शिशु

घर पर बना बेबी फूड – फायदे, नुकसान और रेसिपीज

बच्चों को सॉलिड फूड खिलाने की कोई जल्दी नहीं होती है पर जब सही समय हो तो आपके पास इसके लिए कई विकल्प होने चाहिए। यद्यपि बाजार में बहुत सारे पौष्टिक और सुरक्षित कॉमर्शियल फूड मिलते हैं पर वास्तव में बच्चे के लिए घर पर बेबी फूड बनाना आसान है। आइए जानते हैं कि होम मेड बेबी फूड के क्या फायदे और क्या नुकसान होते हैं और आप अपने बच्चे के लिए कौन-कौन सी रेसिपीज घर पर ही बना सकती हैं। 

बच्चे को सॉलिड फूड कब देना शुरू करें?

डॉक्टर अक्सर बच्चों को लगभग 6 महीने की आयु के बाद ही सॉलिड फूड खिलाने की सलाह देते हैं पर कुछ मामलों में यह जल्दी भी किया जा सकता है। स्टडीज के अनुसार जो बच्चे 4 महीने की आयु से सॉलिड फूड खाना शुरू कर देते हैं उनमें अस्थमा और एलर्जी की संभावना कम होती है। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं या प्रीमैच्योर हैं उन्हें भी जल्दी सॉलिड फूड खिलाया जा सकता है पर ऐसा करने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लें। 

घर पर बने बेबी फूड के फायदे

बच्चों को घर पर बना बेबी फूड खिलाने के कई फायदे हैं, आइए जानें; 

1. घर पर बना बेबी फूड ना के बराबर प्रोसेस्ड होता है

घर पर बना खाना मुख्य रूप से फल, सब्जियों और अनाज से बनाया जाता है और इस पर बाहर मिलने वाले आहार की तरह रिफाइनमेंट प्रोसेस नहीं की जाती है। 

2. घर पर बने बेबी फूड में आप वैरायटी भी बना सकती हैं

पैक किए हुए खाने में बहुत सीमित फ्लेवर व प्रकार होते हैं और विकल्पों की बात करें तो बाहर के खाने के ज्यादा विकल्प नहीं हैं। दूसरी तरफ घर का खाना हर बार एक नए स्वाद के साथ बनाया जा सकता है।  

3. घर पर बना बेबी फूड ज्यादा हेल्दी और नुट्रिशयस होता है

घर के खाने में यह अपेक्षा की जाती है क्योंकि आप भोजन के लिए जो भी खाद्य पदार्थ लेंगी वे सभी चीजें न्यूट्रिशन वैल्यू के अनुसार आपके बच्चे के लिए सही और पौष्टिक होंगी। इसके अलावा पैक्ड फूड में मौजूद कीटाणुओं को खत्म करने के लिए इसे प्रिजर्व और पाश्चुरीकृत किया जाता है परंतु इन प्रक्रियाओं से भोजन में मौजूद सभी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। 

4. इसे खाने में बच्चे कम नखरे करते हैं

अक्सर बच्चे खाना खाते समय अधिक चिड़चिड़ाते हैं। अपने बच्चे को अलग-अलग स्वाद, टेक्सचर और सुगंध के भोजन से परिचित कराएं। घर के भोजन की ये सभी विशेषताएं समय के साथ बच्चे में भोजन करने की आदत को बढ़ाती हैं। 

5. यह सस्ता और बजट फ्रेंडली होता है

किसी रेस्टोरेंट या स्टोर में जाने या कोई फैंसी ऑर्गेनिक फूड को खरीदने से अच्छा है आप किसी लोकल मार्केट से सामग्रियां खरीदकर खुद ही स्वादिष्ट भोजन बना लें। इस प्रकार से आप मैन्युफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के अनावश्यक खर्चों से बच सकती हैं। 

घर पर बेबी फूड बनाने में परेशानियां

बाहर के खाने की तुलना में घर पर बने बेबी फूड के साथ क्या मुश्किलें होती हैं, आइए जानें;

1. समय

बाहर से प्री-मेड बेबी फूड लाना और बच्चे को खिलाना, सामग्रियों को खरीदकर घर पर बनाने से ज्यादा आसान होता है और घर पर बेबी फूड बनाने में समय भी ज्यादा लगता है। 

