शिशु

क्या बेबी पाउडर बच्चों के लिए सुरक्षित होता है?

बेबी पाउडर नमी को सोख कर बच्चे की त्वचा को सूखा और आरामदायक रखता है, खासकर नैपी रैशेस होने पर। इसलिए सभी नई माँएं पाउडर को प्राथमिकता देती हैं। आमतौर पर, इसे बच्चे की त्वचा पर डायरेक्ट लगाया जाता है, इसलिए कोई भी बेबी पाउडर चुनते समय आपको सावधान रहना चाहिए। हालांकि जो बेबी पाउडर, संबंधित अथॉरिटी के द्वारा अप्रूव्ड और सर्टिफाइड होते हैं, वे सुरक्षित होते हैं। फिर भी इस्तेमाल से पहले उनके कंटेनर पर लिखे निर्देशों को पढ़ लेना चाहिए। 

बेबी पाउडर किस चीज से बने होते हैं?

ज्यादातर बेबी पाउडर टेलकम से बने होते हैं और इसलिए इसे टेलकम पाउडर के नाम से भी जाना जाता है। टेलकम पाउडर का मुख्य इनग्रेडिएंट टैल्क नामक एक मिनरल होता है, जो कि सिलिकॉन, मैग्निशियम और ऑक्सीजन से बना होता है। नमी को सोखने वाले इसके गुणों और घर्षण को कम करने की क्षमता के कारण मैन्युफैक्चरर्स, बेबी पाउडर बनाने के लिए टेलकम को ज्यादा पसंद करते हैं। कुछ बेबी पाउडर कॉर्नस्टार्च से भी बने होते हैं, जिसे टेलकम का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। यह मक्के से बना होता है और इसके कण बड़े होते हैं, जो कि सांस के द्वारा बच्चे की शरीर के अंदर नहीं जा सकते हैं और इसलिए पेरेंट्स और पीडियाट्रिशियन कॉर्नस्टार्च से बने बेबी पाउडर को सुरक्षित मानते हैं। 

क्या बेबी पाउडर बच्चों के लिए नुकसानदायक होते हैं?

त्वचा पर इस्तेमाल के लिए बने बेबी पाउडर सांस के द्वारा बच्चे के शरीर के अंदर जा सकते हैं, खासकर अगर यह टैल्क से बना हुआ है, तो इसकी संभावना अधिक होती है। टेलकम पाउडर बहुत ही बारीक कणों से बने होते हैं, जो कि सांस के द्वारा अंदर जा सकते हैं और बच्चे के नाजुक फेफड़ों को इरिटेट कर सकते हैं। अगर आपके बच्चे को अस्थमा जैसी कोई रेस्पिरेट्री बीमारी है, तो आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी, क्योंकि बेबी टेलकम पाउडर के इस्तेमाल से थोड़ा खतरा संभव है। टेलकम की तुलना में कॉर्नस्टार्च से बने पाउडर के पार्टिकल थोड़े बड़े होते हैं और इसलिए उनका हवा के साथ उड़ना मुश्किल होता है। इसके कारण सांस के साथ शरीर के अंदर जाने का इसका खतरा कम हो जाता है और इसके सोखने की क्षमता भी बहुत अच्छी होती है। 

क्या न्यूबॉर्न बेबीज को बेबी पाउडर की जरूरत होती है?

वास्तविकता यह है, कि बच्चों को पूरे शरीर पर बेबी पाउडर की जरूरत नहीं होती है। बेबी पाउडर नमी को सोख लेता है और रैशेज को दूर रखता है। शुरुआती महीनों में जो कपड़ा आपके बच्चे के लिए सबसे अधिक जरूरी होने वाला है, वह होगा डायपर और चूंकि वह लगातार बच्चे की नाजुक त्वचा से छूती रहती है, तो इससे रैशेज हो सकते हैं। डायपर रैश के लिए बेबी पाउडर का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार ही करें। इसे केवल वहीं लगाएं, जहां इसकी जरूरत है। इसे पूरे शरीर पर लगाने के बजाय केवल गर्दन, अंडर आर्म और जेनिटल एरिया में लगाएं। बेबी पाउडर में मौजूद इनग्रेडिएंट के लंबे इस्तेमाल के कारण संभव नुकसान से बचने के लिए बेबी पाउडर का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें। आप जो बेबी पाउडर इस्तेमाल कर रहे हैं, लंबे समय के इस्तेमाल से वह शिशु की त्वचा से जरूरी नमी को छीन कर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। 

शिशुओं के लिए किस तरह का बेबी पाउडर अच्छा होता है?

