मैगज़ीन

घर में ही साबुन कैसे बनाएं – 6 रेसिपी घर पर नेचुरल साबुन बनाने के लिए

आज कल त्वचा की देखभाल के लिए लोग केमिकल के प्रोडक्ट्स पर निर्भर हो गए हैं जो सिर्फ आपकी त्वचा के लिए ही नहीं बलि इस वातावरण के लिए भी हानिकारक हैं। इससे बहुत सारी समस्याएं होती हैं इसलिए लोग केमिकल से बने साबुन के बजाय नेचुरल साबुन का उपयोग करना पसंद करते हैं। 

वैसे घर में साबुन बनाना असंभव लगता है पर यह सच है। फैट्स और ऑयल को लाइ नामक एल्कली पर मिलाया जाता है जिससे साबुन बनता है। साबुन को स्टेप बाइ स्टेप 4 प्रक्रिया से बनाया जाता है जिसमें पिघलाना और मिलाना, कोल्ड प्रोसेस, हॉट प्रोसेस और री-बैचिंग शामिल है। 

सामग्रियों को पिघलाने के बाद मिलाकर साबुन बनाना बहुत आसान है क्योंकि इसमें सिर्फ पहले से बने हुए नेचुरल साबुन को दोबारा से पिघलाकर उसमें सुगंध मिलाई जाती है। कोल्ड प्रोसेस्ड एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें ऑयल और लाय का उपयोग करके साबुन बनाया जाता है। हॉट प्रोसेस में भी स्क्रैच का उपयोग किया जाता है जिसमें सभी सामग्रियां पॉट में पकाई जाती हैं। री-बैचिंग साबुन को ग्राइंड करने जितना ही सरल है और फिर इसे दूध या पानी में मिलाया जाता है। 

यदि आप थोड़ा सा धैर्य रह सकते हैं और थोड़ा सा समय निकाल सकते हैं तो इससे आपकी हेल्थ को काफी फायदे होंगे। 

होममेड साबुन फायदेमंद क्यों होते हैं

होममेड साबुन में बेशक बहुत सारे गुण होते हैं तो एक कॉस्मेटिक्स साबुन में नहीं होते हैं। यदि फिर भी आप सोच रहे हैं कि आपको कॉस्मेटिक्स साबुन का उपयोग करना चाहिए यह घर में ही साबुन बनाना चाहिए तो यहाँ पर नेचुरल साबुनों के कुछ फायदे बताए गए हैं, आइए जानें;

1. इसमें केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है

नेचुरल साबुन को बनाने के लिए ऐसी सामग्री का उपयोग किया जाता है जो आपके शरीर व स्किन के लिए फायदेमंद होती है। इसमें उपयोग किए जाने वाले इंग्रेडिएंट्स पैराबिंस, पेट्रोकेमिकल्स आदि से बिलकुल अलग होते हैं। एन्वायरमेंटल वर्किंग ग्रुप के अनुसार ट्रिक्लोसन का उपयोग अनेक साबुनों में किया जाता है जिससे हॉर्मोन्स और रिप्रोडक्टिव सिस्टम में उल्टा प्रभाव पड़ता है। 

2. यह वातावरण के लिए सुरक्षित है

कास्मेटिक साबुन में टॉक्सिक केमिकल होते हैं जो वातावरण को गंदा करते हैं और इसके टॉक्सिक केमिकल मिट्टी को भी दूषित करते हैं। वहीं दूसरी तरफ नेचुरल साबुन उन इंग्रेडिएंट्स से बनाया जाता है जिससे वातावरण को फायदे होते हैं और यह एक बेहतरीन ऑप्शन है। 

3. इसमें जानवरों पर टेस्टिंग नहीं होती है

कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री में केमिकल प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग भी की जाती है और यह अच्छे कारणों से की जाती है। नेचुरल साबुन से जानवरों पर टेस्टिंग करने की आवश्यकता नहीं होती है और इसमें किसी भी निर्दयी प्रक्रिया का उपयोग नहीं होता है।

4. इसमें प्योर एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जाता है

नेचुरल साबुन एसेंशियल ऑयल से बनाए जाते हैं और इससे सिर्फ अच्छी सुगंध ही नहीं बल्कि एंटी-बैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण भी मिलते हैं जो शरीर को फायदे पहुँचाते हैं।  