2. स्टोर करना

पैक्ड फूड को फ्रेश रखने के लिए इसमें प्रिजर्वेटिव डाला जाता है जिससे इसे स्टोर करने में सरलता होती है पर घर पर बने खाने में हम प्रिजर्वेटिव नहीं डालते हैं जिसके कारण घर का बना खाना जल्दी खराब और बासी हो जाता है। 

3. उपयोग

कॉमर्शियल बेबी फूड या बच्चों के लिए बाहर का खाना हमेशा एक एयर टाइट कंटेनर में आता है जिसे आपके बच्चे को तुरंत खिलाया जा सकता है और यह काफी सुविधाजनक है पर घर पर बनाया हुआ खाना हम किसी टिफिन में या अन्य बर्तनों में रखते हैं जिसे गर्म करने और बच्चे को खिलाने में असुविधाएं हो सकती हैं। 

होममेड बेबी फूड को कैसे स्टोर किया जा सकता है

चूंकि बच्चों के लिए घर पर बनाया हुआ खाना जल्दी खराब हो जाता है और इसे स्टोर करने में कठिनाई होती है। यह जानना भी  जरूरी है कि कांच के बर्तन को फ्रीजर में रखना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह ठंडे तापमान में टूट या क्रैक हो सकता है। आप घर के बने खाने को कैसे स्टोर कर सकती हैं, आइए जानते हैं;

1. रेफ्रिजरेशन

यह घर में बने खाने को स्टोर करने का एक सबसे सरल तरीका है। हालांकि यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे के खाने को बैक्टीरिया और फंगस से बचाने के लिए इसे दो से ज्यादा दिनों तक स्टोर न करें। 

2. आइस क्यूब मेथड

इस तरीके से आपका खाना बहुत कम बर्बाद होगा और आप लंबे समय तक अपने बच्चे के भोजन को स्टोर करके रख सकती हैं। एक बार जब आप अपने बच्चे का खाना बना लेती हैं तो बचे हुए भोजन को आइस ट्रे में डालकर फ्रीजर में रख दें। ध्यान रहे आप इन आइस क्यूब्स को फ्रीजर बैग में ही रखें। जब भी आपको अपने बच्चे को खिलाना हो बस इन क्यूब्स को निकालें और हल्का गर्म करें और अपने बच्चे इन्हें खिला दें। 

3. वैक्स पेपर मेथड

इस तरीके में आप बची हुई प्यूरी लें और उसे इकट्ठा करके वैक्स पेपर शीट में डालें।अब शीट को फोल्ड करके फ्रीजर में रख दें। जब इकट्ठा किया हुआ भोजन बर्फ की तरह जम जाए तो उसे फ्रीजर बैग में स्टोर करके रख दें। 

बच्चे को सॉलिड फूड देने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

 बच्चे को सॉलिड फूड देने से पहले आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, आइए जानते हैं;

  • बच्चों में एलर्जिक प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दें। मूंगफली, डेयरी और गेहूँ की चीजों में एलर्जी के कंपाउंड होते हैं। जब भी आप अपने बच्चे को कोई नया खाद्य पदार्थ खिलाना शुरू करें तो उसे वही समान खाद्य पदार्थ कुछ समय तक खिलाएं और इससे बच्चे में होने वाले किसी भी बदलाव पर नजर रखें।
  • बच्चे को ज्यादातर आर्गेनिक फूड ही दें क्योंकि इसमें पेस्टिसाइड और अन्य केमिकल नहीं होते हैं।
  • बच्चे को ऐसा भोजन न खिलाएं जिससे उसे गैस की समस्या हो सकती है, छोटे बच्चों को इससे अनेक असुविधाएं हो सकती हैं। इसका मतलब है बच्चे को फलियां, डेयरी प्रोडक्ट, गेहूँ इत्यादि लगभग 8 महीने की आयु से देना शुरू करें।

