लड़का होगा या लड़की – गर्भावस्था से जुड़े 17 अंधविश्वास l Ladka Hoga Ya Ladki – Pregnancy Se Jude 17 Andhavishwas

लड़का होगा या लड़की - गर्भावस्था से जुड़े 17 अंधविश्वास l Ladka Hoga Ya Ladki - Pregnancy Se Jude 17 Andhavishwas

गर्भावस्था के दौरान होने वाले बच्चे का लिंग जानने को लेकर अनुमान लगाना कोई नई बात नहीं है। पुराने जमाने से ही ऐसी प्रथाएं और तरीके लोगों के बीच आम रहे हैं। कई बार इन बातों को गलत भी साबित किया गया है, लेकिन ये फिर भी बार-बार चर्चा में आ जाती हैं। चाहे आप इन बातों पर यकीन करें या न करें, लेकिन इन्हें सुनना और दूसरों के साथ साझा करना हमेशा मजेदार लगता है। यही वजह है कि सिर्फ गर्भवती महिला को देखकर ही लड़का होगा या लड़की ये अनुमान लगाने की अंधविश्वासी परम्पराएं कभी पुरानी नहीं होतीं।

गर्भावस्था से जुड़ी दिलचस्प पुरानी धारणाएं

यहां गर्भावस्था के दौरान लड़का या लड़की होने के अनुमान से जुड़ी कुछ सबसे मजेदार और लोकप्रिय पुरानी परम्पराओं का जिक्र किया गया है, जो आपको सुनने में दिलचस्प और अनोखी लगेंगी।

1. पेट का ऊंचा या नीचे की ओर होना

गर्भावस्था के दौरान पेट का ऊंचा या नीचे होना अक्सर बच्चे के लिंग से जोड़ा जाता है। पुराने समय से ये बात प्रचलित है कि अगर पेट नीचे की तरफ है, तो लड़का होगा, और अगर पेट ऊपर की तरफ है, तो लड़की होगी। ये एक ऐसी बात है जो लगभग हर किसी ने सुनी होगी।

लेकिन सच्चाई यह है कि पेट का ऊंचा या नीचे होना कई चीजों पर निर्भर करता है। जैसे, माँ की मांसपेशियों की ताकत, पेट का आकार और पहले की गर्भावस्था। जो महिलाएं पहले भी गर्भवती हो चुकी होती है, उनके पेट की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं, जिसकी वजह से पेट थोड़ा नीचे दिखता है।

2. मीठा या नमकी

ऐसा कहा जाता है कि अगर गर्भावस्था के दौरान माँ को मीठा खाने का मन करता है, जैसे चॉकलेट या मिठाई, तो लड़की होने की संभावना है। वहीं, अगर माँ को नमकीन चीजें ज्यादा पसंद आ रही हैं, तो लड़का होने की बात कही जाती है।हालांकि, सच्चाई यह है कि गर्भावस्था के दौरान खाना-पीना और क्रेविंग्स (खाने की इच्छा) सामान्य होती हैं। यह बच्चे के जेंडर से जुड़ी नहीं होती।

3. बच्चे की दिल की धड़कन

एक और मशहूर धारणा है कि अगर बच्चे की दिल की धड़कन 140 बीपीएम (बीट्स पर मिनट) से ज्यादा है, तो लड़की होगी, और अगर 140 बीपीएम से कम है, तो लड़का।असल में, एक स्वस्थ बच्चे के दिल की धड़कन 120 से 160 बीपीएम के बीच होती है और इसका लिंग से कोई संबंध नहीं होता।

4. बढ़े हुए वजन का बंटवारा

कहते हैं, अगर माँ का वजन पेट के सामने की ओर ज्यादा बढ़े, तो लड़का होगा और अगर वजन हिप्स और कमर के आसपास बढ़े, तो लड़की होगी।लेकिन यह पूरी तरह से माँ की शारीरिक बनावट (एनाटॉमी) पर निर्भर करता है। बच्चे का लिंग इसका कारण नहीं होता।

5. लीनिया निग्रा और निप्पल का रंग

एक गहरी रेखा, जिसे लिनिया निग्रा कहा जाता है, अगर पेट के निचले हिस्से से नाभि तक हो, तो कहा जाता है कि लड़की होगी। अगर यह रेखा पसलियों से लेकर पेट के निचले हिस्से तक जाती है, तो लड़के की बात कही जाती है। इसी तरह, अगर निप्पल का रंग गहरा हो रहा है, तो माना जाता है कि लड़का होगा, और अगर रंग में बदलाव न हो, तो लड़की। असल में, ये सब हार्मोन की वजह से होता है और बच्चे के लिंग से इसका कोई संबंध नहीं है।

6. बालों का हाल

एक और मजेदार धारणा है कि अगर गर्भावस्था के दौरान आपके बाल घने और चमकदार हो जाएं और आपको अपने बालों से प्यार हो जाए, तो लड़का होगा। लेकिन अगर बाल पतले और बेजान दिखें, तो लड़की होने की संभावना बताई जाती है।सच्चाई यह है कि कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान केराटिन का लेवल बढ़ता है, जिससे बाल और नाखून अच्छे हो जाते हैं। वहीं, कुछ को इसका उल्टा अनुभव होता है।

7. बड़ा स्तन

ऐसी कहावत है, अगर दाहिना स्तन बड़ा हो, तो लड़का होगा और अगर बायां स्तन बड़ा हो, तो लड़की।लेकिन हकीकत यह है कि गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ना सामान्य है और इसका बच्चे के लिंग से कोई लेना-देना नहीं है।

