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यह कहानी एक ऐसे लालची लकड़हारा की है जो कि अपनी धर्मपत्नी के प्यार में उसकी फिजूल की फरमाइशों को पूरा करने के लिए जंगल के मोटे पेड़ काटने जाता है और पैसों की वजह से उसकी लालच अधिक बढ़ जाती है। पैसों की लालच ने उसे जुए जैसी गंदी लत का शिकार बना दिया और जुए में हारने वाले पैसों को भरने के लिए उसे ज्यादा पेड़ों की कटाई करनी पड़ती थी लेकिन एक दिन पेड़ ने उसे उसकी लालच के लिए एक अच्छा सबक भी सिखाया जिसके बाद उसने सुधरने की ठानी। इस कहानी में बताया गया कि कैसे आपकी लालच आपको संकट में डाल सकती है। साथ ही पेड़ों का आपके जीवन में कितना महत्व है उसके बारे में भी बताने की कोशिश की है। बच्चे भी ऐसी कहानियों को पढ़कर बहुत खुश होते हैं। इसलिए ऐसी एंटरटेनिंग कहानियों को पढ़ने के लिए हमसे कनेक्टेड रहें।
कुछ सालों पहले सोहनपुर नामक गांव हुआ करता था, जहां रामलाल नाम का एक लकड़हारा रहता था। वह अपना पेट भरने के लिए जंगल में जाकर लकड़ियां चुनकर उन्हें बेचता था। उसे जो भी पैसे मिलते थे उससे वह अपनी रोजी-रोटी चलाता था।
कुछ समय बाद रामलाल की शादी हो गई। उसकी पत्नी बहुत शौकीन और खर्चीली थी। जिसकी वजह से कम लकड़ियों को बेचकर गुजारा चलाना कठिन हो रहा था। क्योंकि रामलाल की बीवी की फरमाइशें खत्म नहीं होती थी, कभी उसे नए कपड़ें चाहिए, तो कभी वह अन्य चीजों की मांग करने के लिए पैसे मांगती थी। रामलाल जब उसे पैसे नहीं दे पाता था तो वह उससे नाराज हो जाती थी।
रामलाल अपनी बीवी से बेहद प्यार करता था इसलिए वह उसका गुस्सा ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर पाता था। उसकी बीवी नाराज न हो इसलिए उसने अधिक पैसा कमाने की ठानी और अब ज्यादा से ज्यादा लकड़ियां इकठ्ठा कर के बेचने का सोचा ताकि उसे पैसों की कोई तंगी न हो।
अपनी बीवी की खाव्हिशों को पूरा करने के लिए रामलाल घने जंगल लकड़ियां काटने चल दिया। वहां उसने बहुत सारी लकड़ियों को इकठ्ठा किया और उन्हें बेचकर ज्यादा पैसा हासिल कर लिए। इतने सारे पैसे लेकर वह खुशी-खुशी अपनी बीवी के पास गया और पैसे उसे दे दिए। अधिक पैसे कमाने के लिए वह रोज ऐसा करने लगा।
ऐसा करते करते रामलाल के मन में लालच आ गया और समय के साथ उसने पेड़ों को भी काटना शुरू कर दिया। पेड़ काटने की वजह से उसे अधिक लकड़ियां मिल जाती थी, जिसका पैसा उसे बहुत अच्छा मिलता था। लकड़हारा पूरे हफ्ते पेड़ों की कटाई करता और उससे मिलने वाले पैसों से अपनी बीवी की सभी इच्छाएं पूरी करता था। अधिक पैसो से उनका घर भी अच्छे से चल रहा था।
जब रामलाल अधिक पैसे कमाने लगा तो उसे जुए की गंदी लत लग गई और वह जुआ खेलते हुए बहुत सारे पैसे उसमे हार गया। अब इतनी मोटी रकम को भरने के लिए रामलाल जंगल में मोटे पेड़ों को काटने का फैसला करता है।
जब रामलाल कुल्हाड़ी लेकर जंगल में पहुंचा और एक पेड़ को काटना शुरू ही करने वाला था कि तभी उसपर उस पेड़ की टहनी ने हमला कर दिया। यह देखकर रामलाल भौचक्का रह गया और टहनी ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया।
यह सब रामलाल कुछ भी समझ नहीं पा रहा था। तभी उस पेड़ से आवाज आई, “मूर्ख, तुम मुझे अपनी लालच के चक्कर में काटना चाहते हो। तुम जुए जैसी बुरी लत में पैसे हार जाते हो और फिर पैसों को वापस करने के लिए पेड़ काटने आते हो।”
“तुम्हें पता नहीं की पेड़ कितने महत्वपूर्ण होते हैं। हमारे अंदर भी जान बसती है और हमारी वजह से ही तुम जैसे इंसान जीवन जीने के लिए हवा, धूप में छाया और अपनी भूख को मिटाने के फल पेड़ से ही खाते हो। लेकिन, तुम अपने मतलब के लिए हमें काट रहे हो। आज यही कुल्हाड़ी मैं तेरे ऊपर चलाऊंगी तभी तुझे समझ आएगा।”
जैसे ही पेड़ की टहनी रामलाल पर कुल्हाड़ी से प्रहार करने वाली थी कि वह उसके सामने अपनी गलती की माफी मांगने और गिड़गिड़ाने लगा और बोला, “मैंने बहुत बड़ी गलती की है, लेकिन आप मुझे एक बार सुधरने का मौका दे दो। यदि आप आज मुझे मार दोगे, तो मेरी पत्नी अकेली रह जाएगी और उसका क्या होगा? आज से मैं किसी भी पेड़ को काटने की भूल नहीं करूंगा, यह मेरा वादा है।”
रामलाल की बात सुनकर पेड़ को उसपर तरस आ गया। उसने उसको छोड़ दिया। पेड़ से बचने के बाद वह तुरंत अपने घर लौट गया और कभी भी पैसों के लालच में न आने का प्रण लिया।
लालची लकड़हारा की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करनी चाहिए और हमें अपने पर्यावरण का भी ख्याल रखना चाहिए। पेड़ों का नहीं काटना चाहिए क्योंकि इससे हमें जीवन मिलता है।
लालची लकड़हारा की कहानी से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है और इसलिए यह नैतिक कहानियों में आता है।
लालची लकड़हारा की नैतिक कहानी ये है कि हमें कभी भी लालच में आकर अपने पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, उससे हमारे ऊपर भी संकट आता है। इसलिए हमारे पास जो है, जितना है उसमे गुजारा करना चाहिए क्योंकि लालच आपके सोचने और समझने की शक्ति को खत्म कर देता, जिसका परिणाम बुरा होता है।
जो पेड़ हमें जीने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं यदि उनको ही हमने दुनिया से नष्ट कर दिया तो जीवित रहने के लिए हमारे पास कोई सहारा नहीं रहेगा। पर्यावरण को स्वच्छ और बेहतर रखेंगे तभी तो हम सभी जीवन को बेहतर तरीके से जी सकेंगे।
यह कहानी बहुत कुछ सिखाती है कि कैसे हमे लालच करने से बचना चाहिए और जितना है उसमे गुजारा करना सीखना चाहिए। साथ में पर्यावरण के लिए पेड़ों का कितना महत्व है उस बारे में कहानी में बताया गया है। ये सीख हमारे बच्चों के लिए भी बहुत अच्छी हैं, उन्हें मजेदार कहानियों के साथ अच्छी ज्ञान की बातें भी सुनने को मिलती है।
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