शिशु

नवजात शिशु में सैल्मन पैच (स्ट्रोक बाइट या एंजेल किस)

कुछ न्यूबॉर्न बच्चे अपनी त्वचा पर बर्थमार्क के साथ पैदा होते हैं, जिन्हें उनके गुलाबी या लाल रंग के कारण सैल्मन पैच के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों की त्वचा पर इन पैच को देखकर चिंता करते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि यह पैच आम हैं और कुछ समय बाद फीके पड़ जाते हैं। यदि आप इस विषय पर अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं, तो आपको इस आर्टिकल को आगे पढ़ना होगा, जहां हम नवजात शिशुओं में सैल्मन पैच से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारें में बात करेंगे। आइए जानते हैं कि आखिर सैल्मन पैच क्या है।

सैल्मन पैच क्या है?

सैल्मन पैच एक नवजात बच्चे की त्वचा पर फैली हुई ब्लड वेसल्स या कैपिलरीज (केशिकाएं) होती हैं। इन्हें नेवस सिम्प्लेक्स भी कहा जाता है, लेकिन आम भाषा में इन्हें बर्थमार्क के रूप में पहचाना जाता है। इन फ्लैट गुलाबी या लाल रंग के धब्बों की कोई बताई गई सीमा नहीं होती है और ये काली और गोरी त्वचा वाले, दोनों बच्चों पर दिखाई देते हैं। जब चेहरे पर सैल्मन पैच दिखाई देते हैं, तो इसे ‘एंजल किस’ कहा जाता है और जब यह गर्दन के पिछले हिस्से पर मौजूद रहते है, तो इसे ‘स्टॉर्क बाइट’ कहा जाता है।

सैल्मन पैच कहां पाए जाते हैं?

सैल्मन पैच फ्लैट, गुलाबी या लाल रंग के पैच होते हैं जो भौंहों के बीच, पलकों के ऊपर, मुंह के आसपास, नाक पर या गर्दन के पिछले हिस्से पर पाए जाते हैं।

सैल्मन पैच किसे होता है?

सभी बच्चों के जन्म से पहले सैल्मन पैच होते हैं। हालांकि, जन्म के बाद केवल 70 प्रतिशत बच्चों में सैल्मन पैच दिखाई देते हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर पैच जन्म के एक से दो साल के अंदर खत्म हो जाते हैं, लेकिन कुछ पैच उसके बाद भी आपके बच्चे की त्वचा पर बने रह सकते हैं।

क्या इससे इंफेक्शन होने का खतरा है?

नहीं, बता दें कि सैल्मन पैच संक्रामक नहीं होते हैं। ये पैच बच्चे की त्वचा पर फैली हुई कैपिलरीज के कारण दिखाई देते हैं, न कि किसी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण।

स्टॉर्क बाइट और एंजल किस के बीच अंतर

एंजल किस और स्टॉर्क बाइट दोनों सैल्मन पैच हैं, लेकिन उनमें मुख्य रूप से दो अंतर हैं। पहला अंतर उनके स्थान में है – एंजल किस सामने की तरफ दिखाई देते हैं, उदाहरण के लिए जैसे, मुंह के आसपास या नाक पर; जबकि स्टॉर्क बाइट पीठ पर यानि गर्दन के पिछले हिस्से पर दिखाई देते हैं। एक और पॉइंट है जो स्टॉर्क बाइट और एंजल किस को अलग करता है, वह समयरेखा है जिसे वे खत्म होने के लिए लेते हैं। स्टॉर्क बाइट की तुलना में एंजल किस तेजी से गायब हो जाते हैं। कुछ मामलों में, स्टॉर्क बाइट गायब नहीं होता है और हमेशा के लिए बच्चे की त्वचा पर बना रहता है।

ये पैच कितने समय तक रहते हैं?

एंजल किस आमतौर पर बहुत लंबे समय तक नहीं टिकते हैं और कुछ समय बाद खत्म हो जाते हैं, ज्यादातर मामलों में यह एक साल के अंदर गायब हो जाते हैं। हालांकि, लगभग 50 प्रतिशत मामलों में स्टॉर्क बाइट के बने रहने की संभावना होती है।

क्या सैल्मन पैच से बचा जा सकता है?

जैसा कि पहले बताया गया है, बच्चों में सैल्मन पैच होना आम बात है। यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वे बच्चों में क्यों होते हैं। इसलिए, यदि आप इन पैच को रोकने के तरीकों की तलाश कर रही हैं, तो आप बहुत कुछ नहीं कर सकती हैं। पैच दिखाई देंगे और या तो फीके पड़ जाएंगे या बने रहेंगे।

सैल्मन पैच होने के क्या कारण हैं?

माता-पिता के लिए यह सवाल करना बेहद सामान्य है कि बच्चों में स्टॉर्क बाइट या एंजल किस का क्या कारण है। माता-पिता यह भी जानना चाहेंगे कि क्या इन पैच को रोकने के लिए कुछ किया जा सकता है। लेकिन बात यह है कि एक संभावना है कि यह बर्थमार्क बच्चे को विरासत में मिले हैं। लेकिन, जहां तक ​​कारणों का संबंध है, तो ऐसा कोई ज्ञात कारण यह तय नहीं करता है कि बच्चे की त्वचा पर सैल्मन पैच क्यों होते हैं।

जब आपका बच्चा रोता है, परेशान होता है या जब कमरे का तापमान बदलता है, तो त्वचा के स्ट्रेच ब्लड वेसल्स अधिक साफ दिखने लग जाते हैं। हालांकि, माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि सैल्मन पैच बिलकुल भी हानि नहीं पहुंचाते हैं और सौम्य होते हैं। वे धीरे-धीरे त्वचा से गायब हो जाते हैं और बच्चे की वृद्धि और विकास को प्रभावित नहीं करते हैं।

यदि आप सोच रही हैं कि आप सैल्मन पैच की पहचान कैसे कर सकती हैं, तो नीचे दिए गए लक्षणों को ध्यान से पढ़ें।

सैल्मन पैच के लक्षण

सैल्मन पैच को उनकी मौजूदगी से आसानी से पहचाना जा सकता है। यहां सैल्मन पैच रैश या सैल्मन पैच के कुछ लक्षणों के बारे में बताया गया है:

  • वे चेहरे पर या गर्दन के पिछले हिस्से पर दिखाई देते हैं।
  • वह गुलाबी या लाल रंग के होते हैं।
  • यह त्वचा पर होने वाले फ्लैट निशान होते हैं।
  • इन पैच में परिभाषित सीमाएं नहीं हैं।
  • इन पैच से किसी प्रकार की खुजली या दर्द नहीं होता है।

सैल्मन पैच का निदान

ऐसा सुझाव दिया जाता है कि जैसे ही आप अपने बच्चे की त्वचा पर कोई निशान देखती हैं, तो आपको यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए कि यह उसके लिए हानिकारक है या नहीं। अपने बच्चे की त्वचा पर निशान के बारे में किसी भी तरह की खुद की जांच और धारणाओं से बचना चाहिए।

डॉक्टर सैल्मन पैच को केवल देखकर ही आसानी से पहचान सकते हैं। हालांकि, उसकी मौजूदगी के अलावा, निशान की जगह भी डॉक्टर को सही जांच करने में मदद करती है। जांच की पुष्टि के लिए टेस्ट या बायोप्सी की जरूरत नहीं होती है, जब तक कि डॉक्टर इसको कराने के लिए न कहें।

सैल्मन पैच का उपचार

सैल्मन पैच के लिए किसी प्रकार के इलाज की जरूरत नहीं होती है। ऐसी सलाह दी जाती है कि आप पैच के अपने आप गायब होने या खत्म होने का इंतजार करें, जो आमतौर पर बच्चे के जन्म के एक या दो साल बाद हो जाता है। एंजल किस और स्टॉर्क मार्क बिलकुल हानि नहीं पहुंचाते हैं और बच्चों में किसी भी प्रकार की मेडिकल परेशानियां पैदा नहीं करते हैं। हालांकि, अगर कुछ सालों के बाद तक बर्थमार्क मौजूद है, तो आप लेजर द्वारा सैल्मन पैच बर्थमार्क हटाने के बारे में सोच सकती हैं। यदि आप लेजर सर्जरी के लिए नहीं जाना चाहती हैं, तो एंजल किस को कवर करने के लिए मेकअप का उपयोग किया जा सकता है, जबकि स्टॉर्क मार्क आमतौर पर बालों से ढके होते हैं।

डॉक्टर से कब परामर्श करें?

बर्थमार्क नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और साथ ही बर्थमार्क त्वचा सामान्य त्वचा की तरह ही काम करती है। अगर आपके डॉक्टर ने बताया है कि आपके बच्चे की त्वचा पर सैल्मन पैच है, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। हालांकि, अगर आपको अपने बच्चे के बर्थमार्क में कोई बदलाव दिखाई देता है, तो तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है। यदि आप बच्चे के बर्थमार्क पर या उसके आसपास सूजन, ब्लीडिंग, या कोई अन्य असामान्य लक्षण देखती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

बच्चे के शरीर पर एक भी निशान किसी भी माता-पिता के लिए चिंता पैदा कर सकता है और ऐसा महसूस करना बहुत सामान्य है। हालांकि, यह भी सच है कि ज्यादातर एंजल किस और स्टॉर्क बाइट टेम्पररी होते हैं और जल्द ही गायब हो जाते हैं। यदि आपको बच्चे की त्वचा पर सैल्मन पैच के बारे में किसी भी तरह की चिंता है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

स्रोत: Webmd

यह भी पढ़ें:

छोटे बच्चों में मंगोलियन स्पॉट
छोटे बच्चों की त्वचा निकलना – यह क्यों होता है?
छोटे बच्चों में वार्ट्स (मस्सों) की समस्या से कैसे निपटें

समर नक़वी

Recent Posts

गाय और शेर की कहानी | The Cow And The Lion Story In Hindi

ये कहानी लक्ष्मी नाम की गाय की है, जो की गलती से शेर की गुफा…

2 days ago

कौवा और कोयल की कहानी। The Crow And The Cuckoo Story In Hindi

कौवा और कोयल की इस कहानी में हमें ये बताया गया है कि कैसे कोयल…

2 days ago

कबूतर और मधुमक्खी की कहानी | The Story Of The Dove And Bee In Hindi

यह कहानी एक कबूतर और एक मधुमक्खी के बारे में है कि कैसे दोनों ने…

1 week ago

हाथी और बकरी की कहानी | Elephant And Goat Story In Hindi

ये कहानी जंगल में रहने वाले दो पक्के दोस्त हाथी और बकरी की है। दोनों…

1 week ago

चांद पर खरगोश की कहानी | The Hare On The Moon Story In Hindi

इस कहानी में हमें जंगल में रहने वाले चार दोस्तों के बारे में बताया गया…

1 week ago

एक राजा की प्रेम कहानी | A King Love Story In Hindi

ये कहानी शिवनगर के राजा की है। इस राजा की तीन रानियां थीं, वह अपनी…

1 week ago