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मार्केट में कुकिंग ऑयल के विभिन्न प्रकार होने की वजह से यह समझ पाना कठिन है कि कौन सा हमारे लिए अच्छा है और कौन सा नहीं। हालांकि किसी एक ऑयल के बारे में बात करना बहुत आसान है।
सनफ्लॉवर ऑयल वह तेल नहीं है जिसे खाने के लिए हेल्दी माना जा सकता है। कुकिंग ऑयल में इसे अनहेल्दी मनाने के लिए अनेकों कारण हैं। हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि सनफ्लॉवर ऑयल में विटामिन ‘इ’, अन्य न्यूट्रिएंट्स और फैटी एसिड भरपूर हैं जो त्वचा, बाल और बच्चों में अनिद्रा के लिए बेहतरीन हैं। यह भी कहा जाता कि अगर यह तेल संयमित मात्रा में लिया जाए तो इससे अर्थिराइटिस और कोलन कैंसर जैसी समस्याएं भी ठीक हो सकती हैं। सनफ्लॉवर ऑयल के फायदे और साइडइफेक्ट्स जानने के लिए आप यह आर्टिकल पूरा पढ़ें।
एक कप सूरजमुखी तेल में;
कैलोरी | 8068 किलो कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट (फाइबर, स्टार्च, चीनी) | 0 ग्राम |
फैट | 218 ग्राम |
सैचुरेटेड फैट | 21.3 ग्राम |
मोनो-अनसैचुरेटेड फैट | 182 ग्राम |
पॉली-अनसैचुरेटेड फैट | 8.3 ग्राम |
ओमेगा-3 फैटी एसिड | 419 मिलीग्राम |
ओमेगा-6 फैटी एसिड | 7860 मिलीग्राम |
प्रोटीन | 0 ग्राम |
विटामिन ‘इ’ | 89.5 मिलीग्राम |
विटामिन ‘के’ | 11.8 माइक्रोग्राम |
मिनरल | 0 ग्राम |
सनफ्लॉवर ऑयल में स्वास्थ्य से संबंधित कई फायदे होते हैं जिसकी वजह से इसका उपयोग खाना पकाने, कॉस्मेटिक बनाने और दिल को ठीक रखने के लिए किया जाता है। सनफ्लॉवर ऑयल के अन्य लाभ जानने के लिए, यहाँ पढ़ें;
सनफ्लॉवर ऑयल में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 हैं जो वास्तव में लिनोलिक एसिड होते हैं और यदि आप इसे संयमित मात्रा में लेते हैं तो एथेरोस्क्लेरोसिस को रोक सकता है जिससे अर्थिराइटिस, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है।
सनफ्लॉवर ऑयल में बहुत सारे गुण हैं जिसकी वजह से इसे खाना पकाने के लिए भी उपयोग किया जाता है, जैसे यह तेल विटामिन ‘इ’ से भरपूर है। यह हमारे शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह ही काम करता है जिसकी वजह से इम्युनिटी मजबूत होती है और पूरा स्वास्थ्य ठीक रहता है।
सनफ्लॉवर ऑयल में विटामिन ‘इ’ होता है जो त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षित रखता है और साथ ही यह एंटीएजिंग की तरह भी काम करता है इसलिए यह तेल खास त्वचा के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। इससे फ्री-रैडिकल्स कम हो जाते हैं, यह ऑयल हेल्दी सेल्स की क्षति को रोकता है, इस तेल से चोट व घाव ठीक हो जाते हैं और त्वचा में चमक भी आती है। इस तेल में कई आयुर्वेदिक गुण हैं इसलिए मांएं अक्सर अपने बच्चों की मालिश इससे करती हैं। इस ऑयल से त्वचा में किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता है।
सनफ्लॉवर ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो अस्थमा जैसी समस्याओं को खत्म करने में मदद करते हैं। इस ऑयल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमटरी गुण कैंसर व गठिया जैसी समस्याओं को बढ़ने से रोकते हैं।
सनफ्लॉवर ऑयल बालों में चमक लाने के साथ-साथ इन्हें सुलझे बनाए रखने में भी मदद करता है। इस तेल के उपयोग से बाल सुलझे व मुलायम रहते हैं।
सनफ्लॉवर ऑयल में अनसैचुरेटे फैट भी होता है जो शरीर में एनर्जी प्रदान करता है और इसकी मदद से लीवर खून से ग्लाइकोजन को निकालता है जिससे आप में एनर्जी आती है।
सनफ्लॉवर में मौजूद विटामिन ‘इ’ त्वचा को कई फायदे देता है और इसे पोषित भी रखता है। नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में सनफ्लॉवर ऑयल का उपयोग करने से शरीर में रोग नहीं होते हैं। सनफ्लॉवर ऑयल से त्वचा में कई निम्नलिखित फायदे होते हैं, आइए जानें;
खूबसूरत बाल पाने की इच्छा हर किसी की होती है पर सभी भाग्यशाली नहीं होते हैं। अक्सर सूरजमुखी तेल का उपयोग खाने में किया जाता है और इसे सेहत के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। हालांकि आप यह जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि यह तेल बालों के लिए भी उतना ही लाभदायक है और यह कई ऑयल में एक बेस ऑयल के रूप में उपयोग किया जाता है। सूरजमुखी तेल में उपलब्ध अनिवार्य न्यूट्रिएंट्स और फैटी-एसिड, इस तेल को बालों के लिए उपयुक्त बनाते हैं। यह तेल हर तरह के बालों के लिए लाभकारी हैं, इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं।
सनफ्लॉवर ऑयल से स्ट्रेस कम होने में मदद मिलती है और यह बच्चों को शांत रखने में भी मदद करता है। इस तेल में मौजूद एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन से शरीर में मेलाटोनिन और सेरोटोनिन हॉर्मोन्स बढ़ते हैं जो बच्चों को पूरी नींद लेने में मदद करते हैं। इसलिए यदि आपका बच्चा पर्याप्त नींद नहीं ले रहा है तो उसे सनफ्लॉवर के बीज खाने के लिए सनफ्लॉवर ऑयल में खाना पकाएं।
गर्भावस्था के दौरान माँ की डायट से गर्भ में पल रहे बच्चे की हेल्थ पर भी है इसलिए इस समय महिला जो भी खाती है वह हेल्दी और लाभदायक होनी चाहिए। सनफ्लॉवर में मौजूद विटामिन इ से त्वचा में नमी आती है जिससे त्वचा में सुधार आता है। इसमें मौजूद फैटी एसिड और न्यूट्रिएंट्स दिल व नर्वस सिस्टम को ठीक रखते हैं और गर्भावस्था में होने वाली ऐंठन को भी रोकते हैं। इस तेल में मौजूद मैग्निशयम गर्भवती महिला व बच्चे के मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। सनफ्लॉवर ऑयल से गर्भावस्था की आम समस्या, कब्ज ठीक होता है।
इस ऑयल में फैटी एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद है जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे कोई भी रोग ठीक हो जाता है। यदि इसे संयमित मात्रा में लिया जाता है तो यह बच्चों और बड़ों के लिए भी हेल्दी व फायदेमंद है। हालांकि सनफ्लॉवर ऑयल में फैटी एसिड ओमेगा 6 बहुत ज्यादा होता है जो एक चिंता का कारण है क्योंकि इससे ओबेसिटी और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा होता है। इसलिए कम मात्रा में सनफ्लॉवर ऑयल का उपयोग करने या इसे त्वचा में लगाने से शरीर को का फायदे मिलते हैं।
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