5. इसे बनाने में कोई भी नुकसान या गंदगी नहीं होती है

हम सब जानते हैं कि साबुन अक्सर प्लास्टिक और अन्य पैकेजिंग मटेरियल में पैक किए जाते हैं जो बायोडिग्रेडेबल नहीं होते हैं। सोच कर देखिए, पूरी दुनिया में कितने सारे साबुनों का इस्तेमाल होता है और जिनसे कचरा भी बढ़ता व इकट्ठा होता है। घर पर बने साबुनों को किसी प्लास्टिक में पैक करने की जरूरत नहीं है और इससे गंदगी भी कम होती है। 

6. इसमें नेचुरल सुगंध का उपयोग किया जाता है

अगर आप साबुन में नेचुरल ऑयल का उपयोग करते हैं तो इससे नेचुरल सुगंध आएगी जो आपको पसंद आएगी और यह केमिकल के ऑयल की सुगंध से बिलकुल विपरीत है।  

7. त्वचा को फायदे मिलते हैं

नेचुरल साबुन का पी.एच. स्तर लगभग 9 या 10 होता है जो एल्कलाइन श्रेणी के हिसाब से सही है और यह त्वचा के लिए सुरक्षित है।

8. ग्लिसरिन के गुण भी शामिल हैं

नेचुरल साबुन बनाने के प्रोसेस में ग्लिसरीन का भी उपयोग किया जाता है और यह एक बेहतरीन मॉइश्चराइजर है। यह त्वचा में नेचुरल ऑयल को बनाए रखता है और इसे कोमलता प्रदान करने में मदद करता है। 

9. त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है

मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर साबुन का ग्लिसरीन इसे बनाने के प्रोसेस में ही खत्म हो जाता है जिससे आपकी त्वचा ड्राई और इरिटेटेड हो जाती है। जाहिर अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए आपको अन्य मॉइस्चराइजर और लोशन का उपयोग करना पड़ता है। नेचुरल साबुन में ग्लिसरीन होता है जो साबुन बनाने के तरीके का ही एक भाग है और इससे त्वचा हाइड्रेटेड रहता है और आपको कोई अन्य प्रोडक्ट कर उपयोग करने की जरूरत नहीं है। 

10. यह एक अद्भुत साबुन है

नेचुरल बनाने के लिए कई तरीके हैं और आप इसके लिए किसी एक का उपयोग कर सकते हैं। आपके द्वारा बनाया हुआ साबुन अद्भुत होगा और इसमें आप अपने हिसाब से इंग्रेडिएंट्स मिला सकते हैं। इसे अलग टेम्प्रेचर में बनाया जाता है और ऐसा साबुन आपको कहीं भी नहीं मिलेगा। 

होममेड साबुन बनाने के आसान तरीके

होममेड साबुन में कई फायदे हैं और आप इन्हें बनाने की विधि बहुत आसानी से सीख सकते हैं। साबुन कैसे बनाया जाता है यह जानने के साथ-साथ आप इसमें अपनी पसंद के अनुसार इंग्रेडिएंट्स और सुगंध डाल सकते हैं। 

यदि आप लाय का उपयोग नहीं करना चाहते हैं तो इसके बिना भी साबुन बनाने के कई तरीके हैं। आप साबुन को पिघलाने के बाद इसमें नए इंग्रेडिएंट्स मिला सकते हैं। इस प्रोसेस में साबुन के बेस का उपयोग किया जाता है जिसे पहले से ही सेप्नोफिकेट किया गया है और इसमें लाय का उपयोग नहीं करना पड़ता है। 

  1. स्मोकी वेटीवर साबुन

इस साबुन की सुगंध मिट्टी सी होती है और शुरुआत में यह साबुन ठंडी प्रक्रिया की मदद से बनाया जा सकता है। 

