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ये कहानी एक सियार की है जो की गलती से नीले ड्रम में जाकर नीला हो जाता है। इस बात का फायदा उठाते हुए उसने झूठ बोलकर जंगल के सभी जानवरों को बेवकूफ बनाया। लेकिन उसका झूठ ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया और सच सबके सामने आ ही गया, जिसके परिणामस्वरूप उसको अपनी जान गवानी पड़ी। इस कहानी से हमें सच बोलने की प्रेरणा मिलेगी और सीख भी की किसी भी चीज को हासिल करने के लिए झूठ की मदद नहीं लेनी चाहिए। ऐसी कहानियां बच्चों को बहुत पसंद आती हैं। ऐसी और भी मजेदार कहानियों को पढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहें।
एक बार जंगल में बहुत तेज हवा चल रही थी, उस हवा से बचने के लिए एक सियार पेड़ के नीचे खड़ा हो गया। तभी पेड़ की एक शाखा टूटकर सियार के सिर पर गिर गई और उसको बहुत गहरी चोट आई। चोट लगने के बाद सियार घबराकर अपने मांद में चला गया। चोट इतनी गहरी थी की उसका असर बहुत दिनों तक रहा जिसकी वजह से सियार अपने खाने के लिए शिकार पर नहीं जा सका। इतने दिन खाना नहीं खाने की वजह से सियार बहुत कमजोर हो रहा था।
इतने दिन भूखे बीत जाने के बाद सियार को एक दिन बहुत तेज भूख लगी और तभी उसको सामने हिरन दिखाई दिया। उसका शिकार करने के लिए सियार हिरण के पीछे बहुत देर तक दौड़ा लेकिन कमजोर होने की वजह से वह जल्दी थक गया और उसको मार के खा नहीं सका। ऐसे ही सियार पूरे दिन भूखा-प्यासा रहा और कही भी उसको मरा जानवर तक नहीं मिला जिससे उसका पेट भर सके। उदास सियार खाने की उम्मीद में गांव की ओर बढ़ गया ताकि वहां कोई छोटा जानवर बकरी या मुर्गी का बच्चा खाने को मिल जाए, जिससे पेट भरकर वह अपनी रात काट सके।
गांव पहुंचकर सियार जब अपना शिकार ढूंढ रहा था तभी उसकी नजर कुत्तों के झुंड पर पड़ी, जो उसकी तरफ ही आ रहे थे। ये देखकर सियार को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था और वह भागते हुए धोबियों की बस्ती में पहुंच गया। कुत्ते लगातार उसकी तरफ भौंक रहे थे और उसे दौड़ा रहे थे। कुत्तों से बचने के लिए सियार धोबी के रखे हुए ड्रम में जाकर छुप गया जिसमें नील घुली हुई थी। कुत्तों को जब सियार दिखाई नहीं दिया तो वो वहां से चले गए। सियार डर की वजह से पूरी रात ड्रम में छुपा रहा और जब वह सुबह बाहर निकला तो उसका पूरा शरीर नीला हो गया था। अपने आपको नीला देखकर सियार के दिमाग में एक चालाकी भरा विचार आया और वह वापस जंगल में आ गया।
जब सियार जंगल पहुंचा तो उसने ऐलान कर दिया की वह सभी जानवरों को भगवान का संदेश देना चाहता है, इसलिए सभी जानवर उसकी बातों को सुनने के लिए एक पेड़ के नीचे एकत्रित हो गए। जानवरों की इस सभा में सियार ने बोला, “क्या कभी किसी ने नीले रंग का सियार देखा है? मुझे ये अद्भुत रंग भगवान ने दिया है और कहा है कि मैं जंगल पर राज करूं। भगवान ने मुझसे बोला है कि मैं जंगल के सभी जानवरों का मार्गदर्शन करूं और ये जिम्मेदारी अच्छे से निभाऊं।” ये सब सुनकर सब जानवर सियार की बात मान गए और सबने सियार के आगे बोला, “कहिए महाराज क्या हुकुम है? सियार ने कहा, “जंगल के सभी सियारों को जंगल से निकाल दिया जाए क्योंकि इनकी वजह से जंगल में बहुत बड़ी परेशानी आने वाली है।”
नीले सियार की बातों को जानवरों ने भगवान का आदेश मान लिया और जंगल के सभी सियारों को वहां से भगा दिया। ऐसा नीले सियार ने इस वजह से भी किया ताकि बाकी सियारों की वजह से उसकी पोल न खुल जाए।
ये सब करने के बाद सियार उस जंगल का राजा बन गया और उस पर राज करने लगा। मोर उसको पंखा करता और बंदर उसके पैर दबाता है। यदि सियार को किसी जानवर को खाना होता था तो वह उसकी बली मांग लेता था। अब सियार को शिकार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता था, बस मांद में बैठा रहता और सभी जानवर उसकी सेवा करते थे।
एक चांदनी रात में सियार को प्यास लगी और वह पानी पीने के लिए अपनी मांद से बाहर आया, तो उसने दूसरे सियारों की आवाज सुनी जो कहीं दूर से आ रही थी। रात में सियार हू-हू की आवाज निकालने की आदत होती है। ये सुनकर नीला सियार भी अपने आप को रोक नहीं पाया और वो भी जोर-जोर से चिल्लाने लगा। ये शोर सुनकर जंगल के सभी जानवर जाग गए और उन्होंने नीले सियार को हू-हू की आवाज निकालते हुए देख लिया और उन सभी को उसका सच पता चल गया और वो समझ गए की सियार ने उन्हें बेवकूफ बनाया है। सियार का सच सामने आते ही सारे जानवरों ने मिलकर उसे बहुत मारा जिससे उसकी मौत हो गई।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि झूठ अधिक समय तक नहीं टिकता है। इसलिए अपने फायदे के लिए हमें झूट का सहारा नहीं लेना चाहिए क्योंकि उसका परिणाम आपको स्वयं भुगतना पड़ता है। इसलिए हमेशा सच की राह पर चले और ताकि आपका आगे आने वाला कल बेहतर हो।
नीले सियार की कहानी एक प्रेरणादायक, पंचतंत्र कहानी है जिससे हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है।
नीले सियार की कहानी का तात्पर्य ये है कि हमें कभी भी आगे बढ़ने या अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए क्योंकि समय के साथ सच सामने आ ही जाता है। जिसका बुरा नतीजा आपको जीवन में आगे भुगतना पड़ता है।
जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए हमें हमेशा सच बोलना चाहिए क्योंकि झूठ की छोटी उम्र होती और उसके द्वारा हासिल की गई सफलता ज्यादा दिनों तक टिकती नहीं है।
नीले सियार की इस कहानी में सचाई की महत्वता और झूठ के बुरे परिणाम के बारे में बताया गया है। सच कितना भी मुश्किल क्यों न हो हमें वो बोलते वक्त डरना नहीं चाहिए। साथ ही झूठ बोलना बहुत आसान होता और लेकिन बाद में जब सच्चाई सामने आती है तो भुगतना तो पड़ता है। इसलिए सच्चाई की राह पर चलना भले ही कठिन होता है लेकिन अंत में सफलता जरूर मिलती है।
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