यदि आप यह आर्टिकल पढ़ रही हैं तो इसका अर्थ है कि आप हाल ही में माँ बनी हैं और बच्चे का स्वागत करने के लिए बेचैन हैं। किसी भी स्थिति में आपको मुबारकबाद देनी बनती है। आप एक ऐसा सफर तय करने वाली हैं जो जीवन भर चलेगा – मातृत्व। वैसे इस समय आपके लिए चीजें बहुत ज्यादा चैलेंजिंग होंगी पर आप चिंता न करें। जैसे-जैसे आप पहले महत्वपूर्ण महीने को अच्छी तरह से पूरा कर लेंगी और बहुत सारी नई चीजें करने का प्रयास करेंगी वैसे-वैसे आप हर चैलेंज को पूरा कर पाएंगी।
छोटे बच्चे की देखभाल के लिए टिप्स
पहले महीने में बच्चा कुछ ही चीजें करेगा – दूध पिएगा, सोएगा, पॉटी करेगा और इसे दोहराएगा। आपको उसका रूटीन पता होगा पर निम्नलिखित टिप्स से आपका काम आसान हो जाएगा जानने के लिए आगे पढ़ें।
1. ब्रेस्टफीडिंग के लिए
बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने, लैचिंग और बच्चा ठीक से दूध पी रहा है या नहीं इसके संबंध में आपको बहुत सारी सलाह मिलती होंगी। अब आपको निम्नलिखित टिप्स भी जानने चाहिए;
- बच्चे को जरूरत के अनुसार दूध पिलाएं: इस दौरान आप फीडिंग रूटीन फॉलो करने के लिए बच्चे के साथ जबरदस्ती न करें। बच्चा अपने अनुसार कितना दूध पीना चाहता है और कितनी बार पीता है वह पिएगा। आप बच्चे को दिन भर में लगभग 6 से 8 बार दूध पिला सकती है पर यदि बच्चा 12 बार भी दूध पीता है तो चौंकिएगा नहीं। ब्रेस्ट मिल्क आसानी से पच जाता है जिसकी वजह से बच्चे को बार-बार भूख लग सकती है। समय के अनुसार आप बच्चे के दूध पीने का शेड्यूल भी बना सकेंगी।
- फीडिंग पिलो खरीदें: डिलीवरी के बाद आपके शरीर विशेषकर पीठ में काफी ज्यादा दर्द रहेगा। फीडिंग पिलो से बच्चे को सही पोजीशन में दूध पिलाते समय आपको पीठ में सपोर्ट मिल सकता है। सही ऊंचाई पर रखने से यह बच्चे को ठीक से लैच करने में मदद करता है जो पर्याप्त रूप से दूध के बहाव के लिए जरूरी है। आप अपनी जरूरत के अनुसार कोई भी एक बेसिक या फैंसी फीडिंग पिलो चुन सकती हैं।
2. डायपर पहनाने के लिए
यह थोड़ा मेस्सी काम है पर बावजूद भी कुछ टिप्स की मदद से आसान हो सकता है, जानें कैसे;
- बच्चे के लिए सही डायपर चुनें: बच्चे के लिए सही डायपर चुनने से आपके लिए बहुत आसानी हो सकती है क्योंकि इसकी वजह से आपको किसी प्रकार की गंदगी व रैशेज के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। बच्चे के लिए डायपर रैश खत्म करने वाला एक अच्छा प्रोडक्ट चुनना बचाव का एक बेस्ट तरीका है, जैसे नवजात शिशु के लिए हगीज अल्ट्रा सॉफ्ट डायपर। इसके अलावा इसका एक और फायदा है – यदि आप अभी तक डायपर का उपयोग करना या यह समझना सीख रही हैं कि यह गंदा हुआ है या नहीं तो इसमें लगा गीलेपन के इंडिकेटर से आपको मदद मिल सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि यह मटेरियल बच्चे की सौम्य त्वचा के लिए सही हो और उसके वजन के अनुसार ही उचित साइज का डायपर खरीदें।
- डायपर बदलने से पहले उसे डायपर रैश क्रीम लगाएं: बच्चे की मुलायम त्वचा और डायपर से फ्रिक्शन होने की संभावना को कम करने के लिए आप उसके बॉटम में थोड़ा सा डायपर रैश क्रीम या कोकोनट ऑयल का उपयोग जरूर करें। इस टिप का उपयोग करने के लिए आप रैशेज आने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। हर बार डायपर बदलते समय यह क्रीम लगाने से बच्चे के बॉटम में नमी नहीं होगी। एक और टिप को आप फॉलो कर सकती हैं – यदि आप अपने बेटे का डायपर बदल रही हैं तो उसके पेनिस को कपड़े से ढक दें या पोंछ दें ताकि वह अचानक से आप पर पेशाब न कर दे।
