लोग अक्सर दिसम्बर का इंतजार पूरे उत्साह से करते हैं क्योंकि इस समय छुट्टियां, क्रिसमस और न्यू ईयर के बहुत सारे प्लान बनाए जाते हैं। पर इस दौरान जो नहीं आना चाहिए वह है सर्दी-जुकाम और कई अन्य समस्याएं। यद्यपि सामान्य जुकाम होने से भी आपको काफी परेशानी हो सकती है पर यह एक ही समस्या नहीं है। कई अनेक इन्फेक्शन और रोग हैं जो सर्दियों के महीने में आपकी सभी बुकिंग और प्लान लास्ट मिनट में कैंसिल करवा सकते हैं। वे कौन से इन्फेक्शन हैं आइए जानें और उन्हें समय से पहले ठीक करने का प्रयास करें।
सर्दियां यानी चारों तरफ ठंड और बहुत सारे इन्फेक्शन। इसलिए आपको पहले से ही इन इन्फेक्शन से बचने के तरीके खोज लेने चाहिए। सर्दियों में आप किसी भी इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए क्या कर सकती हैं, आइए जानें;
इन्फेक्शन की लिस्ट में सबसे पहला नाम जुकाम का होता है तो इसके बारे में चर्चा किए बगैर हम आगे कैसे बढ़ सकते हैं? इस मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम है। यह इन्फेक्शन रेस्पिरेटरी के ऊपरी ट्रैक्ट में विभिन्न वायरस के कारण होता है। सर्दी के रूखे मौसम में ये वायरस तेजी से बढ़ते हैं। इसलिए माना जाता है कि हमें सर्दी या घटते तापमान की वजह से नहीं बल्कि सर्दी के मौसम में बाहर फैले वायरस की वजह से यह इन्फेक्शन हो जाता है।
इसमें खांसी, नाक बहना या नेजल कंजेशन, छींक, गला खराब और सिर में दर्द होने जैसी समस्याएं होती हैं व बच्चों को बुखार भी आ सकता है। यह इन्फेक्शन कुछ दिनों से कुछ सप्ताह तक भी रह सकता है। इसे आप खुद ही ठीक कर सकती हैं और इसके लिए किसी भी दवा की जरूरत नहीं है। आप कुछ बचाव के टिप्स, जैसे बार-बार हाथ धोने, हाइड्रेटेड रहने व आराम करने और होम रेमेडीज की मदद से भी इसे ठीक कर सकती हैं।
गला खराब और गले में खराश होना दो तरह के अलग-अलग इन्फेक्शन हैं। गले में खराश होने से उतना दर्द व जलन नहीं होता है जितना गला खराब होने से होता है। गले में इन्फेक्शन और टॉन्सिल्स के कारण भी गला खराब हो सकता है, यह इन्फेक्शन स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया की वजह से होता है जो हमारी नाक व गले में पैदा होता है। किसी भी आयु में गला खराब हो सकता है पर यह रोग ज्यादातर बच्चों व युवाओं में ही पाया गया है। यह इन्फेक्शन सिर्फ बैक्टीरिया या वायरस की वजह से ही नहीं बल्कि जुकाम की वजह से भी हो सकता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैलता है। जुकाम से संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने की वजह से वायरस हवा में फैल जाते है और सांस लेने से यही वायरस शरीर में पहुँच जाता है।
इस इन्फेक्शन के लक्षण हैं, टॉन्सिल्स में सूजन, सिर में दर्द, पेट में दर्द आदि। इस इन्फेक्शन को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए आप डॉक्टर को दिखाएं, दवा लें और जितना ज्यादा हो सके उतना गुनगुना पानी पिएं।
साइनस के टिश्यू की परत में सूजन होने को साइनसाइटिस कहते हैं। चेहरे पर एक दूसरे से जुड़ी हुई जगहों के ग्रुप को साइनस कहते हैं जो आँख, गाल के पीछे, नाक और सिर में होता है। यदि आपको जुकाम हुआ है तो जुकाम के वायरस से साइनस में इन्फेक्शन हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप सूजन आ जाती है। साइनस इन्फेक्शन अक्सर सर्दियों में बाहर की रूखी हवा की वजह से होता है जिससे म्यूकस परत में सूख जाता है व यह मोटा हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप कंजेशन व इन्फेक्शन होता है। घर में उचित वेंटिलेशन न होने की वजह से साइनसाइटिस होता है। आपको इन्फेक्शन न हो इसलिए आप धुल से दूर रहें और ठंड से बचने के लिए आवश्यक स्टेप्स लें। इस दौरान आप खूब सारा पानी पिएं, हेल्दी खाएं और बहुत सारा आराम करें।
