शिशु

फॉर्मूला फीडिंग के संबंध में आवश्यक जानकारी

फॉर्मूला दूध देने का निर्णय करना अपने आप में एक महत्वपूर्ण निर्णय है, और वास्तव में इसे व्यवहार में लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य भी हो सकता है! लेकिन चिंता मत कीजिए; हमारे निम्नलिखित सुझावों की मदद से फॉर्मूला फीडिंग आपको आसान लगने लगेगा!

नई माताओं को आमतौर पर ऐसी ढेर सारी तस्वीरें दिखाई जाती हैं जिसमें बच्चे आनंदित होकर माँ के स्तनों से स्तनपान कर रहे है जबकि माँ मुस्कुराते हुए देख रही है। जबकि स्तनपान निश्चित रूप से सर्वोत्तम होता है और इसके लिए यदि कुछ प्रयास करने पड़ें तो वे भी योग्य होते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियाँ स्तनपान के लिए अनुकूल नहीं होती हैं और शिशु के लिए पोषण हेतु अतिरिक्त स्रोत की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे समय पर फॉर्मूला दूध के उपयोग की आवश्यकता होती है।

फॉर्मूला दूध का उपयोग क्यों करें?

फॉर्मूला फीड का निर्णय लेना आसान नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में, यह एकमात्र विकल्प होता है। ऐसा तब हो सकता है जब माँ या तो मानसिक या शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो या कुछ ऐसी दवाएं ले रही हो जो बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती हैं। यदि एक महिला स्तनपान कराते समय गर्भवती हो जाती है, और भ्रूण का स्वास्थ्य दांव पर लगा हो, तो उसे स्तनपान रोकने की सलाह दी जा सकती है। कभीकभी सभी प्रयासों के बावजूद, माताएं अपने बच्चों को पिलाने के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं कर पाती हैं। ऐसे परिदृश्य में, उन्हें स्तन से दूध के साथ एक प्रमुख फीड के रूप में फॉर्मूला का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

हालांकि स्तनपान के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं, लेकिन फॉर्मूला फीडिंग की अपनी उपयुक्तता है यह यात्रा के लिए सबसे बेहतर है, यह बच्चे का पेट अधिक समय तक भरा रखता है, इससे फीड बार बार नहीं देना पड़ता और ये किसी भी सदस्य के द्वारा तैयार किया जा सकता है, जैसे पिता पिता अगर दूध तैयार करते है तो यह क्रिया पिता और बच्चे बीच के बंधन को मजबूत करता है ।

लेकिन फॉर्मूला फीडिंग की कई चुनौतियां होती हैं, जो भ्रमित करनेवाली भी हो सकती हैं!

