In this Article
- रबीन्द्रनाथ टैगोर पर 10 लाइन (10 Lines On Rabindranath Tagore In Hindi)
- रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Rabindranath Tagore in Hindi 200-300 Words)
- रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Rabindranath Tagore in Hindi 400-500 Words)
- रबीन्द्रनाथ टैगोर के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Rabindranath Tagore in Hindi)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- रबीन्द्रनाथ टैगोर के इस निबंध से हमेंं क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From the Rabindranath Tagore Essay?)
भारत के इतिहास में कई प्रसिद्ध और महान कवि और लेखक रहे हैं, जिनमें रबीन्द्रनाथ टैगोर का नाम सबसे बेहतरीन लेखकों में आता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांका के एक धनी परिवार में हुआ था। टैगोर जी के पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और माँ का नाम शारदा देवी था। दोनों माता-पिता ने रबीन्द्रनाथ टैगोर की बहुत अच्छे से परवरिश की था। अच्छे परिवार से होने की वजह से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त की थी। बचपन से इन्हें कविताएं लिखने का शौक था और बहुत कम उम्र में ही उन्होंने कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। एक प्रसिद्ध कवि होने के साथ-साथ उन्होंने कई मशहूर कथाएं, लघु कथाएं, निबंध, गीत, नाटक आदि भी लिखे। उनकी रचनाएंआज भी बेहद प्रसिद्ध हैं और वह पहले ऐसे भारतीय रहे जिनको उनके महान लेखन ‘गीतांजली’ के लिए 1913 में ‘नोबेल पुरस्कार’ मिला। अच्छे कवि और लेखक होने के साथ-साथ वह एक सच्चे देशभक्त भी थे। रबीन्द्रनाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ की भी रचना की। उनके लेखन और व्यक्तित्व का हर भारतीय कायल है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर 10 लाइन (10 Lines On Rabindranath Tagore In Hindi)
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर 10 लाइन का बेहद सरल वाक्य नीचे दिया गया जिससे बच्चे एक अच्छा निबंध लेख तैयार कर सकते हैं।
- रबीन्द्रनाथ टैगोर को ‘गुरुदेव’ नाम से भी जाना जाता है।
- टैगोर जी का जन्म कोलकाता में 7 मई 1861 में हुआ था।
- इनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था।
- रबीन्द्रनाथ टैगोर एक महान कवि, लेखक, संगीतकार, नाटककार, चित्रकार और दार्शनिक थे।
- इन्हें बचपन से कविताएं और कहानियां लिखने का बहुत शौक था।
- भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ इन्होंने ने ही लिखी की।
- बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ भी इन्होंने लिखी थी।
- साल 1913 में लेखन गीतांजली के लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर को ‘नोबल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- महान कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर की मृत्यु 7 अगस्त 1941 में हुई थी।
- भारतीय साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है और लोग आज भी उन्हें याद करते हैं।
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Rabindranath Tagore in Hindi 200-300 Words)
दुनिया भर में रबीन्द्रनाथ टैगोर की छवि एक महान कवि, लेख, साहित्यकार और देशभक्त की है और लाखों युवा उनसे आज भी प्रभावित है। यदि आपके बच्चे को भी ऐसे महान व्यक्तित्व वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर पर हिंदी में निबंध लिखने को दिया गया है तो यह एस्से सैंपल उनकी काफी सहायता करेगा।