- बच्चे को डायपर फिट होता है या नहीं, यह जरूर चेक करें: यदि बच्चे का डायपर बहुत टाइट है तो वह कम्फर्टेबल नहीं रहेगा और यदि बच्चे का डायपर बहुत ढीला है तो यह ज्यादा से ज्यादा गंदा व असुविधाजनक होगा। एक बार जब आप बच्चे का डायपर बदल लें तो दो उंगलियों से उसकी फिटिंग चेक करें। यदि आप यह कर पा रही है तो यानि फिटिंग अच्छी है और बच्चे की कमर या जांघों पर लाल निशान नहीं पड़ेंगे।
3. नहलाने के लिए
नवजात शिशु को नहलाते समय निम्नलिखित कुछ टिप्स ध्यान में रखें, जैसे;
- बच्चा थोड़ा बहुत रोएगा: जैसा आप हर ऐड में देखती हैं उसके विपरीत हर बच्चा बाथ टाइम को तुरंत स्वीकार नहीं करता है। कुछ बच्चों के लिए यह अलग-अलग सेंसेशन और आवाजों के साथ बहुत ज्यादा हो जाता है जिसकी उन्हें आदत नहीं होती है। इसलिए आप बहुत सारे आंसू, इरिटेशन और कुछ मामलों में डायपर ब्लोआउट जो असामान्य नहीं है के लिए तैयार रहें। बच्चे को नहलाते समय घबराने के बजाय ऐसे रिएक्शन के लिए तैयार रहने से बच्चे को बेहतर तरीके शांत किया जा सकता है।
- बच्चे को बिना साबुन के स्पंज बाथ कराएं: नवजात शिशु वास्तव में बहुत ज्यादा गंदे नहीं होते हैं (डायपर गंदा होने और दूध पलटने के अलावा) इसलिए पहले महीने में बच्चे को नहलाने की जरूरत नहीं पड़ती है। आप बच्चे को गुनगुने पानी व स्पंज से साफ करती रहें और यदि अम्बिलिकल कॉर्ड अब भी जुड़ी हुई है तो भी यह सुरक्षित है। आप बच्चे के बालों में शैंपू उसे नहलाने के बाद करें क्योंकि बच्चे को गीले बाल के साथ रखने से उसे ठंड लग सकती है।
- हेल्पर की मदद लें: आप बच्चे को किसी अन्य व्यक्ति की मदद से नहलाएं, चाहे वो आपके पेरेंट्स हों या पार्टनर हों या विश्वसनीय रिश्तेदार हों। बच्चा नहाते समय नकारात्मक रिएक्ट कर सकता है इसलिए आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद लें जो तुरंत आपके पास आ सके।
- सभी जरूरी चीजों को पास ही रखें: प्रोडक्ट्स से लेकर बच्चे का डायपर, तौलिया और अन्य आवश्यक चीजों को अपने पास ही रखें। इस बात का ध्यान रखें कि बाथरूम आपके व नवजात शिशु के लिए सुरक्षित होना चाहिए। किसी भी एक्सीडेंट से बचने के लिए बाथ मैट्स इंस्टॉल कराएं और साथ ही नॉन स्लिपरी बाथ मैट्स भी रखें।
4. सुलाने के लिए
बच्चे की नींद के पैटर्न को समझना वास्तव में कठिन होता है। यहाँ बताया गया है कि आप कैसे होने बच्चे को सुलाने का प्रयास कर सकती हैं, आइए जानें;
- गर्भ जैसा माहौल बनाकर बच्चे को शांत करें: गर्भ बहुत कोजी व नॉइजी जगह होती है। बच्चे के लिए दुनिया में आना और वही आवाज न सुनना या सीमित महसूस न करना चिंताजनक हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और शुरूआती दिनों में उसकी नींद पूरी नहीं हो सकती है। आप बच्चे के आसपास की जगह को जितना ज्यादा फैमिलियर बना स्ति हैं उतना ज्यादा बनाएं – बच्चे को अपने पास पकड़ें, वाइट नॉइस मशीन या पंखे आवाज से कम्फर्टिंग आवाज होने दें और वो सभी चीजें बंद कर दें जिससे बच्चा उत्तेजित हो सकता है।
- नवजात शिशु को रात दिन एक जैसा ही लगेगा, इस बात को समझें: गर्भ में बच्चे का अपना टाइम-टेबल होता है और बाहर उसे दिन के हिसाब से चीजों को फॉलो करना पड़ेगा। बच्चे को अलग – अलग चीजों से दिन और रात में अंतर बताने का प्रयास करें – दिन के लिए लाइट व एक्टिविटी और रात के लिए शांति और अंधेरा बनाए रखें।