8. लड़की, माँ की खूबसूरती चुरा लेती है

ऐसी मान्यता है कि, अगर माँ के लुक्स में गर्भावस्था के दौरान बदलाव आने लगे और चेहरा पहले जैसा न दिखे, तो लड़की होने की संभावना है। इसी तरह, अगर चेहरे पर मुंहासे आ जाएं, तो इसे भी लड़की से जोड़ा जाता है।वहीं, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आप खुद को ज्यादा सुंदर महसूस करें, तो लोग मानते हैं कि लड़का होगा। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

9. मॉर्निंग सिकनेस

अगर माँ को गर्भावस्था की शुरुआत में बहुत ज्यादा उल्टियां या चक्कर महसूस होते हैं, तो कहते हैं कि लड़की होने वाली है। वहीं, अगर मॉर्निंग सिकनेस कम हो या न हो, तो इसे लड़के से जोड़ा जाता है।असल में, मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था का एक सामान्य लक्षण है और इसका बच्चे के लिंग से कोई संबंध नहीं है।

10. सोने की स्थिति

ऐसा माना जाता है कि अगर माँ को बाईं तरफ सोना ज्यादा पसंद हो, तो लड़का होगा। और अगर दाईं तरफ सोने में आराम मिले, तो लड़की होगी।हालांकि, यह धारणा पूरी तरह से गलत है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान बाईं तरफ सोना बेहतर माना जाता है क्योंकि इससे गर्भ मेंखून और पोषक तत्वों का प्रवाह बढ़ता है।

11. मूड स्विंग्स

यदि गर्भावस्था के दौरान माँ का मूड बार-बार बदलता है और वह चिड़चिड़ी महसूस करती है, तो लड़की होने की संभावना अधिक है। वहीं, अगर माँ का अनुभव खुशनुमा हो, तो इसे लड़के से जोड़ा जाता है। असल में, मूड स्विंग्स हार्मोन की वजह से होते हैं और बच्चे के लिंग से इनका कोई मतलब नहीं होता है।

12. सीने में जलन का कारण

अगर गर्भावस्था के दौरान माँ को ज्यादा हार्टबर्न (सीने में जलन) हो, तो कहा जाता है कि लड़की होगी। एक और धारणा है कि हार्टबर्न का मतलब है कि बच्चे के बाल घने होंगे।वैज्ञानिक रूप से हार्टबर्न का बच्चे के लिंग से कोई संबंध नहीं है। लेकिन अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स अस्पताल के शोधकर्ताओं ने हार्टबर्न और बच्चे के बालों के बीच एक संभावित संबंध खोजा है। उनका मानना है कि गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए हॉर्मोन्स गैस्ट्रिक रिफ्लक्स का कारण बनते हैं, जिससे सीने में जलन होती है और यह बालों के विकास को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि, इसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है।

13. पति का वजन बढ़ना

यह एक बेहद ही मजेदार धारणा है। अगर गर्भावस्था के दौरान आपके पति का वजन भी बढ़ने लगे, तो यह माना जाता है कि लड़की होगी। यह धारणा काफी हास्यास्पद है, और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

14. लंबी और दर्दनाक प्रसव प्रक्रिया

ऐसा माना जाता है कि अगर प्रसव पीड़ा (लेबर) लंबी और मुश्किल हो, तो लड़का होने की संभावना ज्यादा होती है।हालांकि, यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है, लेकिन एक आयरिश अध्ययन में यह पाया गया कि लड़के को जन्म देने वाली महिलाओं को आमतौर पर लंबी प्रसव प्रक्रिया, ज्यादा जटिलताएं और इमरजेंसी सी-सेक्शन का सामना करना पड़ता है। इसका कारण लड़कों का जन्म के समय सिर का बड़ा आकार और वजन हो सकता है।

15. ठंडे पैर

ऐसा कहा जाता है, अगर गर्भावस्था के दौरान आपके पैर अक्सर ठंडे रहते हैं, तो यह लड़का होने की निशानी है। वहीं, अगर पैर गर्म और आरामदायक महसूस हों, तो यह लड़की से जुड़ा होता है।हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। पैर ठंडे रहना या गर्म रहना आपके शरीर के रक्त प्रवाह और तापमान पर निर्भर करता है।

16. पेशाब का रंग

अगर पेशाब का रंग चमकदार पीला हो, तो इसे लड़की की निशानी कहा जाता है, और अगर पेशाब का रंग साफ हो, तो यह लड़के का संकेत माना जाता है।हकीकत यह है कि पेशाब का रंग बच्चे के लिंग से नहीं, बल्कि शरीर में पानी की मात्रा और डिहाइड्रेशन से जुड़ा होता है। हल्का और साफ रंग पर्याप्त पानी पीने का संकेत हो सकता है।

17. आँखों की पुतलियों का फैलना

कहते हैं, यदि आप आईने में एक मिनट तक अपनी आँखों को देखें और आपकी पुतलियां (प्यूपिल्स) फैल जाएं, तो यह लड़के की निशानी हो सकती है।असल में, पुतलियों का फैलना रोशनी की कमी या किसी चीज को देखकर उत्तेजना का परिणाम होता है। इसका बच्चे के लिंग से कोई संबंध नहीं है।

यह अंधविश्वास से भरी धारणाएं और मान्यताएं लंबे समय से चलती आ रही हैं। भले ही इनमें से किसी का भी वैज्ञानिक प्रमाण न हो, लेकिन कुछ बातें रिसर्च के आधार पर संभव मानी गई हैं। सही हों या गलत, ये बातें गर्भावस्था के दौरान मजेदार अनुभव और मनोरंजन जरूर देती हैं। जब तक आप अपने बच्चे का इंतजार कर रही हैं, इन्हें हल्के-फुल्के मजाक और आनंद के तौर पर लें।