गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान दाँत निकाला जा सकता है?

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव आपके मसूड़ों को संवेदनशील बना सकते हैं और दाँतों से जुड़ी समस्याओं की शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि, इस संवेदनशील समय के दौरान, कई महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि क्या दाँत निकालने की प्रक्रिया सुरक्षित होती है। गर्भावस्था के दौरान दाँतों से जुड़ी आम समस्याओं, दाँत कब निकाला जा सकता है और इसके संबंध में क्या सावधानियां रखनी चाहिए, ये सब जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

क्या गर्भावस्था के दौरान दाँत निकालना सुरक्षित है?

जब महिला गर्भवती होती है तो डेंटिस्ट आमतौर पर दाँत निकालने से परहेज करते हैं। क्योंकि यह बहुत ज्यादा दर्द और स्ट्रेस का कारण बन सकता है, जो आपके गर्भ में पलते बच्चे के लिए सही नहीं है। हालांकि, इन्फेक्शन या मसूड़े की सूजन के मामले में, इमरजेंसी में दाँत निकालने पर विचार किया जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान मुँह से जुड़ी आम समस्याएं

गर्भवती महिलाओं को होने वाला हार्मोनल स्राव दाँतों की समस्याओं के उपजने या पहले से मौजूद तकलीफों में और बिगाड़ करने का कारण बन सकता है। यहाँ मुँह में होने वाली कुछ ऐसी आम समस्याओं के बारे में बताया गया है जिनका आपको गर्भावस्था के दौरान सामना करना पड़ सकता है:

1. मसूड़ों में सूजन

मसूड़े की सूजन आपके मसूड़ों को सेंसिटिव बनाती है। जब आप ब्रश करती हैं या फ्लॉस करती हैं तो हो सकता है कि आपके मसूड़ों से खून भी आए। दाँतों की सफाई के लिए नियमित रूप से अपने डेंटिस्ट के पास जाएं।

2. दाँतों में सड़न

गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट का बढ़ा हुआ सेवन दाँतों में सड़न पैदा कर सकता है। एसिड रिफ्लक्स से जुड़ी मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी आपके मुँह में एसिड के स्तर को बढ़ा सकती है और दाँतों के इनेमल के खराब होने का कारण बन सकती है, जिससे दाँत सड़ सकते हैं।

3. गर्भावस्था ट्यूमर

गर्भधारण के 5% मामलों में पायोजेनिक ग्रैनुलोमा के नाम से जाना जाने वाला गर्भावस्था का ट्यूमर, दाँतों के बीच टिश्यूज के अतिरिक्त विकास का कारण हो सकता है। ये आमतौर पर अधिक प्लाक जमने के कारण होता है और डिलीवरी के बाद कम होने लगता है।

दाँत निकालने की जरूरत को इंगित करने वाले लक्षण

यदि आपको गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपका दाँत निकालना पड़ सकता है।

  • मसूड़ों और दाँतों में तेज दर्द
  • दाँत में सड़न या इन्फेक्शन
  • खाना खाने में परेशानी
  • मसूड़ों में सूजन
  • बोलने में परेशानी
  • मसूड़ों से खून निकलना

यदि संभव हो तो गर्भावस्था के दौरान दाँत निकालने से बचना हमेशा अच्छा होता है।

दाँत कब निकाला जा सकता है?

जब तक इमरजेंसी न हो, अधिकांश डेंटिस्ट गर्भावस्था के दौरान दाँत निकालने की प्रक्रिया नहीं करते। हालांकि, यदि इसकी जरूरत पड़े, तो यह प्रक्रिया करने के लिए सही समय का इंतजार करें।

1. पहली तिमाही

चूंकि आपके बच्चे के विकास के लिए पहली तिमाही एक महत्वपूर्ण समय होता है, इस दौरान कोई डेंटल प्रोसीजर नहीं किया जाता। लेकिन यदि आपकी दाँतों की समस्या गंभीर है, तो उपचार का सबसे अच्छा तरीका घरेलू उपाय करना और दवाओं से बचना होता है।

2. दूसरी तिमाही

अगर दाँत निकालना पड़े तो दूसरी तिमाही इसके लिए सबसे सुरक्षित समय माना जाता है, क्योंकि इस समय तक गर्भ में पल रहे बच्चे के अधिकांश अंग विकसित हो जाते हैं। हालांकि, आपको कोई भी एडवांस्ड प्रोसीजर बंद कर देना चाहिए। यदि आप सिंकोप (अस्थायी या आंशिक बेहोशी) या चक्कर का अनुभव करती हैं, तो आपके डेंटिस्ट दबाव को कम करने के लिए आपको बाईं करवट पर रखेंगे। जब आप रिक्लाइन पोजीशन में बैठती हैं तो इन्फीरियर वेना कावा नामक एक बड़ी नस पर फीटस द्वारा दबाव डाले जाने के कारण, आपको सुपाइन हाइपोटेंशन सिंड्रोम (ब्लडप्रेशर में गिरावट) का अनुभव हो सकता है। ऐसे मामलों में, डेंटिस्ट आपके कूल्हे को कुर्सी पर लगभग 10 से 12 सेमी तक ऊँचा रखेंगे।

3. तीसरी तिमाही

चूंकि आपको लंबे समय तक स्थिर स्थिति में बैठना मुश्किल हो सकता है, इसलिए डेंटल प्रोसीजर की सलाह नहीं दी जाती है। दर्द के कारण तनाव भी समय से पहले बच्चे को जन्म दे सकता है। यदि आपको दाँत में बहुत ही तेज दर्द होता है जिससे दाँत निकालना अपरिहार्य हो जाए, तो तीसरी तिमाही के पहले महीने को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। अन्यथा, डिलीवरी तक इंतजार करना बेहतर है।

सुरक्षा के लिए सावधानियां

यहां कुछ सुरक्षा सावधानियां बताई गई हैं, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान दाँत निकालते समय ध्यान रखना चाहिए:

1. प्रोसीजर के दौरान

चूंकि एक्स-रे करना पड़ता है और एनेस्थीशिया देना पड़ता है, फीटस पर प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है।

  • एक्स-रे के दौरान, रेडिएशन के कारण बच्चे को किसी भी तरह की हानि से बचाने के लिए आपके ऊपरी शरीर को ढकने के लिए एक लेड शीट का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं पर नोवोकेन या लिडोकेन जैसे लोकल एनेस्थीशिया का उपयोग किया जाना चाहिए। ये बी श्रेणी के ड्रग्स हैं जो फीटस तक पहुँचने से पहले प्लेसेंटा से फ़िल्टर हो जाते हैं।

2. दवाएं

प्रोसीजर के बाद दी गई कोई भी दवा आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित होनी चाहिए।

  • पेनिसिलिन, क्लिंडामाइसिन और एमोक्सिसिलिन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित दवाएं मानी जाती हैं। एरिथ्रोमाइसिन उन महिलाओं को दी जाती है जिन पर इनका कोई रिएक्शन नहीं होता है। अपने डॉक्टर को पहले से यह बताने की याद रखें कि आपको इनमें से किसी भी दवा से एलर्जी तो नहीं है, ताकि ऑप्शन निर्धारित किया जा सके।
  • प्रोसीजर के बाद के दर्द को दूर करने के लिए, आपको हाइड्रोकोडोन, कोडीन, जैसी कुछ नॉन-स्टेरायडल एंटीइंफ्लेमेटरी दवाएं जैसे आइबुप्रोफेन, नेप्रोक्सेन, और एस्पिरिन को थोड़े समय (72 घंटे) के लिए निर्धारित किया जा सकता है। । हालांकि, पहली और तीसरी तिमाही में इनसे बचा जाना चाहिए।

कौन सी दवाएं न लें

गर्भावस्था के दौरान इन दवाओं को लेने से बचें:

  • टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सीसाइक्लिन और मिनोसाइक्लिन को टॉपिकल फॉर्म या गोली, दोनों रूपों में देने से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपके बच्चे के दाँतों में दाग दे सकते हैं।
  • फ्लोरोक्विनोलोन जैसे लेवोफ्लोक्सासिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन और मोक्सीफ्लोक्सासिन से भी बचना चाहिए।
  • थैलिडोमाइड जैसे कुछ रेटिनोइड्स और टेराटोजेनिक्स बच्चे में क्लेफ्ट लिप और अन्य असामान्यताएं पैदा कर सकते हैं और इसलिए इससे बचा जाना चाहिए।

क्या हो यदि अक्ल दाढ़ निकालने की जरूरत पड़े?

गर्भावस्था के दौरान मसूड़ों की समस्या भी अक्ल दाढ़ के कारण होने वाले दर्द को बढ़ा सकती है। इन्फेक्शन, प्लाक का बनना, या असामान्य वृद्धि इस दर्द को और खराब कर सकती है। ऐसे मामलों में, अक्ल दाढ़ निकालने के लिए सामान्य दाँत निकालने के समान ही सावधानियों का पालन करना होता है। 

क्या गर्भावस्था में दाँत खराब होने की संभावना होती है?

हालांकि, गर्भधारण से मसूड़ों में सेंसिटिविटी बढ़ सकती है और मसूड़े में सूजन हो सकती है, लेकिन आपको दाँत खराब होने की चिंता नहीं करनी चाहिए।

गर्भावस्था में डेंटल प्रोसीजर से कैसे बचें

दाँतों की अच्छी सफाई और एक्सरसाइज करने की सावधानियां पूरी तरह से गर्भावस्था के दौरान डेंटल प्रोसीजर से बचा सकती हैं। यहाँ कुछ चीजें हैं जिनसे आप डेंटल प्रोसीजर से बच सकती हैं:

  • नियमित रूप से अपने डेंटिस्ट के पास जाकर प्लाक बनने से रोकें।
  • मसूड़ों की सूजन से बचाव के लिए मीठा कम खाएं, क्योंकि इससे बैक्टीरिया बढ़ता है।
  • फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट और फ्लॉस का नियमित इस्तेमाल करें। ऐसे माउथवॉश का इस्तेमाल करने से बचें जिसमें अल्कोहल हो।
  • मसूड़ों में जलन को रोकने के लिए मुलायम ब्रिसल वाले ब्रश का उपयोग करें।
  • गर्भावस्था के दौरान डेंटल ग्राफ्टिंग से मसूड़ों में ब्लीडिंग बढ़ सकती है।
  • पीरियडोंटल समस्याओं के सामान्य कारणों में से एक धूम्रपान भी होता है।

जीवन में हमेशा और खासतौर पर गर्भावस्था में दाँतों की देखभाल महत्वपूर्ण है। इस बात का ध्यान रखें कि आप दाँत अच्छी तरह साफ रखें और अपनी डेंटल हेल्थ पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से डेंस्टिस्ट से मिलें।

यह भी पढ़ें: 

प्रेगनेंसी में दाँतों को ब्लीच करना
प्रेगनेंसी के दौरान दाँतों में दर्द

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago