भारत में रिश्तों को बहुत महत्व दिया जाता है फिर चाहे वो रिश्ता कोई भी हो, लेकिन इन सभी रिश्तों में एक रिश्ता ऐसा भी है जो जीवन भर नोक झोक से भरा रहता है, मगर उतना ही एक दूसरे से स्नेह भी होता है, वो रिश्ता है भाई-बहन का। ज्यादातर घरों में भाई-बहन की आपस में नहीं बनती, लेकिन वो एक दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते। एक दूसरे की फिक्र, हमेशा एक दूसरे का ख्याल रहता है। इस रिश्ते में जितना प्रेम होता है वो शब्दों में बयान नहीं हो सकता, इसलिए आप जो अपने भाई या बहन के लिए महसूस करते हैं वो उसे कविता के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं। बहुत से भाई-बहन हैं जो किसी कारण एक दूसरे से दूर हैं और साथ में रक्षाबंधन नहीं मना सकते, पर अब कुछ असंभव नहीं है आपका प्यार आपके भाई बहन तक अब आसानी से पहुंचाया जा सकता है। आप नीचे दी गई कविताओं में से अपनी पसंदीदा राखी पर कविता चुनकर अपना प्यार भाई बहन को भेज सकते हैं। राखी रक्षा का त्योहार है, प्यार का त्योहार है, उस बंधन का त्योहार है जो कभी छूट नहीं सकता। आप सब को रक्षाबंधन की बहुत शुभकामनाएं!
रक्षाबंधन पर 10 बेस्ट कविता हिंदी में | 10 Best Poem on Raksha Bandhan in Hindi
क्या आप अपने भाई या बहन को कविता डेडिकेट करना चाह रहे हैं और इसके लिए आप भाई-बहन के रिश्ते पर लिखी अच्छी कविता ढूंढ रहे हैं, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है नीचे आपको रक्षाबंधन स्पेशल कविता दी गई हैं जिससे अब आप बड़ी आसानी से अपने भाई या बहन को यह कविता भेज कर उन्हें बेहद स्पेशल महसूस करा सकते हैं। आप इन कविताओं को ग्रीटिंग गार्ड पर लिख कर गिफ्ट या राखी के साथ दे सकते हैं। यदि आप उन्हें और भी ज्यादा सरप्राइज करना चाहते हैं तो इन कविताओं में से अपनी पसंदीदा कविता चुने और खुद पढ़कर या अगर आपके भाई बहन दूर रहते हों तो उन्हें रिकॉर्ड कर के वॉइस नोट भेज सकते हैं। यहां आपके लिए रक्षाबंधन स्पेशल खास कविताओं का संग्रह प्रस्तुत किया जा रहा है साथ ही फर्स्टक्राई हिंदी पैरेंटिंग के परिवार की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!
1. भैय्या तेरी कलाई पर रक्षा का धागा बांधती हूँ
भैय्या तेरी कलाई पर रक्षा का धागा बांधती हूँ
तेरी लंबी उम्र की ईश्वर से दुआ मैं मांगती हूँ।
सौभाग्य मेरा है भैय्या यह,
तुझको पा कर धन्य हूँ मैं।
तू परछाई बनकर साथ रहा,
यह बात मैं भी जानती हूँ।
मेरे राह के काटों को,
तूने अपनी ओर मोड़ लिया।
जब-जब टूट कर बिखरी हूँ,
तूने आकर फिर जोड़ दिया।
यह रीति बनी बिटिया के लिए,
एक दिन घर छोड़ कर जाना है।
तुमने न पराया किया मुझे,
मेरी हिम्मत बनकर साथ रहे।
तुम में बसते हैं माता-पिता,
तुझमें ही मेरा संसार है।
2. अपने संग खुशियाँ लाती राखी
हर सावन में जब आती राखी,
अपने संग खुशियाँ लाती राखी,
रंग बिरंगे धागों संग आती राखी,
भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है राखी,
बहन के रक्षा के वादों की राखी,
लंबी हो सबसे उम्र तुम्हारी,
इस कामना से सजा के यह थाली,
माथे पर तिलक लगा कर बहना,
भाई संग खुशियाँ मनाती है,
बहनों के दिल को भाती राखी,
भाई को अनमोल बनाती राखी,
रक्षा का अटूट विश्वास है राखी,
हर सावन में जब आती राखी,
अपने संग खुशियाँ लाती राखी।
3. कहने को ये धागों का त्यौहार
कहने को ये धागों का त्यौहार,
रिश्तों का है अनमोल उपहार,
वचन दिया है, भाई ने बहन को,
बन रक्षा कवच साथ निभाने का,
सजा कर थाल राखी और मिठाई से,
बहन जब भाई को तिलक लगाती है,
शगुन में ढेरों उपहार और सौगातों संग,
जीवन भर रक्षा का वादा पाती है,
तोड़े से ना टूटे दिलों का ये बंधन,
सारी दुनिया कहती है हैप्पी रक्षाबंधन।।
4. राखी आई!
राखी आई, राखी आई!
हर घर ढ़ेरों खुशियाँ लाई!
बच्चों में एक हलचल है,
किसकी कितनी हुई कमाई!
चंदन, रोली और मिठाई से सजी थाल लिए,
नन्ही बहना कहती है आओ भाई तुझे मैं राखी बांधू।
भाई ने राखी बंधवाई फिर बहन को दी मिठाई,
साथ ही साथ दिए प्यारे प्यारे तोहफे।
बच्चे-बड़ों ने मिलकर रक्षाबंधन साथ मनाया।
भाई-बहन के प्यार का त्यौहार सब ने मिलकर साथ मनाया।
राखी आई, राखी आई!
हर घर ढेरों खुशियाँ लाई!
5. युग युगों तक जियो तुम
युग-युगों तक जियो तुम,
खूब फूले फले रहो तुम।
सुख समृद्धि तेरे जीवन में बनी रही,
हर चिंता से दूर रहो तुम।
माँ बनकर तेरा साया करूं,
हर एक खुशियाँ अपनी तुम पर वारू।
तुममें पिता का अक्स नजर आता है,
तेरे लहजे में वो प्यार नजर आता है।
मेरी रक्षा का वचन बरसों से तेरे हिस्से है,
तेरी रक्षा का वचन आज मैं देती हूँ तुझे।
तू सलामत रहे यह प्रार्थना है प्रभु से मेरी,
मैं जहां न रहूं वो वहां भी तेरे साथ रहे।
6. सारे जग में एक ही रिश्ता
सारे जग में एक ही रिश्ता सबसे सच्चा होता है।
भाई-बहन के रिश्ते सा न दूजा रिश्ता होता है।।
स्नेह का धागा जब बहन भाई की कलाई में बाँधती है।
इस धागा के रूप में वो विश्वास अपना बांधती है।।
भाई भी जब अपना हाथ बहन के सर पर रखता है।
फिर जीवन भर अपनी बहन को सबसे आगे रखता है।।
राखी का त्यौहार जब आता है वो बातें भी याद है।
वो बचपन भी याद आता है वो नोकझोक याद आती है।।
वो भाई है जो तंग करे बहना को सबसे ज्यादा।
पर यह सच है कि उससे ज्यादा प्यार कोई नहीं कर सकता।।
स्वभाव में बनता है कठोर अंदर से भावुक कोमल मन।
हर मनमानी करने देता है और कहता अब और नहीं।।
यह रिश्ता कितना प्यारा, बाकि सब से न्यारा है।
जिसको भी यह सौभाग्य मिला, उसको धागे का मूल्य पता।।
सारे जग में एक ही रिश्ता सबसे सच्चा होता है।
भाई-बहन के रिश्ते सा न दूजा रिश्ता होता है।।
7. क्या भैय्या तुम मुझसे एक वादा निभाओगे
क्या भैय्या तुम मुझसे एक वादा निभाओगे,
अपनी बहन को तुम इतना सशक्त बनाओगे?
मैं अपनी रक्षा खुद करूं, इतना बहादुर बनाओगे,
जरूरत पढ़ने पर शस्त्र उठा सकूं, क्या मेरी ढाल बन पाओगे?
तुम साथ मेरा ऐसा देना, कि मैं साथ दे सकूं औरों का,
तुम नींव मेरी मजबूत रखो, मैं साथ बन सकूं औरों का।
गिर कर मुझको उठने देना, क्या ऐसी रक्षा करोगे तुम,
अपना रास्ता खुद खोज सकूं, क्या ऐसे साथ दोगे तुम?
आजादी की सांस ले सकूं, अपने सपनों को उड़ान दे सकूं,
क्या मेरी हर उड़ान के पंख बन पाओगे तुम?
भैय्या इस राखी में लेना है तुझसे यह वादा,
चाहे कितनी भी मुश्किल आए हमेशा साथ तुम्हारा होगा।
क्या भैय्या तुम मुझसे एक वादा निभाओगे,
अपनी बहन को तुम इतना सशक्त बनाओगे?
8. रहूं सदा मैं साथ तेरे बहन
है तुमसे रहा यह मेरा वादा बहन,
रहूं सदा मैं साथ तेरे बहन,
एक आंच भी ना आने दूँ तुम पर,
यह वचन रहा मेरा तुमसे बहन।
मैं भाई भी हूँ!
मैं दोस्त भी हूँ!
मैं पिता भी हूँ तुम्हारा,
तुम हम सब की लाड़ो हो,
तुमको लाड से पाला है मैंने,
तुम मेरे हाथ की पली हो,
तुम मेरी बिटिया हो बहन।
तेरी आँख कभी नम न हो,
तुझे कभी कोई गम न हो,
दुनिया की खुशी तेरे कदमो में रहे,
तेरे राह में कोई अड़चन न रहे,
खुशियाँ तेरी आंगन की चमक हो,
रौशन तेरा गुलशन सदा रहे,
है सदा सुरक्षित तू मेरी बहना,
यह अरदास मेरी है रब से,
है तुमसे रहा यह मेरा वादा बहन,
रहूं सदा मैं साथ तेरे बहन।
9. राखी की डोर है
राखी की यह डोर है बंधी, प्रेम के बंधन से,
भाई–बहन के रिश्ते की अनमोल है यह राखी की डोर,
रंग–बिरंगे धागे में, छुपा है बहन का स्नेह,
तोहफे की आड़ में भाई ने भी छुपाया है प्यार अपना,
जब भैय्या की कलाई पर बांधती है बहन राखी की डोर,
तब स्नेह की ये कड़ी जुड़ जाती है जन्मों–जन्मों को,
यह राखी मात्र एक धागा नहीं, परिवार को इसने जोड़ा है,
इस रिश्ते के सम्मान को इस डोर ने ही तो पकड़ा है,
जीवन के हर सुख–दुख के पल में इस डोर ने मान रखा है,
यह रिश्ता बहुत खास है, जिसने पाया वो भाग्यशाली,
जिसको न मिले भाई उसकी कान्हा करते रखवाली,
यह वचन का त्योहार है, यह प्यार का त्योहार है,
संग तुम्हारे होने से जीवन में, खुशियों की ये बरसात है।
10. खुशियों की बहार लाई है राखी
रक्षाबंधन की सुबह आई, मानों खुशियों की बहार है छाई,
भाई की कलाई पर सजा दिया है बहन ने अपना प्यार,
लो बांध दिया है बहना ने धागे में लिपटी रिश्तों की अटूट डोर,
संग–संग बीता हंसते–खेलते साथ बचपन दोनों का,
हर सुख दुःख के साथी है यह बहन भाई की जोड़ी,
यह एक ही ऐसा रिश्ता है, जिसमें, वचन भी है, सम्मान भी है,
प्यार भी है और तकरार भी, पर एक दूजे की ढाल भी है,
भाई वो है जो बहना की आँखों में एक आंसू न देख सके,
बहन वो है जो भाई को एक आंच न आते देख सके,
यह रिश्ता भगवान की दिया सबसे प्यारा और न्यारा रिश्ता है,
हर साल इस पर्व पर, मिलती हैं बहनों को भाइयों से खूब प्यारी सौगातें,
बहन अरमानों की थाल सजा कर करती है भाई का अभिषेक।
बहन जब भाई की कलाई पर राखी का धागा बांधती है तो सिर्फ उससे रक्षा का वचन नहीं लेती, बल्कि खुद भी जीवन भर भाई की रक्षा करने का वादा करती है, इसी प्रेम के जश्न का नाम रक्षाबंधन है। रक्षाबंधन मनाने के पीछे कई कथाएं है, जिसमें श्री कृष्ण और द्रौपदी, राजा बलि और देवी लक्ष्मी, राजा पुरु और सिकंदर की पत्नी और यमुना व यम आदि की कथाएं अधिक प्रचलित हुई। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो हमे अपने राय जरूर लिखें और यदि आपके पास हमारे लिए कोई सुझाव हो तो भी हमें जरूर बताएं। रक्षाबंधन से जुड़े अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए फर्स्टक्राई हिंदी पैरेंटिंग की वेबसाइट पर विजिट करें।
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