क्या आपने कभी नर्सरी में रखे प्लांट्स को देखा है जो हरे और मैरून रंगों के होते हैं। क्या पहली बार देखते ही आप इन पौधों से अपने घर को सजाना चाहते हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं – हममें से ज्यादातर लोग हरे-भरे पौधों को पहली बार देखते ही मोहित हो जाते हैं। वे पौधे कुछ समय के लिए बढ़ते हैं और आप इनका ध्यान रखने का पूरा प्रयास भी करते हैं पर आगे क्या? अंत में ये प्लांट्स सूख जाते हैं या मर जाते हैं। क्या आपको पता है कि आपके ज्यादातर पौधों के साथ ऐसा क्यों होता है? खैर हो सकता है कि आप जरूर कुछ भूल रहे हैं। इस आर्टिकल में बताया गया है कि आप अपने पौधों को कैसे हरा-भरा और सुंदर रख सकते हैं।
अगर आपकी सभी कोशिशों के बावजूद भी आपके पौधे सूख रहे हैं, तो शायद कुछ चीजें हैं जो आप गलत कर रहे हैं। नीचे दिए गए पॉइंट्स से आप जान सकते हैं कि आपके पौधे क्यों सूख रहे हैं और आप उन्हें कैसे बचा सकते हैं।
सभी जानते हैं कि पौधों को हरा-भरा रखने के लिए उन्हें पानी देना बहुत जरूरी है। लेकिन जो बात आपको पता होना चाहिए वह यह है कि आवश्यकता से अधिक कोई भी चीज पौधों के लिए भी हानिकारक हो सकती है – पानी भी! ज्यादातर पौधे ठंड के दिनों में नहीं बढ़ते हैं इसलिए ऐसे समय में पौधों में कम पानी डालना चाहिए। पौधों में जरूरत से ज्यादा पानी डालने से पानी पौधे के निचले हिस्से में ही जमा रह जाता है। बहुत ज्यादा पानी से पौधे की मिट्टी देर तक नम रहती है जिससे इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। इसके अलावा ज्यादा पानी डालने से पौधे में फंगस और फफूंद लग जाती है जिससे वह गमले में अच्छी तरह से नहीं बढ़ पाता है और मिट्टी की क्वालिटी भी पौधे के विकास को प्रभावित करती है। इसलिए पौधों को बहुत सोच-समझ कर पानी दें।
बहुत ज्यादा नमी और बहुत कम नमी, दोनों ही आपके पौधे के लिए हानिकारक हो सकती है। बाहर नमी का स्तर कम होने की स्थिति में, हाउस प्लांट के अंदर गर्मी की मात्रा बढ़ जाती है, जिस कारण यह तेजी से सूखने लगता है। सर्दियों की रूखी हवा भी हानिकारक होती है- इससे पौधे सूख जाते हैं व उनकी पत्तियां झड़ जाती हैं और इसमें सूखी लकड़ी के अलावा कुछ नहीं रह जाता है। आप इसे ठीक करने के लिए समय-समय पर पौधे की नमी को जांचें। यदि उस जगह पर नमी की मात्रा कम है तो पौधे की जगह बदल दें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि आप पौधों को हीटर, रेडिएटर, वेंट और एयर कंडीशनर से दूर रखें।
यदि पौधों को सही एनर्जी के साथ उचित जगह दी जाए तो इंसानों की तरह ही पौधे भी तेजी से बढ़ते हैं। पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलने पर वे अपने ही गमले में बढ़ते व खिलते हुए अच्छे लगते हैं। लेकिन कुछ समय के बाद पौधा गमले से बाहर बढ़ता है और गमले में जगह कम होती है। ऐसी स्थिति को ‘अनइन्स्पायर्ड ग्रोथ’ भी कहा जाता है। अगर पौधों में पानी डालते समय आपको गमले के नीचे से पानी निकलता दिखाई दे या आपका पौधा गमले की तुलना में अधिक बड़ा लगने लगे तो आप उस पौधे को कहीं और पर्याप्त जगह पर लगाएं। इस पौधे को आप किसी बड़े गमले में ताजी मिट्टी व खाद डालकर भी लगा सकते हैं और साथ ही इसे किसी खुली जगह में रखें ताकि वह अच्छी तरह बड़ा हो सके।
कई बार पौधा बाहर से सूखा व सड़ा हुआ दिखता है पर अंदर से वह ऐसा नहीं होना चाहिए। चाहे रूखी हवा हो या आप पौधे में पानी डालना भूल जाते हों, अगर पौधे के पत्ते सूखे, काले दिखाई देते हैं तो उस पौधे को मरा हुआ समझने की गलती न करें। उसकी सूखी हुई पत्तियों और टहनियों को थोड़ा-थोड़ा काट-छांट दें और उसे दोबारा बढ़ने के लिए जगह दें। टहनियाँ काटते समय तने के रंग का ध्यान रखें। पौधे के तने का हरा रंग होने पर उसे न काटें और अगर पौधा अंदर से हरा है तो वह अब भी बढ़ सकता है।