इस वायरल इन्फेक्शन से शायद आपको कोई भी प्रभाव न पड़े पर यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है तो यह उसे प्रभावित कर सकता है इसलिए हम सलाह देंगे कि आप इसे अच्छी तरह से जान लें। ब्रोन्कियोलाइटिस अक्सर 2 साल से कम के बच्चों को होता है। यह रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है जो अक्सर सर्दियों में होता है। बहुत सारे इन्फेक्शन हैं जिसकी वजह से यह इन्फेक्शन हो सकता है और इसका मुख्य कारण सिनसिटिकल वायरस (आरएसवी) है। ब्रोन्कियोलाइटिस रेस्पिरेटरी के निचले हिस्से – लंग्स और रेस्पिरेटरी के ऊपरी क्षेत्र – नाक, मुँह और गले को प्रभावित करता है। चूंकि म्यूकस सांस की नलिका को ब्लॉक कर देता है जिसकी वजह से सांस लेने में समस्या होती है। इसके अन्य लक्षण हैं, गले में खराश होना, खांसी आना, बुखार होना और डिहाइड्रेशन होना। इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है पर बच्चे को सांस लेने समस्या होती है या वह डिहाइड्रेटेड है तो आप उसे अस्पताल ले जाएं।
यदि आपको जुकाम है तो सर्दियों में कान में इन्फेक्शन होना भी बहुत आम है। दोनों कान के बीच में युस्टेशियन ट्यूब होता है जो गले से जुड़ा रहता है ताकि फ्लूइड का बहाव हो सके। यदि यह ट्यूब ब्लॉक हो जाए तो फ्लूइड जम जाता है जिसकी वजह से इन्फेक्शन होता है। अक्सर बड़ों से ज्यादा बच्चों को कान में इन्फेक्शन होता है। जुकाम व साइनस के इन्फेक्शन के परिणामस्वरूप कान में इन्फेक्शन होता है। इसे खत्म करने के लिए जुकाम और इसके लक्षण को ठीक करना होगा। हालंकि यदि आपको कान में बहुत ज्यादा दर्द होता है इसमें वॉर्म कंप्रेस का उपयोग कर सकती हैं या डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां ले सकती हैं।
इन्फ्लुएंजा को आमतौर पर फ्लू भी कहते हैं। सर्दियों में फ्लू होना बहुत आम है और अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि इसके प्रभाव उतने प्रभावी नहीं है जिसकी वजह से विशेषकर बड़ों को अस्पताल जाना पड़े। इसमें खांसी, सिर में दर्द, तेज बुखार, गला खराब और मांसपेशियों में दर्द होता है और यह समस्या लगभग 3 से 5 दिनों तक रहती है। फ्लू को ठीक करने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिएं जैसे, पानी, गर्म सूप और आराम करें। बहुत ज्यादा जुकाम होने से पहले आप फ्लू से बचने के लिए इसका इंजेक्शन जरूर लें।
निमोनिया में एक या दोनों लंग्स में सूजन हो जाती है। सर्दियों में यह समस्या होना आम है और यह बैक्टीरिया, फंगस या वायरस की वजह से होती है। यदि आपको जुकाम या फ्लू है तो निमोनिया भी हो सकता है। यदि आपको गंभीर समस्याएं हैं, जैसे दिल के रोग, कैंसर या अस्थमा तो आपको निमोनिया होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसके लक्षण हैं, जुकाम, बुखार, सांस लेने में समस्याएं, भूख की कमी, थकान, मतली, डायरिया आदि और इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको सांस लेने में समस्या होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसे हल्के में न लें क्योंकि निमोनिया का ट्रीटमेंट जरूरी है।
यदि आप शुरुआत में ही जुकाम या अन्य रोगों को खत्म न कर पाएं तो कोई बात नहीं आप अब भी नीचे बताए हुए टिप्स की मदद से सर्दी में होने वाले इन्फेक्शन को खत्म कर सकती हैं। सर्दियों से बचने के कुछ टिप्स यहाँ दिए हुए हैं, आइए जानें;
ये सभी इन्फेक्शन आपकी सर्दियां खराब कर सकते हैं और इनकी वजह से आप अपनी छुट्टियों में बीमार रह सकती हैं इसलिए अभी से बचाव करना शुरू कर दें। ऊपर बताए हुए इन्फेक्शन को जानें व इसके उपचारों को अपनाएं और खुश रहें।
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