घर पर बच्चों की सुरक्षा के लिए 10 टिप्स

घर में बच्चों की सेफ्टी के लिए 10 जरुरी टिप्स

बच्चों के लिए घर सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह है पर इसका मतलब यह नहीं है कि घर में अन्य किसी भी वजह से बच्चों को चोट नहीं लग सकती है। कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि आपका बच्चा घर में अकेला हो इसलिए उसकी सेफ्टी के लिए आपको अपने घर को पूरी तरह से सुरक्षित कर लेना चाहिए। बच्चे के लिए घर को सुरक्षित करने के कुछ टिप्स निम्नलिखित हैं जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।

घर में बच्चों के लिए 10 सेफ्टी टिप्स 

घर में बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए यहाँ कुछ टिप्स बताए गए हैं, आइए जानें;

1. बच्चों को पानी में कभी अकेला न छोड़ें 

बच्चों या टॉडलर को पानी में खेलना अच्छा  लगता है पर उन्हें बाथटब या पूल में खेलने के लिए अकेले छोड़ देना सही नहीं है। ऐसे में अनायास ही बच्चे को कोई भी हानि हो सकती है, जैसे वह पानी में डूब सकता है या उसे चोट लग सकती है। यदि आपको जल्दबाजी में अपना फोन भी उठाना है तो भी बच्चे को पानी में अकेला न छोड़ें।

2. सभी सॉल्यूशन और केमिकल वाले चीजों को बच्चों से दूर रखें 

बच्चे उत्साह से भरे होते हैं और कभी-कभी उनकी यह उत्सुकता उन्हें ही चोट पहुँचा सकती है। घर में उपयोग किए जाने वाले डिटर्जेंट और पेस्टिसाइड्स में सुगंध हो सकती है और आपका बच्चा यह जानने के लिए उत्सुक हो सकता है कि यह क्या है और कैसा होता है जिसकी वजह से वह बोतल या कंटेनर को छू सकता है या उसके साथ छेड़खानी कर सकता है। ऐसा करते समय बच्चे इसके हानिकारक वेपर्स को अपने अंदर ले सकते हैं या इसे मुंह में डाल सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप इन सभी चीजों की बोतल, पैकेट्स और कंटेनर को कैबिनेट को ताला लगा दें या फिर इसे ऐसी जगह रखें जहाँ आपका बच्चा पहुँच न पाए। 

3. बच्चों का बिस्तर व्यवस्थित रखना चाहिए 

अक्सर लोग अपने बच्चे के बिस्तर पर बहुत सारी तकियां, सॉफ्ट टॉयज और ब्लैंकेट रखते हैं। छोटे बच्चों में अपने एक्शन को कंट्रोल करने की क्षमता व ताकत नहीं होती है और इससे बिस्तर पर रखी सभी चीजें बच्चे के ऊपर भी आ सकती हैं। बच्चा ब्लैंकेट, सॉफ्ट टॉयज और तकियों के नीचे दब सकता है जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि बच्चे के बिस्तर में सभी ब्लैंकेट और चादरें बेड में दबी हुई हों। बच्चे का एक खिलौना उसके बिस्तर पर रखें ताकि वह खेल सके और बाकी सारे खिलौने उससे दूर रखें।

4. घर के सभी स्विच और प्लग चाइल्डप्रूफ होने चाहिए 

आपको अपने बच्चों को एक और चीज के बारे में बताना चाहिए और वह चीज है ‘करंट’ (बिजली)। बिजली के सॉकेट, स्विच या प्लग घर में उपयोग की जाने वाली ऐसी चीजें हैं जिसमें आपका बच्चा उंगली डाल सकता है या इसमें उसे हानि हो सकती है। इसके अलावा बिजली की किसी भी डिवाइस या केबल के साथ वह खेल सकता है और अपने मुंह में भी डाल सकता है। इससे बच्चे को हानि हो सकती है इसलिए मुख्य रूप से आप इस बात का ध्यान रखें कि आपके घर में बिजली के सभी तार और अन्य चीजें सही तरीके से व्यवस्थित हों। आप घर के सभी सॉकेट को हर समय कवर करके रखें। अपने बच्चे को बिजली और इसके खतरे के बारे में बताएं।

5. बच्चों के मिनिएचर आइटम और खिलौने सुरक्षित स्थान पर रखने चाहिए 

बच्चे अक्सर कुछ न कुछ नया खोजने और इधर-उधर घूमने, नई चीजें छूने व अपने मुंह में डालने का प्रयास करते हैं। कभी-कभी बच्चे ऐसी चीजों को बहुत कसकर पकड़ते हैं या अपने मुंह में भी डाल सकते हैं। इस प्रकार से कोई भी छोटी सी चीज आपके बच्चे के गले में अटक सकती है या इससे बच्चे को चोकिंग भी हो सकती है। इसलिए इस प्रकार के खिलौनों या किसी भी शोकेस को ऐसी जगह पर न रखें जहाँ आपका बच्चा पहुँच सकता है। सिर्फ टॉयज ही नहीं बल्कि बच्चे को खाना खिलाते समय भी इस बात का खयाल रखें कि खाने का कोई भी टुकड़ा उसके गले में न अटके और भोजन में बहुत छोटे टुकड़े हों ताकि बच्चा उसे आसानी से निगल सके।

6. घर में स्मोक-अलार्म लगा होना चाहिए 

यहाँ तक कि घर में कोई भी खतरा हो सकता है और इन सब में आग लगना सबसे खतरनाक है। आग लगने पर धुंए की वजह से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है जिससे कोई भी बेहोश हो सकता है और वह जल भी सकता है। घर में स्मोक अलार्म लगवाने से यदि घर में कहीं भी आग लगती है तो आपको तुरंत पता चल जाएगा और आप जितना संभव हो उतना जल्दी मदद कर सकती हैं। जैसे ही अलार्म बजता है तुरंत आप बच्चों को घर से बाहर निकालें ताकि आग बढ़ने से पहले बच्चे बाहर सुरक्षित हों। 

7. घर में लगे सभी दरवाजे और खिड़कियों को सिक्योर करके रखें

जब बच्चे घुटनों के बल पूरे घर में घूमते हैं तो उन्हें नहीं पता होता है कि वे कहाँ जा रहे हैं और कोई भी दरवाजा या खिड़की कैसे खुलेगी या बंद होगी। ऐसा हो सकता है कि आपके बच्चे का हाथ खिड़की या दरवाजे के गैप्स में फंस जाए और उसे चोट भी लग सकती है। या वे ऊपर से नीचे देखें और अचानक से खिड़की खुल जाए तो इससे भी बच्चे को चोट लग सकती है या वह गिर सकता है। इसलिए आप अपने घर के सभी दरवाजे या खिड़कियों में प्रिवेंटिव लॉक्स लगवाएं जिससे सिक्योरिटी बनी रहे और यह आसानी से न खुलें। यदि आपके घर में सीढ़ियां हैं तो बच्चे को ऊपर चढ़ने से रोकने के लिए आप इसमें बैरियर लगवा दें।

8. बच्चों को पालतू जानवर के साथ खेलते समय ध्यान रखें 

घर में पले हुए जानवर बच्चों से बहुत जल्दी फ्रेंडली हो जाते हैं और बच्चे भी उनके लिए स्नेह व केयर का भाव रखते हैं। पर पालतू जानवर भी मूड़ी होते हैं और उन्हें हमेशा आपका व्यवहार अच्छा नहीं लग सकता है। बच्चे अक्सर जानवरों के हाव-भाव को नहीं समझ पाते हैं और उनके साथ टॉयज जैसा व्यवहार कर सकते हैं। आप अपने बच्चे को बताएं कि जब जानवर शोर मचाता है या असुविधाजनक महसूस करता है तो वह उससे दूर रहे। बच्चे को बताएं कि यदि जानवर खाना खा रहा है तो वह उसे बिलकुल भी परेशान न करे या जानवर के सोते समय भी उसे परेशान न करे और न ही छुए। आप किसी भी स्थिति में अपने बच्चे को घर में पले जानवर के साथ अकेला न छोड़ें। 

9. फर्स्ट-एड-किट को हमेशा सामने रखें 

आप चाहें तो अपने घर में कितना भी बचाव कर लें पर किसी भी एक समस्या से आपके बच्चे को हानि हो सकती है। इसलिए आप हर तरीके की समस्या का सामना करने लिए हमेशा तैयार रहें। आप सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेससीटेशन) की पूरी जानकारी लें ताकि यदि आपके बच्चे को चोकिंग की समस्या होती है या वह बेहोश हो जाता है तो आप उसे ठीक कर सकती हैं। आप घर पर फर्स्ट एड बॉक्स रखें जिसमें बैंडेज, क्रीम, लोशन, बाइट एंटीडोट्स और वह सभी दवाइयां होनी चाहिए जिनकी जरूरत आपको तत्काल में पड़ सकती है। यदि आप किसी लोकल डॉक्टर या ऐसे व्यक्ति को जानती हैं जो चिकित्सीय इलाज कर सकता है तो आप उसका मोबाइल या लैंडलाइन नंबर फर्स्ट एड बॉक्स में ही रखें ताकि कोई भी समस्या होने पर आप तुरंत उनसे संपर्क कर सकें। 

10. जितना ज्यादा हो सके बच्चे पर ध्यान दें 

बच्चे को चोट लगने से बचाने के लिए आपको अपने कान और आँखें खुली रखनी चाहिए। वैसे आप सभी चीजें छोड़ कर बच्चे की हर एक एक्टिविटी पर नजर नहीं रख सकती है पर आप उसे बार-बार चेक करती रहें। यदि आपका बच्चा बड़ा है तो उसे बार-बार बुलाएं और चेक करें कि सब सही है या नहीं। यदि आपको अचानक से कोई आवाज या शोर सुनाई देता है तो किसी भी समस्या को रोकने के लिए आप उसे आवाज दे सकती हैं। 

घर में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ चीजें 

अब आप जानती हैं कि आपको बच्चों के लिए अपने घर को सुरक्षित कैसे रखना है। आप बच्चों की सेफ्टी के लिए क्या-क्या कर सकती हैं, आइए जानें;

1. घर में बिजली के पॉइंट को कवर करके रखें:

यदि आप घर के स्विच लगाती हैं तो इससे बच्चा इन तक नहीं पहुँचेगा और उसे कोई हानि भी नहीं होगी। 

2. कॉर्ड वाइंड-अप का उपयोग करें: 

कॉर्ड वाइंड-अप का उपयोग करने से आप घर में बिखरी हुई सभी तारों को समेट कर रख सकती हैं ताकि आपके बच्चे उसमें न फंसे या उन तारों को न छुए। 

3. दरवाजों के स्टॉपर में फोम लगाएं: 

फोम के स्टॉपर दरवाजों में आसानी से फिट हो जाते हैं और पूरे घर में इधर-उधर भागते समय आपके बच्चे को इससे चोट नहीं लगेगी। 

4. दरवाजों की कुंडी या नॉब में कवर लगाएं:

आप अपने घर में सभी कुंडियों और दरवाजों के नॉब को कवर कर दें ताकि बच्चा अंदर जाते समय लॉक न हो। 

5. दरवाजों के किनारों में स्ट्रिप्स लगवाएं: 

यह स्ट्रिप्स उन सभी गैप्स को भर देती है जहाँ पर बच्चों का हाथ अक्सर फंस जाता है। यह दरवाजे और चौखट के किनारों को कवर सकती है जिससे आपके बच्चे का हाथ दरवाजे में नहीं फंसेगा और उसे चोट भी नहीं लगेगी।  

बच्चे अक्सर पूरी उत्सुकता से अपने घर में घूमते और नई चीजों की खोज करते हैं। पेरेंट्स होने के नाते हमें अपने बच्चों का पूरा खयाल रखना चाहिए। कुछ टिप्स की मदद से हम बिना किसी डर के बच्चों को पूरे घर की खोज करने दे सकते हैं। 

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