छोटे बच्चों के लिए घर पर बनाई जाने वाली आसान रेसिपीज

यदि आप जानना चाहती हैं कि आप घर में ही बेबी फूड कैसे बना सकती हैं तो इस बात का भी खयाल रखें कि बच्चे को सॉलिड फूड देना शुरू करने से कुछ समय तक उसे प्यूरी ही खिलानी चाहिए क्योंकि इस दौरान बच्चा चबा नहीं सकता है। इसमें सर्वोत्तम विकल्प शामिल हैं, ह्री सब्जियां, लीन चिकन, मछली, नट्स, ग्रेन या सीरियल, फल इत्यादि। 

4 – 6 महीने के बच्चों के लिए

पहली बार अपने बच्चे को सॉलिड फूड देना शुरू करने के लिए आप उसे पतली और रसीली प्यूरी खिलाएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका बच्चा अभी तक सिर्फ दूध पीता था और अभी उसे भोजन के टुकड़ों को निगलने में कठिनाई हो सकती है। डॉक्टर की सलाह के बाद आप अपने 4-6 महीने के बच्चे को निम्नलिखित प्यूरी घर पर ही बनाकर खिला सकती हैं, आइए जानते हैं; 

1. मटर की प्यूरी

मटर बहुत सरल पर बहुत पौष्टिक होती होती है जिसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में होते हैं। 

सामग्री 

  • छिली हुई मटर – 1 कप
  • पानी – ½ कप

विधि

एक कप मटर को पानी में उबालें और इसके पानी को छान लें। फिर उबली हुई मटर में आधा कप पानी डालें और प्यूरी बनाने के लिए इसे ब्लेंड कर लें।  

2. केले की प्यूरी

केला बच्चों के पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है और इसमें पोटैशियम व फाइबर जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। आप अपने बच्चे के लिए केले की प्यूरी कैसे बना सकती हैं, आइए जानते हैं; 

सामग्री 

  • पका हुआ केला (कटा हुआ) – ½ कप
  • पानी – 1 कप

विधि

दोनों सामग्रियों को ब्लेंडर में डालें और केले की प्यूरी बनने तक ब्लेंड करें। 

3. होल ग्रेन प्यूरी

बच्चे को इस आयु में होल ग्रेन खिलाना फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में विटामिन ‘ए’ और आयरन दोनों होते हैं। 

सामग्री 

  • ब्राउन राइस/रागी/ओट्स (पका हुआ) – ½ कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

दोनों सामग्रियों को मिलाकर ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। 

4. एवोकाडो प्यूरी

एवोकाडो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वस्थ फैट से भरपूर होता है जो बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए जरूरी है। 

सामग्री 

  • एवोकाडो (छिला, बीज निकाला और कटा हुआ) – ½ कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

सभी सामग्रियों को मिलाकर ब्लेंडर में डालें और इसे कस्टर्ड की तरह स्मूद बनने तक ब्लेंड करें। 

5. शकरकंद की प्यूरी

शकरकंद में भी विटामिन ‘ए’, मिनरल और कार्बोहाइड्रेट होता है जो पोषक तत्व बच्चों के विकास में मदद करते हैं। 

सामग्री 

  • शकरकंद (छिला और कटा हुआ) – ½  कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

शकरकंद को अच्छी तरह से उबाल कर पका लें और पानी के साथ ब्लेंडर में डालें और कंसिस्टेंट प्यूरी बनने तक अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। आप इसमें पानी की जगह माँ का दूध भी मिला सकती हैं। 

7 – 9 महीने के बच्चों के लिए

बच्चे की इस आयु में आप उसे 2 सामग्रियों का भोजन बनाकर खिला सकती हैं क्योंकि इस दौरान बच्चा भोजन को पचाने में सक्षम होगा और नए कंबाइंड भोजन को खाने के लिए तैयार भी हो चुका होगा। आप अपने बच्चे को थोड़ी थिक प्यूरी खिलाना शुरू कर सकती हैं। यहाँ पर 6-9 महीने के बच्चे के लिए घर पर बनाई हुई प्यूरी निम्नलिखित है, आइए जानते हैं;

1. साबूदाना और कद्दू की प्यूरी

साबूदाना और कद्दू, इन दोनों खाद्य पदार्थों में मुख्य पोषक तत्व होते हैं, कैसे विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और स्वस्थ फैट।

सामग्री 

  • साबूदाना – ½ कप
  • कद्दू (छिला और कटा हुआ) – 1 कप
  • पानी – 1 कप

विधि 

साबूदाना और कद्दू को पहले अलग-अलग पकाएं और फिर एक कप पानी के साथ दोनों सामग्रियों को ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। 

2. केले और एवोकाडो की प्यूरी

घर में बनाया हुआ यह व्यंजन 8 महीने के बच्चे के लिए बेहतरीन है। केला और एवोकाडो दोनों ही क्रीमी होते हैं, यह आसानी से पच जाते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर भी होते हैं। 

सामग्री 

  • केला (छिला और कटा हुआ) – ½ कप
  • एवोकाडो (छिला हुआ, बीज निकाल कर और कटा हुआ) – ½ कप
  • एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका) – 1 छोटा चम्मच
  • पानी – ½ कप

विधि 

केला, एवोकाडो और पानी को एक साथ ब्लेंडर में डालें और स्मूद पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें। आप इस पेस्ट को भूरा होने से बचाने के लिए इसमें एप्पल साइडर विनेगर भी डाल सकती हैं। 

3. पपीते की प्यूरी

यह आपके 7 महीने के बच्चे के लिए बहुत ही बेसिक सी प्यूरी है। पपीता करोटेनॉइड और अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ-साथ विटामिन ‘सी’, फॉलेट व पैंटोथेनिक एसिड से भरपूर होता है। 

सामग्री 

  • पपीता (छिला, बीज निकाल कर और कटा हुआ) – 1 कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

पपीते को पानी के साथ ब्लेंडर में डालें और स्मूद पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें। 

4. नाशपाती और कद्दू की प्यूरी

नाशपाती में विटामिन ‘के’ और विटामिन ‘सी’ और प्राकृतिक शर्करा के गुण पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं और साथ ही कद्दू में आवश्यक मिनरल और मैगनीज हैं जो बच्चे की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। 

सामग्री 

  • नाशपाती (छिला और कटा हुआ) – ½ कप
  • कद्दू (छिला और कटा हुआ) – ½ कप
  • पानी – 1 कप

विधि 

सभी सामग्रियों को मिलाकर ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। 

5. बेरी और चुकंदर की प्यूरी

बेरी और चुकंदर, दोनों में बहुत प्रभावी एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जिन्हें ऐन्थोसायनिन कहा जाता है और यह इम्युनिटी को बढ़ाता है। 

सामग्री 

  • चुकंदर (छिला और कटा हुआ) – 1 कप
  • सीजनल बेरी – ½ कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

एक बर्तन में पाने डालकर नरम होने तक चुकंदर को पकाएं। अब पके हुए चुकंदर और बेरी को पानी के साथ ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। आप इसमें पानी की जगह बच्चे के लिए माँ का दूध भी डाल सकती हैं। 

10 – 12 महीने के बच्चों के लिए

इस उम्र में आप अपने बच्चे को सॉलिड फूड में कॉम्प्लेक्स आहार देना शुरू कर सकती हैं। 

1. रागी राटाटुई

यह ब्लेंड की हुई एक स्वादिष्ट रेसिपी है जिससे आपके बच्चे को बहुत सारे न्यूट्रिशन के साथ एक नया स्वाद भी प्राप्त होगा। 

सामग्री 

  • प्याज, बैंगन, शिमला मिर्च, तुरई, टमाटर और ब्रोकोली (कटा हुआ) – 1 कप
  • ऑलिव ऑयल – 1 बड़ा चम्मच
  • लहसुन का पेस्ट – 1 छोटा चम्मच
  • रागी – 4 बड़े चम्मच
  • सूप ब्रॉथ – ½ कप
  • ड्राई हर्ब (वैकल्पिक) – ½ छोटा चम्मच
  • पानी – ½ कप

