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जब छुट्टियां आने वाली होती हैं तो आप सोचती हैं कि अपने बच्चे को व्यस्त कैसे रखें, है न? इसके लिए यदि आप बच्चे के लिए फिर से नए टॉयज खरीदना चाहती हैं तो दोबारा सोचें। क्या बच्चे के पास पहले से ही बहुत सारे टॉयज नहीं हैं? पेरेंट्स को सिर्फ यह जानना चाहिए कि बहुत ज्यादा खिलौनों से बच्चों की क्रिएटिविटी बेहतर नहीं होती है। बच्चों के बेहेवियर एक्सपर्ट के अनुसार बहुत सारे टॉयज से बच्चा डिस्ट्रैक्ट हो सकता है और उसका ध्यान भटकता है। बहुत सारी स्टडीज की यह सलाह रही है कि बहुत ज्यादा खिलौने होने से बच्चे का ध्यान केंद्रित होने पर प्रभाव पड़ता है और यहाँ तक कि उसकी क्रिएटिविटी, स्किल्स, सामाजिकता, कल्पनाएं, मानसिक स्वास्थ्य और टीम स्पिरिट बाधित हो जाती है। अब आप यह सोच रही होंगी कि क्या बच्चे को टॉयज देना चाहिए? यदि हां तो उसे कितने टॉयज दें? इन सब चीजों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
आज कल बच्चों के पास एक या दो नहीं बल्कि बहुत सारे खिलौने होते हैं जो एक समस्या है। कभी-कभी पेरेंट्स भी बच्चे को बहुत सारे खिलौने देने के लिए जिम्मेदार होते हैं। बच्चों को बहुत सारे खिलौने देने से उन्हें मदद नहीं मिलती है और वह ज्यादा खिलौनों की मांग करते हैं। कुछ स्रोतों की मानें तो बच्चों को कोई भी खिलौना नहीं देना चाहिए। इस वजह से साल 1992 में दुनिया भर के डे केयर सेंटर ने बच्चों के लिए ‘नो टॉयज’ पॉलिसी लागू की थी। यूएस के ओहियो में स्थित टोलेडो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के अनुसार बहुत सारे खिलौनों से खेलने से बच्चों की क्रिएटिविटी कम हो जाती है पर कुछ टॉयज बच्चे के पूर्ण विकास में मदद करते हैं।
आप अपने बच्चे के लिए कुछ विशेष टॉयज ही खरीदें जिनसे उसका विकास हो सकता है। ऐसे टॉयज जो उसे पढ़ने (पजल) के लिए प्रेरित करें, म्यूजिक स्किल्स (क्लासरूम इंस्ट्रूमेंट) का विकास हो, उसकी कल्पनाओं व क्रिएटिविटी (आर्ट टॉयज) में सुधार हो, समस्याओं में सुधार करने की स्किल्स (स्क्रैबल) डेवलप हों, फिजिकल एक्टिविटीज में सुधार हों (बिल्डिंग ब्लॉक्स) अदि।
बच्चे अपने लिए खुद टॉयज नहीं खरीद सकते हैं इसलिए पेरेंट्स ही बच्चे की आदतों को प्रेरित करते हैं और उनके लिए बहुत सारे खिलौने खरीदते हैं। पेरेंट्स इस उम्र में बच्चे के लिए लगातार टॉयज क्यों खरीदते हैं इसके कुछ कारण हैं, आइए जानें;
पेरेंट्स होने के नाते आपको पता होना चाहिए कि बहुत सारे टॉयज खरीदने से बच्चों का अच्छा होने के बजाय हानि होती है। बहुत सारे टॉयज से बच्चे के डेवलपमेंट में प्रभाव पड़ता है जबकि कुछ टॉयज बच्चे को फायदे भी पहुँचाते हैं। बच्चों को बहुत सारे खिलौने क्यों नहीं देना चाहिए, यह जानने के लिए आगे पढ़ें;
अच्छे पेरेंट्स होने के नाते आप बच्चे के लिए कम से कम खिलौने खरीदने के बजाय कुछ अन्य चीजें भी कर सकती हैं ताकि वह टॉयज की मांग ज्यादा न करे। वे क्या चीजें हैं, आइए जानें;
आप बच्चे के कमरे में टॉयज का स्टोरेज बहुत ज्यादा बड़ा न बनाएं। इसे छोटा ही रखें ताकि वह जगह भरी हुई लगे और उसमें ज्यादा खिलौने न रखे जाएं। यदि खिलौने रखने की जगह ज्यादा नहीं है तो आप बच्चे को प्राथमिकताओं का महत्व सिखाएं। अर्थात उसे बताएं कि कौन सा खिलौना जरूरी है और कौन सा नहीं।
बच्चे को टीवी और मॉल के विज्ञापनों से दूर रखें जो उसे और खिलौने खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। टेलीविजन के विज्ञापन बच्चे को हर दूसरे दिन नए आइटम की मांग करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं इसलिए आप उन्हें हर दिन बहुत अधिक टीवी देखने से रोकें और उसे बाहर खेलने दें।
खिलौने या टॉयज चुनते समय यह समझें कि कौन सा खिलौना बच्चे के विकास में मदद कर सकता है। आप सिर्फ खरीदने के लिए टॉयज न लें बल्कि पजल या ब्लॉक जैसे खिलौने खरीदें क्योंकि यह टॉयज बच्चे का मानसिक विकास करने में मदद कर सकते हैं। तो खिलौनों के लाभों का पता लगाएं और फिर चुनें।
कभी-कभी माता-पिता दबाव के कारण खिलौने खरीद लेते हैं। अक्सर पेरेंट्स दूसरों को देखकर अपने बच्चे के लिए भी महंगे टॉयज खरीदते हैं। हो सकता अहइ कि यह टॉयज बच्चे को खुशी दें पर आपको पता होना चाहिए कि यह खुशी बहुत देर तक नहीं रहेगी। इस ट्रेंड को खत्म करें और अन्य पेरेंट्स को फॉलो करना बंद करें। आप इस पैटर्न को खत्म करें और कम में ही ज्यादा का एक नया ट्रेंड बनाएं। इससे बच्चे को अपने पास रखी चीजों के महत्व का एहसास होगा।
बच्चे को लंबे समय तक चलने वाले टॉयज दें ताकि वे इन्हें काफी समय तक याद रखें। आप अपने बच्चे को जिगसॉ गेम दे सकती हैं जिसमें अलग-अलग प्रकार की पहेलियां होती हैं और इसका उपयोग दोबारा भी किया जा सकता है।
जब बच्चा एक खिलौने से बोर हो जाता है तो उसे दूसरा खिलौना न दें। आप उसका ध्यान परिवार की एक्टिविटी, स्पोर्ट्स, पिकनिक, थिएटर, म्यूजिक, आर्ट और अन्य चीजों पर लगाएं ताकि उसका पूर्ण विकास हो सके।
आप बच्चे को घर पर खुद से खेलने वाली चीजें बनाने में मदद करें, स्कूल फेस्ट के कॉस्ट्यूम या फैंसी ड्रेस पार्टी, दोस्तों के लिए बर्थडे ओरिगामी गिफ्ट के साथ कार्ड, गेट वेल सून कार्ड आदि। इससे बच्चे की कल्पनाशीलता में सुधार होगा और वह क्रिएटिव बनेगा।
आप इन तरीकों से बच्चे में पूर्ण विकास कर सकती हैं। बच्चे के लिए नए टॉयज खरीदने के बजाय आप उसे नई व क्रिएटिव एक्टिविटीज में व्यस्त रखें। आप बच्चों को एक्टिविटीज का हिस्सा बनाएं ताकि वे एकता, परिवार के लिए समय, सामाजिकता, टीम स्पिरिट और क्रिएटिव एक्टिविटीज का महत्व समझ सकें। इन एक्टिविटीज से बच्चे का मानसिक विकास होगा, उसकी कल्पनाओं में सुधार होगा और वह जीवन के प्रति सकारात्मक भी होगा।
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