एक बच्चे के आगमन की तैयारी में कई मजेदार पहलू भी शामिल होते हैं – बच्चे के लिए नाम चुनना भी इनमें से एक है। लेकिन, बच्चे के लिए सही नाम को ढूंढना काफी कन्फ्यूजिंग भी हो सकता है और आप बहुत परेशान हो सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में, नामों की लिस्ट को थोड़ा छोटा करने में, इस लेख में दिए गए टिप्स मददगार हो सकते हैं।
किसी बुक स्टोर में जाएं और वहाँ पेरेंटिंग सेक्शन में बच्चों के नामों पर आपको कुछ किताबें जरूर मिल जाएंगी। जो लोग अब तक परेंट्स नहीं बने हैं, उन्हें ऐसा लग सकता है, कि इसमें इतनी बड़ी बात क्या है – बच्चे के नाम में ऐसा क्या रखा है? लेकिन बच्चे के लिए एक नाम चुनना जितना आसान लगता है, असल में उससे कहीं ज्यादा जटिल होता है और बच्चे के जन्म का इंतजार कर रहे कई पेरेंट्स एक अच्छे नाम की तलाश में कई घंटे बिता देते हैं।
लेकिन, फिक्र किस बात की! आखिरकार, गुलाब का नाम चाहे कुछ भी हो, उसकी खुशबू तो वैसी ही रहेगी। फिर भी, एक व्यक्ति का नाम बहुत जरूरी होता है और यह केवल उसकी एक पहचान ही नहीं होती है। रिसर्च से यह पता चला है, कि व्यक्ति का नाम उसके आत्मसम्मान, शैक्षणिक योग्यता और प्रोफेशनल सफलता पर भी प्रभाव डाल सकता है। इसलिए बच्चे का नाम चुनना एक बहुत बड़ा काम होता है। तो सवाल है, कि बच्चे का नाम कैसे चुनें?
बच्चे का नामकरण करने के कुछ टिप्स
‘बच्चे का नाम कैसे चुनें’ या ‘बच्चे के लिए उचित नाम कैसे ढूंढे’ इस सवाल का कोई एक सीधा सटीक जवाब नहीं है। जहाँ कुछ लोग यह धर्म के आधार पर या फैमिली ट्री के आधार पर करते हैं, वहीं कुछ लोग बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के बच्चों के नामों से भी प्रभावित हो सकते हैं। जो भी हो, नामकरण संस्कार शिशु के जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। नीचे दिए गए ये टिप्स निश्चित रूप से आपके द्वारा चुने गए नामों में से कोई एक नाम सुनने में आपकी मदद करेंगे!
1. यह सुनने में कैसा लगता है?
नाम को जोर से बार-बार दोहराएं और देखें, कि यह सुनने में कैसा लगता है, खासकर तेजी से बोलने के दौरान। अगर इसे बोलना आसान है और इसे जल्दी-जल्दी बोला जा सकता है, तो अच्छा होगा। ढेर सारे अक्षरों वाले लंबे-लंबे नामों को बोलना मुश्किल हो जाता है और फॉर्म भरते समय इसे लेकर होने वाली तकलीफ के बारे में सब जानते हैं।
2. लास्ट नेम के साथ लगाने पर यह कैसा लगता है?
ऐसे कई अवसर आते हैं, जब व्यक्ति को उसके पूरे नाम के साथ पुकारा जाता है। इसलिए यह देखना जरूरी है, कि आपने बच्चे के लिए जो नाम चुना है, उसके साथ लास्ट नेम लगाने पर वह कैसा लगता है। अजीबोगरीब संयोग होने पर स्कूल में बच्चे उन्हें अटपटे निकनेम दे सकते हैं। अगर किसी लड़की का नाम ‘सबा नाना खान’ है, तो उसे ‘बनाना खान’ बनने में देर नहीं लगेगी।
3. क्या उसे छोटा किया जा सकता है?
लगभग हर बच्चे को घर पर उसके नाम को छोटा करके पुकारा जाता है। इसलिए, आपने अपने बच्चे के लिए जो नाम चुना है, उसे चेक करें, कि क्या उसे छोटा करके कोई नाम बनाया जा सकता है, जैसे, सिद्धार्थ के लिए ‘सिड’। जिन नामों को आसानी से छोटा नहीं किया जा सकता है, उन्हें जब लोग खुद छोटा करने की कोशिश करते हैं, तो उसका उच्चारण खराब लग सकता है।
4. क्या यह नाम अधिक लोकप्रिय है?
अधिकतर पेरेंट्स ऐसे नाम ढूंढना चाहते हैं, जो ज्यादा आम न हों। लेकिन, अक्सर उन्हें बाद में यह पता चलता है, कि उन्होंने जिस नाम को अनोखा समझा था, वास्तव में वह अनोखा नहीं है। इससे बचने के लिए आप साल के बच्चों के लोकप्रिय नामों की लिस्ट को चेक कर सकते हैं। याद रखें, एक सेलिब्रिटी के बच्चे का नाम शुरू में अनोखा लग सकता है, लेकिन जल्दी ही हर जगह लोग इसकी नकल करते हुए दिख जाएंगे।
5. क्या यह कुछ ज्यादा ही अनोखा है?
अनोखे नाम चुनने के दौरान, कुछ पेरेंट्स कुछ जटिल या अजीब लगने वाले नाम चुन लेते हैं। जिसके कारण जिंदगी भर स्पेलिंग और उच्चारण की गलतियां होती रहती हैं। अलग स्पेलिंग वाले आम नामों में भी आगे चलकर बहुत कन्फ्यूजन पैदा हो सकती है।
6. क्या नाम से बच्चे के जेंडर का पता चलता है?
कुछ नाम जेंडर न्यूट्रल होते हैं और लड़के और लड़कियों दोनों पर लागू होते हैं, जैसे ‘बॉबी’। जहाँ ऐसा नाम चुनना एक व्यक्तिगत चुनाव है, वहीं कुछ बच्चों को यह असुविधाजनक लग सकता है। अगर एक लड़की से लगातार यह पूछा जाए, कि उसका नाम लड़कों वाला क्यों है या अगर किसी लड़के से कहा जाए, कि उसका नाम लड़कियों वाला क्यों है, तो उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा।
7. इनिशियल कैसे लगते हैं?
अगर आपके बच्चे का नाम ‘लिली ऑलिव लांस’ है, तो उसके इनिशियल को लेकर लोग उसे चिढ़ा सकते हैं। यह देखना जरूरी है, कि बच्चे के नाम के शुरूआती अक्षर कैसे लगते हैं। खासकर इस डिजिटल युग में जब हर चीज को शॉर्टकट में बोला जाता है, यहाँ तक कि कसमें लेने के लिए भी लोग शॉर्टकट शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
8. क्या आपके परिवार में पारंपरिक नाम रखने की कोई परंपरा है?
बच्चों के नामकरण को लेकर कुछ परिवारों में कुछ परंपराएं होती हैं, जैसे दादी या नानी के नाम पर ही बच्चे का नाम रखा जाता है। जहाँ आखिरी निर्णय आपका ही होगा, वहीं अगर आप चाहें, तो आप फर्स्ट नेम को आधुनिक और मिडल नेम को पारंपरिक रख सकते हैं, इससे बच्चे को नया नाम भी मिलेगा और परंपरा भी बनी रहेगी।
9. बच्चे के बड़े होने के बाद नाम कैसा लगेगा?
अपने गोल-मटोल छोटे से बच्चे को ‘कडल बनी’ जैसे नाम से पुकारना प्यारा लग सकता है, लेकिन जब वह भविष्य में इंटरव्यू दे रहा होगा, तब यह नाम उस पर बिल्कुल नहीं जंचेगा। जब बच्चे छोटे होते हैं, तब उन पर पिंकी या चिंटू जैसे नाम अच्छे लगते हैं, लेकिन बड़े होने के बाद ऐसे नामों से उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है।
10. इसका क्या अर्थ है?
बच्चे के नाम का अर्थ बहुत महत्व रखता है, इसलिए इस पर जरूर विचार करें। बच्चे के नाम के अर्थ में सकारात्मक भावना या क्वालिटी दिखनी चाहिए। ज्यादातर बच्चों की किताबें और वेबसाइट नामों का अर्थ भी बताते हैं, लेकिन उन्हें फाइनल करने से पहले उनके अर्थ को दोबारा जांच लेना अच्छा होता है।
आप चाहे लड़के के लिए नाम चुन रहे हों या लड़की के लिए, किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें, जो आपको बहुत ज्यादा पसंद है। ये किसी किताब के किरदार भी हो सकते हैं। आपको यह याद रखना चाहिए, कि आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से ढेर सारे नामों की सलाह मिलेंगी, इसलिए तैयार रहें। कुछ पेरेंट्स कुछ नामों को पहले से ही शॉर्टलिस्ट करके रखते हैं और बच्चे के जन्म के बाद उनमें से किसी एक को चुन लेते हैं। आप चाहे जो भी नाम चुनें, पर वह ऐसा होना चाहिए, जो आपको और आपके पार्टनर को पसंद आए और आप बेफिक्र रहें, आपके बच्चे को भी वह जरूर पसंद आएगा। तो शुरू कर दीजिए अपने बेबी के नामकरण समारोह की तैयारियां।
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