घर के अंदर रखे जाने वाले कुछ पौधे कम धूप में जीवित रह सकते हैं जबकि अन्य पौधों को नियमित रूप से तेज धूप की आवश्यकता होती है। पौधा किस प्रकार का है इस आधार पर, उसको सूर्य के प्रकाश की कितनी आवश्यकता है, यह जानना जरूरी है। यदि आपके पौधे की पत्तियां पीली और मुरझाई हुई दिखती हैं, तो इसका यह संकेत है कि आपके पौधे को अधिक प्रकाश की आवश्यकता है। दूसरी ओर, यदि पत्तियां जली हुई, खुरदरी या मृत दिखती हैं, तो आपको संभवतः गमले को कम से कम धूप पड़ने वाली जगह पर रखना चाहिए। कुछ मामलों में, पौधों को हरा-भरा और स्वस्थ रखने के लिए आर्टिफिशियल लाइट का उपयोग भी किया जा सकता है। सीएफएल और एलईडी जैसे बल्ब का प्रकाश भी काफी हद तक पौधों को बढ़ने में मदद कर सकता है।
यह देखना अत्यंत दुखद हो सकता है कि एक स्वस्थ व हरा-भरा पेड़ सफेद या पीले धब्बों से ढका है। ये कीड़े ज्यादातर सफेद रंग की रुई की तरह दिखते हैं और आपके अनेक प्रयासों के बाद भी ये पौधों को नहीं छोड़ते हैं। अगर आप इन कीड़ों को अपने पौधे पर बर्फ की तरह बिछा हुआ देखें तो इन्हें तुरंत हटाएं। हालांकि, पौधे पर कीटनाशक का छिड़काव करना नासमझी होगी क्योंकि इन केमिकल से पौधे को गंभीर नुकसान होने की संभावना है। इसके लिए आप पौधे पर गुनगुना पानी डालें और हल्के हाथ से उन पत्तियों को पोछें जिन पर ये कीड़े दिखाई देते हैं। पौधे से हर कीटाणु को हटाने में पत्तियों के नीचे का हिस्सा साफ करना न भूलें। फिर, धीरे-धीरे ऑर्गेनिक हॉर्टिकल्चर स्प्रे डालें। इन कीड़ों को दोबारा देखकर सरप्राइज न हों क्योंकि रात भर में इनकी गिनती दोगुनी तेजी से बढ़ती है। बस अच्छे रिजल्ट्स के लिए इस काम को समय-समय पर दोहराते रहें और साथ ही जो पौधा सबसे ज्यादा खराब हो तो उसे अलग कर दें क्योंकि यह दूसरे पौधों को भी खराब कर सकता है।
खाद और खनिज, पौधों की वृद्धि को बढ़ाने और मिट्टी को अच्छी तरह से पोषित रखने के लिए आवश्यक है लेकिन पौधों में अत्यधिक कोई भी चीज हानिकारक हो सकती है। जब आप एक पौधा खरीदें, तो इसके बारे में पूर्ण-जानकारी प्राप्त करें कि यह पौधा कौन सी मिट्टी में बढ़ता है, इसका क्या प्रकार है और इसकी आवश्यकताएं क्या-क्या हैं। पौधे के बारे में जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका नर्सरी वाले से पूछना है क्योंकि वह अभी तक पौधे की देखभाल कर रहा है। एक बार जब आप पौधे की जरूरतों को जान लेते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप इस पौधे को न्यूट्रिशन दें और इसकी देखभाल उसी तरह करें। मिट्टी को अधिक पोषण देना पौधे के लिए काफी हानिकारक हो सकता है, और कम पोषण की स्थिति में पौधा धीरे-धीरे मर सकता है। पौधे के जीवन काल को बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग ही सबसे बेहतर उपाय है।
यदि कोई भी तरीका काम नहीं करता है तो आप यह भी आजमा कर देख सकते हैं। यदि पौधा घर के सिर्फ एक कोने में ही रखा रहता है तो यह जरूरी है कि समय-समय पर उस पौधे की जगह बदलती रहें। ऐसा करने से वह जल्दी ही बढ़ने लगेगा। कभी कभी पर्यावरण से भी पौधों पर असर पड़ता है – यह अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। आपको समझना चाहिए कि धूप से उठाकर छाया में रखने से पौधों का वातावरण बदल जाता है और इस बदलाव का उन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसलिए पौधे की जगह बदलने से पहले वहाँ पर आती रोशनी व टेम्परेचर पर ध्यान दें।
आपको लग सकता है कि पौधा पूरी तरह से सूख चुका है लेकिन ऐसा नहीं है! पहले भी बताया गया है कि वे बाहर से मृत दिख सकते हैं परन्तु उन्हें कुछ समय दें, सही वातावरण में पौधा दोबारा से बढ़ने लगता है। ऊपर बताए हुए टिप्स से आप सूखे व सिकुड़े हुए पौधों को फिर से हरा-भरा कर सकते हैं।
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