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मीठे खाद्य पदार्थों का आनंद तो अक्सर सभी लोग लेते हैं और इसे छोड़ पाना बहुत कठिन है पर गर्भावस्था के दौरान मीठा खाते समय आपको ध्यान देने की जरूरत है। गर्भावस्था में मीठा खाने से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर इसका इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है। इसके अलावा ज्यादा मीठा खाने से गर्भवती महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, इंसुलिन व ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है और न्यूट्रिएंट्स की कमी भी हो सकती है। स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आपका थोड़ा बहुत वजन बढ़ना सामान्य है और यह आवश्यक भी होता है पर इस समय बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से आपकी पीठ में दर्द हो सकता है और साथ ही दाँतों की समस्या भी हो सकती है। यदि आप गर्भवती हैं और आपको मीठा खाना बहुत पसंद है तो अपना पसंदीदा गुलाब जामुन या काजू कतली खाने से पहले आपको दो बार सोचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा मीठा खाना क्यों हानिकारक होता है, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था में मीठा न खाना ही बेहतर है। यदि आप गर्भवती हैं तो इस समय कम से कम मीठा खाएं क्योंकि इससे आपके बच्चे के स्वास्थ्य को हानि हो सकती है। इस दौरान मीठे व्यंजन खाने से आपको निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, आइए जानें;
बहुत ज्यादा मीठा खाने से वजन बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कैलोरी-युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कुकीज, पेस्ट्रीज, मिठाई, हलवा और केक खाने से आपका वजन अधिक बढ़ सकता है। यहाँ तक कि कोल्ड ड्रिंक और मीठा पेय पदार्थ लेने से भी वजन बढ़ता है जिसकी वजह से आपको कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं, जैसे पीठ में दर्द, दाँतों में समस्या और जेस्टेशनल डायबिटीज।
गर्भावस्था में ज्यादा मीठा खाने से आपके खून में सुक्रोज का स्तर बढ़ सकता है। यदि आपके आहार में मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शामिल हैं तो इससे सुक्रोज का स्तर बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान सुक्रोज के स्तर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सुक्रोज-युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बजाय फल खाएं। इससे आपके खून में शुगर का स्तर नहीं बढ़ेगा।
गर्भावस्था के दौरान मीठे खाद्य पदार्थ खाने से बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। यदि एक गर्भवती महिला मीठा खाती है तो उसके बच्चे को डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने का खतरा होता है। इस वजह से जन्म के समय में बच्चे के वजन पर भी असर पड़ता है। ज्यादा मीठा खाने से कभी-कभी बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो सकता है और साथ ही उसमें जन्म से ही अनेक कॉम्प्लीकेशंस हो सकते हैं। यदि गर्भावस्था में एक महिला ज्यादा मीठा खाती है तो बच्चे को ओवरवेट की समस्या हो सकती है। बच्चे को दिल का रोग और अनेक एलर्जी हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को अस्थमा का खतरा हो सकता है और यह बच्चे की संज्ञानात्मक सक्षमता यानी कॉग्निटिव एबिलिटीज को भी प्रभावित करता है। अमेरिकन स्टडीज के अनुसार यदि एक गर्भवती महिला शुगर या सोडा लेती है तो उसके बच्चे की याद रखने और सीखने की क्षमता पर असर पड़ता है।
एक महिला दिन में लगभग 100 कैलोरी (25 ग्राम या 6 छोटे चम्मच) खा सकती है। यह मात्रा उनके लिए सही है जो स्वस्थ, पतली और एक्टिव हैं। यदि आप ओवरवेट हैं या गर्भवती हैं तो आपके आहार में सॉफ्ट ड्रिंक्स, बेक्ड फूड आइटम्स और प्रोसेस्ड फूड नहीं होने चाहिए। तो आप सिर्फ स्वास्थ्यप्रद और एक ही सामग्री से बना हुआ भोजन करें और उन प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें जो शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बनाए गए हों।
अब आपको पता है कि गर्भावस्था के दौरान ज्यादा शुगर या मीठा खाने से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जिन्हें मीठा खाना पसंद है वो गर्भवती महिलाएं शायद सोचती होंगी कि क्या इस समय वे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं!
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं हमेशा अपनी डायट और न्यूट्रिशन के बारे में चिंतित रहती हैं। स्वीटनर्स को दो भागों में बांटा जा सकता है – न्यूट्रिटिव (जिसमें कैलोरीज होती हैं) और नॉन-न्यूट्रिटिव (जिसमें कैलोरीज नहीं होती हैं)। गर्भवती महिलाओं के लिए नेचुरल स्वीटनर्स या शुगर का सेवन हमेशा से एक अच्छा विकल्प है। परंतु इस समय महिलाओं को आर्टिफिशियल स्वीटनर्स नहीं खाने चाहिए, विशेषकर तब जब इसका उपयोग बहुत ज्यादा किया गया हो। गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में सैकरीन को शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका उपयोग करने से बच्चे के ब्लैडर में कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स या टेबल टॉप स्वीटनर्स गर्भावस्था और बच्चे को दूध पिलाने या लैक्टेशन के लिए सही भी है पर आपको इसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। हालांकि गर्भावस्था के दौरान न्यूट्रिटिव स्वीटनर्स (शुगर) जैसे सूक्रोज, डेट्रोस, शहद, कॉर्न शुगर, फ्रुक्टोज और माल्टोज का सेवन संयमित मात्रा में किया जा सकता है।
मॉइस्ट कैरट केक एक हेल्दी डिश है जो बहुत आसानी से और जल्दी बनाई जा सकती है। इसे घर में बनाएं पर बहुत ज्यादा न खाएं। यदि आपको मीठा खाने की क्रेविंग होती है तो आप इसे थोड़ा सा खा सकती हैं। मॉइस्ट कैरट केक को घर में कैसे बनाया जा सकता है, आइए जानें;
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मखाने प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इसे कम फैट वाले दूध में मिलाने से क्रीमी और स्वादिष्ट खीर बनती है। यहाँ बताया गया है कि आप यह स्वादिष्ट खीर कैसे बना सकती हैं, आइए जानते हैं;
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इसे दलिया से बनाया जाता है और यह खाने में भी बहुत हल्का होता है। यह एक ऐसा डिजर्ट है जो आपको एनर्जी, प्रोटीन और आयरन प्रदान करता है।
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कस्टर्ड खीर स्वादिष्ट होती है और इसे बहुत जल्दी बनाया भी जा सकता है। आप स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें फल और नट्स डाल सकती हैं। इसे कैसे बनाएं, आइए जानते हैं;
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विशेषकर यदि आप गर्भवती हैं तो मीठे की क्रेविंग्स होने पर आपके लिए मीठा छोड़ पाना कठिन हो सकता है। पर गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग्स को नियंत्रित करने से ही आपके स्वास्थ्य को फायदे हो सकते हैं। इसके लिए आपको क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें क्योंकि यह आपके खून में शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और इससे आपको ज्यादा मीठा खाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। थोड़ा मात्रा में खाने से आपके शरीर में शुगर धीरे-धीरे रिलीज होगी और खून से शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा।
प्रोसेस्ड फूड और एरेटेड ड्रिंक से बचें क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा शुगर होती है।
ज्यादा सा ज्यादा पानी पीने से पेट भरा रहता है और आपको खाने की इच्छा कम हो सकती है। यदि आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएंगी तो हाइड्रेटेड रहेंगी और गर्भवस्था के समय में यह जरूरी भी है।
आप मीठा खाने की क्रेविंग्स से अपना ध्यान हटाने के लिए योग भी कर सकती हैं। आप चाहें तो मेडिटेशन भी कर सकती हैं – गर्भावस्था के दौरान आप सिर्फ अच्छी और स्वस्थ चीजों के बारे में ही सोचें। यह आपको अच्छी चीजें चुनने में मदद कर सकता है जिससे आपके गर्भावस्था को फायदा हो।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान कुछ मीठा खाना चाहती हैं और आपको अपने स्वास्थ्य का भी खयाल है तो हम सलाह देंगे कि आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं जो मीठे का स्वास्थ्यप्रद विकल्प है, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग होना एक आम बात है पर इस समय यह नहीं खाना चाहिए। जेस्टेशनल डायबिटीज से बचने के लिए गर्भावस्था में कम से कम मीठा खाना बेहतर और सुरक्षित है। यदि गर्भावस्था में आप ज्यादा मीठा खाती हैं तो इसके उल्टे प्रभाव आपके पूरे जीवन में दुःख का कारण बन सकते हैं। क्रेविंग्स को कम करने के लिए कुछ हेल्दी डिजर्ट भी हैं जिनका सेवन आप गर्भावस्था में भी कर सकती हैं। इसलिए आप हेल्दी विकल्प चुनें और अपनी गर्भावस्था को चिंता-मुक्त बनाएं।
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