In this Article
39वें सप्ताह में, शिशु पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है और दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार हो जाता है। आप इस अवधि के दौरान असुविधा और दर्द का अनुभव करेंगी, जो कि सामान्य है। आपका शरीर कुछ छोटे लेकिन महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों से गुज़रेगा जैसे कि नियमित संकुचन, जो आपको प्रसव के लिए तैयार करेंगे।
गर्भावस्था के 39वें सप्ताह के दौरान, शिशु अपने जन्म के आकार और वजन पर पहुँच जाता है । इस शिशु को अब पूर्ण-समय का भ्रूण माना जा सकता है। इस सप्ताह के दौरान आपके बच्चे की जो प्रगति हो रही है वह कुछ इस प्रकार हैं :
गर्भावस्था के 39वें सप्ताह में शिशु का वज़न लगभग 3.1 से 3.6 किलोग्राम और सिर से पैर तक शिशु की लंबाई लगभग 19 इंच से 21 इंच के करीब होगी।
39वें सप्ताह तक आपकी गर्भावस्था लगभग समाप्त हो जाती है। ये आपकी गर्भावस्था के अनुभव के अंतिम कुछ दिन होंगे। गर्भावस्था के 39वें सप्ताह के दौरान शरीर में होने वाले आम बदलावों में एक है गर्भाशय का और भी भारी हो जाना जो आपके लिए थोड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।
अधिकांश लक्षण उस प्रसव पीड़ा होने के संकेत हैं जो जल्द ही आपको होने वाली है। ये हैं :
शरीर के कुछ संकेत हैं जो शिशु के आगमन के बारे में आपको आगाह कराते हैं । इन संकेतों को जानना आवश्यक है, हालांकि यदि आपको बिना इन लक्षणों के जाने ही प्रसव पीड़ा होती है तो इसमें तनाव लेने जैसी कोई बात नहीं है। आमतौर पर, ये लक्षण अन्य गर्भावस्था के लक्षणों की तुलना में बहुत अलग और काफी प्रबल होते हैं और इस प्रकार आपके द्वारा आसानी से पहचाने जा सकते हैं। यदि आपको निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो तो आपको अपने प्रसूति विशेषज्ञ को बताना होगा या अस्पताल जाना होगा :
जबकि कुछ गर्भवती महिलाओं में प्रसव संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें गर्भाशय ग्रीवा का फैलना, बार-बार संकुचन होना आदि शामिल होता है, कुछ ऐसी भी होती हैं जिनमें गर्भाशय ग्रीवा कुछ ही घंटों में 0 से 10 सेंटीमीटर तक फैल जाती है।
गर्भावस्था की इस अवधि के दौरान, आप शायद उन प्राकृतिक तरीकों को जानना चाहें जिन्हें आप प्रसव पीड़ा शुरू करवाने के लिए घर पर ही कर सकती हैं। कुछ सुरक्षित तरीके हैं जिनका प्रयोग किया जा सकता है :
डॉक्टर आपको थोड़ी पिटोसिन देकर चिकित्सीय माध्यम से प्रसव शुरू करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। इसके देने का कारण विभिन्न जटिलताओं जैसे गर्भावधि मधुमेह, हृदय की बीमारी, प्रीक्लेम्पसिया, नाल संबंधी समस्याएं और गर्भाशय में संक्रमण शामिल हैं। डॉक्टर उन गर्भवती महिलाओं को भी चिकित्सीय माध्यम से प्रसव शुरू करवाने की सलाह देते हैं जो गर्भावस्था के 39वें सप्ताह में हैं और उनके जुड़वां शिशु हैं, या अगर गर्भवती महिला को पानी छूटने के बाद भी प्रसव पीड़ा शुरू नहीं हो पा रही है।
गर्भावस्था के 39 वें सप्ताह के दौरान, शिशु के निरंतर विकास के कारण आपके पेट में कोई अतिरिक्त जगह नहीं बची होगी। पेट के ऊपर की त्वचा पूरी तरह से खिंच चुकी होगी। असुविधा को कम करने के लिए, हाथों और घुटनों के बल पर मार्जर्यासन योग करें इसके साथ-साथ श्रोणी झुकाने की भी सलाह दी जाती है।
एक अल्ट्रासाउंड जाँच आमतौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि शिशु सामान्य और सुरक्षित प्रसव के लिए सर्वोत्तम संभव स्थिति में है या नहीं। यह तब होता है जब शिशु का सिर नीचे की तरफ होता है। इस सप्ताह के दौरान, सोनोग्राफी करने वाले को शिशु के चेहरे का 75% हिस्सा देखने को मिलेगा और आमतौर पर शिशु की पलकें भी इसमें दिखाई देती हैं।
इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि खाद्य पदार्थ प्रसव को प्रेरित कर सकते हैं। गर्भावस्था के 39वें सप्ताह के भोजन में उन चीज़ों को शामिल किया जाता है जो आसानी से पच सके। वसायुक्त भोजन, डेयरी उत्पादों और मांस से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है।
इस अवधि के दौरान अपनाने लायक कुछ सुझाव आगे दिए गए हैं।
इस समय डेयरी उत्पादों, मांस, और वसायुक्त भोजन का सेवन न करें क्योंकि यह पाचन तंत्र को बिगाड़ सकता है।
आप में से कई लोगों को प्रसव की तारीख के पास पहुँचते-पहुँचते ‘नेस्टिंग’ नामक एक लक्षण का अनुभव होगा, और आप खुद को अधिक थकाने लगेंगी। हालांकि घर को साफ-सुथरा करने में कुछ भी गलत नहीं है, बस यह सुनिश्चित करें कि आप अपने परिवार में किसी से मदद मांगे या सफाई करने के लिए किसी को रख लें।
गर्भावस्था के 39 वें सप्ताह के दौरान आप यहाँ बताई कुछ चीज़ें खरीद सकती हैं :
प्रसव की तारीख तक पहुँचते-पहुँचते कुछ चिंता और घबराहट हो सकती है लेकिन गर्भावस्था के आखरी कुछ हफ्तों को संभालने के लिए आवश्यक जानकारी इकट्ठा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसके बारे में पढ़े। अपने शिशु से मिलने का समय बस आ ही गया है, इसलिए तनावमुक्त और तैयार रहें।
पिछला सप्ताह: गर्भावस्था : 38वां सप्ताह
अगला सप्ताह: गर्भावस्था: 40वां सप्ताह
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…