शिशु

माँ के दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहती हैं लेकिन आपके शरीर द्वारा दूध की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है, तो आपको क्या करना चाहिए? क्या आपको अपने बच्चे की भूख को शांत करने के अन्य तरीकों की तलाश करनी चाहिए या आपको अपने दूध की आपूर्ति बढ़ाने के उपायों को खोजना चाहिए? वैसे, यह एक सर्वविदित तथ्य है कि स्तनपान न केवल शिशु के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह माँ के लिए भी बहुत फायदेमंद रहता है। इसलिए, हमारी राय है कि आप अपने दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल करें। यदि आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहती हैं, तो यह लेख फायदेमंद साबित हो सकता है। यहाँ हमने विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में बताया है जिनके उपयोग से आप अपने दूध की आपूर्ति को बढ़ाने का प्रयास कर सकती हैं।

माँ के शरीर में दूध के कम उत्पादन के सामान्य कारण क्या हैं?

स्तनपान कराने वाली माँ के शरीर में दूध का उत्पादन कम होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं।

  • यदि आपके स्तन की सर्जरी हुई है या आप कोई ऐसी दवा ले रही हैं जो दूध की आपूर्ति को बाधित करती है।
  • यदि आप अपने बच्चे को अक्सर या नियमित रूप से स्तनपान नहीं कराती हैं।
  • यदि आपने अपने बच्चे को देर से स्तनपान कराना शुरू किया है।
  • यदि आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं।
  • यदि आपका शिशु समय से पहले या अपरिपक्व जन्मा था।

इन सभी कारणों से कभी-कभी माँ के शरीर में बच्चे के लिए पर्याप्त दूध उत्पादन में बाधा उत्पन्न होने की संभावना होती है।

माँ के दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियां

शरीर में दूध की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित जड़ी-बूटियों को चुन सकती हैं:

1. सौंफ

स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सौंफ बहुत अच्छा विकल्प है।  यह शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाती है और एस्ट्रोजन एक ऐसा हार्मोन है जो दूध उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करता है।

प्रयोग का तरीका

आप सौंफ को कुछ मिनटों के लिए गर्म पानी में डालकर इसकी चाय बना सकती हैं। आप मिठास के लिए शहद मिला सकती हैं। आप इस चाय को दिन में दो बार ले सकती हैं। यदि आपको चाय पीना ज्यादा पसंद नहीं हैं, तो आप दिन भर में कई बार एक-एक चम्मच सौंफ चबा सकती हैं।

2. टोरबगुन की पत्तियां

स्तनपान कराने के लिए यह बेहद लाभदायक जड़ी बूटी है। इंडोनेशिया की बटाक जाति के लोग मुख्य रूप से टोरबगुन की पत्तियों का अपने व्यंजनों में उपयोग करते हैं, लेकिन इसके अलावा स्तनपान कराने वाली माताओं के शरीर में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी इनका सदियों से उपयोग किया जाता रहा है।

प्रयोग का तरीका

आप किसी भी रूप में इन चमत्कारी पत्तियों का उपयोग कर सकती हैं। आप इनसे चाय या सूप बना सकती हैं अथवा किसी भी पकवान में ये पत्तियां इस्तेमाल कर सकती हैं और नियमित रूप से सेवन कर सकती हैं।

3. मेथी के बीज

दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए मेथी के बीज सबसे अच्छी जड़ी बूटियों में से एक हैं क्योंकि ये शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाते हैं। इन बीजों में गैलेक्टागॉग नामक दवा होती है, जो माँ के दूध को बढ़ाने में प्रबल रूप से मददगार होती है।

प्रयोग का तरीका

एक चम्मच मेथी के बीज लें और पानी में उबाल लें। स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें एक चम्मच शहद मिला सकती हैं। इस पेय को दिन में कम से कम 2 से 3 बार पिएं।

4. मिल्क थीस्ल

यह जड़ी बूटी शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने के लिए अच्छी होती है और लिवर के लिए एक बेहतरीन टॉनिक के रूप में काम करती है। इसके अलावा, इस फूल वाले पौधे में एस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं और इस प्रकार स्तनपान के दौरान दूध उत्पादन में मदद होती है।

प्रयोग का तरीका

आप कैप्सूल के रूप में मिल्क थीस्ल ले सकती हैं। एक दिन में 2 से 3 कैप्सूल लें।

5. शतावरी

महिलाओं में कम दूध की आपूर्ति की समस्या को दूर करने के लिए अनेक वर्षों से इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का उपयोग किया जाता रहा है यह औषधि ऐसे तत्वों से भरपूर है जो शरीर में हार्मोनल संतुलन को नियमित करने और उन्हें बनाए रखने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह दूध के उत्पादन में सहायता करती है।

