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दुनिया भर में कई ऐसी प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं, जिनकी वजह से सब कुछ तहस-नहस और बर्बाद हो जाता है। भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की तरह ही सुनामी भी एक भयंकर महाविपदा है। समुद्र में जन्म लेने वाली ऊंची लहरों जिनके कारण आसपास सर्वनाश हो जाए, उस आपदा को सुनामी कहते हैं। सुनामी शब्द जापान से लिया गया है। इस आपदा में समुद्र की सतह के नीचे तेज कंपन होता और ऊंची-ऊंची लहरें जैसे आसमान को छू रही हों ऐसा प्रतीत होता है और यही लहरें विनाश का कारण बनती हैं। समुद्र में आने वाले भूकंप को सुनामी को उत्पन्न करने का कारण कहा जाता है। यह आपदा बेहद खतरनाक है और इससे बहुत नुकसान भी हुआ है। भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने इस प्राकृतिक आपदा का कहर झेला है। इस लेख में सुनामी पर हमने निबंध के कुछ सैंपल दिए हैं ताकि आपके बच्चों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।
किसी भी निबंध को लिखने के लिए अहम बिंदु की जानकारी होना जरूरी है। सुनामी से जुड़ी 10 अहम बातों को नीचे बताया गया है, इसके उपयोग से बच्चे अच्छा निबंध लिख सकेंगे।
सुनामी के प्रकोप से बच पाना मुश्किल है, लेकिन कम शब्दों में इसकी जानकारी हासिल करना आसान है। इसलिए नीचे दिए कम शब्दों वाले निबंध को ध्यान से पढ़ें।
सुनामी लहरों की एक श्रृंखला होती है जो आमतौर पर महासागर या समुद्र की सतह में भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, ग्लेशियर का गिरना या उल्कापिंड के प्रभाव से उत्पन्न होती है। ‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा से लिया गया है। सुनामी को सबसे खतरनाक और विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है। जिस भी क्षेत्र और देश में यह आती है वहां आस-पास सब बर्बाद कर देती है। यह ज्यादातर समुद्र में उत्पन्न होने वाले भूकंप से जन्म लेती है और इसके आगमन से कई देशों में डर पैदा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसे रोकने या इससे बचने का कोई भी आधुनिक उपाय अभी तक सामने नहीं आया है। इसकी शुरुआत समुद्र से होती है और धीरे-धीरे यह अपने अंदर पहाड़, नदी, मलबे सभी को समाहित करती हुई आगे बढ़ती है इसलिए इसे बेहद ही खतरनाक माना जाता है। ऐसा माना गया है कि सुनामी को सबसे पहले ग्रीक लोगों ने महसूस किया था। सुनामी के समय समुद्र की लहरें बहुत ऊंची उठती हैं। जो देश समुद्र के करीब होते हैं वहां पर सुनामी का खतरा और भी बढ़ जाता है। 26 दिसंबर 2004 में भारत में सुनामी आई थी और इसमें 12 हजार से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गवां दी थी और साथ ही लाखों की संपत्ति बर्बाद हो गई थी। इस सुनामी का केंद्र हिन्द महासागर में इंडोनेशिया के पास था और इसका असर सुदूर अफ्रीका तक महसूस किया गया था। इस सुनामी में भारत व इंडोनेशिया सहित श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, मालदीव, बांग्लादेश सहित कई देशों में भयंकर तबाही मचाई थी और लाखों लोग काल के ग्रास में समा गए थे।
सुनामी एक बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा है, जिसके लिए कोई भी तैयार नहीं हो सकता है। ये अपने साथ विनाश लेकर आती है और सब कुछ बिखर जाता है। इसके बारे में अगर आपके बच्चे को विस्तार में निबंध लिखना है तो नीचे दिए गए सैंपल से आपको जरूर मदद मिलेगी।
समुद्र में जब भूकंप की कंपन्न होता है तो उस कारण उसमें ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं। जब उन लहरों पर हवा का दवाब अधिक होता है तो उनकी गति बढ़ जाती है और भयंकर रूप ले लेती है, जिसे सुनामी कहा जाता है। यही नहीं जब कभी ज्वालामुखी फटता है, उसकी वजह से भी पृथ्वी कांप उठती है जिससे सुनामी का खतरा बढ़ जाता है। इस प्राकृतिक आपदा को बेहद खतरनाक माना जाता है, जिसकी वजह से हजारों-लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं और उनका बसाया हुआ संसार पूरी तरह से उजड़ जाता है। इसमें घर, इमारतें, सड़कें, पेड़ सब तहस-नहस हो जाते हैं। इतना ही नहीं इसका भगवान द्वारा बनाई गई प्राकृतिक चीजों पर भी पड़ता है, जैसे पहाड़, नदी, जंगल आदि। अभी तक इस आपदा को रोकने के लिए कोई भी आधुनिक तकनीक नहीं बन पाई है।
दुनिया भर में कई ऐसे प्राकृतिक आपदाएं हैं जिनके कारण सुनामी उत्पन्न होती है।
जब समुद्र तल पर भूकंप आता है तो उसमें बहुत तेज कंपन्न होता है। इससे समुद्र के मध्य भाग से छोटी-छोटी लहरें उत्पन्न होती है और तट पर पहुंचते-पहुंचते वह लहरें बहुत अधिक बड़ी और तेज रफ्तार में आगे बढ़ने लगती हैं।
जब कभी भी समुद्र के आस-पास लैंडस्लाइड होती है तो पत्थर, मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े समुद्र के पानी मे गिरते हैं। यही सब समुद्र के अंदर बड़ी-बड़ी लहरों को उत्पन्न करते हैं जो बाद में सुनामी का रूप ले लेता है।
समुद्र के तट पर या किसी टापू पर मौजूद ज्वालामुखी फटता है तो उससे निकलने वाला लावा पानी को बड़ी मात्रा में प्रभावित करता है। ऐसे होने से समुद्र के पानी में बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न होती और सुनामी का खतरा बढ़ जाता है।
जब सुनामी की तेज लहरें घरों और इमारतों से टकराती हैं तो सब कुछ टूटकर बिखर जाता है। इससे इंसानों के मेहनत से बनाए घर, संपत्ति सब नष्ट हो जाते हैं। इसकी चपेट में आने वाले आस-पास रहने वाले लोग अपना सब कुछ गवां देते हैं।
सुनामी बहुत ज्यादा खतरनाक प्राकृतिक आपदा है और इसकी चपेट में आने वाले लोग अपना घर द्वार खोने के अलावा अपनी जान भी गवां देते हैं। इसके प्रभाव से कई लोगों की जान चली जाती है या फिर कुछ लोग मलबे के नीचे फंसे रह जाते और समुद्र में बह जाते हैं।
यह बात तो स्पष्ट है कि जिस देश में सुनामी का प्रकोप होता है वह पूरी तरह से बेहाल हो जाता है। देश में रहने वाले लोगों का दैनिक जीवन, उनकी सुरक्षा, खाना, राहत सामग्री, दवाइयों के इंतजाम में अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। जिन क्षेत्रों का पूरी तरह से विनाश हो गया उनका फिर से निर्माण करने में बहुत खर्चा होता है।
सुनामी की वजह से पानी दूषित हो जाता है और खाना कम पड़ने लगता है, जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह दूषित पानी कई तरह के रोगों को जन्म देता हैऔर इससे मलेरिया और हैजा जैसे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ता है। प्रभावित लोगों को एक साथ राहत शिविरों में रखा जाता है जिससे बीमारियां आसानी से फैल सकती हैं।
सुनामी हमारे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालती है। समुद्र के आस-पास के शहर इससे प्रभावित होकर एक बंजर जमीन बन जाते हैं। यह न सिर्फ इमारतों पर असर डालती है बल्कि जंगल भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। पेड़ नष्ट हो जाते हैं, जिससे लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे प्राकृतिक बदलाव की वजह से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है।
इस निबंध में हमने सुनामी के प्रकोप की गंभीरता के बारे में जानकारी हासिल की और बच्चों को भी इसके बारे में विस्तार से बताया है। ताकि अगर उनसे कोई इसके बारे में पूछता है या फिर लिखने को कहता है तो वह आसानी से लिख सके। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि आपके बच्चे के लिए यह निबंध मददगार साबित हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
सुनामी की लहरें लगभग 800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा करती हैं।
जापान में सुनामी का सबसे लंबा इतिहास दर्ज किया गया है।
सुनामी शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘हार्बर वेव’ है।
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