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किसी भी कारण अगर 20 सप्ताह के पहले गर्भावस्था खत्म हो तो उसे मिसकैरेज कहते हैं। निश्चित ही जब आप अपने घर में एक नन्ही सी जान का स्वागत करने की तैयारी कर रही होती हैं तब अचानक से मिसकैरेज होना एक भयानक और दर्दनाक स्थिति होती है। दुर्भाग्य से यह प्रमाणित हुआ है कि 10-20% गर्भावस्था मिसकैरेज के कारण ही खत्म होती हैं। यद्यपि मिसकैरेज बहुत सामान्य घटना है पर एक माँ के लिए यह शारीरिक और मानसिक रूप से अत्यधिक दुःख और दर्द का कारण बनता है। इससे उबरने के लिए बहुत ज्यादा मानसिक और शारीरिक साहस के साथ-साथ उचित मेडिकल ट्रीटमेंट की भी आवश्यकता होती है। मिसकैरेज के बाद दर्द और ब्लीडिंग का अनुभव करना पूरी तरह से सामान्य है पर जैसे बीमारियां स्वाभाविक रूप से शरीर को प्रभावित करती हैं बिलकुल वैसे ही मिसकैरेज भी शरीर को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।
योनि से ब्लीडिंग होना मिसकैरेज का एक सबसे सामान्य संकेत है। यह सिर्फ स्पॉटिंग जैसी बहुत हल्की हो सकती है और कभी-कभी ब्लीडिंग सामान्य पीरियड्स से ज्यादा भी हो सकती है। मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग के ये संकेत कुछ दिनों या कभी-कभी कुछ सप्ताह तक भी रह सकते हैं। मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग ब्लड क्लॉटिंग के रूप में हो सकती है या यहाँ तक कि इसमें टिश्यू का डिस्चार्ज भी हो सकता है। मिसकैरेज के बाद लगातार ब्लीडिंग होने के साथ-साथ क्रैम्पिंग भी होती है। इस दौरान आपके पेट में बहुत हल्का या लेबर के दौरान संकुचन जैसा बहुत ज्यादा दर्द भी हो सकता है। ऐसी महिलाएं भी हैं जिनका मिसकैरेज इन सभी संकेतों के बिना भी हुआ है। उन्हें अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की मृत्यु का पता अल्ट्रासाउंड में चला और उन्हें किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग नहीं हुई।
मिसकैरेज के बाद गर्भाशय की भीतरी दीवार डैमेज हो जाती है जिसके कारण ब्लीडिंग और पेट में दर्द होता है। यह ब्लीडिंग लगभग 2 सप्ताह तक रहती है। मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग विभिन्न महिलाओं में अलग-अलग होती है। किसी-किसी महिला में यह अधिक गंभीर नहीं होती है पर इसके लक्षण सामान्य पीरियड्स जैसे ही होते हैं। इसके इन्फेक्शन को रोकने के लिए महिलाओं को अक्सर पैड का उपयोग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि टेम्पोन ब्लीडिंग को रोकने के लिए उतने स्वच्छ नहीं होते हैं।
यदि आप एक घंटे में एक पैड बदलने की जरुरत पड़ती है तो आपको जल्द ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हर घंटे पैड बदलने का अर्थ हैमरेज हो सकता है। गंभीर रूप से ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर इसके लिए सर्जरी या ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सलाह भी दे सकते हैं।
मिसकैरेज वाली ब्लीडिंग आमतौर पर 2 सप्ताह से ज्यादा तक नहीं रहती है। यदि आपको दो सप्ताह से अधिक दिनों तक ब्लीडिंग होती है तो आप तुरंत डॉक्टर की सहायता लें। दो सप्ताह से अधिक दिनों तक ब्लीडिंग होने का मतलब है कि मिसकैरेज अभी पूरा नहीं हुआ है और गर्भाशय में कोई टिश्यू रह गया है जिसे निकालने की जरूरत है। इस बारे में आपको डॉक्टर ही बता सकते हैं कि क्या मिसकैरेज पूरा नहीं हुआ है या इसे ठीक करने के लिए सर्जिकल प्रक्रिया की आवश्यकता है।
मिसकैरेज के बाद आपके पीरियड्स का सामान्य मासिक चक्र 3 से 5 सप्ताह में वापिस आ जाता है।
मिसकैरेज के बाद यदि ब्लीडिंग 2 सप्ताह से ज्यादा दिनों तक होती है तो इसे एब्नार्मल ब्लीडिंग या असामान्य ब्लीडिंग कहा जाता है। यदि मिसकैरेज पूरा नहीं हुआ है तो यह कहा जा सकता है कि सभी टिश्यू बाहर नहीं निकले हैं और इसमें मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है। मिसकैरेज के बाद आमतौर पर ब्लीडिंग धीरे-धीरे कम होने लगती है और कुछ समय के बाद बिलकुल ठीक हो जाती है। यदि आपको इतनी ब्लीडिंग हो रही है कि आप हर घंटे में अपना पैड बदलती हैं तो यह चिंता का विषय है और आपको तुरंत जांच करवानी चाहिए।
जब बच्चे की मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है पर शरीर से भ्रूण और प्लेसेंटा पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाता है तो इन मामलों में मिसकैरेज पूरा नहीं होता है और इसे ‘इनकम्पलीट मिसकैरेज’ भी कहते हैं। यदि गर्भाशय में कोई टिश्यू या मृत भ्रूण या प्लेसेंटा का भाग रह गया है तो यह तब तक स्वस्थ नहीं होगा जब तक इसे निकाला नहीं जाता और इसे निकालने के लिए सर्जरी करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इनकम्पलीट मिसकैरेज होने के निम्नलिखित संकेत और लक्षण हो सकते हैं, आइए जानें;
इनकम्पलीट मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होने के कुछ लक्षण
इसका सबसे आम संकेत है हफ्तों तक बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और क्रैम्पिंग होना जो यह दर्शाता है कि गर्भाशय में अब भी टिश्यू हैं जिन्हें निकलवाने की आवश्यकता है। अपूर्ण मिसकैरेज की समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी करवाने की या डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है।
मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होने पर कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे एनीमिया और रेड ब्लड सेल कम होना। बहुत दुर्लभ मामलों में यदि रेड ब्लड सेल कम हो जाते हैं तो ब्लड ट्रांसफ्यूजन करवाने की जरूरत पड़ सकती है। इस दौरान यदि आपके गर्भाशय में इन्फेक्शन होता है तो इससे गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब के टिश्यू नष्ट हो सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप आपको भविष्य में गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है। मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होने का एक दुर्लभ कारण है कोरियोकार्सिनोमा, यह प्लेसेंटा के टिश्यू या मोलर प्रेगनेंसी में होने वाला कैंसर है जिसमें प्लेसेंटल टिश्यू असामान्य तरीके से बढ़ता है। इसे आमतौर पर कीमोथेरेपी से ठीक किया जाता है।
असामान्य ब्लीडिंग का इलाज मिसकैरेज के प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में डॉक्टर का सुझाव होता है कि इसे ठीक करने के लिए दवा ली जा सकती है योनि के माध्यम से उपचार किया जा सकता है। इससे कुछ ही प्लेसेंटल टिश्यू को तेजी से बाहर निकलने में मदद मिलती है। यदि डॉक्टर गर्भाशय में मिसकैरेज के बचे हुए टिश्यू को डायग्नोस करते हैं तो वह इसके लिए डायलेशन और क्यूरेटेज का उपयोग कर सकते हैं जिसे आमतौर पर डी एंड सी कहा जाता है। एनेस्थीशिया देने के बाद यह प्रक्रिया अपूर्ण मिसकैरेज के कारण गर्भाशय में बचे हुए टिश्यू के लिए की जाती है।
मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग बिना किसी कारण के विभिन्न महिलाओं में अलग-अलग होती है। मिसकैरेज के बाद एक या दो सप्ताह तक ब्लीडिंग होना सामान्य है। हालांकि यदि आपको सामान्य से अधिक ब्लीडिंग होती है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है। यदि ब्लीडिंग दो हफ्तों के बाद भी लगातार हो रही है तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि इसका मतलब हो सकता है कि आपका मिसकैरेज पूरी तरह से न हुआ हो। अपूर्ण मिसकैरेज में टिश्यू गर्भाशय से पूरी तरह बाहर नहीं आ पाता है ।
मिसकैरेज होने के बाद ब्लीडिंग रुकने में काफी समय लगता है। इस दौरान योनि में कुछ न डालना बेहतर है और खून के बहाव को रोकने के लिए पैड का उपयोग करना सही व सबसे स्वच्छ तरीका है। इस समय आपको आराम करने व पूरी नींद लेने की सलाह दी जाती है और अपने दर्द को ठीक करने के लिए आप ओवर द काउंटर दवाएं भी ले सकती हैं। मिसकैरेज के बाद गर्भाशय का पूरी तरह से खाली और साफ होना जरूरी है क्योंकि यदि गर्भाशय में प्रेगनेंसी के टिश्यू रह जाते हैं तो इससे इन्फेक्शन हो सकता है। मिसकैरेज के बाद यदि आपको निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वे कौन से लक्षण हैं, आइए जानते हैं;
मिसकैरेज सिर्फ शारीरिक दर्द ही नहीं देता है बल्कि यह मानसिक पीड़ा भी देता है। आपकी इस पीड़ा को ठीक होने में समय लग सकता है। पर आपके लिए इससे निकलना असंभव नहीं है और यहाँ कुछ ऐसे तरीके दिए हुए हैं जिनकी मदद से आप बेहतर महसूस कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
मिसकैरेज के बाद आपके गर्भाशय में बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। इनकम्पलीट मिसकैरेज के मामलों में गर्भाशय में सर्जरी होती है और इसे ठीक होने में भी काफी समय लगता है। मिसकैरेज के बाद ठीक होने के लिए आराम करना सबसे जरूरी कार्य है। कई महिलाएं जल्द ही ठीक हो जाती हैं और एक महीने में ही दोबारा से गर्भवती हो सकती हैं। परंतु कुछ मामलों में इसे ठीक होने में 1 साल भी लग सकता है। आप दोबारा गर्भधारण करने से पहले अपने शरीर को पूरी तरह से ठीक होने दें।
मिसकैरेज के बाद भावनात्मक प्रभाव, शारीरिक प्रभाव से अधिक ज्यादा होता है। मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होने से आप भावनात्मक रूप से भी कमजोर हो सकती हैं क्योंकि यह भी आपके लिए एक नुकसान ही है। इस दौरान आपको ग्लानि, निराशा, गुस्सा या दुःख का अनुभव होता है। शरीर में हॉर्मोनल बदलावों के कारण यह स्थितियां और ज्यादा प्रभावित होती हैं। मिसकैरेज के बाद कई महिलाएं डिप्रेशन से भी ग्रसित होती हैं। इस समय आपको अपने साथी या अपने परिवार की मदद लेनी चाहिए और ज्यादातर उन लोगों के साथ रहना चाहिए जो आपसे प्यार करते हैं। यदि आप बहुत ज्यादा डिप्रेशन में हैं और इसे अकेले नहीं संभाल पा रही हैं तो आप किसी सपोर्ट ग्रुप को ज्वाइन कर सकती हैं या काउंसलर से भी मदद ले सकती हैं।
मिसकैरेज होना सामान्य है। यह बहुत सी गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव डालता है और इससे मन की स्थिति भी पूरी तरह से प्रभावित होती है। आप मिसकैरेज के दुःख को कम करने के लिए थोड़ा समय लें और अपने साथी की मदद लेने के साथ-साथ लगातार उसका भी सपोर्ट करें। मिसकैरेज के बाद दोबारा गर्भधारण करना असंभव नहीं है।आप रिकवर होने के लिए पूरा समय लें और एक बार जब आप शारीरिक व मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक हो जाएं तो फिर से गर्भवती होने का प्रयास करें।
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