In this Article
- यीस्ट संक्रमण क्या है?
- यीस्ट संक्रमण के लक्षण
- यीस्ट संक्रमण होने के कारण
- क्या यीस्ट संक्रमण से बांझपन होता है?
- यीस्ट संक्रमण गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है?
- गर्भधारण के प्रयास के दौरान यीस्ट संक्रमण का इलाज कैसे करें
- क्या यीस्ट संक्रमण से बचा जा सकता है?
- डॉक्टर से कब परामर्श करें?
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महिलाओं में यीस्ट संक्रमण होना काफी आम समस्या है और ज्यादातर महिलाएं अपनी जिंदगी में कभी न कभी इसका सामना करती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां, पीरियड, गर्भावस्था, टाइट कपड़े पहनना आदि जैसे कई कारण हैं, जो इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जब कोई महिला, जो गर्भधारण करने के लिए सोच रही है, उसे अपने यीस्ट संक्रमण के बारे में पता चलता है, तो सबसे पहले उसके मन में यही सवाल आता है कि क्या इसका असर गर्भधारण की प्रक्रिया पर भी पड़ेगा?
यीस्ट संक्रमण का महिला की प्रजनन क्षमता पर सीधा असर नहीं पड़ता। लेकिन संक्रमण की वजह से होने वाली खुजली और जलन से महिला असहज महसूस कर सकती है और इसलिए संभोग से बचती है। इस वजह से गर्भधारण की प्रक्रिया में विलंब हो सकता है। लेकिन अगर तुरंत डॉक्टर से सलाह ली जाए और सही इलाज करवाया जाए, तो यीस्ट इंफेक्शन करीब 15 दिनों में ठीक हो सकता है। इसलिए महिलाओं को इस बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको इस विषय से जुड़ी बातों का ज्ञान होना चाहिए जो आपको आगे लेख में बताई गई हैं।
यीस्ट संक्रमण क्या है?
यीस्ट संक्रमण, जिसे कैंडिडा इंफेक्शन भी कहा जाता है, महिलाओं में एक आम समस्या है। यह एक फंगस (फफूंद) कैंडिडा की वजह से होता है, जो शरीर में असंतुलन पैदा कर देता है और खमीर कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। महिला की योनि में कुछ मात्रा में यीस्ट और अच्छे बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, जो संतुलन बनाए रखते हैं। लैक्टोबैसिलस नामक एक अच्छा बैक्टीरिया होता है, जो कैंडिडा को कंट्रोल में रखता है। लेकिन जब इस संतुलन में गड़बड़ी होती है, तो यीस्ट बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और इंफेक्शन हो जाता है। इसमें सबसे आम कैंडिडा अल्बिकन्स नाम का फंगस होता है, जो ज्यादातर यीस्ट संक्रमण का कारण बनता है।
यीस्ट संक्रमण के लक्षण
यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और शुरुआत में इन्हें पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जिन्हें जानकर आप संक्रमण को पहचान सकते हैं और उसका सही समय पर इलाज कर सकते हैं।
- योनि के आसपास लाल चकत्ते (रैशेस) होना।
- योनि के आसपास तेज खुजली और जलन होना।
- योनि के आसपास सूजन होना।
- सफेद स्राव के साथ खुजली और असहज महसूस होना।
- स्राव से बदबू आना।
- पेशाब करते समय जलन महसूस होना।
- संभोग के दौरान दर्द या जलन होना।
- योनि के आसपास दर्द, लाल पड़ना।
यीस्ट संक्रमण होने के कारण
यीस्ट संक्रमण तब होता है जब शरीर में यीस्ट ज्यादा बढ़ जाता है या असंतुलन हो जाता है। इसके कई कारण होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:
- तीव्र एंटीबायोटिक का इस्तेमाल
- डायबिटीज का बढ़ना / हाई शुगर लेवल
- प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना
- गर्भावस्था
- हार्मोन का असंतुलन
- तनाव भरी जीवनशैली होना
क्या यीस्ट संक्रमण से बांझपन होता है?
अगर कोई महिला गर्भवती होना चाहती है और उसे यीस्ट संक्रमण है, तो उसके मन में ये सवाल आना लाजमी है कि क्या इससे उसे गर्भधारण में दिक्कत हो सकती है। अच्छी बात यह है कि यीस्ट संक्रमण से फर्टिलिटी पर सीधा असर नहीं पड़ता और आप गर्भवती हो सकती हैं। अभी तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है जो ये साबित करे कि यीस्ट संक्रमण महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। लेकिन इस इंफेक्शन के लक्षण जैसे जलन, सूजन, खुजली और दर्द की वजह से आपको शारीरिक संबंध बनाने में असहजता और दर्द महसूस हो सकता है। जिससे आप संबंध बनाने से बचती हैं, जो गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, अगर आपको बार-बार यीस्ट संक्रमण की समस्या होती है, तो ये स्पर्म के लिए अनुकूल माहौल नहीं बनाता, जिससे गर्भधारण करने में मुश्किल हो सकती है। लेकिन यीस्ट इंफेक्शन का सीधे आपकी फर्टिलिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन ये आपके साथी के साथ बनाए जाने वाले शारीरिक संबंध को प्रभावित जरूर करता है।
यीस्ट संक्रमण गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है?