विधि 

एक पैन में ऑलिव ऑयल को गर्म करें और उसमें प्याज डालकर हल्का भूरा होने तक पकाएं। अब इसमें सभी सामग्रियां डालकर कम आंच में लगभग 20 मिनट सब्जियों को मुलायम होने तक पकाएं। पकने के बाद इसे ठंडा करें और इसमें हर्ब्स मिलाएं। अंत में इसे ब्लेंडर में डालकर अपने अनुसार कंसिस्टेंसी में ब्लेंड कर लें। यह आपके बच्चे के लिए एक बेहतरीन होम मेड बेबी फूड है। 

2. मछली, पालक और गाजर की प्यूरी

मछली स्वस्थ फैट और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होती है। साथ ही पालक में आयरन और गाजर में विटामिन ‘ए’ और विटामिन ‘सी’ होता है। 

सामग्री 

  • मछली फिलेट – ½ कप
  • गाजर (छिली और कटी हुई) – ½ कप
  • पालक के पत्ते – ½ कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

एक पैन में थोड़ा सा पानी उबालें और उसमें गाजर, पालक के पत्ते और मछली रखकर 20 मिनट तक स्टीम कर लें। अब सभी सामग्रियों को मिक्सर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। 

3. केले और ब्राउन राइस की प्यूरी

केले और ब्राउन राइस का कॉम्बिनेशन आपके बच्चे के लिए एक बेहतरीन व्यंजन है क्योंकि इसमें बहुत सारे पोषक तत्व, जैसे फॉस्फोरस, विटामिन ‘सी’, फाइबर और काम्प्लेक्स कार्ब्स होते हैं जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं। 

सामग्री 

  • केला (छिला और कटा हुआ) – ½ कप
  • ब्राउन राइस (पका हुआ) – ½ कप
  • ग्रीक योगर्ट – 1 बड़ा चम्मच
  • पानी – ½ कप
  • दालचीनी – स्वादानुसार

विधि 

सभी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर ब्लेंडर में डालें और स्वादिष्ट प्यूरी बनाने के लिए इसे अच्छी तरह से ब्लेंड करें। 

4. क्रीमी चिकन प्यूरी

चिकन में आवश्यक प्रोटीन होता है और साथ ही इस रेसिपी में मौजूद चीज़ और योगर्ट में विटामिन ए और राइबोफ्लेविन पाया जाता है। 

सामग्री 

  • चिकन (टुकड़ों में) – 1 कप
  • सब्जी का ब्रॉथ – ½ कप
  • ऑलिव ऑयल – 1 बड़ा चम्मच
  • चीज़ – 1 छोटा चम्मच
  • ग्रीक योगर्ट – 2 बड़े चम्मच
  • हर्ब्स (जैसे, थाइम, रोजमेरी और ओरेगानो) – 1 छोटा चम्मच
  • पानी – 1 कप

विधि 

  • एक पैन में ऑलिव ऑयल डालें और उसमें चिकन को 5-10 मिनट हल्का भूरा होने तक पकाएं।
  • सुनिश्चित कर लें कि चिकन अच्छी तरह से पक चुका है क्योंकि आधे पके हुए चिकन से समस्याएं हो सकती हैं।
  • इसे थोड़ी देर के लिए ठंडा होने दें।
  • पके हुए चिकन को अन्य सामग्रियों के साथ ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें।

5. केला और खुबानी (एप्रीकॉट) की प्यूरी

इस व्यंजन में उपयोग की हुई खुबानी विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’, कॉपर और विभिन्न एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर है। 

सामग्री 

  • केला (छिला और कटा हुआ) – 1 कप
  • खुबानी (छिला, बीज निकाला और कटा हुआ) – ½ कप
  • पानी – ½ कप

विधि 

सबसे पहले सभी सामग्रियों को एक साथ ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। आप फ्लेवर के लिए इसमें थोड़ा सा शहद और दालचीनी भी डाल सकती हैं। 

बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए न्यूट्रिशन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। बच्चे को घर में बना हुआ बेबी फूड देने का मतलब है कि वह निश्चित रूप से स्वस्थ रहेगा। 

यह भी पढ़ें:

बच्चों की भूख कैसे बढ़ाएं
बच्चों के लिए 10 सर्वश्रेष्ठ आहार
बेबी फूड के चरण – बच्चे का पहला, दूसरा और तीसरा आहार

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

4 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

4 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

4 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

6 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

6 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

6 days ago