शिशु

जुड़वां बच्चों को रात भर सोने की ट्रेनिंग देने के आसान टिप्स

एक माँ होना आसान बात नहीं है, खासकर जब आपको जुड़वां बच्चों की देखभाल करनी होती है। जुड़वां बच्चों बच्चों को स्लीप ट्रेनिंग के बगैर सुलाना किसी भी माँ के लिए एक बहुत मुश्किल काम हो सकता है। अगर आपके भी ट्विन्स बेबी हैं, तो आप अक्सर इस चीज का सामना करती होंगी कि जैसे ही आप एक बच्चे को सुलाती हैं दूसरा जाग जाता है और आपके पास खुद रिलैक्स होने का टाइम नहीं रहता है। लेकिन आपको इस चीज का हल जल्दी ही मिल सकता है अगर आप अपने जुड़वां बच्चों को स्लीप ट्रेनिंग देती हैं। हालांकि जितना यह सुनने में आसान लग रहा उतना आसान काम है नहीं, लेकिन थोड़ी प्रैक्टिस हो जाने के बाद आप लंबे समय के लिए बच्चों को सुलाने में कामयाब होंगी और खुद भी सो सकेंगी।

जुड़वां बच्चों की स्लीप ट्रेनिंग कब से शुरू करें

इससे पहले कि हम आपको आपके जुड़वां बच्चों की स्लीप ट्रेनिंग के लिए टिप्स दें, आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि अगर बच्चे जुड़वांं हैं, तो भी उनके व्यक्तित्व अलग-अलग हैं। जैसे बड़े होकर उनके करियर अलग-अलग होंगे, वैसे ही उनका स्लीप ट्रेनिंग सेशन भी अलग होता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपके जुड़वां बच्चों को स्लीप ट्रेनिंग देना बहुत मुश्किल काम होता है। सिंगल चाइल्ड की तुलना में ट्विन्स को स्लीप ट्रेनिंग देने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। यह काम आपके लिए थोड़ा और चैलेंजिंग हो सकता है, अगर आपके जुड़वां बच्चे प्रीमैच्योर हैं क्योंकि समय से पहले पैदा होने के कारण उनका डेवलपमेंट सिंगल बेबी के मुकाबले थोड़ा धीमा हो सकता है। ऐसे में ट्विन्स बच्चों को स्लीप ट्रेनिंग देना आपके लिए एक बड़ा टास्क है। नीचे कुछ गाइडलाइन दी गई हैं जो ट्विन्स बच्चों को स्लीप ट्रेनिंग देने में मदद करेंगी।

1. नवजात शिशुओं के लिए

2 महीने की उम्र तक के न्यूबॉर्न बेबीज को अपने पेरेंट्स के साथ बांड की जरूरत होती है। यह उनके समग्र विकास का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। नवजात जुड़वां बच्चों के लिए स्लीप ट्रेनिंग शेड्यूल करने की जरूरत नहीं होती है। इसके बजाय, आप अपने बच्चे को जानने और उनके साथ अपना बांड मजबूत करने पर ध्यान दें।

2. 2 से 4 महीने के बच्चों के लिए

आप इस उम्र से अपने जुड़वां बच्चों को स्लीप ट्रेनिंग देना शुरू कर सकती हैं, लेकिन इस बात को ध्यान में रखें कि आपके बच्चे कई बार फीडिंग के लिए उठ सकते हैं। इस उम्र में बच्चों का लगातार सोना शायद अभी उतना संभव न हो, लेकिन यह ट्रेनिंग शुरू करने का सही समय होता है।

3. 6 महीने या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए

जब जुड़वां बच्चों को 6 महीने या उससे ज्यादा उम्र का हो जाने के बाद आप स्लीप ट्रेनिंग शुरू करती हैं, तो ध्यान रखें कि आपको उन्हें ट्रेन करते समय धैर्य रखना होगा, क्योंकि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें ट्रेन करने में थोड़ा समय लगता है।

जुड़वां बच्चों का एक ही स्लीप शेड्यूल कैसे रखें?

अपने जुड़वां बच्चों का स्लीप रूटीन बनाए रखने के लिए आपको सही तरह से प्लानिंग करनी होगी।आपको ये गोल्डन रूल याद रखना है कि आपको हर हाल में रूटीन का पालन करना है! बच्चों को रूटीन पसंद होता है खासकर अगर आप उनमें यह आदत शुरू से ही डाल दें, अगर वो हर चार घंटे में फीडिंग करते हैं और उसके हिसाब से अपनी नींद पूरी करते हैं तो ये बच्चों के दिमाग और शरीर दोनों के लिए ही बहुत अच्छा है।

1. डबल-ड्यूटी फीडिंग रूटीन

जुड़वां बच्चों का स्लीप टाइम रूटीन एक रखने के लिए जरूरी है की आप बच्चों का पहले फीडिंग टाइम फिक्स करें। यह आमतौर पर देखा गया है कि जो बच्चे एक ही समय में भोजन करते हैं वे एक ही समय में नींद भी महसूस करते हैं। इसलिए दोनों बच्चों को एक साथ फीड करें, उनकी नैपी चेंज करें और उन्हें खेलने दें, जब तक कि वे दोनों नींद में न आने लगें। आप उन्हें स्वैडल करें और बेड पर सुलाने के लिए लिटा दें।

