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कभी-कभी माँ बनना या बच्चे की देखभाल करना कठिन होता है विशेषकर तब जब यदि कम आयु की हों और अनचाही गर्भावस्था हो गई हो। ऐसे में आप एबॉर्शन भी नहीं करवा सकती हैं क्योंकि यह करना अवैध है और हो सकता है इसे संभालने के लिए आपकी आर्थिक स्थिति ठीक न हो। जाहिर है इसके लिए परिवार भी आपका सपोर्ट नहीं करेगा या हो सकता है आप लोगों की बातों से बचने के लिए अपने इस निर्णय को प्राइवेट ही रखना चाहती हों। यदि आपके पास सिर्फ प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज का ही विकल्प रह गया है तो यहाँ आपकी मदद के लिए कुछ टिप्स दिए हुए हैं।
प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से मिसकैरेज करने के कई तरीके हैं। इन तरीकों का उपयोग पिछली कई पीढ़ियों द्वारा तब से किया जा रहा है जब मेडिकल प्रैक्टिस विकसित हो रही थी। कोई भी स्थिति हो आपका यह निर्णय सिर्फ आप पर ही निर्भर करता है।आपके लिए हम यहाँ चर्चा करेंगे कि कम आयु की गर्भवती महिला को प्राकृतिक रूप से सुरक्षित और मिसकैरेज के लिए कौन से तरीकों को अपना सकती है और साथ ही इसके फायदे व नुकसान हो सकते हैं।
सबसे पहले आइए जानते हैं यह क्या है;
जब गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के अंतराल में गर्भ में पल रहे भ्रूण की मृत्यु हो जाती है तो उसे मिसकैरेज या अचानक से एबॉर्शन हो जाना कहा जाता है। यह उस एबॉर्शन से अलग है जो आप गर्भावस्था को खत्म करने के लिए मेडिकल के तरीकों का उपयोग करती हैं और ऐसे लगभग 80% मिसकैरेज गर्भावस्था के 20वें सप्ताह से पहले ही होते हैं।
यदि आपकी गर्भावस्था अनचाही है और आप मिसकैरेज के प्राकृतिक तरीकों को ढूंढ़ रही हैं जिनका उपयोग आप घर पर ही कर सकती हैं। यहाँ हमने मिसकैरेज के कुछ प्राकृतिक तरीकों की चर्चा की है जिनका उपयोग आप बिना मेडिकल मदद के घर पर ही कर सकती हैं।
इंटरनेट पर रैंडम्ली सर्च करके उस तरीके पर न जाएं, कुछ तरीके गलत भी हो सकते हैं या आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। यहाँ मिसकैरेज के 10 प्रभावी, प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके बताए गए हैं, आइए जानते हैं;
विटामिन ‘सी’ का सेवन करने से पीरियड्स नियत तारीख से पहले ही शुरू हो सकते हैं और यह पीरियड्स को जल्दी प्रेरित करने का एक प्रसिद्ध तरीका है। महिलाओं में एस्ट्रोजेन की वृद्धि होने से मासिक धर्म प्रेरित हो सकता है और यह हॉर्मोन विटामिन ‘सी’ का सेवन करने से बढ़ाया जा सकता है। शरीर में विटामिन ‘सी’ की मात्रा बढ़ने से गर्भाशय में संकुचन होता है और इससे पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान पीरियड्स होना मिसकैरेज का एक मुख्य संकेत है। यदि आप रोजाना हर घंटे विटामिन ‘सी’ का सेवन करती हैं तो मिसकैरेज की संभावना बढ़ सकती है। परन्तु ध्यान रखें कि आप एक दिन में सिर्फ 600 एम.जी. विटामिन ‘सी’ ही लें। विटामिन ‘सी’ का अधिक सेवन करने से आपके शरीर में कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं और यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसका एक सामान्य दुष्प्रभाव है शरीर में सूजन होना पर यह चिंता का कारण नहीं है।
दालचीनी के गुण इसे एक ऐसा प्राकृतिक पदार्थ बनाते हैं जिसकी वजह से मिसकैरेज हो सकता है और यह मिसकैरेज में होनेवाले दर्द को कम करने में भी मदद करता है। यदि आप सही मात्रा में इसका सेवन करती हैं तो यह गर्भाशय की दीवार को उत्तेजित करता है। हालांकि यदि आप दालचीनी को भोजन में पका कर खाती हैं तो इससे कुछ नहीं होगा क्योंकि दालचीनी को पकाने से इसके वह गुण नष्ट हो जाते हैं जो मिसकैरेज को प्रेरित कर सकते हैं। आमतौर पर प्राकृतिक दालचीनी के बजाय इसके सप्लीमेंट्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं क्योंकि यह अधिक प्रभावी होते हैं।