- यदि रात में आप बच्चे का डायपर नहीं बदलती हैं तो कोई बात नहीं: बच्चे का डायपर बदलना इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितना गंदा हुआ है पर यदि वह गंदा नहीं लगता है तो आप उसे डायपर बदलने के लिए न जगाएं। हाई अब्सॉर्बेंसी वाला डायपर, जैसे हगीज अल्ट्रा सॉफ्ट पैंट्स का उपयोग करने से नवजात शिशु के बॉटम को 12 घंटों तक ड्राई रहने में मदद मिलती है। और यदि वेटनेस इंडिकेटर का संकेत मिलता है तो इसका यह मतलब है कि डायपर बदलने का समय हो गया है और आप उसका डायपर बदल सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आप डायपर बदलने में बहुत ज्यादा समय न लगाएं ताकि बच्चा पूरी तरह से न जागे।
हाल ही में बनी मांओं के लिए कुछ टिप्स
बच्चे के साथ पहला महीना चौथी तिमाही जैसा ही होता है, जैसे नवजात शिशु के साथ शुरुआती 3 महीने महत्वपूर्ण होते हैं। आप सिर्फ इस काम के बारे में ही नहीं सीखेंगी बल्कि इस दौरान आप बच्चे की हर जरूरत का ध्यान भी रख सकेंगी। इसके लिए आपको कुछ टिप्स फॉलो करने की जरूरत है, जैसे;
1. इस बात का ध्यान रखें कि माँ सब जानती है – हाँ, आप जानती हैं। आपको बहुत सारी सलाह मिलेंगी और आप क्या करती हैं इस पर लोग टिप्पणी भी करेंगे। आप इन बातों को सुनें और जो जरूरी हो उसे याद रखें और जिस बात पर आप विश्वास रखती हैं वही करें क्योंकि वह आपके बच्चे के लिए फायदेमंद होगा।
2. जब बच्चा सो जाए तो आप भी सोएं – पहले महीने में बच्चे की नींद चार्ट के अनुसार नहीं होगी और इसकी वजह से आपकी नींद में भी बाधा आएगी। जब बच्चा सो रहा हो तो आप भी ज्यादा से ज्यादा सोए। यदि आपको अच्छी नींद नहीं आती है तो कम से कम आप लेट जाएं।
3. पिता को शामिल करें – डायपर बदलने, रात में दूध पिलाने, बच्चे के साथ खेलने – पिता बच्चे के साथ बहुत सारा समय बिता सकते हैं और इससे आपको सांस लेने व आराम करने की फुर्सत मिलेगी। इस प्रकार पिता का बच्चे के साथ रिश्ता अच्छा बनेगा।
4. समझें कि आप थक जाएंगी – गर्भावस्था के दौरान आपको इतनी थकान नहीं होती होगी और नींद में बाधा होने से आप चिड़चिड़ी या गुस्सा भी हो सकती हैं। हालांकि इस बात को समझें कि यह चरण सिर्फ एक शुरूआत है और जल्दी ही एक रूटीन बन जाएगा व हर चीज आपके नियंत्रण में होगी।
5. बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए तैयार रहें – नहीं, हम लैच या दूध की आपूर्ति की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि हम वास्तव में हर एक सेशन की बात कर रहे हैं। हर बार आप थोड़ी देर तक बच्चे को दूध पिला सकती हैं और इस दौरान आपको असुविधा नहीं होनी चाहिए। तो पहले से ही आप बाथरूम में जाएं, किताब से सब जानकारी लें (फोन का उपयोग न करें) और थोड़ी देर शांत रहने के लिए तैयार रहें।
6. हेल्दी खाना और एक्सरसाइज करना न भूलें – हमें इतना विस्तार से कहने की जरूरत नहीं है, है न?
नवजात शिशु के साथ पहले महीने में आप पार्क में टहल नहीं पाएंगी। इस दौरान आप सो नहीं पाएंगी, आपको घुटन होगी, थकान होगी, शक होगा और हाँ यह समय आपके लिए चैलेंजिंग भी होगा। यदि कुछ सही नहीं होता है तो आप अपने साथ बहुत ज्यादा शक्ति न बरतें क्योंकि इसमें आप भी नई हैं। धैर्य रखें, स्ट्रॉन्ग रहें और इस बात का ध्यान रखें कि कुछ भी हो बच्चा आप में ही अपनी दुनिया देखता है और इसके अलावा कोई नहीं जान सकता है कि बच्चे के लिए क्या बेस्ट है।
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