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बहुत सी ऐसी नई माएं हैं जो अपना दूध बढ़ाना चाहती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपने बच्चे की आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त दूध उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। यह चिंता हर माँ के मन में रहती है। बहुत सी मांओं को यह शंका इसलिए रहती हैं क्योंकि हर माँ अपने बच्चे के लिए सर्वोत्तम ही चाहती है।
शिशु को स्तनपान के दिनों में एक माँ के आहार में ध्यान देना अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि यह न केवल उत्पादित दूध की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि माँ के प्रसव के बाद की आरोग्य प्राप्ति को भी प्रभावित करता है। प्रसवोत्तर आहार की योजना बनाते समय पोषण–विशेषज्ञ से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, ताकि वे यह ध्यान में रखते हुए पोषण–संबंधी आवश्यकताओं को संतुलित कर सकें कि कौन सा खाद्य पदार्थ माँ के दूध में वृद्धि करता है।
माँ के कम दूध की आपूर्ति के संकेत
बहुत सी मांओं को दूध की आपूर्ति की चिंता होती है कि क्या वे अपने शिशु के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन कर पा रही हैं। ज़ाहिर हैं शिशु द्वारा ग्रहण किए हुए दूध को वास्तव में मापा नहीं जा सकता है।
माँ के दूध की पर्याप्त आपूर्ति का सर्वोत्तम संकेत शिशु के वज़न की जाँच करना है। शिशु को नियमित रूप से डॉक्टर के पास ले जाने की आवश्यकता है और साथ ही बच्चे के वज़न की जाँच करने की आवश्यकता यह जानने के लिए है कि उसका विकास और वृद्धि सही मात्रा में हो रही है। हालांकि, जन्म के तुरंत बाद शिशुओं का वज़न कम होना आम बात है। यह समस्या शिशु के जन्म के 5-6 दिनों के बाद खुद ही ठीक हो जाएगी। 14वें दिन में आपके बच्चे का वज़न बिलकुल उतना हो जाएगा जितना वह जन्म के समय पर था।
यदि आप निश्चित रूप से यह नहीं जानती हैं कि आपके बच्चे का वज़न कितना है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके दूध में पर्याप्त वृद्धि हो रही है, निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान दें:
- शिशु द्वारा स्तनपान, आपके लिए आरामदायक और दर्दरहित है।
- आपका शिशु बार–बार दूध पीना पसंद करता है। माँ का दूध जल्दी पच जाता है और इसलिए आपका बच्चा बार–बार दूध पीना चाहता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं कर रही हैं। अधिकांश बच्चे 1.5 घंटे से दो घंटे के अंतराल पर स्तनपान करते हैं।
- आपके स्तन प्रत्येक बार दूध पिलाने के बाद नर्म और खाली हो जाते हैं।
- स्तनपान के दौरान शिशु के दूध निगलने की गतिविधि आपको समझ आती है।
- दूध पीना समाप्त करने के बाद आपका शिशु अपने आप ही स्तन छोड़ देता है।
- आपका शिशु दिन में करीब सात बार पेशाब करता है और मल, कुछ गांठों के साथ हल्के पीले रंग का होता है।केवल माँ के दूध पर पोषित शिशु एक दिन में कई बार या पाँच दिनों में केवल एक बार मल त्याग कर सकते हैं। दोनों स्थितियों को सामान्य माना जाता है, इसमें कोई भी चिंताजनक बात नहीं है ।
- यह जाँचना भी महत्वपूर्ण है कि माँ का दूध पीने के दौरान शिशु ने निप्पल को ठीक से अपने मुँह में रखा है और यह भी ध्यान दें कि वह दूध पीने के दौरान रुकता है । शिशु के चेहरे से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि उसका पेट भर चुका है।
निम्नलिखित संकेत, माँ के दूध की कम आपूर्ति के लक्षण नहीं हैं, भले ही आपको ऐसा लग रहा हो । परन्तु यह किसी गंभीर बात का संकेत हो सकते हैं:
- शाम के समय चिड़चिड़ाते हुए दूध पीना।
- स्तनपान की अवधि कम हो जाना।
- बार–बार स्तनपान करना।
- स्तनों से दूध न बहना।
- पंप से दूध निकालते समय, कम या बिलकुल ही दूध न आना ।
माँ के दूध की आपूर्ति कैसे बढ़ाएं?
