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योग एक प्राचीन भारतीय प्रथा है जिसने दुनिया भर के लोगों को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद की है। दुनिया भर में लाखों लोगों को अस्थमा है और यदि आप भी उनमें से एक हैं, तो राहत पाने के लिए योग करें।
जैसा कि आप में से अधिकांश लोग जानते हैं कि अस्थमा एक सूजन संबंधी बीमारी है जो वायुमार्ग को संकीर्ण बनाता है। यह ज्यादा बलगम बनाता हैं, जिसकी वजह से गले में सूजन हो जाती है और साँस लेने में कठिनाई होती हैं। अन्य लक्षणों में घरघराहट, खांसी, साँस की तकलीफ और छाती की जकड़न शामिल हैं। इसके संकेत और उनकी तीव्रता हर व्यक्ति में अलग होती है। अस्थमा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन आप इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। योग अस्थमा की परेशानी को दूर करता है और इसे नियमित रूप से करने पर आपको उपयुक्त परिणाम मिलेगा ।
योग आपके फेफड़ों की क्षमता में सुधार करता है और उचित रूप से श्वास लेने में मदद करता है। श्वसन योग जैसे प्राणायाम के कई लाभ हैं, यह श्वसन व्यायाम फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बढ़ाते हैं जिससे की श्वास लेने में आसानी होती है।
कई स्टडी से साबित हुआ है कि योग अस्थमा से पड़ने वाले दौरे को कम करता है। यह आपके दवाओं पर निर्भरता को कम करता है और श्वास संबंधी समस्या के दर को भी कम करने व उसमें सुधार लाने के रूप में जाना जाता है। हालांकि, इसमें अभी भी बहुत से शोध करने की आवश्यकता है।
यहाँ कुछ योगा पोजेस दिए गए हैं जो आपको आसानी से साँस लेने में मदद कर सकते हैं:
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
यह योग मुद्रा कोई प्रोफेशनल या नौसिखया दोनों ही कर सकते हैं। यह आपकी श्वास पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करता है और फेफड़ों के कार्य में सुधार करता है।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
शवासन आपके तनाव को कम करने के साथ आसानी से साँस लेने में भी मदद करता है ।
इस आसन को करते समय आपको अपने शरीर को एक पुल स्वरूप बनाना होगा।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
यह आपकी छाती और फेफड़ों को खोलने में मदद करता है। इसके कई अन्य लाभ हैं जैसे कि यह आपके थायरॉयड ग्लैंड की क्रिया में सुधार लाता है, हड्डियों को मजबूत करता है, साथ ही पाचन को सुधारता है और इम्युनिटी में वृद्धि करता है। सेतुबंधासन आपकी थकी हुई मांसपेशियों को भी आराम देता है।
यह एक सरल मुद्रा है जिसे आप अपना कर अस्थमा के लक्षणों को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
यह आपके फेफड़ों को भी खोलने में मदद करता है।
बद्ध कोणासन ‘तितली मुद्रा’ या ‘बटरफ्लाई पोज’ के नाम से भी जाना जाता है, यह अस्थमा रोगियों के लिए सबसे जरुरी योग माना जाता है।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
यह योग व्यायाम आपके शरीर को अस्थमा के लक्षणों से राहत दिलाता है। यह आपके फेफड़ों सहित पूरे शरीर में सर्कुलेशन को बेहतर करता है साथ ही हृदय को उत्तेजित करने का काम करता है। इसे करने से आपको जल्द थकान हो जाने से भी राहत मिलेगी।
इसे ‘सर्प मुद्रा’ के नाम से भी जाना जाता है।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
यह अस्थमा रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट व्यायाम है और यह पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करता है। यह फेफड़ों और छाती के उचित रूप से फैलने में भी मदद करता है।
यह आपके फेफड़ों की क्षमता को सुधारता है।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
यह योग मुद्रा आपके शरीर को ऊपर की ओर खींचने से आपके फेफड़ों को खोलता है।
इस आसन के साथ अपनी योग क्रिया को समाप्त करें।
स्टेप्स
यह कैसे मदद करता है?
जैसा कि पहले ही बताया गया है, प्राणायाम से साँस लेना आसान हो जाता है और फेफड़ों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। यह सभी के लिए एक बेहतरीन योग है।
ऐसा कोई भी विशिष्ट प्राणायाम नहीं है जिसे अस्थमा के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाए परंतु कुछ प्राणायाम को करने का सुझाव दिया गया है जो सामान्य से थोड़ा अलग है जैसे अनुलोम विलोम प्राणायाम, नाड़ी शोडान प्राणायाम और कपालभाति प्राणायाम। इन योगासनों को करते समय सही योग मुद्रा का होना बहुत जरूरी है।
कपालभाती प्राणायाम आपकी साँस को बेहतर बनाने में काफी कारगर साबित होता है।
हाँ, गर्म योग शरीर में नमी और गर्मी पैदा करता है और ये अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होता है। यह सामान्य श्वास तकनीक को बेहतर बनाने में मदद करता है और छाती और फेफड़ों की क्षमता को भी बढ़ाता है।
अस्थमा का इलाज सिर्फ योग में नहीं है क्योंकि योग अकेले इसे दूर करने में मदद नहीं कर सकता है।इसलिए केवल योग पर निर्भर रहने का सुझाव नहीं दिया जाता है। आपको योग के साथ अपनी दवाओं को जारी रखने की जरूरी है अगर आपका अस्थमा अधिक गंभीर है, तो योग आपके फेफड़ों और छाती की क्षमता का विस्तार करने और उसे आपके सामान्य स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है तथा आपके श्वसन प्रणाली को भी ठीक करता है।
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