दो प्रकार के हर्ब ऐसे हैं जो मिसकैरेज को प्रेरित करने के लिए भारत में सामान्य रूप से उपयोग किए जाते हैं। यह बहुत सस्ते होते हैं। इसका अजीब सा स्वाद होता है जो यह कर सकता है। ब्लैक या ब्लू कोहोश खाने से सबसे पहले यह गर्भाशय से भ्रूण को बाहर निकालने के लिए सर्विक्स को फैला देता है। इसके बाद यह ऑक्सीटोसिन को रिलीज करने में मदद करता है जिससे आपके शरीर में संकुचन बढ़ता है।
वैसे यह हर्ब मिसकैरेज के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित घरेलू उपचार है पर बहुत ज्यादा मात्रा में इसे खा लेने से शरीर में खतरनाक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए इसका सेवन करने से पहले हेल्थ एक्सपर्ट या विश्वसनीय डॉक्टर सलाह लेना सही रहेगा। वह ही आपको बता सकते हैं कि हानि-रहित मिसकैरेज के लिए आपको कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।
यह हर्ब पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए ज्यादातर उपयोग की जाती है और इससे रिप्रोडक्टिव समस्याएं भी ठीक होती हैं। हालांकि यह एक ऐसा पदार्थ भी है जो आपके गर्भाशय को उत्तेजित करता है और संकुचन को बढ़ाता है जिससे प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ जाती है। इसे पानी में उबालकर चाय की तरह पी सकती हैं या एक सप्लीमेंट के रूप में उपयोग कर सकती हैं या फिर आप इसका सेवन ब्लू या ब्लैक कोहोश के साथ भी कर सकती हैं।
पर जैसा पहले भी बताया गया है कि यह इस प्रकार की हर्ब का सेवन नियमित मात्रा में ही करना चाहिए तभी यह सुरक्षित रहती है। इसे बहुत ज्यादा मात्रा में बिल्कुल भी न खाएं क्योंकि इससे आपको गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इस हर्ब का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यदि आप मिसकैरेज के लिए हानिरहित और सुरक्षित तरीके ढूंढ़ रही हैं तो पार्सले भी एक अच्छी सामग्री है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन ‘सी’ होता है। इसे बनाने के लिए सिर्फ एक कप गर्म पानी में थोड़ा सा पार्सले डालें और रोजाना दिन में लगभग 2 से 3 बार पिएं।
सबीना और सीपिया, दोनों ही होम्योपैथिक औषधि हैं जिससे हानिरहित और प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज हो सकता है। यह अपूर्ण मिसकैरेज होने पर गर्भाशय में बचे हुए टिश्यू को भी हटा सकती है। हालांकि खयाल रखें क्योंकि यह सभी हर्ब बहुत प्रभावी होते हैं, इनके कारण बहुत ज्यादा दर्द भी होता है इसलिए इसे लेते समय आप कोई भी काम न करे, आराम करें। इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है।
अनार में बीज होते हैं जिनमें गर्भाशय के संकुचन को उत्तेजित करने वाले पदार्थ भी पाए जाते हैं। यदि आप गर्भावस्था के शुरूआती समय में अनार का सेवन करती हैं तो इससे प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज होने की संभावना होती है।
हरे पपीते में पस व एंजाइम्स होते हैं जिससे संकुचन और मिसकैरेज हो सकता है। हरे पपीते का जूस पीने से प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज हो सकता है और यह कई सामान्य तरीकों में से एक है।
चीज़ में पाए जाने वाले कंपाउंड में कुछ ऐसे बैक्टीरया होते हैं जो मिसकैरेज को प्रेरित कर सकते हैं। प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज के लिए आप विभिन्न प्रकार के चीज़ का उपयोग कर सकती हैं, जैसे कैमेम्बर्ट चीज़, फेटा चीज़ और अन्य मेक्सिकन चीज़।
आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान शरीर बहुत नाजुक हो जाता है और आपका गर्भाशय सिर्फ गर्भ में पल रहे भ्रूण को स्वस्थ रखता है। ऐसे समय में यदि आप अपने शरीर को अधिक तनाव देती हैं तो इससे मिसकैरेज हो सकता है। डॉक्टर ज्यादातर यह करने की सलाह नहीं देते हैं।
बहुत अधिक एक्सरसाइज, प्रभावी वर्कआउट या हैवी लिफ्टिंग करने से भी प्राकृतिक तरीके से मिसकैरेज हो सकता है। हालांकि यह वर्कआउट के तरीके से करना बेहतर होगा क्योंकि गलत तरीके से एक्सरसाइज करना आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
बिना किसी इन्वेसिव प्रक्रिया के अलावा मिसकैरेज करने के अन्य प्राकृतिक तरीके भी हैं, जैसे योग, एक्युपंक्चर और कैफीन इत्यादि पर ऊपर दिए हुए 10 तरीकों का उपयोग सामान्य रूप से किया जाता है।
प्राकृतिक तरीके से मिसकैरेज करना उतना ही सरल और सीधा है जितना आप देख सकती हैं। इसे घरेलू उपचारों के कई सुरक्षित और आसान तरीकों से किया जा सकता है। इसमें सिर्फ एक ही समस्या है कि जब आप यह तरीके अपनाती हैं तो आपको बहुत अधिक दर्द सहन करना पड़ सकता है।
अब आप जान चुकी होंगी कि प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज करने के क्या फायदे हैं, इसके नुकसान जानना भी उतना ही जरूरी है। अब हम जानेंगे की प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज या एबॉर्शन करने में क्या कॉम्प्लीकेशन्स आ सकती हैं:
यदि मिसकैरेज के दौरान आपको पहले से ही कोई समस्या है, जैसे डायबिटीज, एपिलेप्सी, हाई ब्लड प्रेशर या ऐसी कॉम्प्लीकेशन जो आपके अंगों को प्रभावित करती हैं, जैसे हार्ट, किडनी और लंग्स तो आपको इसके गंभीर दुष्प्रभाव से भी ग्रसित हो सकते हैं। यदि आपको कोई समस्या है तो मिसकैरेज के लिए प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर को संपर्क करना बहुत जरूरी है।
यदि आप मिसकैरेज करने के लिए हर्ब्स का उपयोग करती हैं और पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या के लिए हर्ब्स के साथ अन्य दवाएं भी ले रही हैं तो हर्ब्स लेने से पहले जांच लें कि यह दवाओं के साथ रियेक्ट न करे। यदि ऐसा होता है तो मिसकैरेज के इस तरीके का उपयोग न करें।
किसी भी हर्ब को बहुत अधिक मात्रा में लेने से आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे टॉक्सिटी लेवल बहुत अधिक बढ़ सकता है। इसलिए मिसकैरेज के लिए किसी भी हर्ब का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें ।
कभी-कभी मिसकैरेज के बाद भी कुछ टिश्यू गर्भाशय में रह जाते हैं। यदि गर्भाशय से यह टिश्यू प्राकृतिक रूप से निकल जाता है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। परन्तु यदि यह टिश्यू शरीर में ही रहता है तो आपको स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याएं होती हैं इसलिए गर्भाशय के इन टिश्यू को हटाने के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
यदि गर्भावस्था कई दिनों की हो गई है तो मिसकैरेज में बहुत से जोखिम होते हैं। यदि आपकी गर्भावस्था की पहली तिमाही पूरी नहीं हुई है तो मिसकैरेज करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि यदि आप खुद से मिसकैरेज के तरीके अपनाती हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज करने के बाद आपको निम्नलिखित कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो इस प्रकार हैं;
यदि आप प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज करने की सोच भी रही हैं तो जरूरी है कि आप पहले डॉक्टर से सलाह लें। इसी तरीके से आपको यह पता चल सकता है कि आप सुरक्षित तरीकों का उपयोग कर रही हैं या नहीं। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मेडिकल एबॉर्शन ही सही चुनाव है। पर कुछ महिलाएं अपने कारणों और प्राइवेसी की वजह से प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करती हैं। यदि आप ऐसा करना ही चाहती हैं तो प्राकृतिक रूप से मिसकैरेज के लिए यह लेख आपको सुरक्षित और सही जानकारी देता है।
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