In this Article
- निप्पल शील्ड क्या है?
- आपको निप्पल शील्ड का उपयोग कब करना चाहिए?
- आपको किस साइज और टाइप के निप्पल शील्ड का उपयोग करना चाहिए?
- निप्पल शील्ड का उपयोग कैसे करें?
- बच्चे को निप्पल शील्ड से ब्रेस्टफीडिंग कराना कैसे बंद करें
- निप्पल शील्ड की क्लीन करने और उसकी देखभाल के टिप्स
- कैसे पता चलेगा कि निप्पल शील्ड आपको सही से फिट हो रहा है?
- ब्रेस्टफीडिंग के लिए निप्पल शील्ड पहनना
- निप्पल शील्ड के उपयोग करने के लाभ
- निप्पल शील्ड का उपयोग करने के नुकसान
- निप्पल शील्ड का उपयोग करते समय बरते जाने वाली सावधानियां
बच्चे की ग्रोथ के लिए ब्रेस्टफीडिंग बहुत जरूरी है और ज्यादातर माओं को इस प्रोसेस को शुरू करने में परेशानी नहीं होती है, क्योंकि बच्चे नेचुरली ब्रेस्टफीडिंग करना जानते हैं। लेकिन कुछ माएं यह नोटिस करती हैं कि उनका बच्चा उनके निप्पल साइज की वजह से ठीक तरह से लैचिंग नहीं कर पाता है। इसका यह कारण हो सकता है कि बच्चा किसी वजह से माँ का दूध पीने के बजाय बॉटल से दूध पी रहा हो, जिससे अब उसे ब्रेस्टफीडिंग करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। जो इस प्रॉब्लम का एक शॉर्ट टर्म सॉल्यूशन भी है।
निप्पल शील्ड क्या है?
निप्पल शील्ड एक पतला सिलिकॉन कवर जैसा होता है जिसे ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल और एरोला के ऊपर पहना जाता है। निप्पल शील्ड का उपयोग विशेष रूप से उन माओं को करना चाहिए जिनके निप्पल साइज की वजह से बच्चा ठीक से लैचिंग नहीं कर पाता है। यह उन बच्चों ले लिए भी है जो बॉटल से दूध पीने की वजह से निप्पल से दूध पीने के लिए इंकार करते हैं। ज्यादातर निप्पल शील्ड सिलिकॉन के बने होते हैं, ये रबर और लेटेक्स से भी बने हो सकते हैं।
आपको निप्पल शील्ड का उपयोग कब करना चाहिए?
यदि आपको नीचे लिखे गए कारणों से अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं, तो आपको निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है:
- फ्लैट या इंवेर्टेड निप्पल जो बच्चे के लैचिंग में मुश्किल पैदा करते हैं।
- बच्चे का तालू गहरा होना।
- क्रैक्ड निप्पल जिसकी वजह से ब्रेस्टफीडिंग कराना बहुत दर्दनाक होता है।
- बोतल फीड पर डिपेंड रहने वाले बच्चों को लैचिंग करने में परेशानी होती है। उनके लिए निप्पल शील्ड बेस्ट ऑप्शन है, इससे बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना आसान हो जाता है।
- ओवरफ्लो होने के कारण मिल्क फ्लो बहुत ज्यादा होता है और इससे बच्चे को चोक होने का खतरा होता है। ऐसे में निप्पल शील्ड का उपयोग करने से मिल्क फ्लो ठीक रहता है।
- प्रीमैच्योर बेबी या बीमारी के कारण जो बच्चे कमजोर हो जाने के कारण लैचिंग नही कर पाते हैं उनके लिए निप्पल शील्ड से फीडिंग करना आसान हो जाता है। एवर्टेड पोजीशन के कारण बच्चा आसानी से लैचिंग कर पाता है, इसमें निप्पल के टिप पर दूध आ जाता है, जिससे बच्चा तुरंत फीडिंग करना शुरू कर देता है।
आपको किस साइज और टाइप के निप्पल शील्ड का उपयोग करना चाहिए?
निप्पल शील्ड कई वैरायटी और साइज में आते हैं। आपके डॉक्टर आपके निप्पल और एरोला के साइज और बच्चे की जरूरत के हिसाब से आपको निप्पल शील्ड का सही साइज और टाइप बताएंगे।
एक क्लियर, पतला सिलिकॉन निप्पल शील्ड ज्यादातर माओं के लिए बेस्ट ऑप्शन है। आप उन शील्ड को भी ट्राई कर सकती हैं जो माँ और बच्चे के त्वचा से त्वचा संपर्क बनाएं रखने में मदद करता है। आपको कभी बॉटल निप्पल का इस्तेमाल निप्पल शील्ड के लिए नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह उस उद्देश्य से नहीं बनाया जाता है।
निप्पल शील्ड का उपयोग कैसे करें?
यदि आपको ब्रेस्ट शील्ड का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, तो आपके डॉक्टर आपको इसे यूज करने के लिए कुछ गाइडलाइन बताएंगे, जिसे आपको इस प्रोसेस के दौरान फॉलो करना होगा। यहाँ आपको गाइडलाइन बताई गई है जिसे आपको निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करते समय ध्यान में रखना चाहिए।
- निप्पल शील्ड का उपयोग करने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें।
- अपने ब्रेस्ट की मालिश करें और हाथ की मदद से दूध निकाल लें और इसे शील्ड टिप में डाल दें।
- को कुछ स्तन के दूध को ढाल की नोक पर व्यक्त करें।
- ब्रेस्ट पर सेट करने में मदद करने के लिए कुछ ब्रेस्ट मिल्क को निप्पल शील्ड के अंदर डाल दें इनर रिम को लेस करें।
बच्चे को निप्पल शील्ड से ब्रेस्टफीडिंग कराना कैसे बंद करें
अगर आप बच्चे को निप्पल शील्ड से दूध छुड़ाने की प्लानिंग कर रही हैं, तो इस मामले में अपने डॉक्टर से बात करना ज्यादा बेहतर रहेगा। यहाँ अपने बच्चे को धीरे-धीरे दूध छुड़ाने की टिप्स दी गई है।
- कोशिश करें कि इस पूरी प्रक्रिया में बच्चे के साथ स्किन टू स्किन कांटेक्ट ज्यादा से ज्यादा बनाएं।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान धीरे-धीरे निप्पल शील्ड को बीच से हटा दें।
- अपने ब्रेस्ट को कई बार पंप करें ताकि निप्पल नीचे की ओर आ जाए और बच्चे को दूध पिलाने में आसानी हो। इससे आपके निपल्स बाहर की ओर आ जाते हैं जिससे बच्चे को लैचिंग कराना आसान हो जाता है।
- जैसे ही आपका बच्चा नींद से उठता है, ब्रेस्टफीडिंग कराने की कोशिश करें।
- बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले अपने हाथों की मदद से पहले निप्पल से थोड़ा दूध निकाल दें, फिर बच्चे को खुद से ब्रेस्टफीडिंग करने दें।
- अलग-अलग पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग कराने की कोशिश करें जैसे चलते हुए, बच्चे को गोद में हिलाते हुए, आदि।
- अपने बच्चे को शील्ड के बिना लैच कराने की कोशिश करें। यदि वो ऐसा नहीं कर पाता है, तो उसके शांत होने का इंतजार करें और फिर से ट्राई करें। बच्चे के साथ जबरदस्ती न करें। धैर्य रखें और फिर से ट्राई करें।
निप्पल शील्ड की क्लीन करने और उसकी देखभाल के टिप्स
हमेशा दिए गए इंस्ट्रक्शन के साथ निप्पल शील्ड पहनें और उतारें और हर महीने इसे चेंज करें। क्रैक निप्पल शील्ड से बैक्टीरिया अंदर जाने का खतरा होता है, जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। यहाँ निप्पल शील्ड को साफ करने कुछ टिप्स दी गई हैं।
- हर बार इसका उपयोग करने के बाद, इसे ठंडे पानी से धो लें।
- फिर, इसे गर्म साबुन के पानी में धोएं और फिर गर्म पानी से इसे दोबारा धोएं।
- इसे सुखाने से पहले पेपर टॉवल से इसे पोछें फिर इसे ड्राई और क्लीन जगह पर स्टोर करें।
कैसे पता चलेगा कि निप्पल शील्ड आपको सही से फिट हो रहा है?
यदि निप्पल शील्ड का हिस्सा एरोला को कवर करता है और निप्पल आपके बच्चे के मुँह में फिट बैठता है, तो शील्ड का आकार सही है। यदि यह बहुत बड़ा होगा, तो आपके बच्चे को लैच करने में परेशानी होगी और यह उसके ऊपर गिर सकता है। यदि आपका निप्पल शील्ड की टिप को छू रहा हो तो शील्ड बहुत छोटी है।
यदि आपके निपल्स में दर्द महसूस होता है या ब्रेस्टफीड के बाद क्रैक निप्पल की परेशानी पैदा होती है, तो आपको इसे बदलने की आवश्यकता होगी। आपको यह भी सलाह दी जाती है कि आप निप्पल शील्ड लेने से पहले इसका डायमीटर चेक करें।
ब्रेस्टफीडिंग के लिए निप्पल शील्ड पहनना
एक बार जब आपके पास सही साइज की ब्रेस्टफीडिंग शील्ड होगी तो आप इसे पहनने के लिए यह स्टेप अपना सकरी हैं।
पहले
- निप्पल के शील्ड को आधा अंदर आधा बाहर करें।
- शील्ड का बैक साइड एरोला क्षेत्र पर रखें ताकि आपका निप्पल शील्ड टिप के अंदर हो।
- बच्चे को उसी पोजीशन में रखने के लिए, निप्पल शील्ड के अंदर ब्रेस्टमिल्क डाल दें।
- आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए हाथों की मदद से पहले दूध निकालना पड़ेगा।
- अपने बच्चे के होठों पर धीरे से निप्पल शील्ड की नोक को टच करें ताकि पूरी तरह ठीक से लैच कर सके।
बाद में
- एक हाथ से आपके बच्चे की गर्दन और सिर के नीचे लगाएं और दूसरे हाथ से अपना ब्रेस्ट पकड़ें और बच्चे को लैच करने बड़ा मुँह खोलने के लिए प्रोत्साहित करें।
- अपने बच्चे के मुँह के ऊपर निप्पल शील्ड को रखते समय सावधानी बरतें। यह उसे बेहतर तरीके से लैच करने में मदद करेगा और उसे साँस लेने के लिए ब्रेक भी मिलेगा।
- यदि निप्पल शील्ड को त्वचा से त्वचा का संपर्क बनाए रखने के हिसाब से डिजाइन किया गया है, तो ध्यान रखें कि आपके बच्चे का चेहरा उससे टच होना चाहिए बिना उसकी फिडिंग को डिस्टर्ब किए।
- ध्यान दें कि आपका बच्चा अपने मुँह के मूवमेंट को नोटिस करते हुए फीडिंग कर रहा हो। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे को पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्टमिल्क मिले।
निप्पल शील्ड के उपयोग करने के लाभ
निप्पल शील्ड का उपयोग करने के कुछ फायदे इस प्रकार दिए गए हैं
- यह माँ को क्रैक निप्पल से होने वाले दर्द में राहत प्रदान करता है।
- यदि बच्चे को बोतल से दूध पीने की आदत है, तो इससे उसे बोतल से ब्रेस्टफीडिंग के ट्रांजीशन में मदद मिलती है।
- यह उन माओं की मदद करता है जिनके ब्रेस्ट और निप्पल का साइज के कारण बैचे को लैच करने में मदद मिलती है।
निप्पल शील्ड का उपयोग करने के नुकसान
निप्पल शील्ड का उपयोग करने के कुछ नुकसान इस प्रकार हो सकते हैं
- यह मिल्क सप्लाई को कम कर सकता है, यदि यह सही तरीके से सेट नहीं होता है, इस तरह बच्चा भूख रह जाता है।
- गलत साइज की निप्पल शील्ड से माँ को असुविधा हो सकती है और निप्पल में दर्द हो सकता है।
- इस प्रोसेस के दौरान पर्याप्त मात्रा में मिल्क ट्रांसफर न होने की वजह से माँ को मास्टिटिस का खतरा हो सकता है।
- बच्चे को निप्पल शील्ड छुड़ाने एक चुनौती हो सकता है।
निप्पल शील्ड का उपयोग करते समय बरते जाने वाली सावधानियां
आपको यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी कि आपके बच्चे को निप्पल शील्ड का उपयोग करके पर्याप्त मात्रा में फीडिंग कराई जा सके। यहाँ कुछ तरीके हैं जो आप भी लाग कर सकती हैं।
- अपने बच्चे को गीले डायपर की संख्या पर नजर रखें। पाँच या छह गीले डायपर का मतलब है कि आपका बच्चा अच्छी तरह से फीड कर रहा है।
- चार से छह सप्ताह के दौरान एक दिन में तीन बार रेगुलर, लूज स्टूल करना ठीक है, धीरे-धीरे यह संख्या कम होती जाती है, लेकिन फिर भी उनका मल ढीला होना चाहिए।
- अपने बच्चे की ग्रोथ पर रेगुलर नजर रखें। अगर उसका वेट नार्मल नहीं है तो इसका मतलब है कि वो ठीक से भोजन नहीं कर रहा है।
हालांकि, निप्पल शील्ड का उपयोग करने के संबंध में आपके लिए चिंता करने वाली कोई बात नहीं है, यह सच है कि जब आपका बच्चा ठीक से लैच नहीं कर पाता है कि तो वह पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पी पाता है। इसलिए बैचे को डायरेक्ट ब्रेस्टफीडिंग की तरह जितनी जल्दी हो सके शिफ्ट करें और ज्यादा से ज्यादा बैचे को अपने फिजिकल कांटेक्ट में रखें। निप्पल शील्ड एक शार्ट टर्म सॉल्यूशन है, इसलिए आप इसे लंबे समय तक उपयोग नहीं कर सकती हैं, जब तक बहुत जरूरी न हो।
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