शिशु

क्या खांसी या जुकाम की स्थिति में शिशुओं को वैक्सीन दी जा सकती है?

एक बच्चे के जीवन में टीकाकरण एक बहुत ही जरूरी कदम है और सबसे आम चुनौती जो इसे प्रभावित करती है, वह होती है बीमारियां। इसलिए, पेरेंट्स इसे लेकर आश्वस्त होने चाहिए, कि उनके बच्चे इससे निपटने के लिए शारीरिक रूप से तैयार हों। क्या आपको कभी ऐसा खयाल आया है, कि बच्चे को खांसी या जुकाम होने पर वैक्सीन देनी चाहिए या नहीं। जानने के लिए आगे पढ़ें। 

बच्चे के बीमार पड़ने पर क्या होता है?

आमतौर पर एक बच्चे या वयस्क के बीमार होने के पीछे का कारण होता है, शरीर में जर्म्स का प्रवेश। ऐसी स्थिति में, इन कीटाणुओं से लड़ने के लिए, शरीर का इम्यून सिस्टम प्राकृतिक रूप से एंटीबॉडीज पैदा करता है। यह एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है। हर किसी के लिए शरीर के द्वारा उत्पन्न की जाने वाली एंटीबॉडीज की दर अलग होती है। एंटीबॉडीज के बनने के बाद शरीर तैयार हो जाता है। निकट भविष्य में अगर व्यक्ति उसी जर्म के कारण बीमार पड़ जाता है, तो शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर के अंदर पहले से ही मौजूद एंटीबॉडीज का इस्तेमाल करता है और शरीर को प्रभावित करने से पहले ही इन्फेक्शन से लड़ता है। 

वैक्सीन किस तरह से काम करती हैं?

वैक्सीनेशन ऊपर दी गई प्रक्रिया से काफी मिलता-जुलता है। वैक्सीन के द्वारा बच्चे के शरीर में एंटीबॉडीज डालने की प्रक्रिया को वैक्सीनेशन कहा जाता है। ऐसे में, बच्चे के बीमार पड़ने और खुद एंटीबॉडीज पैदा करने के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं होती है। इस तरह से, बीमार पड़े बिना ही बच्चा बीमारी के प्रति इम्यून हो जाता है। शरीर में वैक्सीन के काम करने की अवधि उस वैक्सीन विशेष की प्रकृति पर निर्भर करती है। अच्छी बात यह है, कि ऐसी कुछ वैक्सीन होती हैं, जिन्हें एक बार शिशु को देने पर वे जिंदगी भर काम करती रहती हैं। आपको यह समझने की जरूरत है, कि हर वैक्सीन एक जैसी नहीं होती है और इनमें से कुछ बाकियों से अधिक जरूरी होती हैं। 

वैक्सीन का महत्व इसकी खूबियों पर निर्भर करता है। यहाँ पर कई तरह के तत्व अपनी भूमिका निभाते हैं, जैसे –  क्या यह वैक्सीन केवल एक बीमारी पर काम करती है और जिस बीमारी के लिए बच्चे को वैक्सीन दी गई है, क्या वह जानलेवा है। एक और जरूरी तत्व जिसे देखा जाना चाहिए, वह यह है, कि क्या बीमारी से आजीवन बचाव के लिए जिंदगी भर विभिन्न अंतरालों पर वैक्सीन देने की जरूरत है। जिंदगी भर दिए जाने वाले इस तरह के लाइफटाइम एप्लीकेशन में टाइफाइड, हेपेटाइटिस, पोलियो और ऐसी ही कुछ अन्य बीमारियां शामिल हैं। ऐसी स्थिति में अगर बच्चे को हल्का बुखार या खांसी हो, तो भी वैक्सीनेशन के शेड्यूल को फॉलो करना बेहतर है। अगर लंबे समय तक आप शेड्यूल का पालन नहीं करते हैं, तो इससे बच्चे को फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। 

आपको अपने बीमार बेबी को वैक्सीन देने से क्यों बचना चाहिए?

अगर आपका बच्चा बीमार है या उसे बुखार है, तो बेहतर यही है, कि जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता है, तब तक उसका वैक्सीनेशन न किया जाए। हालांकि, अगर उसे बुखार नहीं है और केवल हल्का जुकाम या खांसी है या अगर वह कुछ दिनों से जरा सा बीमार है, तो उसे वैक्सीन दी जा सकती है। 

जब बच्चे के शरीर में कोई इन्फेक्शन होता है, तो शरीर का इम्यून सिस्टम इन्फेक्शन पैदा करने वाले जर्म्स के प्रति प्रतिक्रिया देता है और बहुत सारे एंटीबॉडीज बनाता है। जब जर्म्स बच्चे के शरीर में फिर से आते हैं, तो कोई भी समस्या खड़ी होने के पहले ही इम्यून सिस्टम के एंटीबॉडीज इन्हें खत्म कर देते हैं। 

बच्चे को वैक्सीन देने पर बिल्कुल यही प्रक्रिया होती है और सबसे अच्छी बात यह है, कि इन एंटीबॉडीज को बनाने के लिए बच्चे को बीमार होने की जरूरत नहीं होती है। कुछ मामलों में ये लॉन्ग लास्टिंग होते हैं और कुछ मामलों में ये जीवन भर चलते हैं। 

इसी कारण से, सुरक्षित यही है, कि जब इम्यून सिस्टम दूसरी किसी बीमारी से लड़ रहा हो, उसी समय टीकाकरण न किया जाए। अगर बच्चे को कुछ दिनों से हल्की खांसी या जुकाम है, तो इसका मतलब है, कि इम्यून सिस्टम इंफेक्शन पैदा करने वाले जर्म्स से अब तक छुटकारा पा चुका है। 

बेबी को कब वैक्सीन देना सही है?

यह समझना बहुत जरूरी है, कि छोटे बच्चे छोटी-मोटी बीमारियों से बहुत जल्दी संक्रमित हो जाते हैं, जैसे कि, हल्की खांसी या जुकाम। कई मामलों में इनके साथ बुखार नहीं होता है और ये लंबे समय तक नहीं रहते हैं, इसलिए बच्चे को वैक्सीन देना चाहिए या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए सबसे आसान तरीका यह है, कि जिस दिन वैक्सीन लगाई जानी है, उस दिन सुबह से यह चेक करें, कि बच्चा स्वस्थ है या बीमार है। अन्य मामलों में इन्फेक्शन के ठीक होने के बाद वैक्सीन लगाना सबसे अच्छा होता है। इसकी टाइमिंग बहुत जरूरी है। अगर बच्चा बहुत तेज बीमार न हो, तो आप उसे वैक्सीन लगवा सकते हैं। अपने डॉक्टर से अपनी परिस्थिति के बारे में बात करें और यह पता करें कि आपको वैक्सीनेशन कैंसिल करने की जरूरत है या नहीं। याद रखें, कि बच्चे को जितनी जल्दी वैक्सीन लग जाती है, उतना ही अच्छा होता है। 

जब बच्चा मम्प्स, मीजल्स या रूबेला जैसी बीमारियों के लिए वैक्सीन लेता है, तो इसके कुछ हल्के रिएक्शन हो सकते हैं। इसलिए अगर वैक्सीन लेने के बाद, कुछ दिनों तक बच्चा बीमार महसूस करे, तो आपको परेशान नहीं होना चाहिए। किसी यात्रा या किसी जरूरी कार्यक्रम से पहले वैक्सीन लगवाने से बचें। 

छोटी मोटी बीमारियां वैक्सीन में बाधा नहीं डालती हैं और एंटीबायोटिक लेने के दौरान भी बच्चे वैक्सीन ले सकते हैं। अगर आप अपनी परिस्थिति को लेकर चिंतित हैं और आपके मन में किसी तरह की शंका है, तो अपने फिजिशियन से परामर्श ले सकते हैं। 

यह भी पढ़ें: 

शिशुओं और बच्चों के लिए फ्लू वैक्सीन
बच्चों को वैक्सीन लगाने के बाद बुखार आना
विभिन्न बीमारियों के लिए बचपन में लगाई जाने वाली वैक्सीन

पूजा ठाकुर

Recent Posts

150 ‘ज’ और ‘झ’ अक्षर से लड़कियों के नाम अर्थ सहित

बच्चों के लिए नाम चुनना बेहद मजेदार काम है। आजकल तो माता-पिता गर्भावस्था से ही…

11 hours ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

12 hours ago

पति के लिए दिल को छूने वाले सॉरी मैसेज और कोट्स

कभी-कभी जिंदगी की भागदौड़ में हम अपने सबसे खास और करीब इंसान से ही उलझ…

2 days ago

150 ‘व’ अक्षर से लड़कों के नाम अर्थ सहित

हर माता-पिता को अपने बच्चे का नाम रखते समय उसका अर्थ भी ध्यान में रखना…

2 days ago

पति-पत्नी की चौथी शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं, संदेश और कोट्स

एक शादीशुदा जोड़ी के लिए शादी के चार साल पूरे होना एक बहुत ही खास…

2 days ago

150 ‘त’ और ‘त्र’ अक्षर से लड़कियों के नाम अर्थ सहित

जब मम्मी-पापा के रूप में अपने बच्चे के लिए आप ढेर सारे सपने सजाते हैं…

3 days ago