गर्भधारण

गर्भधारण करने के लिए कूल्हों के नीचे तकिया रखना: क्या यह काम करता है?

कई महिलाओं को बहुत प्रयासों के बाद भी गर्भधारण करने में मुश्किल होती है। आपने गर्भधारण से जुड़ी ढ़ेरों अफवाहें सुनी होंगी, इसलिए यह समझना बहुत मुश्किल हो जाता है कि किस बात पर यकीन किया जाए और किस पर नहीं। हालांकि, अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, तो संभोग के दौरान या तुरंत बाद आप अपने कूल्हे के नीचे तकिया रखें, तो गर्भधारण की प्रक्रिया तेजी से काम करती है। कुछ स्टडीज से यह संकेत मिलता है कि कूल्हों के नीचे तकिया रखने से आपके गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। आप इस तरीके को आजमा सकती हैं, क्योंकि इससे आपको कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा। इसे बारे में अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ना जारी रखें।

क्या कूल्हों के नीचे तकिया रखने से महिलाओं को गर्भधारण करने में मदद मिल सकती है?

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि कुछ स्टडीज के अनुसार कूल्हों के नीचे तकिया रखने और एक दीवार की ओर अपने पैरों को उठाने से महिलाओं को गर्भधारण करने में मदद मिलती है। यहाँ आपको इससे जुड़ी कुछ जानकारीयां दी गई हैं जो गर्भधारण में आपकी मदद कर सकती हैं।

1. वजाइनल पीएच

आपकी योनि का एनवायरमेंट एसिडिक होता है जिसकी वजह से शुक्राणु (स्पर्म) का सर्वाइव करना मुश्किल हो जाता है। स्पर्म एल्कलाइन एनवायरमेंट पसंद करते हैं और इसलिए जितनी जल्दी हो सके इन्हें वजाइनल एसिडिटी से दूर जाने की जरूरत होती है। जब तक कि शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुँचते हैं और फैलोपियन ट्यूब में इसे फर्टिलाइज नही कर लेते हैं, तब तक सर्वाइकल म्यूकस वजाइनल एसिडिटी से होने वाले डैमेज को रोकने में मदद करता है। संभोग के तुरंत बाद कूल्हों के नीचे एक तकिया रखने से गर्भधारण की प्रक्रिया तेज हो जाती है और शुक्राणु को वजाइनल एसिडिटी से प्रभावित होने से रोकती है।

2. शुक्राणु की क्वालिटी

पैरों को ऊपर उठाना और अपने कूल्हों के नीचे एक तकिया रखने से गर्भधारण की संभावना बढ़ती है अगर शुक्राणु की क्वालिटी उतनी अच्छी न हो उसके बावजूद भी।

3. सर्वाइकल म्यूकस

सर्वाइकल म्यूकस वजाइनल एसिडिटी से स्पर्म की रक्षा करता है। यदि सर्वाइकल म्यूकस कम है, तो कूल्हे के नीचे तकिया रखने की पोजीशन योनि के संपर्क में आए बिना स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब तक सीधे पहुँचाने में मदद कर सकती है।

इस पोजीशन में आपको कितनी देर रहने की जरूरत है?

चूंकि यह तरीका स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब तक तेजी से पहुँचाने में मदद करता है, इसलिए यह अंडे को फर्टिलाइज कर सकता है यदि आप पहले से ही ओवुलेशन कर रही हैं। रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में शुक्राणु 3 से 5 दिनों तक जीवित भी रह सकते हैं। यदि आप इस समय के आसपास ओव्युलेट करती हैं, तो आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। कोशिश करें कि आप इस पोजीशन में कम से कम 30 मिनट तक रहें।

आपके गर्भधारण करने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है। केवल कुछ ही मामले हैं जिनमें स्टडीज  ने साबित किया है कि गर्भधारण का यह तरीका सच में काम करता है। इसलिए, अगर यह तरीका काम न करें तो निराश न हों बल्कि बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर के पास जाएं और उनकी मदद से अच्छा ट्रीटमेंट लें।

स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३

यह भी पढ़ें:

प्रेग्नेंट होने मैं कितना समय लगता है

समर नक़वी

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

1 day ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

1 day ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

1 day ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

1 week ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

1 week ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago