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गर्भवती होने के बाद आपके दिमाग में बहुत सारी बातें चल सकती हैं और शरीर में भी बहुत सारे बदलाव होते हैं। यह समझने की जरूरत है कि अब आपको अपने अंदर पल रहे बच्चे के लिए खुद की देखभाल करनी चाहिए। बहुत सारी महिलाएं नियमित रूप से रक्तदान करती हैं और रक्तदान करके किसी की जान बचाने से ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है। पर एक बार गर्भवती होने के बाद आपको रक्तदान से तब तक ब्रेक लेना चाहिए जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता और ब्लड देने के लिए आपके पास फिर से ताकत नहीं आ जाती है।
यद्यपि इसका कोई भी प्रमाणित कारण नहीं है कि गर्भवती महिलाएं रक्तदान क्यों नहीं कर सकती हैं पर गर्भावस्था के दौरान रक्तदान करने की सलाह नहीं दी जाती है। क्या आप जानती हैं कि सामान्य की तुलना में शरीर गर्भावस्था के दौरान 50% ज्यादा खून उत्पन्न करता है? इसके बावजूद भी आपको खून देने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इस समय आपको अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को सपोर्ट करने के लिए ज्यादा से ज्यादा खून की जरूरत होती है। यदि आप इस चरण में रक्तदान करती हैं तो खुद की और अपने बच्चे की जान को खतरे में भी डाल सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान यदि आप ब्लड डोनेट करती हैं तो आपको एनीमिया की समस्या भी हो सकती है। एनीमिया की वजह से आपकी गर्भावस्था में कई कॉम्प्लीकेशंस होने की संभावना होती हैं, जैसे प्रीमैच्योर डिलीवरी, जन्म के दौरान बच्चे का वजन कम होना इत्यादि। रेड क्रॉस संस्था गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को रक्तदान करने से सख्त मना करती है।
वास्तव में जब तक आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तब तक आपको रक्तदान करने की सलाह नहीं दी जाती है। आमतौर पर माँ बनने के बाद महिलाओं को ब्लड डोनेट करने के लिए लगभग 9 महीनों तक इंतजार करना चाहिए पर यदि उस समय आप लगातार बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आपको तब तक इंतजार करना चाहिए जब आप ब्रेस्टफीडिंग बंद न कर दें। बच्चा पूरी तरह माँ के दूध में मौजूद न्यूट्रिएंट्स और विटामिन्स पर ही निर्भर होता है और इसलिए यदि आप रक्तदान करती हैं तो इससे बच्चे को आवश्यक न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं। एक बार जब आपके खून में आयरन की मात्रा बढ़ने लगती है और आप बच्चे को दूध पिलाना बंद कर देती हैं तो आप रक्तदान कर सकती हैं।
यदि आप नियमित रूप से रक्तदान करती हैं तो ऐसा भी हो सकता है कि आपने रक्तदान तब किया हो जब आपको अपनी गर्भावस्था के बारे में पता ही न हो। यह गर्भावस्था के शुरूआती चरण में ही हो सकता है और यदि इस समय आप रक्तदान करती भी हैं तो इससे कोई भी समस्या नहीं होगी। ब्लड डोनेट करने से पहले आप डॉक्टर से चेक जरूर करवा लें कि आपका ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन स्तर, पल्स और तापमान नॉर्मल है। यदि आपका स्वास्थ्य ठीक है तो इस समय ब्लड डोनेट करने में कोई भी समस्या नहीं है। एंग्जायटी के मामलों में बेहतर यही है कि आप डॉक्टर से सलाह लें।
डिलीवरी के दौरान जब डॉक्टर को लगता है कि आपको ब्लड ट्रांसफ्यूजन या खून चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है तो वे आपको ब्लड डोनेट करने की सलाह दे सकते हैं। यदि आपकी गर्भावस्था में अत्यधिक खतरा है तो अक्सर ऐसा किया जाता है। कुछ मामलों में महिला को गंभीर रूप से एनीमिया हो सकता है या डिलीवरी के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग होने की संभावना भी होती है। कॉम्प्लीकेशंस होने पर डॉक्टर आपके लिए कहीं और से ब्लड का इंतजाम करते हैं पर साथ ही वे आपको भी ब्लड देने के लिए कह सकते हैं जो भविष्य में आपके लिए ही होता है।
ब्लड डोनेट या रक्तदान करना और किसी की जरूरत को पूरा करना निश्चित ही एक अच्छा विचार है पर अपनी व बच्चे की जान जोखिम में डालना भी कोई समझदारी नहीं है। गर्भावस्था किसी तरह की कमजोरी नहीं है जो आपको कुछ अच्छा करने से रोकती है बल्कि यह आपकी व बच्चे की सुरक्षा के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए इस समय आप रिलैक्स रहें और खुद की देखभाल करें। आखिरकार अब यह आपका समय है जब आप खुद को पैम्पर कर सकती हैं और खुद का खयाल रख सकती हैं।
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