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किसी भी सर्जरी की प्रक्रिया, बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए ही डरावनी होती है। खासकर बेबी और टॉडलर्स के लिए, सबसे आम सर्जरी को भी सबसे आखरी विकल्प के रूप में किया जाता है। अगर आपके बच्चे को सर्जरी की जरूरत है, तो थोड़ा डर पैदा होना स्वाभाविक है। आप यह सोच रही होंगे, कि क्या एनेस्थीसिया आपके बच्चे पर कोई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
न केवल टॉडलर्स, बल्कि सर्जरी की प्रक्रिया से गुजरने वाले हर व्यक्ति के लिए एनेस्थीसिया से कुछ खतरे जुड़े होते हैं। लेकिन जब शिशुओं की बात आती है, तब उनके दिमाग के विकास के प्रभावित होने का डर हमेशा ही एनेस्थीसिया और इस प्रक्रिया से जुड़ा होता है। इस डर के कारण हो सकता है, कि आप अपने बच्चे को कुछ सालों के लिए सर्जरी से बचाना चाहें, जब तक कि उसका मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं हो जाता। अगर ऐसे निर्णय से बच्चे को कोई नुकसान नहीं है, तो ऐसा किया जा सकता है। लेकिन अगर यह सर्जरी बहुत जरूरी हो, तो आपको अपने बच्चे की कुशलता के लिए इसे जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए। एनेस्थीसिया को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है और लाखों बच्चे जीवन रक्षक सर्जरी करा सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पीडियाट्रिक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स ने कड़ी मेहनत की है। शिशुओं और टॉडलर्स के लिए किसी भी दवा को हैंडल करते समय, वैज्ञानिक गहरी रिसर्च करते हैं और पूरी दुनिया के फिजिशियन भी विशेष सावधानी बरतते हैं।
पेरेंट्स होने के नाते, आपको जो पहली चीज करनी चाहिए वह यह है, कि एक जानकार डॉक्टर के साथ आपके बच्चे के लिए जरूरी सर्जरी से जुड़े हुए सभी फायदे और खतरों के बारे में बात करें। यहां पर कुछ सवाल दिए गए हैं, जो आपको पूछने चाहिए:
यदि बच्चा किसी जानलेवा स्थिति में नहीं है या सर्जरी कोई इमरजेंसी नहीं है, तो जब तक वह 3 साल का नहीं हो जाता, तब तक के लिए इसे टालने के बारे में विचार कर सकते हैं। स्टडीज दर्शाती हैं, कि बच्चे के दिमाग पर एनेस्थीसिया का असर उम्र के साथ घट जाता है।
पीडियाट्रिक एनेस्थिसियोलॉजिस्ट बच्चों को कम से कम प्रभावित करने वाली दवाओं के इस्तेमाल के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं, ताकि कॉम्प्लिकेशंस से बचा जा सके। बच्चे का वजन, आयु, लिंग क्या है और किसी विशेष बीमारी के लिए क्या बच्चे को कोई दवा दी जा रही है, इन सभी बातों के आधार पर बच्चे को उचित मात्रा में एनेस्थीसिया देने के लिए भी, उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। अगर आपका हॉस्पिटल इजाजत दे, तो आप ऐसे पीडियाट्रिक एनेस्थिसियोलॉजिस्ट का चुनाव कर सकती हैं, जो अक्सर बच्चों के साथ काम करते हैं।
पैनिक न हों। आपको यह समझना चाहिए, कि अगर बच्चे को सर्जरी की जरूरत है, तो उसे एनेस्थीसिया देना बहुत जरूरी है। अगर आप बिना किसी दर्द के बच्चे की सर्जरी करवाना चाहती हैं, तो एनेस्थीसिया के बिना यह संभव नहीं है।
वयस्कों की तुलना में शिशु और टॉडलर एनेस्थीसिया के प्रति अलग तरह से रिएक्ट करते हैं। पीडियाट्रिक एनेस्थिसियोलॉजिस्ट को इस बात के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, कि बच्चे को एनेस्थीसिया देने के बाद, वह उसके प्रभाव से सो जाए और पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षित और आरामदायक स्थिति में रहे। वे बच्चे की ब्रीदिंग, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट पर सावधानीपूर्वक नजर रखते हैं और उसके अनुसार एनेस्थीसिया के स्तर को एडजस्ट करते हैं। वे वह सब कुछ करते हैं, जो सर्जरी के दौरान आपके बच्चे को सुरक्षित और स्थिर रखने के लिए कर सकते हैं।
एनेस्थीसिया के सीडेटिव विकल्पों को लेकर लैब में रिसर्च की जा रही हैं। जानवरों पर की गई एक स्टडी में यह पाया गया, कि एनेस्थीसिया समेत बेहोश करने के लिए इस्तेमाल किए गए सभी सीडेटिव को अगर लंबे समय के लिए दिया जाए, तो मस्तिष्क के सामान्य विकास पर प्रभाव पड़ता है।
स्टडीज से पता चला है, कि जानवरों के मस्तिष्क पर डेक्समेडेटॉमिडाइन, क्लोनिडाइन और ओपीओइड्स जैसे कुछ एनेस्थेटिक्स ने ऐसा कोई प्रभाव नहीं डाला। लेकिन ये विकल्प ह्यूमन सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए उचित नहीं होते हैं। बेहोश करने के लिए नए विकल्पों को ढूंढने के लिए वैज्ञानिक अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी के लिए एनेस्थीसिया ही सबसे बेहतर है।
शिशुओं के लिए जनरल एनेस्थीसिया को सर्जरी के लिए सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। बेहोश करने के लिए जिन अन्य दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, उनके साइड इफेक्ट जनरल एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट की तरह ही होते हैं और ये प्रभाव बच्चे के वजन, आयु, मेडिकल हिस्ट्री, विकास के स्तर, शारीरिक गुण और सर्जरी के प्रकार के आधार पर बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए, बेबी और टॉडलर्स के लिए लाइट सीडेशन उचित नहीं होता है।
अगर आपका टॉडलर 3 साल से अधिक उम्र का है, तो आमतौर पर यह समझा जा सकता है, कि उसके दिमाग पर एनेस्थीसिया का प्रभाव कम पड़ेगा। एनेस्थीसिया एक जीवन रक्षक होने के बावजूद, यदि आपके टॉडलर को इमरजेंसी सर्जरी की जरूरत हो, तो भी अगर बीमारी के लिए सर्जरी बहुत अर्जेंट न हो, तो इसे कुछ समय के लिए टाला जा सकता है। साथ ही, अपने डॉक्टर से बात करने के बाद, आप सर्जरी के बजाय ड्रग थेरेपी जैसे विकल्पों के बारे में विचार कर सकती हैं। इससे जब तक बच्चा 3 साल का नहीं हो जाता और एनेस्थीसिया से जुड़ा खतरा कम नहीं हो जाता, उसके इलाज का एक सुरक्षित तरीका मिल सकता है।
अपने बच्चे के लिए रेकमेंडेड सर्जरी से पहले बच्चे के डॉक्टर और पीडियाट्रिक एनेस्थिसियोलॉजिस्ट से विस्तृत विचार-विमर्श करना न भूलें। इससे ना केवल आपको आपको डर से निजात मिलेगी, बल्कि आपको जानकारी भी मिलेगी और प्रक्रिया से जुड़े सभी खतरे, फायदे और साइड इफेक्ट्स के बारे में भी पता चलेगा।
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