प्रयोग का तरीका

आप इस जड़ी बूटी को पानी में मिलाकर ले सकती हैं, या शतावरी हर्बल सप्लीमेंट भी खरीद सकती हैं।

6. दालचीनी

दालचीनी एक सुगंधित जड़ी बूटी है जो कई व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाती  है। हालांकि, लंबे समय से दूध की अपर्याप्त आपूर्ति से पीड़ित कई माताएं अपने दूध के प्रवाह को बढ़ाने के लिए इस जड़ी बूटी का उपयोग करती रही हैं। यह भी कहा जाता है कि यह दूध के स्वाद को भी बढ़ाती है।

प्रयोग का तरीका

स्तनपान कराने वाली माएं दालचीनी के चूर्ण को शहद के साथ गर्म पानी में मिलाकर या दूध में डालकर सेवन कर सकती हैं। अपने दूध की आपूर्ति में वृद्धि के लिए आप एक या दो महीने तक दालचीनी का सेवन करके देखें।

7. जीरा

भारतीय खाद्य पदार्थों में जीरा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, और इस सुगंधित हर्ब को स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध के कम उत्पादन का इलाज करने के लिए एक प्रभावी उपाय भी माना जाता है। दूध की कम आपूर्ति से निपटने के अलावा जीरे में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो एक स्तनपान कराने वाली माँ को अत्यावश्यक ऊर्जा देने में सहायक होता है।

प्रयोग का तरीका

आप एक चम्मच जीरा थोड़ी चीनी के साथ मिला सकती हैं और रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ इसका सेवन कर सकती हैं।

8. लहसुन

लहसुन माँ के शरीर से दूध के स्राव को बढ़ाने में प्रभावी रूप से फायदेमंद है। यह भी कहा जाता है कि यदि स्तनपान कराने वाली माँ नियमित रूप से इसका सेवन करे तो लहसुन दूध का स्वाद भी बढ़ाता है।

प्रयोग का तरीका

लहसुन का उपयोग आप दैनिक रूप से खाना पकाने में कर सकती हैं।

9. गोट्स रु (फ्रेंच लाइलैक)

यह जड़ी-बूटी मेथी के समान पौधे समूह की है। इस जड़ी बूटी से स्तन के ऊतकों की मरम्मत करने और दूध की आपूर्ति में सहायता मिलती है। हालांकि, इस जड़ी-बूटी का सूखा रूप ही फायदेमंद है क्योंकि हरे या ताजे रूप में यह आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

प्रयोग का तरीका

इस जड़ी बूटी का उपयोग कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है।

10. अदरक

विभिन्न खाद्य और पेय पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के अलावा, अदरक का उपयोग अन्य स्वास्थ्यप्रद लाभों के लिए भी किया जाता है। इस जड़ी-बूटी के सेवन से आपके शरीर में दूध की आपूर्ति में अच्छी वृद्धि होती है।

प्रयोग का तरीका

आप अदरक का उपयोग अपनी नियमित चाय या अपने भोज्य पदार्थों में मसाले के रूप में कर सकती हैं।

11. चक्रफूल

आप अपने दूध के कम उत्पादन की समस्या से निपटने के लिए इस सुगंधित जड़ी बूटी का उपयोग कर सकती हैं। चक्रफूल में न केवल एस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं, बल्कि यह अवरुद्ध दूध नलिकाओं को खोल कर आपके दूध की आपूर्ति बढ़ाने में भी सहायक है।

प्रयोग का तरीका

आप गर्म पानी में थोड़ी मात्रा में चक्रफूल डालकर चाय बना सकती हैं। स्वाद के लिए चीनी या शहद मिलाएं। आप सुरक्षित रूप से एक दिन में 2 से 3 कप चाय का सेवन कर सकती हैं।

दूध बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों का उपयोग करने से पहले की सावधानियां

हालांकि वैसे तो आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करना सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को इनमें से कुछ विशेष बूटियों से एलर्जी हो सकती है। इसलिए आपको कम दूध की समस्या को ठीक करने के लिए किसी भी हर्बल उपचार का प्रयोग करने से पहले सावधानी बरतनी होगी।

  • अपने नियमित आहार में किसी भी जड़ी-बूटी को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
  • यह सुनिश्चित करें कि आप एक प्रतिष्ठित ब्रांड का ही हर्बल सप्लीमेंट लें।
  • कभी-कभी कोई जड़ी-बूटी विषाक्तता का कारण बन सकती है, इसे लेने से पहले अपने दूध बढ़ाने के उपाय बताने वाले सलाहकार या डॉक्टर से बात करें।
  • यदि आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर से परामर्श के बिना जड़ी-बूटियां लेने से घातक जटिलताएं हो सकती हैं।
श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

5 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

5 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

5 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 weeks ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 weeks ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

3 weeks ago