जैसा कि आपको पहले भी बताया गया है कि यीस्ट संक्रमण का सीधा असर आपके गर्भधारण पर नहीं पड़ता है, लेकिन ये कुछ ऐसे तरीकों से आपकी गर्भधारण करने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है:
- अगर महिला को यीस्ट संक्रमण है तो उसे यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि इंफेक्शन पार्टनर में भी फैल सकता है।
- यीस्ट संक्रमण की वजह से दर्द और परेशानी होती है, जिससे महिला संबंध बनाने से बचती है। इस कारण, वो अपने गर्भधारण के सबसे सही समय को चूक सकती है, जिससे गर्भधारण करने में देर होती है।
- संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ एंटी फंगल क्रीम योनि के पीएच स्तर को बदल सकती है, जिससे स्पर्म को अंडे तक पहुंचने में दिक्कत हो सकती है।
- यह भी संभव है कि महिला की प्रतिरक्षा प्रणाली उल्टा असर करने लगे और संक्रमण से लड़ते लड़ते सफेद रक्त कोशिकाएं गलती से स्पर्म को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है।
गर्भधारण के प्रयास के दौरान यीस्ट संक्रमण का इलाज कैसे करें
हर समस्या का हल होता है। यीस्ट संक्रमण होने पर गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि गर्भवती होना मुमकिन नहीं है। अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं और आपको यीस्ट संक्रमण है, तो नीचे दिए गए उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है:
- अगर गर्भधारण करने की कोशिश के दौरान आपको यीस्ट संक्रमण हो गया है, तो जब तक यह पूरी तरह ठीक न हो जाए, तब तक संबंध बनाने से बचें।
- यदि संक्रमण का जल्दी पता चल जाए और तुरंत इलाज शुरू करने से यह जल्दी ठीक हो सकता है।
- संक्रमण के दौरान डॉक्टर कुछ वेजाइनल क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं, जो सीधे प्रभावित जगह पर लगाई जाती है। ये क्रीम खुजली और जलन से राहत देने में मदद करती हैं।
- योनि के अंदर रखने वाली दवा जो वहीं घुलकर इंफेक्शन की जड़ से ठीक करने में मदद करती है।
- अगर यह संक्रमण ज्यादा गंभीर हो, तो डॉक्टर कुछ दवाइयां लिखते हैं। हालांकि ये दवाइयां क्रीम की तरह तुरंत आराम नहीं देतीं, लेकिन इंफेक्शन को अंदर से ठीक करती हैं।
क्या यीस्ट संक्रमण से बचा जा सकता है?
आप कुछ आसान सावधानियों को अपना कर यीस्ट संक्रमण की समस्या को होने से रोक सकती हैं:
- महिला को स्वस्थ आहार लेते रहना और व्यायाम करते रहना चाहिए। अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें, जिससे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ें।
- ज्यादा मीठी चीजें खाने से शरीर में खराब बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, इसलिए मीठे का सेवन कम करें।
- अपनी योनि के आसपास के हिस्से को साफ-सुथरा रखें, लेकिन कठोर और तेज महक वाले साबुन के इस्तेमाल से बचें। ऐसे साबुन पीएच स्तर को बिगाड़ सकते हैं और यीस्ट संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं।
- अगर आपको एंटीबायोटिक लेनी पड़े, तो साथ में प्रोबायोटिक भी लें, जिससे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया बन सकें।
- दही में प्रोबायोटिक होते हैं जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इस दौरान बिना शक्कर वाला सादा दही खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
- जितना हो सके बहुत टाइट कपड़े, खासकर टाइट बॉटम्स पहनने से बचें, क्योंकि इससे यीस्ट संक्रमण बढ़ता है।
- तैराकी के बाद या व्यायाम के बाद गीले कपड़े तुरंत बदल लें। अपने निजी अंगों को हमेशा साफ और सूखा रखें।
- संबंध बनाने के बाद पेशाब करने से किसी भी तरह के बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
- सूती और सांस लेने वाले कपड़े के अंडरगारमेंट्स पहनें जो नमी और गर्मी से बचाएं।
- मासिक धर्म के दौरान केमिकल-फ्री पैड, टैम्पॉन या मैंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करें और इन्हें समय-समय पर बदलती रहें।
- बार बार योनि को धोने से योनि का पीएच स्तर बिगड़ सकता है और अच्छे बैक्टीरिया खत्म हो सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्म पानी से नहाने से यीस्ट बढ़ सकता है, इसलिए गर्म पानी से नहाने से बचें।
डॉक्टर से कब परामर्श करें?
अगर आपको गर्भधारण करने की प्रक्रिया के दौरान यीस्ट संक्रमण होने का संदेह है और आपको खुजली, जलन या असामान्य रूप से स्राव आने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो आपको तुरंत निदान और उपचार के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर उपचार मिलने से आपके गर्भधारण के प्रयास में रुकावट नहीं आएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. यीस्ट संक्रमण कितने समय तक रहता है?
अगर यीस्ट संक्रमण का सही से उपचार किया जाए तो यह आमतौर पर 3-7 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन उपचार के बिना इसे खुद ठीक होने में अधिक समय भी लग सकता है।
2. कैसे जानें कि मेरा यीस्ट इंफेक्शन ठीक हो रहा है?
जब खुजली और स्राव जैसे लक्षणों में आपको सुधार दिखाई देने लगे या आपको पूरा तरह से राहत मिलती हुई नजर आए, तो समझ जाएं कि आपके यीस्ट संक्रमण की समस्या ठीक हो रही है। यह बहुत जरूरी है कि आप डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा के कोर्स को पूरा करें ताकि आपको पूरी तरह से आराम मिल सके।
यीस्ट संक्रमण के साथ गर्भवती होना संभव है; हालांकि, यह असुविधाजनक हो सकता है। यदि बार-बार यीस्ट संक्रमण हो रहा है या घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रहा है, तो विशेष परीक्षणों और उपचार के लिए गाइनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेना उचित है।
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