सर्दियां अपने साथ त्योहारों के ढेरों अवसर लाती हैं, इस समय हमारे दिमाग में सबसे पहले मनोहर प्रकाश से की हुई घरों की सजावट, सर्दियों की ठंडी हवा और बेक किए हुए बिस्कुट आते हैं। परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि लाइट के माध्यम से जगमगा रही उस रोशनी में कितनी एनर्जी लगती है, उन ठंडी हवाओं में कितनी गंदगी है और बेक करते समय कितना फ्यूल लग जाता है? अगर नहीं तो इस बार सिर्फ सोचें ही नहीं बल्कि कुछ ऐसा करें जिससे आपका जीवन सतत (सस्टेनेबल) हो सके।
जब नेचुरल रिसोर्स का कम से कम उपयोग करके कार्बन कम निकलता है तो इसे सस्टेनेबल लिविंग कहा जाता है। पर्यावरण को स्वच्छ और सतत बनाने के लिए कुछ ऐसी किफायती और अनुकूल आदतें आप भी अपनाएं।
अगर आप अपनी धरती को बचाना चाहते हैं और अपने बच्चों व नाती-पोतों को स्वस्थ देखना चाहते हैं तो पर्यावरण के अनुकूल आदतों को जरूर अपनाएं। जीवन के ये छोटे-छोटे बदलाव सिर्फ आपको ही सुरक्षित नहीं रखेंगे बल्कि आपकी पैसों की बचत में मदद भी करेंगे। वे कौन सी आदतें हैं, आइए जानें;
कई त्योहारों का मतलब है कई सारी दावतें, ठंड के मौसम में प्लेट पर रखा स्वादिष्ट मसालों में लिपटा हुआ चिकन – मुँह में पानी ला देता है। सिर्फ यह सोचना ही कितना जबरदस्त है परंतु साथ में इसका ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है कि आप एक समय में कितना मीट खाते हैं। हालांकि मांसाहारी लोगों के लिए इसका सेवन बंद करना बहुत मुश्किल है किंतु आप चाहें तो इसके सेवन में प्रतिबंध लगा सकते हैं और यह पर्यावरण के अनुकूल भी होगा। यह इतना सरल है कि आप हफ्ते में 7 दिन इसका सेवन न करके सिर्फ दो दिन कर सकते हैं। यह एक छोटा सा बदलाव जरूर लगता है पर इससे आपके सतत जीवन-यापन में एक पर्याप्त अंतर होगा। मीट कम खाने के साथ-साथ लोकल खरीददारी पर भी विचार करना बहुत अनिवार्य है, प्रोसेस्ड मीट को खरीदना और स्टोर करना महंगा ही पड़ता है। आप ताजा मीट व अंडे को लोकल दुकानों से सस्ते में खरीद सकते हैं।
इस पूरी धरती पर बांस का पौधा ही एक ऐसा पौधा है जो बहुत तेजी से बढ़ता है इसलिए बांस के बनाए हुए किसी भी फर्नीचर पर रोक नहीं है। थोड़े स्मार्ट खरीददार बनें और लकड़ी (क्योंकि आप अपनी कॉफी टेबल आदि के लिए एक पेड़ का नुकसान कर रहे हैं) व प्लास्टिक (क्योंकि यह ऑर्गेनिक नहीं है और हमारे लिए नुकसानदायक भी है) का उपयोग करने से बचें। बांस में खास यही है है कि इसे जड़ से खत्म किए बिना भी काटा और उपयोग किया जा सकता है व साथ ही इससे बहुत आकर्षक और सुंदर चीजें बनाई जाती हैं। बांस की मदद से अनेक चीजें बनती हैं, चाहे वो कपड़ों की अलमारी या बर्तनों के लिए रैक और कंप्यूटर मॉनिटर के लिए टेबल हो, यह हर जगह उपयोग किया जाता है।
हीटर में पैसे खर्च करने से अच्छा है कि आप शारीरिक गर्माहट को उत्पन्न करने के लिए कुछ प्राकृतिक चीजों का उपयोग करें। यह बहुत सरल और सस्ता भी है, हीटर के उपयोग से बिजली खर्च होती है और यह बहुत महंगा भी होता है। नीचे दिए गए कुछ तरीकों से आप इन सर्दियों में खुद को प्राकृतिक गर्माहट दें और सुरक्षित रहें:
सतत जीवन-यापन के लिए इन प्राकृतिक तरीकों को अपनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। चीजों का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल करना ही सही है और यह लंबे समय के लिए कार्बन को कम कर देगा।
वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और अब समय आ गया है ऐसे वाहनों के उपयोग का जो इस प्रदूषण को बढ़ने से रोके और हमें सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा प्राप्त हो। हालांकि यह एक ऐसी चीज है जो हम ज्यादातर सुनते हैं परंतु इसके अनुकूल होना भूल जाते हैं। वैसे यह इतना मुश्किल भी नहीं है, बस आपको अपनी बाइक और कार का उपयोग कम व साइकिल का उपयोग बढ़ाना होगा। शायद आपको अनुमान भी नहीं है कि इसके उपयोग से आप वातावरण को वायु प्रदुषण से बचाने में बहुत मदद करेंगे। कहीं पास ही जाना हो तो आप पैदल भी जा सकते हैं, इस आदत में आप अपनी स्वास्थ्य से संबंधित चीजों को न जोड़ें तो बेहतर होगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी एक और तरीका है जिसका उपयोग आप कर सकते हैं, यह भी आपके वो पैसे बचाने में बहुत मदद करेगा जो आप अपने वाहन के ईंधन में खर्च करते हैं।
अगर आप अपने घर में बल्ब लगाने की सोच रहे हैं – तो एक बार फिर सोच लें। बिजली यानि इलेक्ट्रिसिटी से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा, गर्मी व रोशनी के रूप में निकलती है – जिसकी वजह से भी प्रदूषण होता है। आकाश में बिजली की चमक अनेक बड़े बल्ब या सड़कों पर लगी लाइट पर प्रभाव डालती है जिस कारण उनमें भी ऐसी ही ऊर्जा उत्पन्न होती है। लाइट के प्रकाश से होनेवाला प्रदूषण प्राकृतिक चक्रों को बाधित करता है और प्राकृतिक परिस्थितियों को भी बदल सकता है। घर के अंदर बड़े बल्ब लगाने या ज्यादा रोशनी करने से आपका लाइट बिल भी बढ़ता है। पर्यावरण के अनुकूल इसे बदलने का उपाय बताया जाए तो घर में लाइट द्वारा रोशनी करने के लिए आप सीएफएल और एलईडी का ही उपयोग करें। यह बल्ब कम गर्म होता है व इसमें ऊर्जा भरपूर होती है जो वातावरण के लिए बहुत लाभकारी है। एलईडी और सीएफएल लंबे समय तक चलते हैं जिसकी वजह से इसे खरीदने के लिए खर्च भी कम होगा।
ऊपर बताई गई आदतें बहुत ही सरलता से अपनाई जा सकतीहैं। पर्यावरण के अनुकूल होने के दो फायदे हैं; यह वातावरण को सुरक्षित रखता है और इसकी वजह से आपका खर्चा भी ज्यादा नहीं होता। तो फिर देर किस बात की – इन सर्दियों में पर्यावरण के अनुकूल ही जीवन को सस्टेनेबल बनाएं और एक बड़ा परिवर्तन लाएं।
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