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कभी-कभी न्यूबॉर्न बच्चों को ऐसी शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं, जिनके बारे में आपने कभी सोचा भी न हो। यह आपके लिए चिंताजनक हो सकता है और आपके बच्चे को तकलीफ भी हो सकती है। हालांकि अधिकतर समस्याओं का ध्यान रखा जा सकता है, लेकिन शरीर के सबसे नाजुक हिस्सों को प्रभावित करने वाली तकलीफें आपको मुश्किल में डाल सकती हैं, जैसे आपके नवजात शिशु की आँखों से होने वाला असामान्य डिस्चार्ज।
आपके बच्चे की आँखें काफी नाजुक होती हैं और इनमें से बार-बार होने वाला डिस्चार्ज, आपके मन में कई सवाल पैदा कर सकता है। हालांकि, कई नवजात शिशुओं में यह आम होता है, लेकिन ऐसा क्यों होता है और कैसे होता है, इसकी जानकारी होने से ही कुछ चिंताएं कम हो जाती हैं और आप इससे बेहतर तरीके से निपट भी पाते हैं। यह लेख नवजात शिशु की आँखों से होने वाले डिस्चार्ज के बारे में सभी जानकारी आपको देगा और इससे निपटने के तरीके भी बताएगा। लेकिन पहले एक नवजात शिशु में आई डिस्चार्ज के कुछ संकेतों को पर नजर डालते हैं।
नवजात शिशुओं में होने वाला आई डिस्चार्ज, कुछ शारीरिक या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की ओर इशारा करता है। इसलिए यह जरूरी है, कि आई डिस्चार्ज पर गौर किया जाए। अगर आप अपने नवजात शिशु में नीचे दिए गए आई डिस्चार्ज के प्रकारों में से कोई एक देखते हैं, तो आपको तुरंत जरूरी कदम उठाने चाहिए।
नवजात शिशुओं में आई डिस्चार्ज के कई कारण हो सकते हैं। इसका कारण एक आम सर्दी-जुकाम भी हो सकता है। इसलिए इस बात का पता लगाना जरूरी है, कि बच्चे की आँखों से डिस्चार्ज का कारण क्या है। इसके कुछ कारण नीचे दिए गए हैं:
बच्चे की आँखें पनीली हो सकती हैं, जो कि आई इन्फेक्शन का एक संकेत है। इन्फेक्शन आपके बच्चे के किसी बैक्टीरिया या वायरस के संपर्क में आने के कारण हो सकता है। बच्चे के बर्थ कैनल के द्वारा बाहर आते समय बैक्टेरियम के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है। अगर आपके शिशु की आँखें लाल हैं और उन से पानी निकल रहा है, तो यह एक इन्फेक्शन का संकेत है।
लगभग 10% नवजात शिशुओं में ब्लॉक टियर डक्ट नामक एक समस्या होती है। इसमें बच्चा अगर ना भी रो रहा हो, तो भी बच्चे की आँखों से लगातार पानी निकलता रहता है और यह पानी ठीक तरह से बाहर नहीं निकलता है। इससे टियर डक्ट में पानी इकट्ठा होने लगता है, जो कि बाद में गालों की ओर बह जाता है। इस स्थिति के कुछ अन्य लक्षणों में मवाद जैसा डिस्चार्ज और आँखों का लाल होना खासकर नाक के करीब वाले कोनों का लाल होना शामिल है।
अगर कोई धूल कण उड़कर बच्चे की आँख में चला जाए, तो उसकी आँखों से आंसू जैसा डिस्चार्ज हो सकता है। आपका बच्चा बार-बार पलकें झपकाता है और आँख में किसी बाहरी वस्तु के चुभने के कारण रोता है।
नवजात शिशुओं में होने वाला आई डिस्चार्ज सर्दी-जुकाम के कारण भी हो सकता है। चूंकि यह काफी संक्रामक होता है, तो अगर परिवार में किसी सदस्य को जुकाम हो, तो बच्चा भी इससे प्रभावित हो सकता है। अगर एक बच्चा सर्दी-जुकाम से जूझ रहा हो, तो उसकी नाक बंद हो सकती है या बह सकती है और आँखों से भी डिस्चार्ज हो सकता है।
बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस एक बहुत ही संक्रामक इंफेक्शन है। परिवार के किसी अन्य सदस्य से या आपसे बच्चे को यह हो सकता है, जिससे उसकी आँखों से डिस्चार्ज हो सकता है। बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस के आम लक्षणों में आँखों से पस बहना और पलकों का चिपचिपा होना शामिल है। यह संक्रमण एक आँख या दोनों आँखों में हो सकता है।
अब आप संभवत यह सोच रहे होंगे, कि नवजात शिशुओं में होने वाले आई डिस्चार्ज के लिए कोई इलाज उपलब्ध है या नहीं। इस लेख के अगले हिस्से में हम कुछ ऐसे उपाय बताएंगे, जिन्हें आप घर पर अपना सकते हैं और अगर यह डिस्चार्ज किसी संक्रमण के कारण है, तो पेडिअट्रिशन से इलाज कराना बेहतर है। अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
अगर आप अपने नवजात शिशु में ऊपर दिए गए लक्षणों में से किसी का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको चिंता करने के बजाय इनका इलाज करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। हालांकि, ऐसी स्थिति में एक पेडिअट्रिशन से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है, फिर भी कुछ मामलों को आप घर पर ही मैनेज कर सकते हैं। आइए देखते हैं कि अगर आपके न्यूबॉर्न बेबी की आँखों से डिस्चार्ज हो रहा है, तो आप क्या कर सकते हैं।
जैसा कि पहले बताया गया है, आप आँखों के आसपास से डिस्चार्ज को साफ कर सकते हैं, खासकर अगर आप अपने बच्चे में लगातार पानी बहता हुआ देख रहे हैं तो इसके लिए आप एक साफ मुलायम स्टेरलाइज्ड कपड़े या तौलिए का इस्तेमाल करके पानी को पोंछ सकते हैं। अगर यह डिस्चार्ज चिपचिपा है, तो आप थोड़े गुनगुने पानी में कपड़े या तौलिए को भिगोकर बच्चे की आँखों को साफ कर सकते हैं।
अगर आपके बच्चे को ब्लॉक्ड टियर डक्ट की परेशानी है, तो आप बच्चे की आँख के अंदरुनी निचले कोने की हल्की मालिश कर सकते हैं। इसे लैक्रिमल सैक भी कहा जाता है। अगर आप चाहें, तो दिन में दो बार बच्चे की नाक की मालिश भी कर सकते हैं या दिन में दो बार 1-2 सेकंड के लिए आँखों के ऊपर गरम सिंकाई भी कर सकते हैं। अगर इससे कोई फायदा न हो, तो उसे पेडिअट्रिशन के पास जरूर लेकर जाएं।
अगर आपके बच्चे में कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई के संकेत दिख रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने पेडिअट्रिशन से बात करनी चाहिए। वे आपको एक आई ड्रॉप प्रिसक्राइब करेंगे, जिसे निर्देश के अनुसार आँखों में डालना चाहिए। जब तक बच्चे की आँखें बेहतर नहीं हो जातीं और कोई असामान्य डिस्चार्ज होना बंद नहीं हो जाता, तब तक आपको बच्चे की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।
किसी भी तरह की असुविधा की स्थिति में आपका बच्चा अपनी तकलीफ कहकर आपको नहीं बता सकता है। लेकिन ऐसे कुछ संकेत होते हैं, जिन्हें आप आँखों के डिस्चार्ज को मैनेज करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चे की आँखों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए, इन संकेतों पर नजर रखना और इनका तुरंत इलाज करना जरूरी है।
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