बन, रसायन आदि हानिकारक पदार्थ।

प्रदूषण के परिणाम (Consequences of Pollution)

  • प्रदूषण के कारण सांस संबंधी रोग, त्वचा के रोग, दिल की बीमारियां, फेफड़ों का कैंसर आदि होने का खतरा बढ़ गया है।
  • अपशिष्ट उत्पाद और कचड़ों को जलाया जाता है जिससे जानलेवा बीमारियां, मच्छर और मक्खी भी पनपते हैं।
  • दूषित पानी पीने से डायरिया, हैजा, हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड हो सकती हैं।
  • भूमि प्रदूषण के वजह से उपजाऊ भूमि भी बंजर हो रही है।

प्रदूषण को रोकने के उपाय (Ways To Prevent Pollution)

  1. वाहनों का कम उपयोग करना चाहिए, कम दूरी में वॉक और साइकिलिंग करनी चाहिए।
  2. ट्रैफिक में बिना वजह हॉर्न नहीं बजाना चाहिए।
  3. जितना हो सके पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
  4. एनर्जी को बचाने के लिए इस्तेमाल न करने पर टीवी, लाइट और पंखा बंद कर देना चाहिए।
  5. प्लास्टिक बैग का बिलकुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  6. ए.सी. का ज्यादा इस्तेमाल करने के बजाय फैन का इस्तेमाल करना चाहिए।
  7. कपड़े या बर्तन धोते वक्त कम से कम डिटर्जेंट या ब्लीच का प्रयोग करना चाहिए।
  8. कीटनाशक का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए और सही ढंग से डिस्पोज करना चाहिए।
  9. घरों का कचड़ा खुले में नहीं फेंकना चाहिए।
  10. कागज का उपयोग कम से कम करना चाहिए, क्योंकि काजग बनाने के लिए बहुत से पेड़ काटे जाते हैं जो प्रदूषण का कारण बनता है।

प्रदूषण के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Pollution in Hindi)

दुर्भाग्य से प्रदूषण के बारे में सिर्फ बुरे तथ्य ही हैं, आइए जानते हैं।

  1. प्रदूषण को दुनिया भर में सबसे खतरनाक माना जाता है, जो लगभग 100 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करता है।
  2. प्रदूषण मलेरिया और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के बराबर माना जाता है।
  3. भारत में जहरीली हवा और प्रदूषित पानी दोनों के कारण बच्चों का मृत्यु दर सबसे अधिक है।
  4. पांच साल से कम उम्र के लगभग 3 करोड़ से अधिक बच्चे पर्यावरणीय कारकों से हर साल मरते हैं।
  5. ऐसा माना जाता है कि आज पैदा हुआ वाला बच्चा शायद सिर्फ 8 साल की उम्र तक ही साफ और ताजी हवा में सांस ले पाए।
  6. वायु प्रदूषण से कम से कम 10 में से 1 व्यक्ति की मृत्यु होती है।
  7. प्रदूषण बड़ों की तुलना में बच्चों को अधिक प्रभावित करता है क्योंकि उनके शरीर का आकार छोटा होता है और साथ ही वह बाहर खेलने में अधिक समय व्यतीत करते हैं।
  8. दुनिया में एक बिलियन से भी ज्यादा लोगों के पास साफ पीने का पानी नहीं है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

यहां प्रदूषण से जुड़े ऐसे कई सवाल के जवाब दिए गए हैं, जिसे हम सभी को जानना चाहिए।

1. भारत का सबसे अधिक और कम प्रदूषित राज्य कौन सा है?

भारत का सबसे अधिक प्रदूषित राज्य मुंबई है और सबसे कम प्रदूषित राज्य इम्फाल जो मणिपुर में आता है।

2. विश्व में सबसे कम प्रदूषित देश कौन सा है?

ज्यूरिक, स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे कम प्रदूषित देशों में आता है।

3. भारत में प्रदूषण नियंत्रण किस विभाग के अंतर्गत आता है?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) पर्यावरण और वन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

प्रदूषण के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Pollution Essay?)

बच्चे हमारे समाज का भविष्य हैं और उन्हें प्रदूषण से होनी वाली समस्या के बारे में पता होना चाहिए ताकि वे भविष्य को बचाने में मिलजुल कर हिस्सा लेंगे।

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