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उबटन एक पारंपरिक भारतीय मिश्रण है, जिसका इस्तेमाल बच्चों पर किया जाता है। लेकिन अपने नवजात शिशु के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए, कि क्या यह इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है? इसके क्या खतरे हो सकते हैं? और इसके इस्तेमाल से पूर्व कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? अधिक जानकारी के लिए लेख को आगे पढ़ें।
उबटन प्राकृतिक और हर्बल इनग्रेडिएंट्स का एक मिक्स है। इसे बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी होममेड बॉडी स्क्रब और एक स्किन क्लींजर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उबटन को बाजार से खरीदे गए साबुन के विकल्प के रूप में भी अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से तीन घटक होते हैं, पिसी हुई दालें और आटा, हर्बल पाउडर और पेस्ट बनाने के लिए दूध या गुलाब जल। वयस्क इसका इस्तेमाल साफ और सुंदर त्वचा पाने के लिए नेचुरल फेस मास्क के रूप में करते हैं। पारंपरिक रूप से, नवजात शिशुओं को नहलाने के दौरान मालिश करने के लिए उबटन का इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरण के लिए, शिशुओं के लिए बेसन के उबटन में, 4-5 कच्चे बादाम, ¼ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर, ½ छोटा चम्मच मसूर की दाल का पाउडर, 1 छोटा चम्मच बेसन, 1 बड़ा चम्मच बादाम का तेल, 1 बड़ा चम्मच दूध और 1 बड़ा चम्मच गुलाब जल मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बनाया जाता है। इस्तेमाल के लिए, अपने बच्चे के शरीर को गुनगुने पानी से गीला करें और फिर हल्के हाथों से इस उबटन के पेस्ट से मालिश करें। इसे एक-दो मिनट के लिए रहने दें और फिर गुनगुने पानी से धो दें।
शिशुओं के लिए मसूर की दाल का उबटन बनाने के लिए 4 बड़े चम्मच मसूर की दाल का पाउडर, 2 बड़े चम्मच हल्दी पाउडर, 1 बड़ा चम्मच चंदन का पाउडर, 1 बड़ा चम्मच बादाम का तेल और ½ बड़ा चम्मच दूध की मलाई को एक साथ मिलाया जाता है और एक पेस्ट तैयार किया जाता है। मसूर की दाल का उबटन भी बेसन के उबटन की तरह इस्तेमाल में लिया जाता है।
हालांकि उबटन लगाने की परंपरा सैकड़ों वर्षो से चली आ रही है और कहा जाता है, कि बच्चों की त्वचा के लिए ये काफी फायदेमंद होते हैं, फिर भी सावधानी बरतना अच्छा होता है और अपने न्यूबॉर्न बेबी पर उबटन लगाने से पहले इसके खतरों के बारे में भी जान लेना चाहिए। उबटन लगाने के फायदे नीचे दिए गए हैं:
इन फायदों के बावजूद अपने बेबी की नाजुक और सेंसिटिव त्वचा पर उबटन का इस्तेमाल करने से पहले, बच्चे के पेडिअट्रिशन से परामर्श लेने में ही समझदारी है।
जन्म के कम से कम 15 दिनों के बाद ही, बच्चे पर उबटन का इस्तेमाल किया जाना सुरक्षित है। उबटन लगाना शुरू करने से पहले, बच्चे का अंबिलिकल कॉर्ड स्टंप पूरी तरह से सूख कर गिर जाना चाहिए। इसके अलावा उसके लिए उबटन जैसी नई चीजों का इस्तेमाल करने से पहले, आपको अपने बच्चे के डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अगर बच्चे की त्वचा पर एक्जिमा या एक्ने जैसी समस्याएं हैं, तो भी उबटन का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं होता है।
हालांकि उबटन एक पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है, जो कि बच्चे की त्वचा के लिए फायदेमंद होती है। फिर भी इसके इस्तेमाल से जुड़े हुए कई तरह के खतरे हो सकते हैं:
बच्चे पर उबटन का इस्तेमाल करने से पहले, नीचे दिए गए टिप्स और सावधानियों को ध्यान में रखें:
अगर सौम्यता से और सावधानी से इस्तेमाल किया जाए, तो आपके बेबी की त्वचा के लिए उबटन बहुत फायदेमंद होते हैं। अतिरिक्त सावधानी बरतें और नहाने के समय पर की जाने वाली मालिश में इसके इस्तेमाल से नन्हे शिशु के साथ अपने संबंध को मजबूत बनाएं।
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