फॉर्मूला फीडिंग के लिए विशेषज्ञों की सलाह

  • सही फॉर्मूला चुनें: अधिकांश फॉर्मूला ब्रांडों में समान घटक होते हैं, हालांकि उनमें से कुछ में सुदृढ़ीकरण के लिए अतिरिक्त लौह या विटामिन के हो सकता है। आप अपने बच्चे के लिए सबसे उपयुक्त फॉर्मूला खोजने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। एलर्जी वाले बच्चों के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। लेकिन गाय के दूध से दूर रहें; यह 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के लिए पचने के योग्य नहीं होता है।
  • सही बोतल चुनें: एक बोतल जिसे आप अपने बच्चे को पिलाने के लिए इस्तेमाल करेंगे, वह उस बोतल से अलग तरह से डिजाइन की जाएगी जिसे बच्चा खुद पकड़ सकता है। अपनी वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार एक उपयुक्त शैली और आकार की बोतल चुनें। हर फीडिंग के बाद हमेशा बोतल और टीट (निप्पल) स्टेरलाइज़ करें। आप उबलते हुए पानी में डालकर या उपयुक्त स्टीम स्टेरलाइज़र का उपयोग कर घर पर बोतलों को स्टेरलाइज़ (कीटाणूरहित) कर सकते हैं। वे अलगअलग प्रकार में उपलब्ध है। विशेष रूप से फॉर्मूलाफीड दिए जाने वाले बच्चों के लिए अधिक बोतलों की आवश्यकता होगी, इसलिए पहले ही ज्यादा लाकर रखें।
  • फॉर्मूला को सही ढंग से तैयार करें: चाहे आप केवल फॉर्मूला फीडिंग कर रहे हों या इसे मुख्य फीड के रूप में उपयोग कर रहे हों, अपने डॉक्टर से अपने बच्चे की ज़रूरत के अनुसार फॉर्मूला की मात्रा के बारे में पूछें। जैसेजैसे वह बढ़ेगा, उसकी भूख भी बढ़ेगी, इसलिए उसकी भूख के संकेतों पर नज़र रखें। पैकेज के निर्देशों के अनुसार ही फॉर्मूला मिल्क तैयार किया जाना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि यह बच्चे की सेहत पर असर डाल सकता है। फॉर्मूला जो बहुत ज्यादा गाढ़ा होता है, वह निर्जलीकरण (पानी की कमी) और कब्ज कर सकता है, जबकि बहुत पतले फॉर्मूला का मतलब यह हो सकता है कि आपके बच्चे को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है। यदि आपका बच्चा उल्टी होने तक बोतल से दूध चूस रहा है, तो आप मात्रा थोड़ी कम कर सकते हैं, और यह देखें कि क्या इससे उसे अधिक आरामदायक महसूस होता है।
  • बोतल और बच्चे को एक उपयुक्त कोण में पकड़ें: आपके और आपके बच्चे के लिए एक अधिक प्राकृतिक अनुभव सुनिश्चित करने के लिए ये बेहतर है कि फॉर्मूला फीडिंग कुछ इस तरीके से किया जाए कि वो स्तनपान की तरह ही हो। अपने दूसरे हाथ के मोड़ से अपने बच्चे को सहारा देते हुए बोतल को 45 डिग्री के कोण पर एक हाथ से पकड़ने की सलाह दी जाती है। घुटन और कान के संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए बच्चे के सिर को थोड़ा सा ऊपर उठाया जाना चाहिए। इन्हीं कारणों से, अपने बच्चे को बोतल मुँह में लगाकर अकेले छोड़ने से बचें; लंबे समय तक चूसने से भी नर्सिंग कैरीज़ (दाँतों की सड़न का एक रूप) हो सकता है और उसके दाँतों को खतरा पहुँचा सकता है।
  • फॉर्मूला को फिर से गरम न करें: फॉर्मूला दूध की समय सीमा सीमित होती है; अधिक जानने के लिए फॉर्मूला मिल्क की पैकेजिंग को ध्यान से पढ़ें। अधिकांश ब्रांड फॉर्मूला को फिर से गरम करने के लिए सख्ती से मना करते हैं और इसकी समय सीमा डेढ़ से तीन घंटे तक बताते है। यदि आपके पास निर्धारित समय सीमा से पुराना फॉर्मूला है, तो उसे फेंक दें और एक ताजा मिश्रण तैयार करें। यात्रा करते समय, पानी और फॉर्मूला को अलगअलग ले जाएं और जब आवश्यक हो तब तैयार करें; यह बोतल में पूर्व मिश्रित फॉर्मूला ले जाने से अधिक सुरक्षित है।
  • 12वें महीने में दूध छुड़ाने की शुरूआत करें: 1 वर्ष की आयु में, आपके बच्चे का शरीर गाय के दूध को पचाने के लिए तैयार हो जाता है लेकिन फॉर्मूला से अचानक बदल कर दूध शुरु करने से शिशु प्रतिरोध कर सकता है। गाय के दूध की थोड़ी मात्रा को फॉर्मूला में मिलाने से शुरू करें, और फिर धीरेधीरे इसे बढ़ाएं ताकि आपके बच्चे को नए स्वाद के साथ आदी होने का समय मिले।

फॉर्मूला फीडिंग कराए गए बच्चों का मल स्तनपान कराए गए बच्चों के मल से अलग दिखता है और इसकी गंध भी अलग होती है; फॉर्मूला फीडिंग कराए गए बच्चों का मल आमतौर पर सख्त होता है। यदि आपका बच्चा फीडिंग करते समय रोता है या हर बार दूध पिलाने के बाद उल्टी करता है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। बच्चे को एलर्जी हो सकती है, या आप जिस ब्रांड का फॉर्मूला उपयोग कर रहे हैं, उसकी वजह से उसे गैस हो रही है। आपका डॉक्टर इसका एक विकल्प सुझाएगा।

श्रेयसी चाफेकर

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