सामग्री  

  • 3 बर्तन
  • हैंड ब्लेंडर
  • डिजिटल स्केल
  • एक लंबा कैन
  • टेप
  • फ्रीजर पेपर
  • बड़ा चम्मच फेंटने के लिए औजार
  • लाय – 84 ग्राम
  • डिस्टिल्ड पानी – 137 ग्राम
  • कैनोला ऑयल   – 150 ग्राम
  • कोकम बटर – 84 ग्राम
  • नारियल का तेल  – 180 ग्राम
  • अरंडी का तेल  – 36 ग्राम
  • शीया बटर   – 120 ग्राम
  • तिल का तेल – 30 ग्राम
  • लाइम एसेंशियल ऑयल  – 7 ग्राम
  • वेटीवर एसेंशियल ऑयल  – 8 ग्राम
  • सीडरवुड एसेंशियल ऑयल  – 8 ग्रा
  • काओलीन क्ले – 1 बड़ा चम्मच
  • एक्टिवेटिड चारकोल  – ½ चम्मच

विधि 

  • पहले आप फ्रीजर पेपर को 7 से 9 टुकड़ों में काटें।
  • आप एक कैन को नीचे से काटकर उसे 7 इंच लंबा रखें।
  • सावधानी से कैन के निचले हिस्से में टेप लगाएं ताकि इससे साबुन का मिश्रण बाहर न आए।
  • फ्रीजर पेपर को प्लास्टिक की साइड से अंदर की तरफ लगाएं।
  • लाय के मिश्रण को बनाने के लिए सोडियम हाइड्रोक्साइड धीरे-धीरे डिस्टिल्ड पानी मिलाइए (लाय बनाते समय सुरक्षा के लिए हाथों में दस्ताने और चश्मा पहनना न भूलें ) ।
  • आप शिया बटर, कोकोनट ऑयल और कोकम बटर को धीमी आंच में पिघला लें।
  • उसमें कॉस्टर, कैनोला ऑयल और तिल का तेल को डालकर मिलाएं।
  • मिश्रण का तापमान साधारण होने के बाद, बेस बनाने के लिए 1 चम्मच काओलीन क्ले को इसमें मिलाएं और सारे एसेंशियल ऑयल भी उसी मिश्रण में डाल दें ।
  • ब्लेंडर के मदद से लाय, बटर और तेलों को अच्छी तरह ब्लेंड कर लें।
  • बैटर का एक तिहाई भाग लें और उसमें एक्टिवेटिड चारकोल मिलाएं।
  • बचे हुए मिश्रण में कॉलिन ऑयल, केओलिन मिट्टी मिलाएं किन्तु इस बात का ख्याल रखें कि बैटर में किसी भी प्रकार की गांठ न पड़े।
  • बर्तन में 3 अलग-अलग जगह पर एक्टिवेटिड चारकोल के मिश्रण को काओलीन मिट्टी के मिश्रण में डालें। एक गोल पैटर्न बनाने के लिए स्पॉट द्वारा एक बार रंग डालें।
  • बैटर को सांचे में डालकर आकार में लाने व उसमें पड़ते बुलबुले खत्म करने के लिए सांचे को धीरे-धीरे थपथपाएं।
  • बड़े तौलिए की मदद से सांचे को अलग करें।
  • बैटर को साबुन के रूप में काटने के लिए 24 घंटे तक इंतजार करें और इसे लगभग 4 सप्ताह तक सुरक्षित व पूरी तरह तैयार होने के लिए रखा रहने दें।
  1. एलोवेरा साबुन

यह एलोवेरा साबुन एक सौम्य मिश्रण है आपके खूबसूरत चेहरे व संवेदनशील त्वचा के लिए।  

सामग्री 

  • ताजा एलोवेरा जेल –  57 ग्राम
  • सोडियम हाइड्रोक्साइड – 55 ग्राम
  • डिस्टिल्ड पानी  – 71 ग्राम
  • ओलिव ऑयल – 170 ग्राम
  • कोकोनट ऑयल – 85 ग्राम
  • सनफ्लॉवर ऑयल – 57 ग्राम
  • शीया बटर– 57 ग्राम
  • कैस्टर ऑयल – 28 ग्राम

विधि  

  • सबसे पहले आप हाथों में दस्ताने व चश्मा पहनें और फिर लाय की छीटें डिस्टिल्ड पानी में डालें और अच्छी तरह चलाएं।
  • लाय के मिश्रण को साधारण तापमान में ठंडा करें।
  • शीया बटर और नारियल के तेल को पिघलाएं व बाकी तेलों के साथ मिला लें।
  • ब्लेंडर की मदद से एलोवेरा जेल और तेल के मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें।
  • अब बने हुए साबुन के बैटर को सांचे में डालें व मोम के कागज से अच्छी तरह ढक दें, समय होने के बाद तौलिये की मदद से उसे हटा दें।
  • मिश्रण को सांचे में लगभग 1 या 2 दिन तक रहने दें फिर उसे सांचे से निकाल कर खुली हवा में लगभग 4 हफ्तों तक रखें, आपका साबुन पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
  1. बकरी के दूध का साबुन

यह आसान सी पिघलाने व मिलाने वाली विधि शुरुआत में प्रयास करने के लिए बेहतरीन है। 

सामग्री 

  • बकरी का दूध पिघले हुए व मिलाने के बेस के रूप में
  • साइट्रस इंग्रेडिएंट्स के एसेंशियल ऑयल
  • सूखे हुए साइट्रस इंग्रेडिएंट्स के टुकड़े
  • साबुन बनाने के लिए सिलिकॉन के सांचे

विधि 

  • साइट्रस इंग्रेडिएंट्स के टुकड़ों को सुखाने के लिए आप माइक्रोवेव को पहले से ही 200 डिग्री में गर्म करें। टुकड़ों को 2-3 घंटों तक माइक्रोवेव में रख दें और एक बार सूख जाने पर उसे बाहर निकाल कर ठंडा होने दें।
  • साबुन के बेस को काट कर माइक्रोवेव में पिघलाएं और ध्यान रखें कि बेस को पिघलाते समय हर 30 सेकंड में इसे चलाते रहें। पिघले हुए बेस में पर्याप्त मात्रा में ऑयल मिलाएं।
  • अब आप साइट्रस इंग्रेडिएंट्स के टुकड़ों को सांचे में रखें और फिर उसमें तैयार किया हुआ पिघला बेस डालें।
  • अंत में इसे बाहर निकालने के बाद उसे ठंडा होने दें।
  1. लैवेंडर का साबुन

लैवेंडर का यह अनोखा मिश्रण उतना ही खुशबूदार होता है जितना आप चाहते हैं। 

सामग्री 

  • पाम ऑयल – 193 ग्राम
  • कोकोनट ऑयल – 289 ग्राम
  • कोकोआ बटर– 48 ग्राम
  • कैस्टर ऑयल – 48 ग्राम
  • ओलिव ऑयल– 289 ग्राम
  • सनफ्लॉवर ऑयल – 96 ग्राम
  • लाय – 139 ग्राम
  • पानी – 320 ग्राम
  • पिसी हुआ लैवेंडर की कलियाँ – 2 बड़ा चम्मच
  • ऑरेंज एसेंशियल ऑयल  – 11 ग्राम
  • लैवेंडर एसेंशियल ऑयल  – 22 ग्राम
  • पच्युली एसेंशियल ऑयल  – 11 ग्राम

विधि 

  • आप समान तरीके से ही लाय का घोल बनाएं।
  • तेल व बटर को पिघलाएं और उसमें सभी एसेंशियल ऑयल व लैवेंडर की कली भी मिलाएं।
  • मिश्रण को अच्छी तरह चलाएं और उसे सांचे में डाल दें।
  • साबुन बनने के बाद आप इसे  काटें और पूरी तरह बनने के लिए 4 सप्ताह तक ऐसे ही रख दें।
  1. लूफाह गुलाब का साबुन

इस साबुन में बेहतरीन सुगंध के साथ एक्सफोलिएट करने के गुण भी हैं।

सामग्री 

  • आपकी पसंद के कोई भी साबुन का बेस – 455 ग्राम
  • नेचुरल लूफाह
  • गुलाब का ऑयल – 15 बूंदें
  • गुलाबी पिग्मेंट पाउडर – ½  छोटा चम्मच

विधि 

  • प्राकृतिक लूफाह को इस प्रकार से काटें कि वह सांचे में ठीक तरह से आ जाए।
  • साबुन के बेस को काटें और माइक्रोवेव में पिघलाएं, ख्याल रहे बेस को हर 30 सेकंड में चलाते रहें।
  • पिघले हुए बेस में एसेंशियल ऑयल और पिग्मेंट पाउडर मिलाएं।
  • लूफाह के टुकड़ों को सांचे में रखें और उसमें बनाया हुआ पिघला बेस डालें और ठंडा होने दें ।
  1. शहद और दूध का साबुन

इस साधारण साबुन में दूध और शहद के प्राकृतिक गुण शामिल हैं और यह हनीकोंब जैसा दिखता है। 

सामग्री 

  • बकरी के दूध से बना साबुन का बेस – 455 ग्राम
  • मधुमक्खी के छत्ते जैसा सिलिकॉन का सांचा
  • कच्चा और ऑर्गेनिक शहद – 3 बड़े चम्मच
  • पीले और लाल रंग के साबुन का पिग्मेंट

विधि 

  • साबुन के बेस को काटें और उसे माइक्रोवेव में पिघलाएं। हर 30 सेकंड में उसे चलाना न भूलें।
  • पिघले हुए बेस में शहद, 3 बूंद पीला रंग और 1 बूंद लाल रंग मिलाएं।
  • अंत में आप तैयार किए गए बेस को सांचे में डालें और ठंडा होने दें।

घर में साबुन बनाते समय ध्यान देने योग्य कुछ बातें

घर पर हर्बल साबुन बनाना एक चतुराई का काम है पर यह जरूरी है कि आप इसे बनाते समय समान रूप से सचेत रहें। घर में साबुन बनाना शुरू करने से पहले आप निम्नलिखित बातों पर ध्यान जरूर दें, आइए जानते हैं; 

  • साबुन की अच्छी क्वालिटी के लिए हर सामग्री को अच्छी तरह माप लें।
  • लाय का उपयोग करते समय पूरी प्रक्रिया के दौरान दस्ताने व चश्मा जरूर पहनें।
  • अन्य चीजें और कोई भी हानिकारक चीज त्वचा के संपर्क में न आए इसलिए आप लंबी बाजू के व मोटे दस्ताने पहनें।
  • इस प्रोसेस को बाहर खुली जगह पर ही करें।
  • प्रत्येक सामग्री की संख्या व माप लिख लें यह आपके अगले चरण में आपकी सहायता करेगा।
  • अगर आपका मिश्रण छलक जाता है तो ध्यान रखें उस समय आपके पास अब्सॉर्ब करने वाली चीज होनी चाहिए ताकि यह गिरे हुए केमिकल को सोखने में मदद कर सके। लाय के प्रभाव को बे-असर करने के लिए सिरका एक बेहतरीन विकल्प है।
  • घर पर साबुन का निर्माण एक बेहतरीन तरीका है वातावरण से कार्बन को कम को करने का और इसकी मदद से आप अच्छी त्वचा व शरीर के लिए नेचुरल इंग्रेडिएंट्स का फायदा भी ले सकते हैं। अगर आप घर पर ही साबुन बनाने की आदि हो जाती हैं तो आप दुकान से  साबुन खरीदने कभी नहीं जाएंगी।

होममेड साबुन बनाने से वातावरण में कार्बन कम फैलता है और इसमें मौजूद इंग्रेडिएंट्स त्वचा को कई फायदे देते हैं। एक बार जब आप साबुन बनाने के प्रोसेस को जान लेंगे तो आप मार्केट से साबुन खरीदना बिलकुल भी नहीं चाहेंगे।

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

जल संरक्षण पर निबंध (Essay On Save Water In Hindi)

जल हमारे जीवन का एक आवश्यक भाग है। बिना जल के धरती पर जीवन संभव…

19 hours ago

दोस्ती पर निबंध (Essay On Friendship In Hindi)

दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है, जो जीवन को खुशियों से भर देता है। यह एक…

19 hours ago

बाल दिवस पर निबंध (Essay On Children’s Day In Hindi)

बाल दिवस एक ऐसा अवसर है, जो कि हम में से ज्यादातर लोगों के लिए…

19 hours ago

जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

निबंध लिखना बच्चों और विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास है। जब विषय ‘पंडित जवाहरलाल…

2 days ago

भाई दूज पर निबंध (Essay On Bhai Dooj in Hindi)

भाई दूज हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार है जो दिवाली के…

3 weeks ago

पति के लिए 120 धन्यवाद संदेश और कोट्स

हम अक्सर जिंदगी की भागदौड़ में उन लोगों को नजरअंदाज कर देते हैं जो हमारे…

3 weeks ago