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भारत के इतिहास में विभिन्न राजाओं महाराजाओं द्वारा ऐसी कई इमारतों का निर्माण करवाया गया था जिससे उस समय की कला और संस्कृति का पता चलता है। महापुरुषों या ऐतिहासिक इमारतों पर निबंध बच्चों को लिखने के लिए इसलिए दिए जाते हैं कि वे अपने देश की म्हणता, संपन्नता और धरोहर पर गर्व कर सकें। लाल किला भारत की प्राचीन धरोहर है जो राजधानी दिल्ली में स्थित है। इस इमारत का निर्माण मुगल शासन काल में हुआ था जिसमें उस समय का भारत कैसा था पता चलता है। इस लेख के जरिए आपके बच्चे को लाल किला पर निबंध अलग-अलग तरीके से कैसे लिखा जा सकता है, इसके बारे में जानकारी मिलेगी।
आए दिन बच्चों को स्कूल में निबंध लिखने को मिलता रहता है और ऐसे में यदि आपके बच्चे को भी निबंध लिखने को मिला है जो लाल किला के विषय में है तो आगे हमने लाल किला पर 10 लाइन बताया है, इसे पढ़कर आप मदद ले सकते हैं।
यदि आपका बच्चा क्लास 2 या 3 क्लास में पढ़ता है और आप उसके लिए लाल किला पर एक छोटा निबंध कैसे लिखा जाए जानना चाहते हैं तो यहां पर 200-300 शब्दों में बेहद सरल भाषा में इसके बारे में बताया गया है, निबंध लिखने में आप इसे मदद ले सकते हैं।
लाल किला हमारे भारत की प्राचीन स्मारक है जिसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने करवाया था। यह नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित हैं। इस स्मारक का निर्माण लाल पत्थर से कराया गया था इसलिए इसी वजह से इसका इमारत का नाम लाल किला है।
ऐसा कहा जाता है कि जब भारत में मुगलों का शासन शुरू हुआ तो उन्होंने अपनी वास्तुकला का प्रचार करने के लिए कई इमारतों का निर्माण करवाया। जिनमे से एक लाल किला भी है। शाहजहां ने इसका निर्माण 1648 में अपनी पांचवी राजधानी के रूप में बनवाया था। जिसमे संग्रहालय, दीवान-ए आम आदि का निर्माण कराया गया था। इस इमारत को बनाने में उन्होंने बहुमूल्य पत्थर, कई तरह की नवीन कारीगरी की गई थी और इन कारीगरों को बाहर से बुलाया गया था। इस इमारत में महारानियों के लिए एक खास कक्ष का निर्माण कराया गया था जिसे मोती महल के नाम से जाना जाता था। इस किले का वास्तविक नाम किला-ए-मुबारक था जिसे अंग्रेजों ने बदल कर लाल किला कर दिया। इसकी कारीगरी को देखकर वर्ष 2007 में इसे विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। इस किला को ‘रेड फोर्ट’ के नाम से भी जाना जाता है।
आज इस इमारत को भारत के लिए बहुत खास माना जाता है क्योंकि यहीं से हमारे भारत का स्वतंत्रता दिवस पूरे धूमधाम से मनाया जाता है और देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। ऐसी जगहों का भ्रमण हम अपने बच्चों को जरूर कराना चाहिए ताकि वे भी अपने इतिहास के बारे में जान सके
यदि आपके बच्चे को लाल किला पर निबंध लिखने को कहा गया है और आप इसलिए इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं कि 400-500 शब्दों में एक प्रभावी निबंध कैसे लिखा जाए तो आपको हमारा यह आर्टिकल अवश्य पढ़ना चाहिए। जिसमे हमने लाल किला के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की है।
मुगल बादशाह शाहजहां के शासन काल में भारत में कई इमारतों का निर्माण करवाया गया था जिनमें से एक दिल्ली का लाल किला भी है। लाल किला जिसे हम ‘रेड फोर्ट’ के नाम से भी जानते हैं भारत के कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इसका निर्माण शाहजहां ने 1638 में शुरू करवाया था और इसे बनने में लगभग 10 साल लगे थे। यह इमारत वास्तुकला का नायाब नमूना है। इस इमारत में फारसी, हिंदी और तैमूर इन तीनों वास्तुकलाओं का संयोजन है।
लाल किला का निर्माण शाहजहां ने अपने बेटे के लिए करवाया था। यह शाहजहां की पांचवी राजधानी के रूप में बनाया गया था। जिसका उत्तराधिकारी शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह को बनाया गया था। यह दिल्ली के एक बड़े भू भाग में बनाया गया था जिसमें प्रवेश के लिए दो द्वार, बड़े बागान, महल, मस्जिद आदि का निर्माण करवाया गया था।
मुगल शासकों इमारतों की खास बात यह थी कि वे सभी में मस्जिद का निर्माण जरूर करवाते थे। लाल किला को लाल बलुआ पत्थरों से बनवाया गया था। साथ ही इसके निर्माण में बहुमूल्य पत्थरों का उपयोग हुआ था जिसे अंग्रेजों ने लूट लिया। इस किले का वास्तविक नाम किला-ए-मुबारक था जो बदलकर लाल किला रख दिया गया था। इसकी संरचना उस्ताद अहमद लाहौरी द्वारा की गई थी। लाल किला की दीवारों पर विशेष तरह की नक्काशी भी गई थी। इन सभी तथ्यों को देखकर ही इसे 2007 में विश्व धरोहर में शामिल किया गया था।
लाल किला में ऐसी सरचनाएं हैं जो इस किले की विशेषता को बयां करती है। लाल किले के अंदर एक संग्रहालय, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आलम, मोती मस्जिद, रंग महल आदि का निर्माण करवाया गया था। इसके साथ ही इसमें प्रवेश के लिए दो खास दरवाजे थे। एक नाम ‘लाहौरी दरवाजा’ जो किले का मुख्य दरवाजा था और एक ‘दिल्ली दरवाजा’ जिसकी संरचना मुख्य दरवाजे की ही तरह थी। यहां पर रानियों के रहने के लिए भी दो अलग कक्ष थे जिसे मुमताज महल और रंग महल कहा जाता था।
आज लाल किला भारत का मुख्य दर्शन स्थल है। जिसे हर वर्ष पर्यटक देश हो या विदेश सभी जगह से देखने के लिए आते हैं। राजनीतिक दृष्टि से भी यह इमारत हमारे लिए खास है क्योंकि भारत की आजादी का पहला तिरंगा हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा यहीं से फहराया गया था और यह प्रथा आज भी चली आ रही है। लाल किले से हर वर्ष हमारे प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं और भाषण देते हैं। इसके साथ ही इस दिन भव्य जुलूस का भी आयोजन होता है। आज यह इमारत लोगों के लिए बहुत खास है। यहां पर लोगों के मनोरंजन के लिए लाइट शो का आयोजन किया जाता है।
शाहजहां ने 1638 से 1648 के दौरान करवाया था।
दिल्ली में
किला-ए-मुबारक
500 रुपए के नोट पर
वर्ष 2007 में
लाल किला हमारे इतिहास की वास्तुकला का एक भव्य उदाहरण है जिससे हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है। इस निबंध से बच्चे यह सीख सकते हैं की हमें अपने इतिहास के बारे में जानना चाहिए कि इतिहास में राजाओं ने किन परिस्थितियों में इन इमारतों का निर्माण करवाया था। साथ ही पेरेंट्स को भी चाहिए कि वो अपने बच्चों को ऐसी जगहों का भ्रमण जरूर कराएं ताकि बच्चे अपने इतिहास के बारे में जानें और इस क्षेत्र में अपना ज्ञान और बढ़ा सकें।
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