शिशु

पेरेंट्स के लिए शिशुओं के कपड़े धोने से जुड़े 10 बेहतरीन टिप्स

बच्चों के कपड़े भले ही छोटे होते हैं, लेकिन लार बहने, पॉटी करने, सुसु करने मुँह से दूध निकालने और खाने के दौरान होने वाली गंदगी के कारण हर दिन उनके कपड़े 2 से 5 के बीच कुछ भी हो सकते हैं। ये दाग केवल उनके कपड़ों पर ही नहीं होते हैं, बल्कि आप इन्हें उनके बिस्तर के गद्दे, चादरों, डकार वाले कपड़ों, तौलियों, खिलौनों और अपने खुद के कपड़ों पर भी देखेंगे। अब अपनी आँखों को बंद करें और कपड़ों के उस ढेर की कल्पना करें। बच्चों के आने से पहले कपड़े धोने के काम को वीकेंड के लिए रखा जाता था, लेकिन बच्चे के बाद लगभग हर दिन ही कपड़े धोने पड़ते हैं!

तो चलिए देखते हैं, कि कुछ उपयोगी लॉन्ड्री टिप्स के साथ आप सप्ताह में एक बार कपड़े धोने से लेकर, हर रोज कपड़े धोने वाले सुपर पैरेंट बनने के अपने सफर की शुरुआत कैसे कर सकते हैं। 

पेरेंट्स के लिए बेबी लॉन्ड्री टिप्स

1. सही डिटर्जेंट का चुनाव

बच्चों की त्वचा नाजुक होती है और अधिकतर समय इसका मतलब होता है, कि आपका रेगुलर डिटर्जेंट आपके बच्चे के लिए कठोर हो सकता है और इसमें ऐसे केमिकल हो सकते हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे की पहुँच से दूर रखना चाहते हों। एक ऐसा माइल्ड डिटर्जेंट ढूंढें, जो खास बच्चों के कपड़ों के लिए बना हो और जिसमें कोई खुशबू या रंग न हो। 

2. नए कपड़े बच्चे को पहनाने से पहले उसे धोएं

चाहे आपने खरीदा हो या किसी ने उपहार में दिया हो, बच्चे को कोई भी नया कपड़ा पहनाने से पहले उसे धोना बहुत जरूरी है क्योंकि उनमें फैक्ट्री से लेकर दुकान तक कहीं हो सकने वाले जर्म्स भी हो सकते हैं। हालांकि कपड़े साफ और नए दिख सकते हैं, लेकिन दुकान में काफी समय से पड़े होने के कारण और कई लोगों द्वारा छुए जाने के कारण, उनमें बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुँचाने वाले जर्म्स या धूल-मिट्टी भी हो सकते हैं। 

3. सही सामान खरीदने पर खर्च करें

मोजे, बोनेट और अक्सर खो जाने वाली दूसरी छोटी चीजें रखने के लिए एक मेश बैग खरीदें। वाशिंग मशीन में धोने के दौरान अक्सर ही मोजे आसानी से किसी शर्ट की आस्तीन में या किसी ट्राउजर में छुप जाते हैं। मेश बैग के इस्तेमाल से ये अपनी जगह पर ही मिलते हैं। 

4. सही फैब्रिक सॉफ्टनर का चुनाव करें

पुराने समय में बच्चों के लिए फैब्रिक कंडीशनर और सॉफ्टनर के इस्तेमाल से बचा जाता था। लेकिन अब खास और बेहतर बेबी फ्रेंडली सॉफ्टनर्स भी उपलब्ध हैं, जिनके इस्तेमाल से आप बेफिक्र रह सकते हैं, कि आपके बच्चे की नाजुक त्वचा को इन कपड़ों की रगड़ से कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा। फैब्रिक कंडीशनर कपड़ों के फाइबर को मुलायम बना देते हैं, जिससे बच्चे के कपड़े अधिक आरामदायक हो जाते हैं। आपके नन्हे शिशु को अब कोई भी चीज परेशान नहीं कर सकती है। सिर्फ इस बात का ध्यान रखें, कि ऐसे सॉफ्टनर का चुनाव करें, जो कि सौम्य हो और जेंटल हो!

5. धब्बों को तुरंत साफ करें

अचानक कुछ गिर जाने पर, बेबी वाइप्स की मदद से धब्बे को तुरंत साफ कर दें। हर कमरे और अपनी कार में भी बेबी वाइप्स का एक पैक हमेशा रखें। किसी दाग को तुरंत साफ कर देने पर वह कपड़ों पर चिपक नहीं पाता है और जब ये दाग जिद्दी नहीं हों, तो बाद में अधिक रगड़ने की जरूरत नहीं पड़ती है। 

6. बच्चे के कपड़ों पर ब्लीच का इस्तेमाल न करें

सफेद कपड़े पर दाग लग जाने पर आप उसे ब्लीच से साफ करना चाहेंगे। लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। ब्लीच एक कठोर केमिकल होता है, जिससे आपके बच्चे की त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं। 

7. बच्चे के कपड़ों को परिवार के बाकी कपड़ों से अलग रखें

जिस तरह से बच्चों के कपड़ों के लिए सौम्य डिटर्जेंट की जरूरत होती है, वैसे ही बच्चों के कपड़ों को अलग से धोने की जरूरत होती है। बड़ों के डिटर्जेंट में केमिकल हो सकते हैं, जो कि बच्चे की त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए बेहतर है, कि उन्हें अलग रखा जाए। इन्हें अलग धोना निश्चित रूप से आपके लिए थकान भरा हो सकता है, लेकिन इससे आपका बच्चा केमिकल की पहुँच से दूर रहता है!

8. कपड़ों के टैग पर लिखे निर्देशों का पालन करें

हालांकि, आप सभी कपड़ों को एक साथ वॉशिंग मशीन में डालना चाहते होंगे, लेकिन कपड़ों पर लिखे गए लेबल को पढ़ना न भूलें। बच्चों के कपड़े अधिकतर कॉटन, कॉटन ब्लेंड या फ्लीस के होते हैं और इन्हें साफ करने के भी खास निर्देश होते हैं। इनमें से कुछ को अलग तरह से धोने की जरूरत होती है। 

9. गहरे दाग वाले कपड़ों अलग से साफ करें

पेरेंट्स होने का मतलब यह होता है, कि आपको कई बार अपने बच्चे के कपड़ों से पॉटी को भी साफ करना पड़ सकता है, जो कि अक्सर ही सूख जाती है और कपड़े काफी गंदे नजर आते हैं। बाकी के कपड़ों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए आपको इन्हें पहले साफ कर देना चाहिए।

10. कपड़े के डायपर को अलग से धोएं

अगर आप बेबी के लिए कपड़े के डायपर इस्तेमाल करते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें, कि आप एक डायपर बिन भी खरीदें, ताकि आप उन सब को एक बार में साफ कर सकें। हालांकि, ऊपर दिए गए टिप्स का इस्तेमाल करें और उन्हें डायपर बिन में डालने से पहले सुसु या पॉटी को अलग से धोएं या झटककर साफ करें। 

जब बच्चे के कपड़े धोने के काम का तरीका निश्चित हो, तो आपको अपने लिटिल मंचकिन के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के लिए अधिक समय मिल जाएगा और आराम करने के लिए भी थोड़ा अधिक समय मिल सकेगा। 

यह भी पढ़ें:

शिशु के बालों को कैसे धोएं
नवजात शिशु की देखभाल – माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु की देखभाल के 15 स्टेप्स

पूजा ठाकुर

Recent Posts

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

6 hours ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

9 hours ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

2 days ago

पुस्तकों के महत्व पर निबंध (Essay On Importance Of Books In Hindi)

पुस्तकें सीखने, जानने, समझने और आत्मविश्वास बढ़ाने का सबसे आदर्श पर्याय मानी जाती हैं। ये…

3 days ago

कक्षा 2 के बच्चों के लिए मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay For Class 2 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत ही मजेदार और सीखने वाली गतिविधि होती है।…

3 days ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा परिचय पर निबंध (Essay On Myself For Class 1 In Hindi )

निबंध लेखन बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण एक्टिविटी होती है। इससे बच्चों की रचनात्मक लेखन…

4 days ago