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यदि आप सोचती हैं कि क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हेयर ट्रीटमेंट कराना सुरक्षित है तो आप अकेली नहीं हैं। इन ट्रीटमेंट में बहुत ज्यादा केमिकल की जरूरत होती है और इसलिए यह सोचना नेचुरल है कि ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से कहीं इसके केमिकल बच्चे को हानि तो नहीं पहुँचा सकते। बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में संभालने के बाद उसकी देखभाल के दौरान आपको अपने लिए भी समय निकालने का मन करता होगा। सैलून में पूरा दिन बिताकर खुद को पैंपर करना रिलैक्स व नई ताजगी महसूस करने का एक बेहतरीन तरीका है। हालांकि कई सैलून में ऐसे प्रोसीजर का उपयोग भी किया जाता है जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपके लिए सुरक्षित नहीं हो सकते। इस आर्टिकल में हमने बताया है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बालों को कलर करना सुरक्षित है या नहीं, जानने के लिए पूरा पढ़ें।
यदि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आप अपने बालों को कलर करना चाहती हैं तो आपको कई चीजों के बारे में जानना चाहिए। यद्यपि ज्यादातर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँएं केमिकल-युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग नहीं करती हैं पर इसका कोई भी प्रमाण नहीं है कि कलर या पर्मिंग करने से बच्चे पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इन प्रोसेस में केमिकल का उपयोग बहुत कम किया जाता है और यह बालों में भी अब्सॉर्ब नहीं होते हैं। हालांकि यह केमिकल बालों में बहुत कम अब्सॉर्ब होंगे। इसके अलावा कुछ प्रोडक्ट की गंध मांओं के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए यदि आप इसका उपयोग करना ही चाहती हैं तो ऐसे प्रोडक्ट का उपयोग करें जिसमें हानिकारक गंध न आए और इसे सिर या त्वचा पर लगाने के बजाय सिर्फ बालों में ही लगाया जा सके। आप केमिकल के साथ इसकी गंध का उपयोग करते समय वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें और डाई लगाने के बाद ही सिर को धो लें। हम यह सलाह देंगे कि जब बच्चा सॉलिड फूड खाने लगे उसके बाद ही माँओं को सैलून में खुद को पैंपर करने जाना चाहिए।
पहले भी कहा गया है कि बालों के ट्रीटमेंट में केमिकल-युक्त प्रोडक्ट का उपयोग किया जाता है और त्वचा के संपर्क में आने से यह खून में मिल जाता है पर इसका स्तर बहुत कम होता है। यदि प्रोडक्ट में हानिकारक गंध रहती है, जैसे अमोनिया तो माँ को इस गंध से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। विश्वसनीय ब्रांड के अच्छे प्रोडक्ट का उपयोग करने से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम कम होते हैं और सस्ते ब्रांड में हानिकारक केमिकल होते हैं जिससे ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं या अन्य महिलाओं को भी तकलीफ हो सकती है।
हेयर कलर प्रोडक्ट का उपयोग करने से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।
बालों के कुछ ट्रीटमेंट में केमिकल का उपयोग किया जाता है जिससे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, आइए जानें;
यदि आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता करती हैं और कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती हैं तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बालों के ट्रीटमेंट के अन्य विकल्पों का उपयोग करें।
डॉक्टर आपको हेयर ट्रीटमेंट कराने की सलाह नहीं भी दे सकते हैं पर आप निराश न हों। बहुत सारे अन्य विकल्प केमिकल से मुक्त हैं और इसलिए वे बालों के लिए सुरक्षित भी हैं। गर्भावस्था के बाद आपके बालों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होगी और इन विकल्पों के परिणाम प्रोफेशनल प्रोडक्ट्स के परिणामों से ज्यादा अच्छे नहीं होंगे। इन तरीकों से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको व बच्चे को कोई भी हानि नहीं होगी। बाल कलर करने के अन्य तरीके निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं की एक सबसे मुख्य शिकायत यही है कि बच्चे के जन्म के बाद उनके बाल सफेद होने लगते हैं इसलिए वे डाई का उपयोग करती हैं। चूंकि केमिकल डाई सेफ नहीं है इसलिए आप नेचुरल वेजिटेबल डाई का उपयोग भी कर सकती हैं। डाई, जैसे हिना से आप अपने सफेद बालों को छिपा सकती हैं, इससे बालों की जड़ें मजबूत होंगी और बालों में चमक व सौम्यता आएगी। यदि आप हिना में शलजम का रस या कॉफी का काढ़ा बनाकर मिलाएंगी तो इससे बालों का रंग अधिक गहरा होगा।
बालों को डाई या पर्मिंग करने के बजाय आप हाईलाइट्स कराएं। इसमें आपके थोड़े बहुत बालों में ही कलर लगेगा और सिर या त्वचा में केमिकल नहीं पहुँचेगा। यह विकल्प स्टाइलिश और ट्रेंडी भी है।
आप चाहें तो टेम्पररी ट्रीटमेंट भी कर सकती हैं और इसमें केमिकल की जरूरत नहीं पड़ती है। बालों को कलर कराने से अच्छा है आप अपने अनुसार कर्लर का उपयोग करें। यही आप बालों को स्ट्रेट करने के लिए भी कर सकती हैं। इस प्रकार से आप अपने मूड और अवसर के अनुसार स्टाइल बदल सकती हैं। इन चीजों में कम देखभाल करने की जरूरत पड़ती है और यह आपके लिए एक बेहतरीन व रिलैक्सिंग स्पा बनेगा।
यदि फिर भी आपका दिल बालों को कलर करना चाहता है तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वे सावधानियां कौन सी हैं जानने के लिए आगे पढ़ें।
नीचे बताई हुई सावधानियों की मदद से हेयर ट्रीटमेंट में मदद मिलेगी और साथ ही इसके केमिकल खून में जाने से भी बचेंगे, आइए जानें;
यदि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आप अपने बालों को कलर करना चाहती हैं तो यह सलाह दी जाती है कि पहले पेडिअट्रिशन से बात करें और जानें कि इससे बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होगा। लगातार कलर का उपयोग करने से बचना चाहिए और इसे तभी करें जब बहुत जरूरी हो। यदि इस समय आप अपने बालों को कलर करती हैं तो बच्चे की सुरक्षा व अच्छी हेल्थ के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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