2. दोनों को एक दूसरे से अलग सुलाएं

क्या जुड़वां बच्चों को एक ही कमरे में सुलाना चाहिए? अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स की सलाह है कि आप अपने जुड़वां बच्चों को दो अलग-अलग बेड में रखें, ताकि वे एक-दूसरे को जगाने का कारण न बनें और शांति से सो सकें। एक बार गहरी नींद में आ जाने के बाद आप उन्हें एक ही बिस्तर पर लिटा सकती हैं। यह मेथड अच्छी तरह से काम करता है, खासकर तब जब दोनों में से एक सो गया हो और दूसरा अभी भी जाग रहा होता है। आप नोटिस करेंगी कि दोनों बच्चे हर दिन सही से सो रहे हैं वो भी एक ही समय में।

3. अगर एक बच्चा फीडिंग के लिए उठ जाए तो दूसरे बच्चे को भी जगा दें

जब एक बच्चा फीडिंग के लिए जाग जाता है तो आप दूसरे बच्चे को भी फीडिंग के लिए जगा दें। यह उनके स्लीप रूटीन को सेट करने में आपकी मदद करेगा। धीरे-धीरे वे इस रूटीन में खुद को एडजस्ट करने लगेंगे और फिर आप उन्हें एक ही समय में फीड करने के लिए उठते हुए नोटिस करेंगी और एक ही समय में सोते हुए पाएंगी।

4. अपने जुड़वांं बच्चों के लिए एक मजबूत और स्थिर सोने का रूटीन बनाएं

हेल्दी रूटीन रखते हुए बच्चों को साफ करके, कपड़े बदलकर, कमरे की लाइट डिम करके, उन्हें किताबें पढ़कर सुनाएं, लोरी गाएं और सुलाने से पहले फीड कराएं। कुछ रातों के बाद, उन्हें खुद ही पता चल जाएगा कि इन सब कामों के बाद उनका फीडिंग और सोने का समय होता है और इस हिसाब से फिर उनका शेड्यूल फिक्स होने लगता है। 

5. पहले छोटा लक्ष्य तय करें

कई जुड़वां बच्चों का वजन सिंगल बेबी की तुलना में कम होता है जिसकी वजह से उन्हें अपने विकास के पड़ाव को पार करने में ज्यादा समय लगता है। यह आपको स्लीप ट्रेनिंग के लिए डिस्करेज कर सकता है। इसके बजाय आप छोटे-छोटे लक्ष्य पर ध्यान दें और एक पॉजिटिव एटीट्यूड बनाए रखें। रात में चार बार फीडिंग कराने के बजाय तीन बार ही कराएं, अपने बच्चों को सिखाएं कि वे खुद को पैसिफायर के साथ कैसे शांत करें और खुद ही सो जाएं!

जुड़वां बच्चों को सुलाने के लिए बेड टाइम रूटीन कैसे सेट करें

अगर बच्चों को पता होगा कि आगे का स्टेप क्या होगा तो वे ज्यादा रिलैक्स फील करेंगे और अधिक परेशान किए बगैर जल्दी सो भी जाएंगे। 

1. गुनगुने पानी से साफ करें

रात में बिस्तर पर जाने से ठीक पहले बच्चों को गुनगुने पानी से स्नान कराएं या उनकी सफाई करें। ध्यान रहे कि वो गीले न रहें, स्नान करने से उनके शरीर को रिलैक्स महसूस होता है। रोजाना इसी रूटीन का पालन करने से बच्चे को समझ आ जाएगा कि अब उसके सोने का समय हो गया है।

2. उन्हें किताबें पढ़कर सुनाएं

किताब पढ़ने से आप और बच्चों के बीच का बांड मजबूत होता है, साथ ही इससे उन्हें अच्छा महसूस होता है और जल्दी ही वे नींद में आने लगते हैं। 

3. लोरी गाएं

म्यूजिक से बच्चों को रिलैक्स महसूस होता है। आप उन्हें लोरी या गाना गाकर सुनाएं, इससे उन्हें जल्दी सोने में आसानी होती है।

4. आरामदायक चीजें रखें

बच्चे के पालने में ऐसे खिलौने, कंबल रखें जो आरामदायक हों, इन सब चीजों से उन्हें कम्फर्ट महसूस होता है और वो आराम से सो पाते हैं। साथ ही अगर वह आधी रात में जागते हैं तो कम्फर्ट की वजह से अपने आप ही दोबारा सो जाते हैं।

रात में जुड़वां बच्चों को सुलाने के लिए कुछ अन्य टिप्स

क्या आपके ट्विन्स रात भर ठीक से नहीं सोते हैं? तो यहाँ आपके लिए और कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिससे आप अपने जुड़वां बच्चों को रात में देर तक सोने में मदद कर सकती हैं।

1. बेस्ट बेड टाइम ढूंढना

देखें कि आपके बच्चों के लिए कौन सा बेड टाइम रूटीन सूट करता है और उसी के हिसाब से आप रोजाना उन्हें सुलाने के लिए बिस्तर पर लिटाएं।

2. नींद के संकेत

अपने जुड़वां बच्चों के नींद आने के संकेत पर नजर रखें और उस हिसाब से उन्हें सुलाने के लिए बेड पर लिटाएं, इससे वो अपने आप ही सोने लगेंगे।

थोड़े धैर्य और समय के साथ, आप अपने जुड़वांं बच्चों के लिए एक स्लीप शेड्यूल सेट कर सकती हैं, ऐसा हो सकता है कि एक बच्चा दूसरे बच्चे की तुलना में ट्रेनिंग जल्दी कैच कर ले, लेकिन कोई चिंता वाली बात नहीं है, दोनों जल्दी ही रूटीन के अनुसार ही हर चीज करने लगेंगे।  

यह भी पढ़ें:

ट्विन्स बच्चों की देखभाल कैसे करें
क्या जुड़वां बच्चे एक साथ सो सकते हैं?
जुड़वांं बच्चों को आसानी से नहलाने के 8 टिप्स

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

3 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

3 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

3 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

5 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

5 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

5 days ago