बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

क्या बहुत ज्यादा खिलौनों से बच्चे के विकास को नुकसान होता है?

जब छुट्टियां आने वाली होती हैं तो आप सोचती हैं कि अपने बच्चे को व्यस्त कैसे रखें, है न? इसके लिए यदि आप बच्चे के लिए फिर से नए टॉयज खरीदना चाहती हैं तो दोबारा सोचें। क्या बच्चे के पास पहले से ही बहुत सारे टॉयज नहीं हैं? पेरेंट्स को सिर्फ यह जानना चाहिए कि बहुत ज्यादा खिलौनों से बच्चों की क्रिएटिविटी बेहतर नहीं होती है। बच्चों के बेहेवियर एक्सपर्ट के अनुसार बहुत सारे टॉयज से बच्चा डिस्ट्रैक्ट हो सकता है और उसका ध्यान भटकता है। बहुत सारी स्टडीज की यह सलाह रही है कि बहुत ज्यादा खिलौने होने से बच्चे का ध्यान केंद्रित होने पर प्रभाव पड़ता है और यहाँ तक कि उसकी क्रिएटिविटी, स्किल्स, सामाजिकता, कल्पनाएं, मानसिक स्वास्थ्य और टीम स्पिरिट बाधित हो जाती है। अब आप यह सोच रही होंगी कि क्या बच्चे को टॉयज देना चाहिए? यदि हां तो उसे कितने टॉयज दें? इन सब चीजों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें। 

कितने खिलौने होने का मतलब ‘बहुत ज्यादा’ है?

आज कल बच्चों के पास एक या दो नहीं बल्कि बहुत सारे खिलौने होते हैं जो एक समस्या है। कभी-कभी पेरेंट्स भी बच्चे को बहुत सारे खिलौने देने के लिए जिम्मेदार होते हैं। बच्चों को बहुत सारे खिलौने देने से उन्हें मदद नहीं मिलती है और वह ज्यादा खिलौनों की मांग करते हैं। कुछ स्रोतों की मानें तो बच्चों को कोई भी खिलौना नहीं देना चाहिए। इस वजह से साल 1992 में दुनिया भर के डे केयर सेंटर ने बच्चों के लिए ‘नो टॉयज’ पॉलिसी लागू की थी। यूएस के ओहियो में स्थित टोलेडो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के अनुसार बहुत सारे खिलौनों से खेलने से बच्चों की क्रिएटिविटी कम हो जाती है पर कुछ टॉयज बच्चे के पूर्ण विकास में मदद करते हैं। 

आप अपने बच्चे के लिए कुछ विशेष टॉयज ही खरीदें जिनसे उसका विकास हो सकता है। ऐसे टॉयज जो उसे पढ़ने (पजल) के लिए प्रेरित करें, म्यूजिक स्किल्स (क्लासरूम इंस्ट्रूमेंट) का विकास हो, उसकी कल्पनाओं व क्रिएटिविटी (आर्ट टॉयज) में सुधार हो, समस्याओं में सुधार करने की स्किल्स (स्क्रैबल) डेवलप हों, फिजिकल एक्टिविटीज में सुधार हों (बिल्डिंग ब्लॉक्स) अदि। 

पेरेंट्स बच्चों के लिए ज्यादा से ज्यादा खिलौने क्यों खरीदना चाहते हैं?

बच्चे अपने लिए खुद टॉयज नहीं खरीद सकते हैं इसलिए पेरेंट्स ही बच्चे की आदतों को प्रेरित करते हैं और उनके लिए बहुत सारे खिलौने खरीदते हैं। पेरेंट्स इस उम्र में बच्चे के लिए लगातार टॉयज क्यों खरीदते हैं इसके कुछ कारण हैं, आइए जानें;

  • कुछ पेरेंट्स सोचते हैं कि यदि बच्चे को लेटेस्ट टॉय नहीं दिया तो वह नाराज हो जाएगा। बच्चे को बेस्ट टॉयज देने के लिए पेरेंट्स मार्केट में आई हर नई चीज खरीदते हैं।
  • कुछ पेरेंट्स एडवर्टाइजमेंट्स में नए टॉयज देखकर आकर्षित होते हैं और सोचते हैं कि इससे बच्चा बहुत खुश होगा।
  • कुछ पेरेंट्स व्यस्त होने के कारण बच्चे के साथ समय बिता नहीं पाते हैं और अपनी जगह पर उसे खिलौने लाकर दे देते हैं।
  • पेरेंट्स अक्सर बच्चे की मांग पर बहुत सारे टॉयज खरीदते हैं। बच्चे को खिलौनों का लालच देना तो बहुत ही बुरी बात है जो माता-पिता अक्सर करते हैं।
  • कुछ पेरेंट्स लक्जुरियस लाइफ के लिए बहुत सारे, महंगे और बड़े खिलौने खरीदना पसंद करते हैं।

बच्चों को बहुत ज्यादा खिलौने क्यों नहीं देना चाहिए?

पेरेंट्स होने के नाते आपको पता होना चाहिए कि बहुत सारे टॉयज खरीदने से बच्चों का अच्छा होने के बजाय हानि होती है। बहुत सारे टॉयज से बच्चे के डेवलपमेंट में प्रभाव पड़ता है जबकि कुछ टॉयज बच्चे को फायदे भी पहुँचाते हैं। बच्चों को बहुत सारे खिलौने क्यों नहीं देना चाहिए, यह जानने के लिए आगे पढ़ें; 

  • खिलौने एक लत की तरह होते हैं और इससे बढ़ते बच्चे को अन्य कई आदतें भी लग सकती हैं।
  • यदि आप बच्चे की मांग पर उसे बहुत सारे टॉयज देती हैं तो वह इस चीज का फायदा उठाकर अन्य नई चीजें भी मांग सकता है।
  • यदि आप बच्चे को हर बार उसके मांगने पर खिलौने देंगी तो उसे पाई हुई चीज के महत्व का एहसास नहीं होगा। यदि बच्चों को उनके मांगने पर तुरंत चीजें मिल जाएं तो इससे उसे चीजों की कद्र नहीं होगी।
  • यदि बच्चे के पास पहले से ही बहुत सारे खिलौने हैं तो वह उन्हें वेस्ट कर सकता है और इसकी सराहना नहीं करेगा।
  • बच्चों के पास बहुत सारे टॉयज होने से वे बार-बार अलग-अलग टॉयज से खेलते हैं। इससे उनका अटेंशन व फोकस कम होता है। बढ़ते बच्चों के लिए बहुत सारे टॉयज से खेलने से उनका ध्यान भटकता है।
  • घर पर बच्चे कम खिलौनों के साथ भी अच्छी तरह से खेल सकते हैं। बाहर के खाने के साथ बच्चों को खिलौनों का लालच देने से भी वे घर का खाना खाने से बचते हैं।
  • बहुत सारे टॉयज खरीदने से बच्चों की क्रिएटिविटी व कल्पनाशीलता कम हो जाती हैं क्योंकि वे घर की चीजों की खोज करके खुद से खेलना बंद कर देते हैं।
  • बहुत सारे खिलौनों से बच्चे को बोरियत हो सकती है और एक खिलौने से वह चिड़चिड़ा सकता है और किसी भी प्रकार के स्ट्रेस व बोरियत को खत्म करने के लिए नई चीजों को खोजता है। बच्चे बोर जल्दी इसलिए हो जाते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी मांग पर कोई भी नई चीज उन्हें मिल जाएगी। बोरियत व स्ट्रेस को खत्म करने के लिए टॉयज का उपयोग करने से यह एडिक्शन बन सकता है और बड़े होने के बाद उनकी यह आदत बन सकती है।
  • जिन बच्चों के पास कम खिलौने होते हैं उनमें सामाजिकता होती है क्योंकि उनके पास दोस्तों व परिवार से बात करने के लिए बहुत समय रहता है।
  • जिन बच्चों के पास कम खिलौने होते हैं वे चीजों को बहुत संभाल कर रखते हैं क्योंकि उनके पास कम चीजें हैं और उन्हें इसकी कद्र है इसलिए वे चीजों को सुरक्षित तरीके से रखते हैं।
  • जिन बच्चों के पास कम टॉयज होते हैं उन्हें पढ़ने, लिखने, ड्रॉइंग और अन्य एक्टिविटीज में काफी इंट्रेस्ट होता है। ये सभी एक्टिविटीज सुंदर चीजों, एहसास, मेल-जोल, बात-चीत, बॉन्डिंग और अन्य फायदेमंद स्किल्स की वैल्यू करना सिखाती हैं।
  • कम खिलौनों के साथ बच्चों को बहुत सारे आइडियाज आते हैं और वे चीजों को बहुत अच्छी तरह से करते हैं। वे कम चीजों से ज्यादा करना सीखते हैं।
  • यदि आप सोचती हैं कि ज्यादा खिलौनों से बच्चा लड़ेगा नहीं, गलत काम नहीं करेगा तो इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों के पास जितने ज्यादा खिलौने होंगे वे उतने ही ज्यादा स्वामित्व, स्वार्थ और क्षेत्रीय रवैया रखने वाले होंगे। इससे बच्चे को कुछ भी शेयर करने, देने या एक टीम में काम करने की क्षमता नहीं होगी।
  • जिन बच्चों के पास कम खिलौने होते हैं वे अपना कमरा साफ रखते हैं और यही आगे चलकर उनकी आदत बन जाती है।
  • यदि बच्चे के पास कम टॉयज होंगे तो वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय बाहर बिताएगा और फिजिकल एक्टिविटीज में व्यस्त रहेगा जो उसके मानसिक व शारीरिक विकास के लिए जरूरी है।

पेरेंट्स क्या कर सकते हैं

अच्छे पेरेंट्स होने के नाते आप बच्चे के लिए कम से कम खिलौने खरीदने के बजाय कुछ अन्य चीजें भी कर सकती हैं ताकि वह टॉयज की मांग ज्यादा न करे। वे क्या चीजें हैं, आइए जानें;

1. स्पेस मैनेजमेंट

आप बच्चे के कमरे में टॉयज का स्टोरेज बहुत ज्यादा बड़ा न बनाएं। इसे छोटा ही रखें ताकि वह जगह भरी हुई लगे और उसमें ज्यादा खिलौने न रखे जाएं। यदि खिलौने रखने की जगह ज्यादा नहीं है तो आप बच्चे को प्राथमिकताओं का महत्व सिखाएं। अर्थात उसे बताएं कि कौन सा खिलौना जरूरी है और कौन सा नहीं। 

2. कमर्शियल ब्रेक

बच्चे को टीवी और मॉल के विज्ञापनों से दूर रखें जो उसे और खिलौने खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। टेलीविजन के विज्ञापन बच्चे को हर दूसरे दिन नए आइटम की मांग करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं इसलिए आप उन्हें हर दिन बहुत अधिक टीवी देखने से रोकें और उसे बाहर खेलने दें।

3. ध्यान से चुनें

खिलौने या टॉयज चुनते समय यह समझें कि कौन सा खिलौना बच्चे के विकास में मदद कर सकता है। आप सिर्फ खरीदने के लिए टॉयज न लें बल्कि पजल या ब्लॉक जैसे खिलौने खरीदें क्योंकि यह टॉयज बच्चे का मानसिक विकास करने में मदद कर सकते हैं। तो खिलौनों के लाभों का पता लगाएं और फिर चुनें।

4. ट्रेंड खत्म करें

कभी-कभी माता-पिता दबाव के कारण खिलौने खरीद लेते हैं। अक्सर पेरेंट्स दूसरों को देखकर अपने बच्चे के लिए भी महंगे टॉयज खरीदते हैं। हो सकता अहइ कि यह टॉयज बच्चे को खुशी दें पर आपको पता होना चाहिए कि यह खुशी बहुत देर तक नहीं रहेगी। इस ट्रेंड को खत्म करें और अन्य पेरेंट्स को फॉलो करना बंद करें। आप इस पैटर्न को खत्म करें और कम में ही ज्यादा का एक नया ट्रेंड बनाएं। इससे बच्चे को अपने पास रखी चीजों के महत्व का एहसास होगा। 

5. कम रखें, रीसायकल करें और दोबारा से उपयोग करें

बच्चे को लंबे समय तक चलने वाले टॉयज दें ताकि वे इन्हें काफी समय तक याद रखें। आप अपने बच्चे को जिगसॉ गेम दे सकती हैं जिसमें अलग-अलग प्रकार की पहेलियां होती हैं और इसका उपयोग दोबारा भी किया जा सकता है। 

6. पारिवारिक एक्टिविटीज

जब बच्चा एक खिलौने से बोर हो जाता है तो उसे दूसरा खिलौना न दें। आप उसका ध्यान परिवार की एक्टिविटी, स्पोर्ट्स, पिकनिक, थिएटर, म्यूजिक, आर्ट और अन्य चीजों पर लगाएं ताकि उसका पूर्ण विकास हो सके। 

7. स्क्रैप से बनाएं

आप बच्चे को घर पर खुद से खेलने वाली चीजें बनाने में मदद करें, स्कूल फेस्ट के कॉस्ट्यूम या फैंसी ड्रेस पार्टी, दोस्तों के लिए बर्थडे ओरिगामी गिफ्ट के साथ कार्ड, गेट वेल सून कार्ड आदि। इससे बच्चे की कल्पनाशीलता में सुधार होगा और वह क्रिएटिव बनेगा। 

आप इन तरीकों से बच्चे में पूर्ण विकास कर सकती हैं। बच्चे के लिए नए टॉयज खरीदने के बजाय आप उसे नई व क्रिएटिव एक्टिविटीज में व्यस्त रखें। आप बच्चों को एक्टिविटीज का हिस्सा बनाएं ताकि वे एकता, परिवार के लिए समय, सामाजिकता, टीम स्पिरिट और क्रिएटिव एक्टिविटीज का महत्व समझ सकें। इन एक्टिविटीज से बच्चे का मानसिक विकास होगा, उसकी कल्पनाओं में सुधार होगा और वह जीवन के प्रति सकारात्मक भी होगा। 

यह भी पढ़ें: 

बच्चों के लिए 40 बेस्ट इंडोर गेम्स
बच्चों के लिए 15 बेस्ट क्रिएटिव एक्टिविटीज
छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित खिलौने कैसे खरीदें – 15 महत्वपूर्ण टिप्स

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

2 weeks ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

2 weeks ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

3 weeks ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

3 weeks ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

3 weeks ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

3 weeks ago