बाजार में अनगिनत ब्रांड्स के बेबी पाउडर उपलब्ध हैं। उनमें से अपने बच्चे के लिए सबसे बेहतर पाउडर चुनने के लिए खुद थोड़ी रिसर्च करना सबसे अच्छा है। शुरुआत में एक भरोसेमंद और प्रतिष्ठित ब्रांड का बेबी पाउडर चुनें, ताकि आप कम से कम उसकी क्वालिटी को लेकर निश्चिंत रह सकें। जो बेबी पाउडर टेलकम से बने होते हैं, उनके इस्तेमाल से बचना चाहिए या फिर उनका इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। डॉक्टर और पीडियाट्रिशियन कॉर्नस्टार्च से बने बेबी पाउडर के इस्तेमाल की सलाह देते हैं, क्योंकि इसके पार्टिकल थोड़े बड़े होते हैं और इसलिए आसपास की हवा में इनका मिल पाना मुश्किल होता है। 

कुछ खास परिस्थितियों में कॉर्नस्टार्च से बने बेबी पाउडर परेशानी का कारण बन सकते हैं। यह कैंडीडा से होने वाले डायपर रैश को और खराब कर सकता है। ऐसे में इस बेबी पाउडर का इस्तेमाल ना करना ही अच्छा है। 

बेबी पाउडर का इस्तेमाल करते समय याद रखने के लिए कुछ टिप्स

बेबी पाउडर के इस्तेमाल के समय आपको सही पाउडर चुनना चाहिए और उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। यहां पर आसानी से याद रहने वाले कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप ऐसा कर पाएंगे: 

  • अपनी हथेली पर थोड़ा पाउडर लें और बच्चे की त्वचा पर इसे सीधे छिड़कने के बजाय धीरे-धीरे हल्के हाथों से दबाकर लगाएं।
  • पाउडर छिड़कते समय कंटेनर को बच्चे से दूर रखें और इसकी थोड़ी सी मात्रा अपनी हथेली पर लें। इससे बेबी पाउडर सांस के द्वारा बच्चे के अंदर नहीं जाएगा और उसकी आंखें भी इससे बची रहेंगी।
  • बच्चे के चेहरे पर बेबी पाउडर लगाना अच्छा नहीं होता है। इससे सांस लेने में दिक्कत आ सकती है। अगर यह सांस के द्वारा अंदर चला जाए, तो इससे फेफड़ों में दिक्कतें आ सकती हैं।
  • बच्चे की त्वचा की सिल्वटों पर इकट्ठा हो चुके पाउडर को एक मुलायम कपड़े से साफ करें। इससे उसकी त्वचा संक्रमण से बची रहेगी।

क्या आप बेबी पाउडर से डायपर रैश को ठीक कर सकते हैं?

जहां यह बच्चे की त्वचा को सूखा रखने में काफी मददगार साबित हो चुका है, वहीं यह डायपर रैश को ठीक करे, ऐसा जरूरी नहीं है। रैश तब होते हैं, जब डायपर्स को सही समय पर बदला ना जाए और त्वचा को ताजी हवा ना मिल सके। डिस्पोजेबल डायपर्स के इस्तेमाल के कारण बच्चे की नाजुक त्वचा में इरिटेशन हो सकती है, जो कि एलर्जी का कारण बन सकता है। डायपर रैश को ठीक करने के लिए बेबी पाउडर के इस्तेमाल के बजाय किसी दूसरे ब्रांड के डायपर को आजमाएं, क्योंकि बेबी पाउडर से यह समस्या खत्म नहीं होगी। 

बेबी पाउडर की जगह पर क्या इस्तेमाल करना चाहिए?

अगर आप बेबी पाउडर का एक सुरक्षित विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो इसके कुछ विकल्प उपलब्ध हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं और जो आपके बच्चे को सूट करता है, उसे चुन सकते हैं। अपने 3 महीने से अधिक उम्र के बच्चे के लिए टेलकम या कॉर्नस्टार्च के इस्तेमाल के बजाय आप लैवेंडर या कैमोमाइल जैसे एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, क्योंकि इन दोनों में ही एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। किसी तरह के रैश दिखने पर, तुरंत इनके इस्तेमाल को बंद कर दें। 

जब आपको अपने बच्चे के लिए बेबी पाउडर की सुरक्षा के बारे में सही जानकारी होती है, तो आप शायद ही कोई गलती करते हैं। बेबी प्रोडक्ट्स का चुनाव हमेशा सावधानी से करें, खासकर वैसे प्रोडक्ट्स जो उनके अंदर जाने वाला है या उनकी त्वचा पर लगाया जाने वाला है। ऊपर दी गई जानकारी का इस्तेमाल करें और अपने बच्चे को सूखापन और आराम दें। 

यह भी पढ़ें: 

बच्चे के लिए होममेड साबुन, शैम्पू और बॉडी वॉश
बच्चों के लिए कैलामाइन लोशन के इस्तेमाल के 20 फायदे
क्या नवजात शिशु के लिए बेबी लोशन का उपयोग करना सही है?

पूजा ठाकुर

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago