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क्या लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग कराना फायदेमंद है

ब्रेस्टफीडिंग कराना माँ के जीवन का एक महत्वपूर्ण काम होता है। ब्रेस्टफीडिंग के कई फायदे होते हैं, जिनमें से एक होता है बच्चे को बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स दिलाना। 

एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग क्या होती है?

अपने बच्चे को एक साल के बाद भी ब्रेस्टफीडिंग कराने को एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग के नाम से जाना जाता है। इसमें 2 से 4 वर्ष के बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराना शामिल है। अगर एक महिला का शरीर उसके बच्चे के लिए आवश्यक दूध का प्रोडक्शन कर सकता है, तो वह एक्स्टेंडेड ब्रेस्टफीडिंग का चुनाव कर सकती है। 

लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग कराने के फायदे

ऐसा देखा गया है, कि लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग कराने से बीमारियों से बचाव के अलावा, बच्चे का आई-क्यू और ई-क्यू लेवल बढ़ता है। जिससे मेंटल ग्रोथ और डेवलपमेंट स्टिम्युलेट होती है। स्टडीज यह दर्शाती हैं, कि माँएं ब्रेस्टफीडिंग के माध्यम से चिंतामुक्त रहती हैं, अधिक संतुष्ट महसूस करती हैं और उन्हें अपने बच्चे के साथ एक मजबूत संबंध के अहसास में मदद मिलती है। 

1. बच्चे के लिए फायदे

इस उम्र के बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने से निम्नलिखित फायदे होते हैं: 

  • ब्रेस्टमिल्क का सबसे बड़ा फायदा होता है, कि इससे बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए कई न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।
  • इससे माँ के साथ एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव और एहसास पैदा होता है और हर दिन के साथ स्वतंत्र हो रहे बच्चे को इससे सपोर्ट मिलता है।
  • अगर माँ अनजान जगहों की यात्रा करती है, तो बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग से आराम मिलता है।
  • इससे बच्चे में एक स्वस्थ वजन को मेंटेन करने में मदद मिलती है।
  • ब्रेस्टमिल्क से बच्चे की बढ़ती हुई जरूरतों के लिए सही मात्रा में पोषक तत्व मिल जाते हैं।
  • इससे उन बीमारियों का खतरा कम होता है, जो बड़े होने के बाद बच्चों को होने की संभावना होती है।
  • अगर बच्चे अपनी जरूरत के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग करना छोड़ते हैं, जिससे वे अधिक स्वतंत्र होते हैं।
  • इससे बच्चा हाइड्रेटेड रहता है और उसका पेट भी भरा होता है, जिसे डिहाइड्रेशन का खतरा कम हो जाता है।

2. माँ के लिए फायदे

ब्रेस्टफीडिंग से आपके बच्चे की इम्युनिटी का विकास तो होता ही है, लेकिन माँ को भी ब्रेस्टफीडिंग से कई फायदे मिलते हैं। इनमें से कुछ यहाँ दिए गए हैं: 

  • इससे माँ और बच्चे के बीच संबंधों को अधिक मजबूत बनाने के लिए अधिक समय भी मिलता है और दोनों के बीच जुड़ाव भी बढ़ता है और मजबूत बनता है।
  • इससे गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद मिलती है।
  • ब्रेस्टफीडिंग में बिताए जाने वाले समय से माँ को शांति मिलती है और इससे करियर और दूसरे कमिटमेंट की माँगों से राहत मिलती है।
  • इससे ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के खतरे कम होते हैं और साथ ही कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
  • देर से आने वाले पीरियड ब्रेस्टफीडिंग के आम साइड इफेक्ट्स में से एक हैं, इसलिए इसके साथ आने वाले दर्द और ब्लोटिंग में भी कमी आती है।
  • एक माँ का शरीर ब्रेस्टफीडिंग को जारी रखने के लिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज करता है, जो कि डिलीवरी के बाद फीडिंग के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • इससे माँओं को काफी सुकून मिलता है, क्योंकि वे अपने बच्चों को एक स्वस्थ बच्चे के रूप में बढ़ते हुए देख सकती हैं।
  • माँ को यह चिंता करने की जरूरत नहीं होती है, कि कौन सा फार्मूला मिल्क उसके बच्चे के लिए ठीक होगा, क्योंकि उसे इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती है।

एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी समस्याएं

जब एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग की बात आती है, तो कई नई माँओं के विचारों में मतभेद देखा जाता है। पर लंबी चलने वाली ब्रेस्टफीडिंग से होने वाले नुकसान के लिए तैयार रहने के लिए, इनके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। 

1. माँ की आजादी में बाधा

ब्रेस्टफीडिंग एक बड़ा कमिटमेंट है और कुछ समय के बाद माँ की लाइफस्टाइल और रूटीन इसे बाधित होने लगता है। जीवन के सामान्य ढर्रे पर वापस आ जाने के बाद, बच्चे के फीडिंग रूटीन की प्लानिंग करना, पंपिंग करना यह सब काफी मुश्किल लगने लगता है। 

2. दर्द

कई महिलाएं निप्पल में सूजन, दरार, कटना, आकार का बढ़ना और ब्लॉक्ड डक्ट जैसी तकलीफों के कारण काफी दर्द का अनुभव करती हैं। परेशानियां लगातार साथ रहने लगती है और एक नई माँ के लिए यह झुंझलाहट का कारण बन सकता है। 

3. लोगों की राय

जो माँएं लंबे समय तक बच्चों को ब्रेस्टफीड कराती हैं, सार्वजनिक जगहों पर ब्रेस्टफीडिंग बड़े पैमाने पर स्वीकार्य होने के बावजूद, उन्हें काफी निंदा और सामाजिक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ता है। इसके कारण माँएं उदासी  और परेशानी का अनुभव करती हैं, क्योंकि कई लोगों को ऐसा लगता है, कि जो बच्चा चल सकता है और बात कर सकता है, उसे ब्रेस्टफीडिंग की जरूरत नहीं होती है।

4. फीडिंग छुड़ाने में परेशानी

लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद कई माँएं इसे छुड़ाने में परेशानी का अनुभव करती हैं।

5. खाने-पीने में नखरे

अगर माँ बच्चे को केवल ब्रेस्टफीड कराती है और उसे अलग-अलग तरह का खाना नहीं देती है, तो आगे चलकर ऐसे बच्चे कई तरह का सॉलिड फूड नहीं लेना चाहते हैं और खाने-पीने में इनके काफी नखरे होते हैं और ये हमेशा किसी भी दूसरे खाने के बजाय ब्रेस्टमिल्क को ज्यादा पसंद करते हैं। 

6. मोटापा और वजन का बढ़ना

चूंकि माँओं को अपने भूखे बच्चे के लिए लगातार दूध बनाने की जरूरत होती है, तो इसके लिए उन्हें अधिक खाना भी खाना पड़ता है। जिससे उनमें वजन बढ़ने की शिकायत हो जाती है। 

7. थकावट

नए पेरेंट्स की जिम्मेदारियां वैसे भी बढ़ जाती हैं और इसके अलावा लंबे समय तक चलने वाली ब्रेस्टफीडिंग एक माँ को और भी अधिक थका सकती है। 

8. नींद की कमी

जो बच्चे रात के समय ब्रेस्टफीड करते हैं, उन्हें सोने में परेशानी हो सकती है। 

क्या गर्भावस्था के दौरान पहले बच्चे को दूध पिलाना संभव है?

माँएं प्रेगनेंसी के दौरान भी अपने बच्चों को सुरक्षित रूप से दूध पिलाना जारी रख सकती हैं। अगर आप एक बैलेंस्ड डायट लेती हैं और सही समय पर भोजन करती हैं, तो आपका शरीर आपके पहले बच्चे, आपके और आपके गर्भ में पल रहे बेबी के लिए पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स निर्धारित करने में सक्षम होता है। जो बात सबसे जरूरी है, वह यह है, कि इस दौरान अपने शरीर के संकेतों को समझा जाए। 

एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग आपके लिए सही तरह से काम करे, इसके लिए कुछ टिप्स:

  • एक नर्सिंग नेकलेस और अच्छी नर्सिंग ब्रा खरीदें।
  • आलोचना से बचने के लिए ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अपने आसपास सपोर्टिव लोगों को रखें।
  • अपने बच्चे को अपने आप ही ब्रेस्टफीडिंग छोड़ने के लिए समय दें।
  • उसके काटने से हिम्मत न छोड़ें, इसके बजाय बच्चे का ध्यान किसी और जगह पर लगाएं और एक ब्रेक के बाद दोबारा दूध पिलाना शुरू करें।
  • आमतौर पर जब एक माँ दूध पिलाना जारी रखती है, तो उसके शरीर में दूध की कमी कभी नहीं होती है। इसलिए अपने बच्चे के साथ सौम्य बने रहें और धैर्य बनाए रखें।
  • पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए पहले से प्लानिंग करें।

लंबे समय तक ब्रेस्टफीडिंग कराने के कुछ निश्चित फायदे होते हैं, जैसे कि बच्चे की अच्छी इम्युनिटी और आपके और बच्चे के बीच एक मजबूत बॉन्ड। वहीं दूसरी ओर इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जैसे शरीर में होने वाला दर्द और इससे जुड़ी हुई सामाजिक मान्यताओं से निपटना। हमने इसके बारे में आपको सभी जरूरी जानकारी से अवगत करा दिया है। अब इस निर्णय पर केवल आपका अधिकार है, कि आप अपने बच्चे को लंबे समय तक दूध पिलाना चाहती हैं या नहीं और इसका आधार केवल यही होना चाहिए, कि आपको क्या सही लगता है। 

यह भी पढ़ें: 

रात के समय बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना
बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के फायदे और टिप्स
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे का रोना – कारण और निवारण

पूजा ठाकुर

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