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डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं कि जन्म के बाद लगभग 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। माँ के दूध में वो सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो एक बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए जरूरी हैं। माँ के दूध में एंटी-बॉडीज भी होते हैं जो बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाते हैं और उसे इन्फेक्शन से बचाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि बहुत सारी मांएं अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पिला पाती हैं। हालांकि वे ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकती हैं जिनकी मदद से उनमें ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति हो सकती है। कई खाद्य पदार्थों में मेथी एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो महिलाओं में ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति करने में मदद करती है।
मेथी एक ऐसा हर्ब है जो वेस्टर्न एशिया, नॉर्थ अफ्रीका और साउथ-ईस्टर्न यूरोप के क्षेत्रों में पाया जाता है। मेथी का वैज्ञानिक नाम ट्राइगोनेला फेनुम-ग्रेकेम है और दुनिया में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में होता है। मेथी के पत्तों और बीजों का उपयोग साउथ एशिया के खाने में आमतौर पर किया जाता है। मेथी में बहुत सारा न्यूट्रिशन है और इससे विशेषकर लैक्टेटिंग मांओं को स्वास्थ्य से संबंधित कई लाभ मिलते हैं।
मेथी में कितना न्यूट्रिशन पाया जाता है, आइए जानें।
मेथी के पत्तों में ज्यादातर न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। लगभग 100 ग्राम मेथी में कितना न्यूट्रिशन होता है, आइए जानते हैं;
न्यूट्रिएंट | मात्रा |
एनर्जी | 323 किलो कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 58 ग्राम |
प्रोटीन | 23 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 0 मिलीग्राम |
डायटरी फाइबर | 24.6 ग्राम |
फैट | 6.41 ग्राम |
फॉलेट | 14% रोजाना की वैल्यू के अनुसार |
नियासिन | 7% रोजाना की वैल्यू के अनुसार |
रोबीफ्लेविन | 28% रोजाना की वैल्यू के अनुसार |
थायमिन | 27% रोजाना की वैल्यू के अनुसार |
विटामिन ‘ए’ | 2% रोजाना की वैल्यू के अनुसार |
विटामिन ‘सी’ | 5% रोजाना की वैल्यू के अनुसार |
सोडियम | 67 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 770 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 176 मिलीग्राम |
कॉपर | 1.11 मिलीग्राम |
आयरन | 33.53 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 191 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 296 मिलीग्राम |
जिंक | 2.50 मिलीग्राम |
इस लेख में हमने उन सभी सामान्य सवालों के जवाब दिए हैं जो हाल ही में बनी माँ ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान मेथी का सेवन करने के बारे में जानना चाहती है।
मेथी एक ब्रेस्टफीडिंग माँ और बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि वे महिलाएं जिन्हें डायबिटीज है, जो गर्भवती हैं या जिन्हें मूंगफली, चनों से एलर्जी है और जिन्हें हाइपोथयरॉइडिज्म है उन्हें अपने आहार में मेथी शामिल करने से पहले इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मेथी प्राकृतिक रूप से ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के लिए जाना जाता है। बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाएं ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के लिए मेथी का उपयोग पिछले सौ सालों से करती आ रही हैं।
मेथी में बहुत सारे फ्लेवोनॉइड्स और विटामिन्स होते हैं जो एक लैक्टेटिंग माँ के लिए फायदेमंद हैं। इसमें फाइटोएस्ट्रोजन है जो महिलाओं में एस्ट्रोजन के समान ही होता है और इससे ब्रेस्ट डक्ट्स बढ़ते हैं। मेथी में डायोस्जेनिन नामक कंपाउंड भी होता है जो लैक्टेटिंग महिलाओं में ब्रेस्टमिल्क के बहाव को बढ़ाता है।
यदि आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आप प्राकृतिक रूप से ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के लिए मेथी का सेवन कर सकती हैं। यहाँ निम्नलिखित तरीकों से आप अपने आहार में मेथी को शामिल कर सकती हैं, आइए जानें;
आप रोजाना एक चम्मच भीगे हुए मेथी के दाने खा सकती हैं। आप मेथी के बीजों को मुलायम करने के लिए लगभग 3-4 घंटों तक भिगोएं ताकि आप इन्हें आसानी से चबा सकें। कुछ लोग इसके पानी को भी पीते हैं।
आप मेथी के बीज को सॉफ्ट करने के लिए इन्हें गुनगुने पानी में भिगों दें। फिर पानी को छान लें और स्प्राउट निकलने तक बीजों को छलनी डालकर सामान्य तापमान में रख दें। आप इन स्प्राउट्स को सलाद में उपयोग कर सकती हैं या इन्हें ऐसे ही खाएं।
मेथी की चाय पीने से महिलाओं में ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति होने में मदद मिलती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले आप गर्म पानी में एक छोटा चम्मच मेथी के बीज डालें और उसे थोड़ी देर के लिए भीगने दें। आप इसमें शहद डालकर भी पी सकती हैं।
महिलाओं में लैक्टेशन बढ़ाने के लिए मेथी का पाउडर भी बहुत ज्यादा फायदेमंद है। पाउडर बनाने के लिए आप सूखे बीजों को रोस्ट करके पीस लें। आप दाल और सब्जी का फ्लेवर बढ़ाने के लिए इस पाउडर का उपयोग कर सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग मांओं के लिए कई फार्मेसी में मेथी के कैप्सूल उपलब्ध हैं। हालांकि इसे खरीदने से पहले आप खुराक की जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
आप कुकर में 2 बड़े चम्मच मेथी के दाने, चावल, पानी और नमक डालकर नरम होने तक पकाएं। आप ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इस पॉरिज को खा सकती हैं।
सबसे पहले आप मेथी के पत्तों को अच्छी तरह से धोएं और फिर इसकी डंठल निकाल लें। अब आप इसे फ्राई करके सब्जी बना सकती हैं। आप चाहें तो मेथी के पत्तों को सरसों के बीज और प्याज से तड़का लगाकर पका सकती हैं और इसे एक साइड डिश की तरह खाएं।
आप मेथी के दानों को गेहूं में मिलाकर पिसवा लें और उसी आटे की रोटी या पराठा बनाएं। मेथी खाने का यह एक स्वादिष्ट तरीका है।
आप डोसे का बैटर बनाने के लिए दाल और चावल के साथ मेथी के दाने भी पीस सकती हैं। इस बैटर से बनाया गया डोसा लैक्टेटिंग मांओं के लिए नाश्ते की एक बेहतरीन रेसिपी है।
आप सांबर, सब्जी और दाल में फ्लेवर बढ़ाने और इसे हेल्दी बनाने के लिए मेथी के पत्ते डाल सकती हैं।
कई ब्रेस्टफीडिंग मांओं ने यह ऑब्जर्व किया है कि मेथी के दाने खाने के 1 से 3 दिनों में उनका ब्रेस्टमिल्क बढ़ गया है। हालांकि कुछ महिलाओं में इसे बढ़ने में लगभग 2 सप्ताह भी लग सकते हैं।
यदि ब्रेस्टमिल्क का फ्लो आवश्यकतानुसार बढ़ चुका है तो आपको मेथी खाना कम या बंद कर देना चाहिए। यदि आपका बच्चा लगातार दूध पीता है तो इसका फ्लो ठीक रहेगा। यह उन मांओं के लिए भी लंबे समय तक ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति करता रहेगा जो दूध को पंप करके स्टोर करना चाहती हैं।
आइए जानते हैं कि आप कितनी मेथी खा सकती हैं।
लैक्टेशन को बढ़ाने के लिए मेथी के दाने सही मात्रा में खाने चाहिए। इसकी सही खुराक जानने के लिए आप डाइटीशन से संपर्क जरूर करें। मेथी दानों की निम्नलिखित खुराक से आप शुरूआत कर सकती हैं, आइए जानें;
विकल्प | खुराक |
पानी के साथ | आप गुनगुने पानी के साथ 3-4 ग्राम मेथी के दाने ले सकती हैं |
पाउडर के रूप में | 1 दिन में ½ या 1 चम्मच मेथी का पाउडर या दानें लें |
चाय | एक दिन में 2 से 3 कप चाय लें |
कैप्सूल | 3500 एम.जी. की 3-4 कैप्सूल लें |
यदि आप सोचती हैं कि मेथी के दानों से सिर्फ लैक्टेशन की आपूर्ति होती है तो इस लेख में आगे दिए हुए सवालों में आपको सभी जवाब मिल सकते हैं।
नर्सिंग मांओं में ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के अलावा मेथी खाने से स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी होते हैं, आइए जानें;
मेथी खाने से पीरियड्स में होने वाले क्रैंप्स कम हो जाते हैं। यदि आप पीरियड्स के दिनों में मेथी के दाने भिगो कर खाती हैं तो इससे दर्द कम होता है।
मेथी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में एजिंग के लक्षणों को दूर करते हैं।
मेथी खाने से ब्लड शुगर कम होता है और यह डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।
मेथी खाने से शरीर में ठंडक आती है और बुखार कम होता है। इसे बुखार कम करने की प्राकृतिक दवाओं के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
मेथी खाने से साइनस, कंजेस्शन ठीक हो जाता है और यह गला खराब होने की समस्या में भी आराम देती है। यदि आप मेथी की चाय से गरारा करती हैं तो यह गले के दर्द में भी राहत प्रदान करती है।
मेथी के बीज विशेषकर पुरुषों में टेरटोस्टेरॉन के स्तर में वृद्धि करके कामेच्छा को बढ़ाने के लिए भी जाने जाते हैं।
मेथी का एक्सट्रेक्ट पीने से शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एच.डी.एल.) का स्तर बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॉल (एल.डी.एल) का स्तर कम होता है।
मेथी भूख को बढ़ाने के लिए भी जानी जाती है। जिन लोगों को खाने से संबंधित बीमारी, जैसे ऐनोरएक्सजिया नर्वोसा होती है तो मेथी उन लोगों में प्राकृतिक रूप से भूख बढ़ाने का काम करती है।
मेथी उन लोगों के लिए अच्छी होती है जो लोग वजन कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें मौजूद कोलेस्ट्रॉल को घटानेवाले गुण लिपिड्स के बढ़ते स्तर को कम कर सकते हैं और ओबेसिटी को दूर रखते हैं।
मेथी का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है और यह गैस की समस्याओं को भी ठीक करती है। मेथी एक हर्बल ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक) है और इसका उपयोग पेचिश (डाइसेंट्रिक), पेट के अल्सर और गैस्ट्राइटिस को ठीक करने के लिए किया जाता है। मेथी से शरीर की सूजन कम हो सकती है। यदि आपको मुंह के अल्सर, फोड़े, खांसी, ट्यूबरक्लोसिस, टिश्यू में इन्फेक्शन, किडनी में समस्या और यहाँ तक कि कैंसर भी है तो मेथी इसमें हो रही सूजन को कम कर सकती है।
यदि आप मेथी के दाने और पत्तों को अपने आहार में शामिल करती हैं तो इससे आपको और बच्चे को बहुत सारे फायदे हो सकते हैं। पर आपको पता होना चाहिए कि इससे कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
यद्यपि मेथी खाने से स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारे फायदे होते हैं पर इसे बहुत ज्यादा खा लेने से माँ और बच्चे को कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं। ज्यादा मात्रा में मेथी खाने से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, आइए जानें;
अब आप मेथी के साइड-इफेक्ट्स भी जानती हैं। यदि आप अपने बच्चे को दूध पिलाते समय इसका सेवन करती हैं तो आपको इससे संबंधित कुछ बचाव भी जानना चाहिए।
यदि आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तो ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आप मेथी खाते समय निम्नलिखित सावधानियां जरूर बरतें, वे इस प्रकार हैं;
यद्यपि मेथी का उपयोग करने से कई महिलाओं में ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति हुई है इसलिए ज्यादातर डॉक्टर ब्रेस्टफीडिंग मांओं को मेथी का कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं। हालांकि इससे सभी महिलाओं को फायदा नहीं होता है। कुछ महिलाओं ने यह शिकायत भी की है कि मेथी खाने के बाद भी उनमें ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति नहीं हुई है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं में दूध की कम आपूर्ति कई कारणों से हो सकती है, जैसे कम न्यूट्रिशन होने के कारण, स्ट्रेस की वजह से, हॉर्मोनल असंतुलन के कारण और यदि बच्चे दूध पीने के लिए निप्पल को ठीक से नहीं पकड़ता है तो भी दूध की आपूर्ति कम होती है। यदि ऐसी समस्याएं हैं तो मेथी या इसके सप्लीमेंट्स खाने से महिलाओं प्राकृतिक रूप से ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति हो सकती है।
एशियाई कल्चर में पिछले कई सालों से महिलाओं में ब्रेस्टमिल्क को बढ़ाने के लिए मेथी का उपयोग किया जाता है। इसे खाने की वजह से एक माँ के दूध, पसीने व पेशाब और यहाँ तक कि बच्चे से भी मेपल सीरप की गंध आती है। चूंकि माँ का दूध पीते समय मेथी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स बच्चे तक भी पहुँचते हैं इसलिए यह लैक्टेशन बढ़ाने के अलावा स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है। आप इस सामग्री को अपने आहार में प्राकृतिक, फ्लेवर या मुख्य रूप में भी उपयोग कर सकती हैं। वैसे लैक्टेटिंग मांओं के लिए मेथी का उपयोग बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है लेकिन फिर भी आप डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही इसे अपने आहार में शामिल करें।
स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३
स्रोत ४
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