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बच्चों को सॉलिड फूड खिलाने की कोई जल्दी नहीं होती है पर जब सही समय हो तो आपके पास इसके लिए कई विकल्प होने चाहिए। यद्यपि बाजार में बहुत सारे पौष्टिक और सुरक्षित कॉमर्शियल फूड मिलते हैं पर वास्तव में बच्चे के लिए घर पर बेबी फूड बनाना आसान है। आइए जानते हैं कि होम मेड बेबी फूड के क्या फायदे और क्या नुकसान होते हैं और आप अपने बच्चे के लिए कौन-कौन सी रेसिपीज घर पर ही बना सकती हैं।
डॉक्टर अक्सर बच्चों को लगभग 6 महीने की आयु के बाद ही सॉलिड फूड खिलाने की सलाह देते हैं पर कुछ मामलों में यह जल्दी भी किया जा सकता है। स्टडीज के अनुसार जो बच्चे 4 महीने की आयु से सॉलिड फूड खाना शुरू कर देते हैं उनमें अस्थमा और एलर्जी की संभावना कम होती है। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं या प्रीमैच्योर हैं उन्हें भी जल्दी सॉलिड फूड खिलाया जा सकता है पर ऐसा करने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लें।
बच्चों को घर पर बना बेबी फूड खिलाने के कई फायदे हैं, आइए जानें;
घर पर बना खाना मुख्य रूप से फल, सब्जियों और अनाज से बनाया जाता है और इस पर बाहर मिलने वाले आहार की तरह रिफाइनमेंट प्रोसेस नहीं की जाती है।
पैक किए हुए खाने में बहुत सीमित फ्लेवर व प्रकार होते हैं और विकल्पों की बात करें तो बाहर के खाने के ज्यादा विकल्प नहीं हैं। दूसरी तरफ घर का खाना हर बार एक नए स्वाद के साथ बनाया जा सकता है।
घर के खाने में यह अपेक्षा की जाती है क्योंकि आप भोजन के लिए जो भी खाद्य पदार्थ लेंगी वे सभी चीजें न्यूट्रिशन वैल्यू के अनुसार आपके बच्चे के लिए सही और पौष्टिक होंगी। इसके अलावा पैक्ड फूड में मौजूद कीटाणुओं को खत्म करने के लिए इसे प्रिजर्व और पाश्चुरीकृत किया जाता है परंतु इन प्रक्रियाओं से भोजन में मौजूद सभी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
अक्सर बच्चे खाना खाते समय अधिक चिड़चिड़ाते हैं। अपने बच्चे को अलग-अलग स्वाद, टेक्सचर और सुगंध के भोजन से परिचित कराएं। घर के भोजन की ये सभी विशेषताएं समय के साथ बच्चे में भोजन करने की आदत को बढ़ाती हैं।
किसी रेस्टोरेंट या स्टोर में जाने या कोई फैंसी ऑर्गेनिक फूड को खरीदने से अच्छा है आप किसी लोकल मार्केट से सामग्रियां खरीदकर खुद ही स्वादिष्ट भोजन बना लें। इस प्रकार से आप मैन्युफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के अनावश्यक खर्चों से बच सकती हैं।
बाहर के खाने की तुलना में घर पर बने बेबी फूड के साथ क्या मुश्किलें होती हैं, आइए जानें;
बाहर से प्री-मेड बेबी फूड लाना और बच्चे को खिलाना, सामग्रियों को खरीदकर घर पर बनाने से ज्यादा आसान होता है और घर पर बेबी फूड बनाने में समय भी ज्यादा लगता है।
पैक्ड फूड को फ्रेश रखने के लिए इसमें प्रिजर्वेटिव डाला जाता है जिससे इसे स्टोर करने में सरलता होती है पर घर पर बने खाने में हम प्रिजर्वेटिव नहीं डालते हैं जिसके कारण घर का बना खाना जल्दी खराब और बासी हो जाता है।
कॉमर्शियल बेबी फूड या बच्चों के लिए बाहर का खाना हमेशा एक एयर टाइट कंटेनर में आता है जिसे आपके बच्चे को तुरंत खिलाया जा सकता है और यह काफी सुविधाजनक है पर घर पर बनाया हुआ खाना हम किसी टिफिन में या अन्य बर्तनों में रखते हैं जिसे गर्म करने और बच्चे को खिलाने में असुविधाएं हो सकती हैं।
चूंकि बच्चों के लिए घर पर बनाया हुआ खाना जल्दी खराब हो जाता है और इसे स्टोर करने में कठिनाई होती है। यह जानना भी जरूरी है कि कांच के बर्तन को फ्रीजर में रखना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह ठंडे तापमान में टूट या क्रैक हो सकता है। आप घर के बने खाने को कैसे स्टोर कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
यह घर में बने खाने को स्टोर करने का एक सबसे सरल तरीका है। हालांकि यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे के खाने को बैक्टीरिया और फंगस से बचाने के लिए इसे दो से ज्यादा दिनों तक स्टोर न करें।
इस तरीके से आपका खाना बहुत कम बर्बाद होगा और आप लंबे समय तक अपने बच्चे के भोजन को स्टोर करके रख सकती हैं। एक बार जब आप अपने बच्चे का खाना बना लेती हैं तो बचे हुए भोजन को आइस ट्रे में डालकर फ्रीजर में रख दें। ध्यान रहे आप इन आइस क्यूब्स को फ्रीजर बैग में ही रखें। जब भी आपको अपने बच्चे को खिलाना हो बस इन क्यूब्स को निकालें और हल्का गर्म करें और अपने बच्चे इन्हें खिला दें।
इस तरीके में आप बची हुई प्यूरी लें और उसे इकट्ठा करके वैक्स पेपर शीट में डालें।अब शीट को फोल्ड करके फ्रीजर में रख दें। जब इकट्ठा किया हुआ भोजन बर्फ की तरह जम जाए तो उसे फ्रीजर बैग में स्टोर करके रख दें।
बच्चे को सॉलिड फूड देने से पहले आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, आइए जानते हैं;
यदि आप जानना चाहती हैं कि आप घर में ही बेबी फूड कैसे बना सकती हैं तो इस बात का भी खयाल रखें कि बच्चे को सॉलिड फूड देना शुरू करने से कुछ समय तक उसे प्यूरी ही खिलानी चाहिए क्योंकि इस दौरान बच्चा चबा नहीं सकता है। इसमें सर्वोत्तम विकल्प शामिल हैं, ह्री सब्जियां, लीन चिकन, मछली, नट्स, ग्रेन या सीरियल, फल इत्यादि।
पहली बार अपने बच्चे को सॉलिड फूड देना शुरू करने के लिए आप उसे पतली और रसीली प्यूरी खिलाएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका बच्चा अभी तक सिर्फ दूध पीता था और अभी उसे भोजन के टुकड़ों को निगलने में कठिनाई हो सकती है। डॉक्टर की सलाह के बाद आप अपने 4-6 महीने के बच्चे को निम्नलिखित प्यूरी घर पर ही बनाकर खिला सकती हैं, आइए जानते हैं;
मटर बहुत सरल पर बहुत पौष्टिक होती होती है जिसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में होते हैं।
सामग्री
विधि
एक कप मटर को पानी में उबालें और इसके पानी को छान लें। फिर उबली हुई मटर में आधा कप पानी डालें और प्यूरी बनाने के लिए इसे ब्लेंड कर लें।
केला बच्चों के पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है और इसमें पोटैशियम व फाइबर जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। आप अपने बच्चे के लिए केले की प्यूरी कैसे बना सकती हैं, आइए जानते हैं;
सामग्री
विधि
दोनों सामग्रियों को ब्लेंडर में डालें और केले की प्यूरी बनने तक ब्लेंड करें।
बच्चे को इस आयु में होल ग्रेन खिलाना फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में विटामिन ‘ए’ और आयरन दोनों होते हैं।
सामग्री
विधि
दोनों सामग्रियों को मिलाकर ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें।
एवोकाडो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वस्थ फैट से भरपूर होता है जो बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए जरूरी है।
सामग्री
विधि
सभी सामग्रियों को मिलाकर ब्लेंडर में डालें और इसे कस्टर्ड की तरह स्मूद बनने तक ब्लेंड करें।
शकरकंद में भी विटामिन ‘ए’, मिनरल और कार्बोहाइड्रेट होता है जो पोषक तत्व बच्चों के विकास में मदद करते हैं।
सामग्री
विधि
शकरकंद को अच्छी तरह से उबाल कर पका लें और पानी के साथ ब्लेंडर में डालें और कंसिस्टेंट प्यूरी बनने तक अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। आप इसमें पानी की जगह माँ का दूध भी मिला सकती हैं।
बच्चे की इस आयु में आप उसे 2 सामग्रियों का भोजन बनाकर खिला सकती हैं क्योंकि इस दौरान बच्चा भोजन को पचाने में सक्षम होगा और नए कंबाइंड भोजन को खाने के लिए तैयार भी हो चुका होगा। आप अपने बच्चे को थोड़ी थिक प्यूरी खिलाना शुरू कर सकती हैं। यहाँ पर 6-9 महीने के बच्चे के लिए घर पर बनाई हुई प्यूरी निम्नलिखित है, आइए जानते हैं;
साबूदाना और कद्दू, इन दोनों खाद्य पदार्थों में मुख्य पोषक तत्व होते हैं, कैसे विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और स्वस्थ फैट।
सामग्री
विधि
साबूदाना और कद्दू को पहले अलग-अलग पकाएं और फिर एक कप पानी के साथ दोनों सामग्रियों को ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें।
घर में बनाया हुआ यह व्यंजन 8 महीने के बच्चे के लिए बेहतरीन है। केला और एवोकाडो दोनों ही क्रीमी होते हैं, यह आसानी से पच जाते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर भी होते हैं।
सामग्री
विधि
केला, एवोकाडो और पानी को एक साथ ब्लेंडर में डालें और स्मूद पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें। आप इस पेस्ट को भूरा होने से बचाने के लिए इसमें एप्पल साइडर विनेगर भी डाल सकती हैं।
यह आपके 7 महीने के बच्चे के लिए बहुत ही बेसिक सी प्यूरी है। पपीता करोटेनॉइड और अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ-साथ विटामिन ‘सी’, फॉलेट व पैंटोथेनिक एसिड से भरपूर होता है।
सामग्री
विधि
पपीते को पानी के साथ ब्लेंडर में डालें और स्मूद पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें।
नाशपाती में विटामिन ‘के’ और विटामिन ‘सी’ और प्राकृतिक शर्करा के गुण पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं और साथ ही कद्दू में आवश्यक मिनरल और मैगनीज हैं जो बच्चे की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
सामग्री
विधि
सभी सामग्रियों को मिलाकर ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें।
बेरी और चुकंदर, दोनों में बहुत प्रभावी एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जिन्हें ऐन्थोसायनिन कहा जाता है और यह इम्युनिटी को बढ़ाता है।
सामग्री
विधि
एक बर्तन में पाने डालकर नरम होने तक चुकंदर को पकाएं। अब पके हुए चुकंदर और बेरी को पानी के साथ ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। आप इसमें पानी की जगह बच्चे के लिए माँ का दूध भी डाल सकती हैं।
इस उम्र में आप अपने बच्चे को सॉलिड फूड में कॉम्प्लेक्स आहार देना शुरू कर सकती हैं।
यह ब्लेंड की हुई एक स्वादिष्ट रेसिपी है जिससे आपके बच्चे को बहुत सारे न्यूट्रिशन के साथ एक नया स्वाद भी प्राप्त होगा।
सामग्री
विधि
एक पैन में ऑलिव ऑयल को गर्म करें और उसमें प्याज डालकर हल्का भूरा होने तक पकाएं। अब इसमें सभी सामग्रियां डालकर कम आंच में लगभग 20 मिनट सब्जियों को मुलायम होने तक पकाएं। पकने के बाद इसे ठंडा करें और इसमें हर्ब्स मिलाएं। अंत में इसे ब्लेंडर में डालकर अपने अनुसार कंसिस्टेंसी में ब्लेंड कर लें। यह आपके बच्चे के लिए एक बेहतरीन होम मेड बेबी फूड है।
मछली स्वस्थ फैट और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होती है। साथ ही पालक में आयरन और गाजर में विटामिन ‘ए’ और विटामिन ‘सी’ होता है।
सामग्री
विधि
एक पैन में थोड़ा सा पानी उबालें और उसमें गाजर, पालक के पत्ते और मछली रखकर 20 मिनट तक स्टीम कर लें। अब सभी सामग्रियों को मिक्सर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें।
केले और ब्राउन राइस का कॉम्बिनेशन आपके बच्चे के लिए एक बेहतरीन व्यंजन है क्योंकि इसमें बहुत सारे पोषक तत्व, जैसे फॉस्फोरस, विटामिन ‘सी’, फाइबर और काम्प्लेक्स कार्ब्स होते हैं जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं।
सामग्री
विधि
सभी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर ब्लेंडर में डालें और स्वादिष्ट प्यूरी बनाने के लिए इसे अच्छी तरह से ब्लेंड करें।
चिकन में आवश्यक प्रोटीन होता है और साथ ही इस रेसिपी में मौजूद चीज़ और योगर्ट में विटामिन ए और राइबोफ्लेविन पाया जाता है।
सामग्री
विधि
इस व्यंजन में उपयोग की हुई खुबानी विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’, कॉपर और विभिन्न एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर है।
सामग्री
विधि
सबसे पहले सभी सामग्रियों को एक साथ ब्लेंडर में डालें और प्यूरी बनने तक ब्लेंड कर लें। आप फ्लेवर के लिए इसमें थोड़ा सा शहद और दालचीनी भी डाल सकती हैं।
बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए न्यूट्रिशन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। बच्चे को घर में बना हुआ बेबी फूड देने का मतलब है कि वह निश्चित रूप से स्वस्थ रहेगा।
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