रबीन्द्रनाथ टैगोर भारत के महान कवि होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार, संगीतकार आदि भी थे। टैगोर जी का जन्म कोलकलता में हुआ था। रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोरासांको में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था। टैगोर जी अपने अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थे। टैगोर जी के परिवार वाले सभी बहुत शिक्षित और कला से प्यार करने वाले थे। अच्छे परिवार से होने की वजह से रबीन्द्रनाथ टैगोर की ज्यादातर पढ़ाई घर ही हुई थी। पढ़ाई में अधिक रूचि होने की वजह से उन्हें वकालत पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। लेकिन 1 साल 18 महीने बाद वह वापस भारत लौट आए। टैगोर जी को बचपन से कविताएं लिखने का शौक था और उन्होंने कम उम्र में ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया और उन्हें बहुत जल्द प्रसिद्धि भी हासिल हो गई। भारत का राष्टगान ‘जन गण मन’ इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। इसके अलावा टैगोर जी के नाम कई कवितायें, लघु कहानियां, उपन्यास, नाटक और निबंध हैं। उन्हें साहित्य सेवा की वजह से नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। दुर्भाग्यपूर्ण 7 अगस्त 1941 में उन्होंने अंतिम सांस ली। लेकिन आज भी उनकी रचनाएं लोगों के बीच बेहद प्रसिद्ध हैं और उन्हें हमेशा के लिए अमर कर गई।
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Rabindranath Tagore in Hindi 400-500 Words)
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर 400 से 500 शब्दों का हिंदी में लॉन्ग एस्से लिखने के लिए नीचे दिए गए निबंध सैंपल को पढ़ें, इस निबंध की मदद से आपका बच्चा खुद एक अच्छा निबंध लिख सकता है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर भारत के लोकप्रिय और प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार थे। उनका जन्म कोलकाता के देवेन्द्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के घर 7 मई 1861 में एक अमीर और सुसंस्कृत परिवार में हुआ था। 14 साल की उम्र में टैगोर जी की माँ का देहांत हो गया था। इन्हें कम उम्र में ही कविताएं लिखने में रूचि विकसित कर ली थी। वह एक कवि, उपन्यासकार, लेखक, संगीतकार, नाटककार, देशभक्त आदि थे। उनकी कई प्रसिद्ध रचनाओं की वजह से उन्होंने बहुत नाम कमाया और लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध भी हुए। इतना ही नहीं उन्हें नोबल पुरस्कार से भी सम्मानत किया गया था। लेकिन 7 अगस्त 1941 में भारत में महान रचनात्मक कार्यकर्त्ता को हमेशा के लिए खो दिया।
रबीन्द्रनाथ टैगोर का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of Rabindranath Tagore)
मशहूर कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कोलकाता के धनी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था। टैगोर जी के पिता ब्रम्ह समाज के वरिष्ठ नेता होने के साथ सीधे और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। रबीन्द्रनाथ टैगोर समाज में रबीन्द्रनाथ ठाकुर और गुरुदेव के नाम से भी जाने जाते थे। टैगोर अपने माँ-बाप की सबसे छोटी संतान थे। 14 साल की उम्र में टैगोर जी ने अपनी माँ को खो दिया था। उनके पिता हमेशा काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहा करते थे, इसलिए उनकी देख रेख अक्सर नौकर ही करते थे।
रबीन्द्रनाथ टैगोर की शिक्षा (Education of Rabindranath Tagore)
रविंद्रनाथ टैगोर बचपन से ही बहुत तेज दिमाग के थे। उनकी ज्यादातर शिक्षा घर पर ही हुई थी। लेकिन बाद में उनका दाखिला कोलकाता के प्रसिद्ध स्कूल सेंट जेवियर विद्यालय में करवाया था। इनके पिता एक वरिष्ठ नेता होने की वजह से समाज सेवा से जुड़े थे और वो चाहते थे कि रबीन्द्रनाथ बैरिस्टर बने। उनके पिता ने साल 1878 मे उनका दाखिला लंदन के विश्वविद्यालय मे कराया था लेकिन टैगोर जी का मन बैरिस्टर की पढ़ाई में नहीं लगता था, इसलिए साल 1880 मे वह बिना डिग्री के बंगाल लौट वापस आए। उनकी रूचि साहित्य मे थी, उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रणाली बिल्कुल पसंद नहीं थी। वह मानते थे कि पुरानी शिक्षा प्रणाली नई शिक्षा प्रणाली से काफी बेहतर है। रबीन्द्रनाथ जी ने अपने घर से ही बहुत कुछ सीखा था, जैसे – भूगोल, कला, इतिहास, साहित्य, गणित, संस्कृत और अंग्रेजी जिसमें उनकी मदद उनके बड़े भाई हरेंद्रनाथ टैगोर ने की थी। रविंद्रनाथ के पिता ने अपने बच्चों को अंग्रेजी और संगीत सीखने के लिए हमेशा जोर डालते थे और इसी वजह से उन्होंने घर में कुछ संगीतकारों को रखा था।
रविंद्रनाथ टैगोर का विवाह (Rabindranath Tagore’s Marriage)
रवींद्रनाथ टैगोर की शादी 9 दिसंबर 1883 में 10 वर्षीय मृणालिनी नाम की युवती से हुई थी। उनसे उन्हें 5 बच्चे थे, जिनमें से दो की मृत्यु हो गई। शादी के 19 साल में ही उन्होंने अपनी पत्नी मृणालिनी को भी खो दिया था और उसके बाद उन्होंने कभी विवाह नहीं किया।
रबीन्द्रनाथ टैगोर के काम और सफलताएं (Rabindranath Tagore’s Works and Successes)
रबीन्द्रनाथ टैगोर ने 16 साल की कम उम्र से ही नाटक की दुनिया में कदम रखा और 20 साल में उन्होंने अपना असली नाटक ‘वाल्मिकी प्रतिभा’ तैयार किया। उनके असाधारण नाटकों में से एक है ‘विसर्जन’ जिसको 1890 में लिखा गया था, उनके सर्वश्रेष्ठ नाटकों में से एक माना जाता है। टैगोर ने 16 साल में लघु कहानी लिखना शुरू कर दिया था और पहली कहानी ‘भिखारिनी’ थी। उन्हें बांग्ला में लघु कहानियां लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साल 1891 और 1895 के बीच उनके द्वारा लिखी गई प्रभावशाली 84 कहानियां शामिल हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लगभग आठ उल्लेखनीय उपन्यासों का निर्माण किया। उनकी ‘गीतांजलि’ कविता ने उन्हें और भी सफलता दिलाती है, इसकी वजह से उन्हें साल 1913 में नोबल पुरस्कार मिला था। उनके द्वारा लगभग 2230 गाने लिखे गए हैं, जिन्हें ‘रवीन्द्रसंगीत’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने भारत के राष्ट्रगान, जन गण मन जैसी बेहतरीन रचना की है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Rabindranath Tagore in Hindi)
- टैगोर जी अपने माता-पिता की 13 संतानों में सबसे छोटे थे।
- रबीन्द्रनाथ टैगोर ने सिर्फ 8 साल कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था।
- ‘शांतिनिकेतन’ की स्थापना रबीन्द्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर ने की थी जो पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है।
- 14 जुलाई 1930 में टैगोर ने अल्बर्ट आइंस्टीन से उनके घर पर मुलाकात की थी।
- साल 1915 में रबीन्द्रनाथ टैगोर को किंग जॉर्ज पांच द्वारा नाइटहुड से सम्मानित किया गया था।
- रबीन्द्रनाथ टैगोर के नाम पर कुल 8 म्यूजियम हैं, जिनमें से तीन भारत में और पांच बांग्लादेश में हैं।
- रबीन्द्रनाथ टैगोर ने 60 साल की उम्र के बाद से चित्रकारी करना शुरू किया था।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. रबीन्द्रनाथ टैगोर के बेहतरीन साहित्यिक काम कौन से हैं?
रबीन्द्रनाथ टैगोर के बेहतरीन साहित्यिक कृतियों में ‘गीतांजलि’, ‘द होम एंड द वर्ल्ड’, ‘द गार्डनर’, ‘काबुलीवाला’ और नाटक में ‘द पोस्ट ऑफिस’ शामिल हैं।
2. रबीन्द्रनाथ टैगोर के घर का उपनाम क्या था?
रबीन्द्रनाथ टैगोर के घर पर उन्हें सब ‘रबी’ बुलाते थे।
3. टैगोर के पिता द्वारा शांतिनिकेतन में स्थापित विश्वविद्यालय का क्या नाम है?
रबीन्द्रनाथ टैगोर के पिता ने शांतिनिकेतन में ‘विश्वभारती विश्वविद्यालय’ की स्थापना की थी।
रबीन्द्रनाथ टैगोर के इस निबंध से हमेंं क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From the Rabindranath Tagore Essay?)
रबीन्द्रनाथ टैगोर के इस निबंध से बच्चों को इतिहास में मौजूद महान कवि, रचनात्मक व्यक्ति और देश प्रेमी के बारे में जानकारी मिलेगी। वे बच्चों के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है इनका साहित्य की दुनिया में बड़ा योगदान रहा है। इस निबंध के माध्यम से बच्चे रबीन्द्रनाथ टैगोर के जीवन और उनके व्यक्तित्व के बारे में गहराई से जान सकेंगे और एक अच्छा निबंध लेख तैयार कर सकेंगे।