माँ के दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कुछ चीजें बताई गई हैं:
- यह बहुत महत्वपूर्ण है कि शिशु सही तरीके से स्तनपान करे। यदि वह निप्पल को मुँह से पकड़ने में असमर्थ है या गलत अवस्था में है तो उसे दूध पीने में मुश्किल हो सकती है। अन्य शारीरिक समस्याओं के परिणामस्वरूप भी गलत तरीके से स्तनपान हो सकता है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि स्तन से दूध निकाला जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि माँ के स्तनों में पर्याप्त दूध का उत्पादन होता रहे। यदि शिशु ऐसा करने में सक्षम नहीं है तो आप दूध को एक कप में निकाल लें।
- बार–बार स्तनपान करवाने से माँ के दूध का अधिक उत्पादन होता है । हर 1.5 घंटे से 2 घंटे के अंतराल में शिशु को दूध तब तक पिलाते रहें जब तक वह पीना चाहता है।
- शिशु को दोनों स्तनों से दूध पिलाएं, एक स्तन में खत्म हो जाए तो शिशु को दूसरे स्तन से दूध पिलाएं।
- आप शिशु को दूध पिलाने वाली बोतल या चुसनियों से बचें क्योंकि इससे निप्पल का भ्रम हो सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर शिशु को बोतल से दूध पीने की आदत पड़ गई तो उसे माँ का दूध पीते समय निप्पल पकड़ने में कठिनाई भी हो सकती है। शिशु को सिर्फ अपना दूध पिलाएं और जब तक उसकी 6 महीने की आयु न हो जाए तब तक उसे कोई और ठोस खाद्य पदार्थ न दें।
- आप अपना खयाल रखें और सुनिश्चित करें कि आप एक स्वस्थ आहार का सेवन कर रही हैं व बच्चे के साथ–साथ खुद भी आराम करें ।
- स्तन से पूरा दूध निकल गया है यह सुनिश्चित करने के लिए आप पंप का उपयोग कर सकती हैं। स्तन दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए स्तन से दूध को उत्तेजित करें।
31 सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ जो माँ के दूध को बढ़ाने में मदद करते हैं
हालांकि कोई परीक्षण नहीं किए गए हैं जो यह साबित कर सकें कि निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का माँ के दूध के उत्पादन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, पीढ़ियों से इन खाद्य पदार्थों का उपयोग स्तनपान कराने वाली मांओं द्वारा किया जाता रहा है। अपने दैनिक आहार में इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें और यह सिर्फ एक पूरक के रूप में शामिल नहीं है।
1. मेथी के बीज
स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए दुनिया भर में पीढ़ियों से मेथी के बीजों का उपयोग किया जाता रहा है। यह वसा–युक्त ओमेगा-3 में समृद्ध होता है जो आपके बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आप मेथी के पत्तों का भी उपयोग कर सकती हैं क्योंकि वे बीटा–कैरोटीन, विटामिन बी, कैल्शियम और लौह–तत्वों से भरपूर होते हैं। मेथी के बीजों का उपयोग चाय के साथ भी किया जा सकता है या सब्जी बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इन बीजों को रोटी और पूरी में भी डाला जाता है।
2. सौंफ
दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाने के अलावा, सौंफ़ का उपयोग गैस और पेट दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है। यह माना जाता हैं कि सौंफ का लाभ स्तन के दूध के ज़रिए बच्चे को भी मिलता है । आप एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में रात भर भिगोकर रखें और सुबह होते ही इस पानी को पी लें या आप इसका उपयोग चाय के साथ भी कर सकती हैं ।
3. लहसुन
लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, हृदय रोग को रोकने और अपने रोगनिवारक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। लहसुन, माँ के दूध के स्वाद और गंध को प्रभावित करता है इसलिए इसका उपयोग कम मात्रा में करें।
4. हरी पत्तेदार सब्जियाँ
पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, केल, मेथी के पत्ते और सरसों का साग – लौह तत्व, कैल्शियम और फॉलेट एसिड जैसे खनिजों के बेहतरीन स्रोत हैं। इनमें बहुत सारे विटामिन भी होते हैं और माना जाता है यह माँ के दूध के उत्पादन को बढ़ाते हैं। आपको हर रोज़ कम से कम एक बार हरी पत्तेदार सब्जी का सेवन करना चाहिए।
5. जीरा
जीरा – पाचन, कब्ज़, अम्लता और शरीर के फूलने की समस्या में मदद करने के लिए प्रसिद्ध होने के साथ स्तन के दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। यह विटामिन और कैल्शियम से भी भरपूर है और इसका उपयोग सलाद में करें या अधिक लाभ पाने के लिए इसे रात भर पानी में भिगो कर रखें और इस पानी को पिएं।
6. तिल
स्तनों में दूध को बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थों के बारे में पूछे जाने पर बहुत से लोग तिल के सेवन की सलाह देते हैं। यह बीज बिना दूध के ही कैल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है जो आपके बच्चे के विकास के लिए बहुत अच्छा है। प्रसव के बाद, माँ को भी प्रभावी और पूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। आप अपना दैनिक खाना पकाने में तिल का उपयोग कर सकती हैं या इनसे मिठाईयाँ बना सकती हैं, जैसे तिल के लड्डू और अपने बेहतर स्वास्थ्य व स्वाद के लिए रोज़ाना एक लड्डू खाएं।
7. तुलसी
पीढ़ियों से तुलसी का उपयोग स्तनपान कराने वाली माओं के लिए किया जा रहा है। दूध के उत्पादन में सहायता करने के साथ, यह पौधा अपने शांत प्रभाव के लिए भी जाना जाता है, मल त्याग में मदद करता है और एक स्वस्थ भूख को बढ़ावा देता है। आप तुलसी चाय में डालकर ले सकती हैं जिससे आपके शरीर को आराम मिलेगा।
8. ओटमील
ओटमील ऊर्जा से भरपूर होने के साथ प्रसव के बाद के मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए बहुत अच्छा है। यह फाइबर से भरपूर है जिसका आपके पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आप इसे नाश्ते में, कुकीज़ के रूप में भी उपयोग कर सकती हैं। पोषण विशेषज्ञ स्तनों में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसी भी आहार में ओट्स को मिलाने की सलाह देते हैं।
9. कच्चा पपीता
दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ, कच्चा पपीता एक प्राकृतिक शामक के रूप में भी कार्य करता है जो आपको आराम देने में मदद करेगा। आप कच्चे पपीते को सलाद में किस कर खा सकती हैं। कच्चा पपीता स्तन के दूध को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छे फलों में से एक माना जाता है।
10. गाजर
विटामिन ए से भरपूर गाजर माँ के दूध के उत्पादन को अधिक बढ़ावा देता है और साथ ही उत्पादित दूध की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।गाजर को सलाद के रूप में कच्चा खाएं या इसका रस निकाल कर सुबह के समय नाश्ते में पिएं। गाजर माँ के दूध के उत्पादन को बढ़ाने का बेहतरीन स्त्रोत है और यह दुनियाभर में सरलता से मिलता है।
11. जौ
जौ स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ावा देता है और साथ ही आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है । आप इसे सलाद के रूप में ले सकती हैं या रातभर गर्म पानी में भिगोकर, अगले दिन उस पानी को पी सकती हैं।
12. शतावरी
शतावरी एक फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ है जो विटामिन ए और के से भरपूर होता है। यह उस हॉर्मोन को प्रोत्साहित करता है जो स्तन के दूध के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसे स्वादिष्ट भोजन या नाश्ते में लेने के लिए एक और सब्जी के साथ एक पैन में हल्का तलें या भाप दें।
13. भूरा चावल
कुछ शोधों से पता चला है कि स्तन में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए भूरा चावल अधिक फायदेमंद होता है। यह दूध के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह माँ को भी अधिक ऊर्जा देता है और स्वस्थ रखता है। इसे प्रेशर कूकर में पकाएँ और सब्जी के साथ इसका सेवन करें।
14. खुबानी
हॉर्मोनल असंतुलन को स्थिर करने में मदद करने के लिए खुबानी बहुत बढ़िया है और प्रसव से पहले और बाद, दोनों समय इसका सेवन करें। यह खाद्य पदार्थ कैल्शियम व फाइबर से भरपूर होते हैं साथ माँ के दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं, इसका सुबह के नाश्ते में इसे ओट्स के साथ मिलकर खा सकती हैं।
15. सामन मछली
यदि ताज़ी सामन मछली सरलता से उपलब्ध होती है तो आप इसे आप इसे अपने आहार में शामिल करें। यह वसायुक्त ओमेगा-3 और अन्य आवश्यक वसायुक्त अम्ल या ई.ऍफ़.ए. से परिपूर्ण होता है। यह खाद्य पदार्थ माँ के दूध के उत्पादन के लिए सर्वोत्तम है और इसे एक प्रकार का सुपर फ़ूड भी माना जाता है। यह उत्पादित दूध को अधिक पौष्टिक बनाता है। आप कई अलग–अलग तरीकों से सामन का सेवन कर सकते हैं, जैसे भाप से पकाकर, ग्रिल करके या पैन में भूनकर।
16. करेला
करेला अत्यधिक पौष्टिक सब्ज़ी है, इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है जो माँ के शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती है। यह पचाने में आसान है और इसका सेवन स्तन में दूध की आपूर्ति को भी बढ़ाता है। हालांकि बहुत से लोग करेले के स्वाद को पसंद नहीं करते हैं, आप इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाने के नए तरीके ढूँढ सकती हैं।
17. शकरकंद
शकरकंद कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है, जो माँ को ऊर्जा प्रदान करने के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। यह विटामिन सी, बी–कॉम्प्लेक्स, और मैग्नीशियम से परिपूर्ण है । शकरकंद से आप कई तरीके के दोनों तरह, नमकीन और मीठे व्यंजन बना सकती हैं।
18. बादाम
यह एक सुपरफूड है, जो विटामिन ई और ओमेगा-3 से भरपूर होता है। इसके साथ ही, बादाम का पौष्टिक महत्त्व जिसमें पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती है, इसको सुपरफूड बनाते हैं। दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आप बादाम को कच्चा खाया जा सकता है या बादाम के अनुपूरक भी लिए जा सकते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में, बादाम को सबसे अच्छा अल्पाहार माना जाता है क्योंकि इसमें बहुत अधिक स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। यही कारण है कि स्तनपान कराने वाली माओं के लिए डॉक्टरों द्वारा बादाम खाने की सलाह दी जाती है।
19. सोआ
यदि आप सोच रही हैं कि घर पर ही प्राकृतिक रूप से माँ के दूध को कैसे बढ़ाया जाए तो इसका जवाब है कि आप सोआ का सेवन करें। यह शाक मैग्नीशियम, लौह तत्व और कैल्शियम में समृद्ध होता है, जिससे यह किसी भी व्यंजन के लिए एक आदर्श जोड़ बनता है और यह माँ के दूध का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करता है।
20. पानी
स्तनों में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए, यह सोचते समय लोग अक्सर पानी को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। माँ के दूध के उत्पादन में सुधार के लिए शरीर में ठीक मात्रा में नमी होना आवश्यक है इसलिए पूरे दिन समान रूप ढेर सारा पानी पीना न भूलें।
21. ड्रमस्टिक
लौह तत्व और कैल्शियम से भरपूर यह वनस्पति – ड्रमस्टिक्स को गर्भावस्था के दौरान माँ के दूध का उत्पादन बढ़ाने में सहायता करने के लिए जाना जाता है। दोपहर के भोजन या नाश्ते के दौरान इस सब्जी को शामिल करने से आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि आप शिशु के लिए अपने माँ के पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन कर रही हैं।
22. दूध
विशेष रूप से गाय के दूध में स्वाभाविक रूप से फॉलिक एसिड, कैल्शियम और स्वस्थ वसा पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। यह न केवल दूध उत्पादन में मदद करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि दूध आपके बच्चे के लिए संतुलित मात्रा में पौष्टिक है। शिशु के लिए अपने माँ के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सुनिश्चित करें कि आप रोज़ाना दो गिलास दूध पीती हैं।
23. काबुली चना
काबुली चना अपने आप में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर एक सुपरफूड है। यह किसी के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक माना जा सकता है लेकिन काबुली चने में विटामिन बी–कॉम्प्लेक्स और कैल्शियम के गुण यह सुनिश्चित करते हैं कि यह आपके स्तन में दूध के उत्पादन को बढ़ाता है।
24. चुकंदर
चुकंदर सबसे अधिक पौष्टिक सब्जियों में से एक है और यह एक रक्त–शोधक भी है, फाइबर और इसमें अनेक स्वास्थ्यवर्धक खनिज मौजूद होते हैं और इन सभी में ऐसे गुण होते हैं जो माँ के दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। चुकंदर यह सुनिश्चित करने में भी मदद करता है कि स्तन के दूध में शिशु के लिए कुछ रक्त शोधन गुण भी मौजूद हैं।
25. मसूर
मसूर में बहुत सारे खनिज, विटामिन और प्रोटीन पाए जाने के कारण यह दुनिया भर में आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला खाद्य पदार्थ है। इसे सामान्य रूप से अधिक स्वास्थ्य–वर्धक बनाने के लिए इसमें कुछ प्रकार के मसूर में पाया जाने वाला फाइबर शामिल कर लें, यह अत्यधिक पौष्टिक होने के साथ–साथ स्तन में दूध के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करता है।
26. टोफू
टोफू एक सुपरफूड है जिसमें खनिज, विटामिन, कैल्शियम और बहुत सारा प्रोटीन होता है। इसका उपयोग आमतौर पर पूर्व एशिया में स्तन में दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद के लिए किया जाता है। एक संतुलित और माँ के दूध के उत्पादन को बढ़ाने के अनुकूल बनाने के लिए टोफू, मसूर और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को एक साथ हल्का तल कर व्यंजन बनाएं, यह व्यंजन आपको पूरी तरह तंदुरुस्त और स्वस्थ रखेगा।
27. तरबूज़
तरबू में फ्रूक्टोज़, फाइबर और हाँ, पानी भरपूर मात्रा में मौजूद है। यह आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है, आपके शरीर में आवश्यक खनिज की आपूर्ति करता है और माँ के दूध के उत्पादन को बरकरार रखने या बढ़ाने में मदद करता है। पर्याप्त पानी पीकर और तरबूज़ जैसे हाइड्रेटिंग खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करके दूध के उत्पादन की समस्याओं का सामना करती मांओं को अत्यधिक मदद मिलती है।
28. ग्रीन टी
शारीरिक आराम के लिए ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों से परिपूर्ण होती है। हर दिन एक कप ग्रीन टी, आपके शरीर के आंतरिक अंगों को शुद्ध करने में मदद करती है, इससे रक्त संचार और कोलेस्ट्रॉल संतुलित रखने में भी मदद मिलती है और कुछ देशों में माना जाता है कि इससे माँ के दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण रूप से मदद मिलती है।
29. करी पत्ते
करी पत्तों को भारतीय उपमहाद्वीप में एक स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ माना जाता है, इसका कारण यह है कि इन स्वादिष्ट पत्तियों को मेलेनिन को बढ़ावा देने, रक्त संचार में सुधार करने और पोषक तत्वों को विखंडित करने के लिए आपके शरीर की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है । यह पत्तियाँ उन खनिजों से भी भरपूर होती हैं जो स्तनपान कराने वाली मांओं को उनके दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
30. चकोतरा (ग्रेप फ्रूट)
चकोतरा दुनिया के कुछ हिस्सों में, एक बड़ा फल माना जाता है, इसमें विटामिन सी और विटामिन ए, सिट्रिक एसिड, फ्रुक्टोज़ और आवश्यक आहार संबंधी फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद हैं। किसी भी व्यक्ति के आहार में शामिल करने के लिए यह फल सबसे अधिक स्वास्थ्यवर्धक पदार्थों में से एक माना जाता है, और खासतौर पर उन मांओं के लिए सर्वोत्तम है जो माँ, अपने के दूध उत्पादन की आपूर्ति बढ़ाने के तरीके ढूंढ रही हैं।
31. ब्लेस्ड थीस्ल
ब्लेस्ड थीस्ल एक प्रकार की जड़ी बूटी है जो माँ के दूध को बढ़ाने के लिए अपने आहार में शामिल करने की अनुशंसा की जाती । इसके पीछे का सिद्धांत यह है कि यह प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन के हॉर्मोन को उत्पादित करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप माँ के दूध की आपूर्ति में वृद्धि होती है। थीस्ल को आप सप्लीमेंट के रूप लें सकती हैं, या फिर आप इसकी चाय बना सकती हैं । चाय बनाने के लिए एक कप गर्म पानी लें और उसमें एक–तिहाई छोटी चम्मच इस हर्ब को डालें। यह भी माना जाता है कि ब्लेस्ड थीस्ल को मेथी के साथ लेने से माँ के दूध की आपूर्ति होती है । ।
माँ को दूध पिलाते समय तनाव–मुक्त रहना अनिवार्य क्यों है?
माँ के दूध में कम उत्पादन होने का सबसे बड़ा कारण तनाव है। अगर आप प्रसव के बाद तनाव से ग्रसित हैं तो यह आपकी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इस स्थिति में आपको मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद लेने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन, किसी पेशेवर की मदद लेने के बजाय आप अपने साथी, परिवारजन या डॉक्टर से खुलकर बातचीत करें, यह आपके जीवन को और सरल बना देंगे । यह सलाह भी दी जाती है कि आप रोज़ाना ध्यान करें और अपने मन को शांत करने के लिए कुछ कार्य करती रहें।
इस बात का खयाल रखें कि जब आप दूध के उत्पादन को उत्तेजित करने के लिए आहार योजना बना रही हैं तो आपको इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि आपके शरीर की अन्य जरूरतें भी हैं। यह अत्यावश्यक है कि अपने दूध की आपूर्ति के लिए विभिन्न तत्वों के साथ एक संतुलित और स्वस्थ आहार अपनाएं । आपका आहार सिर्फ दूध के उत्पादन की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए ही नहीं होना चाहिए। आप यह सुनिश्चित करें कि आप नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर से बात करें और अपने आहार की हर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आहार विशेषज्ञ की मदद लें। सिर्फ आहार को बदलना ही काफी नहीं है, इसके साथ डॉक्टर रोज़ाना लगभग 30 मिनट के लिए व्यायाम की भी सलाह देते हैं इससे माँ की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ने में सहायता मिलती है और साथ ही रक्त प्रवाह भी बेहतर होती है।
अपने साथी और परिवार की मदद से आप स्तनपान कराने के इस दौर को सरलता से पूरा कर सकेंगी। आपको लगभग 6 महीने तक अपने शिशु को केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है और लगभग 2 वर्ष की आयु तक लगातार स्तनपान कराने चाहिए।